हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर सीट के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के दो साल पूरे होने पर 11 नवंबर को बिलासपुर में आयोजित किए जा रहे जश्न पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे जनता की भावनाओं से खिलवाड़ और चुनावी वादों पर खरा न उतरने का जश्न बताया है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और आम नागरिकों को सिर्फ झूठी गारंटियों का सब्जबाग दिखाया है। युवाओं को नौकरियों का सपना दिखाकर उनके इंटरव्यू के नतीजे रोक दिए गए। हर महिला को 1500 महीने देने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक यह वादा सिर्फ कागज़ों में सिमटकर रह गया है। महिलाओं से फॉर्म भरवाए गए, लेकिन उन्हें बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। राजेंद्र बोले- प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव है राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। सड़कों की हालत खराब है, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। कर्मचारियों और पेंशनरों के एरियर का भुगतान तक नहीं किया गया। इसके बावजूद सरकार तामझाम के साथ जश्न मना रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह जश्न असल में झूठी गारंटियों, जनता की उम्मीदों के साथ खिलवाड़ और प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव है। जनता को इसका जवाब चाहिए कि सरकार ने पिछले दो सालों में उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए। क्या नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है सरकार? राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि जनता अब जाग चुकी है, और इस जश्न के बहाने सरकार की असफलताओं को भुला नहीं सकती। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इस जश्न के जरिए अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है? हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर सीट के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के दो साल पूरे होने पर 11 नवंबर को बिलासपुर में आयोजित किए जा रहे जश्न पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे जनता की भावनाओं से खिलवाड़ और चुनावी वादों पर खरा न उतरने का जश्न बताया है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और आम नागरिकों को सिर्फ झूठी गारंटियों का सब्जबाग दिखाया है। युवाओं को नौकरियों का सपना दिखाकर उनके इंटरव्यू के नतीजे रोक दिए गए। हर महिला को 1500 महीने देने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक यह वादा सिर्फ कागज़ों में सिमटकर रह गया है। महिलाओं से फॉर्म भरवाए गए, लेकिन उन्हें बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। राजेंद्र बोले- प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव है राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। सड़कों की हालत खराब है, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। कर्मचारियों और पेंशनरों के एरियर का भुगतान तक नहीं किया गया। इसके बावजूद सरकार तामझाम के साथ जश्न मना रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह जश्न असल में झूठी गारंटियों, जनता की उम्मीदों के साथ खिलवाड़ और प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव है। जनता को इसका जवाब चाहिए कि सरकार ने पिछले दो सालों में उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए। क्या नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है सरकार? राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि जनता अब जाग चुकी है, और इस जश्न के बहाने सरकार की असफलताओं को भुला नहीं सकती। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इस जश्न के जरिए अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है? हिमाचल | दैनिक भास्कर
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युवतियों के भिड़ने की सूचना पुलिस तक नहीं पहुंची। जब स्थानीय पुलिस स्टेशन से इसके बारे में पता किया गया तो बताया गया कि उनके पास घटना को लेकर कोई शिकायत नहीं पहुंची है। इस कारण यह भी साफ नहीं हो पाया है कि उन युवतियों में लड़ाई क्यों हो रही थी और वे युवतियां कौन थीं। हालांकि, वायरल वीडियो की पुष्टि मंडी बस स्टैंड के अड्डा प्रभारी पवन गुलेरिया ने की है। उन्होंने बताया है कि यह घटना मंडी बस स्टैंड की ही है। सोमवार शाम करीब 5 बजे उन युवतियों की लड़ाई हुई थी। इसके बाद वे दोनों यहां से चली गईं।