सिरसा शहर में पड़ोसी से परेशान होकर एक युवती ने जहर पी लिया। उसे इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया। युवती को होश आने के बाद शहर थाना पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के अनुसार गोशाला मोहल्ला निवासी 21 वर्षीय युवती घरेलू काम करती है। युवती का कहना है कि उसके मां की मौत हो चुकी है और पिता बीमार रहता है। युवती ने बताया कि उसका पड़ोसी नीरज उर्फ काकू उसे पिछले एक साल से परेशान कर रहा है। वह डबवाली रोड पर एक होटल में काम करती थी। जब वह काम पर जाती तो नीरज उसका पीछा करता और उसे रोककर अभद्र व्यवहार करता था। नीरज उसे कहता था कि उसके साथ दोस्ती कर ले, उसने पर्ची पर अपना मोबाइल नंबर लिखकर देने की कोशिश भी की। युवती का कहना है कि उसने सारी बात नीरज की मां व बहन पिल्लू को बता दी। इसके बाद भी नीरज नहीं माना और अपने घर के बाहर सीसीटीवी लगाकर कैमरे के मुंह उसके मकान की तरफ कर दिया। युवती ने बताया कि नीरज व उसके घर वाले सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे उस पर निगरानी रखते हैं। इसी कारण पड़ोसियों से परेशान होकर पिछले दिन उसने फिनायल पी ली। हालत बिगड़ने पर पड़ोस के लोगों ने उसे सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया। पुलिस का कहना है कि पीड़िता का बयान दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। सिरसा शहर में पड़ोसी से परेशान होकर एक युवती ने जहर पी लिया। उसे इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया। युवती को होश आने के बाद शहर थाना पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के अनुसार गोशाला मोहल्ला निवासी 21 वर्षीय युवती घरेलू काम करती है। युवती का कहना है कि उसके मां की मौत हो चुकी है और पिता बीमार रहता है। युवती ने बताया कि उसका पड़ोसी नीरज उर्फ काकू उसे पिछले एक साल से परेशान कर रहा है। वह डबवाली रोड पर एक होटल में काम करती थी। जब वह काम पर जाती तो नीरज उसका पीछा करता और उसे रोककर अभद्र व्यवहार करता था। नीरज उसे कहता था कि उसके साथ दोस्ती कर ले, उसने पर्ची पर अपना मोबाइल नंबर लिखकर देने की कोशिश भी की। युवती का कहना है कि उसने सारी बात नीरज की मां व बहन पिल्लू को बता दी। इसके बाद भी नीरज नहीं माना और अपने घर के बाहर सीसीटीवी लगाकर कैमरे के मुंह उसके मकान की तरफ कर दिया। युवती ने बताया कि नीरज व उसके घर वाले सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे उस पर निगरानी रखते हैं। इसी कारण पड़ोसियों से परेशान होकर पिछले दिन उसने फिनायल पी ली। हालत बिगड़ने पर पड़ोस के लोगों ने उसे सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया। पुलिस का कहना है कि पीड़िता का बयान दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा राज्यसभा उपचुनाव का आज जारी होगा नोटिफिकेशन:बीजेपी में एक और दावेदार जुड़ा; अब तक 5 कर रहे लॉबिंग, दलित कोटे से खाली हुई सीट
हरियाणा राज्यसभा उपचुनाव का आज जारी होगा नोटिफिकेशन:बीजेपी में एक और दावेदार जुड़ा; अब तक 5 कर रहे लॉबिंग, दलित कोटे से खाली हुई सीट हरियाणा में कृष्णलाल पंवार के इसराना से विधायक बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के उपचुनाव के लिए आज नोटिफिकेशन जारी होगा। इस सीट के लिए बीजेपी में कई नेता अपना दावा ठोक चुके हैं। इन सबके बीच अब एक और नया दावेदार जुड़ गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले डॉ बनवारी लाल भी इस सीट के लिए दावा ठोंकने लगे हैं। इसकी एक वजह यह है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी वाबल सीट से टिकट काट दी गई थी। पार्टी उन्हें राज्यसभा से टिकट देकर उन्हें एडजस्ट करने की कोशिश करेगी। राज्यसभा की यह सीट SC कोटे से खाली हुई है। हालांकि इस सीट के लिए बिश्नोई, जाट, ब्राह्मण और दूसरे दलित चेहरे लॉबिंग कर रहे हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कृष्ण लाल पंवार SC कोटे से राज्यसभा गए थे। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि SC कोटे से ही नेता राज्यसभा में भेजा जाएगा। हालांकि, भाजपा अभी चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव घोषणा की तारीख का इंतजार कर रही है। चुनाव का ये है शेड्यूल हरियाणा में राज्यसभा उपचुनाव के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। इसी दिन शाम को रिजल्ट जारी होगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। 3 दिसंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। 10 दिसंबर को नामांकन की लास्ट डेट है। वोटिंग उसी सूरत में होगी, जब दूसरा नामांकन आएगा। भाजपा की संख्या बल के हिसाब से जीत तय मानी जा रही है, कांग्रेस पिछले राज्यसभा उपचुनाव की तरह इस चुनाव से भी किनारा कर सकती है। यहां पढ़िए कौन नेता क्यों दावेदार… डॉ बनवारी लाल, पार्टी का बड़ा दलित चेहरा राज्यसभा उपचुनाव के लिए डॉ बनवारी लाल को बड़ा दावेदार माने जाने की तीन बड़ी वजहें हैं। पहली विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट काट कर नए चेहरे को मैदान में उतारा गया। दूसरी पार्टी के बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान है। तीसरी वजह यह है कि वह पार्टी के दो केंद्रीय मंत्रियों के करीबी हैं। पहला पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह। ये दोनों नेता बनवारी लाल की पैरवी कर रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई, हरियाणा-राजस्थान के वोटरों में पकड़ पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे हैं। 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। 3 साल से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। पूर्व में विधायक और सांसद रह चुके हैं। पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं। प्रदेश में और राजस्थान में बिश्नोई वोटरों पर पकड़ है। भाजपा ने चुनाव में चुनाव कैंपेन समिति का प्रदेश संयोजक बनाया था। बेटे के पास भाजयुमो में पद है। ऐसे में इनके चेहरे पर पार्टी में विचार चल रहा है। सुनीता दुग्गल: पार्टी का बड़ा दलित चेहरा, टिकट कटी थी पार्टी का बड़ा दलित चेहरा है। सिरसा से 2019 में भाजपा के टिकट से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी टिकट काटकर अशोक तंवर को दे दी। फिर भी वह पार्टी से नाराज नहीं हुईं। उनकी दलितों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2024 में रतिया से विधानसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। चूंकि खाली हुई राज्यसभा सीट एससी सीट है, इसलिए सुनीता दुग्गल इस सीट के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। मोहन लाल बड़ौली: खुद नहीं लड़े, पार्टी को जितवाया हरियाणा में भाजपा के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान है। इसके अलावा लोकसभा सांसद रह चुके हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में संगठन और सरकार को साथ लेकर अच्छा काम किया। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।हालांकि, लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी बड़ौली को विधानसभा टिकट भाजपा की तरफ से ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह संगठन का काम करेंगे। बड़ौली कह चुके हैं कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी वह उसे बखूबी निभाएंगे। संजय भाटिया: खट्टर के लिए सीट छोड़ी, संगठन में एक्टिव पंजाबी समुदाय से आते हैं। करनाल लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कारण उन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। इसके तुरंत बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि, वह दोनों चुनावों में संगठन के लिए काम करते रहे।हाल ही में नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आने वाले कार्यक्रम के मुख्य संयोजक की भूमिका भी निभा चुके हैं। लगातार उपेक्षा के बाद भी भाटिया धरातल पर संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि उन्हें राज्यसभा की सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। सुदेश कटारिया: विधानसभा चुनाव में दलित वोटरों को एकजुट किया हरियाणा विधानसभा चुनाव में दलितों को एकजुट करने में कटारिया ने अहम भूमिका निभाई। लोकसभा चुनाव में दलित वोट के छिटकने के कारण पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपनी टीम के दलित फेस कटारिया को फील्ड में उतारा था। जिसके बाद उन्होंने सूबे की सभी 22 जिलों में दलित महासम्मेलन भी किए।चुनाव में परिणाम में अच्छे परिणाम भी रहे। इसके बाद यह पूरी संभावना है दलित चेहरे के रूप में कटारिया को राज्यसभा सीट का बीजेपी चेहरा बना दे। ये 2 जाट चेहरे भी ठोक रहे दावा इन 5 नाम के अलावा, 2 बड़े जाट चेहरे भी अपना दावा राज्यसभा के लिए ठोक रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़ और पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम शामिल हैं। हालांकि ये दोनों बड़े जाट चेहरे विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों की दावेदारी में सबसे बड़ा पेंच यह है कि इसी साल खाली हुई एक राज्यसभा सीट से सुभाष बराला को पार्टी सांसद बना चुकी है। बराला भी जाट कम्युनिटी से आते हैं। इसलिए इन दोनों नेताओं की दावेदारी कमजोर मानी जा रही है।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष को नोटिस:कुलदीप बिश्नोई को पद से हटाने पर रजिस्ट्रार सोसाइटी ने मांगा जवाब, 2 हफ्ते का दिया समय
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष को नोटिस:कुलदीप बिश्नोई को पद से हटाने पर रजिस्ट्रार सोसाइटी ने मांगा जवाब, 2 हफ्ते का दिया समय अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में पद को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रही है। मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुड़िया और पूर्व सरंक्षक कुलदीप बिश्नोई का मामला तूल पकड़ा जा रहा है। अब इस विवाद में रजिस्ट्रार सोसाइटी की भी एंट्री हो गई है। मुरादाबाद रजिस्ट्रार सोसाइटी ने मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुड़िया को नोटिस जारी किया है। मुरादाबाद के सहायक रजिस्ट्रार आनंद विक्रम सिंह ने कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बुड़िया के विवाद के बाद मुकाम धाम में हुई बैठक की प्रोसेडिंग रिपोर्ट तलब की है। सहायक रजिस्ट्रार ने संस्था के कार्रवाई रजिस्टर, सदस्यता रजिस्टर, एजेंडा रजिस्टर, सदस्यता रसीद और बैंक स्टेटमेंट दो सप्ताह के अंदर देने के आदेश दिए हैं। रजिस्ट्रार सोसाइटी को शक है कि महासभा के कागजों के साथ छेड़छाड़ की गई है। बता दें कि कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाने और बिश्नोई रत्न वापस लेने के बाद अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी के 11 सदस्यों ने सहायक रजिस्ट्रार सोसाइटी को शपथ पत्र भेजकर मुकाम धाम में हुई बैठक को असंवैधानिक बताया था। इसके बाद यह नोटिस जारी किया गया है। सहायक रजिस्ट्रार की ओर से बुड़िया को दिया गया नोटिस… विस्तार से पढ़ें सहायक रजिस्ट्रार ने नोटिस पत्र में क्या लिखा… “देवेंद्र बुड़िया, प्रधान, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, आप अपने पत्र दिनांक 27.06.2024 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से आपके द्वारा बैठक दिनांक 09.02.2024 में प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव में साधारण बैठक दिनांक 25.07.2021 में संरक्षक को अधिकार दिए गए हैं। यदि संस्था के किसी पदाधिकारी या सदस्य द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया जाता है, एवं संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में संरक्षक महोदय को अधिकार होगा। कार्यकाल के माध्य में किसी भी प्रबंध कार्यकारिणी के पदाधिकारी या सदस्य को हटाकर नए पदाधिकारी या सदस्य को प्रबंध कार्यकारिणी के रिक्त स्थान पर नियुक्त कर सकते हैं। इसको लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है”। 13 नवंबर, स्थान मुकाम धाम …
बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर एक बैठक हुई। जिसमें समाज के लोगों ने 5 बड़े फैसले लिए। करीब 2 घंटे तक चली इस बैठक में सबसे बड़ा फैसला संरक्षक का पद खत्म करना था। साथ ही कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न वापस लेने का भी फैसला लिया गया है। इससे पहले महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाने के लिए एक पत्र जारी किया था। जिसमें लिखा है कि आपके बेटे ने अंतर्जातीय विवाह किया है। इससे पूरे बिश्नोई समाज में भारी रोष है। ऐसे में आप इस पद पर नहीं रह सकते। बैठक में लिए गए 5 बड़े फैसले…
1. संरक्षक का पद खत्म
कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से पदमुक्त कर दिया गया है। साथ ही फैसला लिया गया है कि अब महासभा के अंदर कोई संरक्षक होगा ही नहीं। यानी कि इस पद को ही खत्म कर दिया गया है। 2. लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव किया जाएगा
बिश्नोई महासभा में नए प्रधान का चुनाव अब लोकतांत्रिक तरीके से होगा। पहले संरक्षक प्रधान को चुनते थे। 3. चुनाव तक देवेंद्र रहेंगे प्रधान
कुलदीप बिश्नोई ने ही देवेंद्र को प्रधान बनाया था और फिर उन्होंने ही एक पत्र जारी कर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया था। लेकिन कुलदीप के इस कदम के बाद विवाद और बढ़ गया। इस विवाद को खत्म करने के लिए समाज ने फैसला लिया है कि चुनाव तक देवेंद्र ही प्रधान बने रहेंगे। 4. बिश्नोई रत्न वापस लेने का फैसला
बिश्नोई रत्न का सम्मान काफी खास है। आज तक ये सम्मान केवल दो ही लोगों को मिला है। एक पूर्व सीएम भजन लाल और दूसरा कुलदीप बिश्नोई को। उन्हें ये सम्मान 4 साल पहले ही मिला था। लेकिन बैठक में फैसला लिया गया कि कुलदीप से ये सम्मान भी वापस लिया जाएगा। 5. कुलदीप बिश्नोई या उनके परिवार का सदस्य नहीं करेगा दखलअंदाजी
कुलदीप बिश्नोई का समाज और महासभा पर अच्छा प्रभाव था। लेकिन बैठक में फैसला लिया गया है कि कुलदीप बिश्नोई या फिर उनके परिवार का कोई भी सदस्य महासभा में कोई भी दखल अंदाजी नहीं करेगा। 15 दिन पहले कुलदीप पक्ष के पदाधिकारियों ने शपथ पत्र भेजे…
करीब 15 दिनों पहले अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के 21 में से 14 सदस्यों ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद पर बरकरार रखने के लिए मुरादाबाद (UP) रजिस्ट्रार सोसाइटी को हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा था। इसमें कहा गया है कि कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाना असंवैधानिक है। उन्होंने कहा था कि मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने बिना कार्यकारिणी से पूछे ऐसा निर्णय लिया जो नियमानुसार सही नहीं है। संरक्षक को हटाने के लिए कार्यकारिणी की सहमति लेनी जरूरी है। जबकि 21 में से 14 सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में हैं। इन 14 में से 11 सदस्यों ने रजिस्ट्रार सोसाइटी को एफिडेविट (शपथ पत्र) भी सौंपा था।
हुड्डा-सैलजा की लड़ाई ने अटकाई कांग्रेस की लिस्ट:राहुल गांधी ने देर रात मीटिंग की; 46 उम्मीदवारों की सूची वायरल हुई
हुड्डा-सैलजा की लड़ाई ने अटकाई कांग्रेस की लिस्ट:राहुल गांधी ने देर रात मीटिंग की; 46 उम्मीदवारों की सूची वायरल हुई हरियाणा में कांग्रेस की तीसरी लिस्ट ने पार्टी नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब तक 41 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया जा सकता है। इन लिस्ट के जारी होने के बाद पार्टी में होने वाली बगावत और भगदड़ को देखते हुए अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ देर रात तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंथन किया। इधर अंबाला की 3 विधानसभा सीटों को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा अपने अपने समर्थकों के लिए अड़े हुए हैं। इधर पार्टी सूत्रों का कहना है कि अमेरिका से सीधे राहुल गांधी ने अजय माकन और केसी वेणुगोपाल के साथ वर्चुअल मीटिंग की। जिस पर सभी 49 सीटों पर फाइनल मोहर लग गई है। जिसके बाद अब कांग्रेस की दोपहर तक सूची आने की संभावना है। कांग्रेस अब तक 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इसी बीच कांग्रेस के 46 उम्मीदवारों की लिस्ट वायरल हो गई। हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विनीत पूनिया ने कहा कि यह लिस्ट फर्जी है। कांग्रेस उम्मीदवारों की वायरल लिस्ट… कांग्रेस प्रभारी बाबरिया पड़ चुके बीमार
हरियाणा में टिकट बंटवारे के बीच प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की तबीयत खराब हो गई है। उनका ब्लड प्रेशर (BP) बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। 2 दिन पहले ही बाबरिया के वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें वह कांग्रेस के टिकट दावेदारों के आगे निराशा जाहिर कर रहे थे। प्रदेश में कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारों की 2 लिस्ट जारी कर चुकी है। जिसमें 41 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए 2,556 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। टिकट बंटवारे में बाबरिया की सबसे बड़ी भूमिका था। इसके अलावा राहुल गांधी ने प्रदेश में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की जिम्मेदारी भी बाबरिया को सौंपी थी। कांग्रेस अब खेल रही ‘सेफ गेम’
हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान ने टिकटों की 2 लिस्ट में सेफ गेम खेलने की कोशिश की है। इसी वजह से 2 लिस्ट में सिर्फ 41 उम्मीदवारों की ही घोषणा की गई है। कांग्रेस हाईकमान की यह चिंता भाजपा की एक साथ जारी 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट से थी। जिसके जारी होते ही 24 घंटे में मंत्री और मौजूदा विधायक समेत 32 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। अभी तक बीजेपी में विरोध जारी है। 7 मीटिंग के बाद सिर्फ 41 नामों का ऐलान
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की 4 मीटिंग हुईं। उसके बाद 3 मीटिंग केंद्रीय चुनाव समिति की हुईं। आखिरी बैठक में राहुल गांधी की जगह खुद सोनिया गांधी पहुचीं थी। इसके बावजूद पार्टी बड़ी लिस्ट जारी करने की हिम्मत नहीं दिखा पाई। 41 उम्मीदवारों की जो 2 लिस्ट जारी की, उनमें 28 नाम तो मौजूदा विधायकों के ही रहे। इन सबके टिकट पहले से तय थे और इनकी सीटों पर दूसरा कोई बड़ा दावेदार भी नहीं था। पार्टी ने सिर्फ 4 सीटों पर चेहरे बदले। दरअसल पार्टी ये असेसमेंट करना चाह रही है कि उसके यहां भी BJP जैसा कोई बवाल होता है या नहीं?। दोनों गुटों को अभी तक साधा
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों लिस्ट में सभी गुटों को साधने की कोशिश भी की। उसने पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा खेमे के 24 और सांसद कुमारी सैलजा के समर्थक चारों विधायकों को टिकट दे दिया। हुड्डा-सैलजा कैंप से अलग चल रहे पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव का टिकट भी नहीं रोका। कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में सिर्फ जीत चाहता है। इसीलिए ED जांच और नूंह हिंसा के केस में फंसे अपने चारों विधायकों और दूसरे दलों से आए 2 नेताओं के नाम भी पहली लिस्ट में क्लियर कर दिए हैं। भाजपा की 3 सीटें होल्ड
हरियाणा में कांग्रेस से टिकटों के ऐलान को लेकर भाजपा आगे चल रही है। सूबे की 90 विधानसभा सीटों पर बीजेपी अब तक 87 उम्मीदवारों का नाम का ऐलान कर चुकी है। 3 सीटों की लिस्ट आज आनी है। इसमें सिरसा सीट पर गोपाल कांडा को बीजेपी कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रही है, लेकिन कांडा अपनी हजपा पार्टी से ही चुनाव लड़ना चाह रहे हैं, जिसके कारण अभी तक इस सीट पर बीजेपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। वहीं महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद एनआईटी पर भी राव के कारण टिकट का ऐलान अभी पार्टी ने नहीं किया है।