कांगड़ा में दलाई लामा की दीर्घायु के लिए प्रार्थना:व्हाइट तारा मंत्र से की विशेष पूजा, बोले-110 साल अधिक जीवित रह सकता हूं

कांगड़ा में दलाई लामा की दीर्घायु के लिए प्रार्थना:व्हाइट तारा मंत्र से की विशेष पूजा, बोले-110 साल अधिक जीवित रह सकता हूं

शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के मैक्लोडगंज स्थित चुगलाखंग बौद्ध मठ में तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक बौद्ध गुरु दलाई लामा के लिए व्हाइट तारा मंत्र से दीर्घायु प्रार्थना की। व्हाइट तारा, बौद्ध धर्म में एक उपचारक देवी हैं। उन्हें करुणा और उपचार के लिए जाना जाता है। भक्त, शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक पीड़ा को कम करने के लिए उनकी ओर रुख करते हैं। व्हाइट तारा को कई रूप में दर्शाया गया है। इस पूजा में दलाई लामा स्वयं भी उपस्थित हुए। दलाई लामा ने इस दीर्घायु अर्पण के लिए धन्यवाद। दलाई लामा बोले- तानाशाही के चलते दूसरों को धोखा देता है चीन आध्यात्मिक बौद्ध गुरु दलाई लामा ने चीन के संबंध में कहा कि चीन एक बहुत अच्छा देश है। लेकिन तानाशाही के चलते दूसरों को धोखा देता है। दूसरों को धोखा देने का मतलब है कि किसी को ऐसी बात पर यकीन दिलाना जो सच नहीं है, या अपने फायदे के लिए किसी से सच छिपाना। यह उद्गार दलाई लामा ने किन्नौर से आए बौद्ध अनुयायियों को सं‍बोधित करते हुए व्यक्त किए। दलाई लामा ने कहा कि मैं चीन में चीनी नेतृत्व से मिलने गया था। उस समय उन्होंने दूसरों की सेवा कैसे की जाए, इस बारे में बात की थी। सपनों में देखें हैं ऐसे संकेत दलाई लामा ने कहा कि मैंने अपने सपनों में ऐसे संकेत देखे हैं कि मैं 110 साल से भी अधिक जीवित रह सकता हूं। तिब्बती बौद्ध धर्म को सिर्फ़ आस्था और अनुष्ठानों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। बल्कि दर्शन शास्त्र को अध्ययन की एक अकादमिक शाखा के रूप में अध्ययन करना चाहिए। वास्तविकता और अपने अनुभव के आधार पर आप मन की प्रकृति, उसे नियंत्रित करने के तरीकों का अध्ययन कर सकते हैं। एक बार जब आप तिब्बती बौद्ध धर्म के सार को समझ लेंगे तो आप एक ज़्यादा खुश व्यक्ति बन जाएंगे। दलाई लामा ने कहा कि सभी धर्मों में दूसरों को लाभ पहुंचाने की समान क्षमता है और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कभी किसी से यह नहीं कहता कि तिब्बती बौद्ध धर्म किसी अन्य धर्म से बेहतर है। उन्होंने कहा कि कोई धर्म अच्छा है या बुरा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह अनुयायी की मदद करने की कितनी क्षमता रखता है। दलाई लामा ने कहा कि भले ही हम शरणार्थी के रूप में है, लेकिन आपदा में अवसर की खोज करने के लिए आपको ध्यानवादी और सकारात्मक मानसिकता बनानी होगी। हम सभी तिब्बती इस दुखद घड़ी को इस आपदा को एक अवसर के रूप में देखते हुए अपने जीवन को अच्छा बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। बौद्ध दर्शन के उपदेश का यही उद्देश्य था कि हम किस प्रकार से व्यक्तिगत रूप से अच्छे व्यक्ति बन सके एक भले इंसान बन सके। तो हम लोग सभी भगवान बुद्ध के अनुयाई हैं हम तिब्बती भाई बहन भगवान बुद्ध के उपदेशों को पिछले हजारों वर्षों से सुनते आ रहे हैं उनको आत्मसात करते आ रहे हैं। आज यहां एकत्रित आप में से जो लोग मुझे यह दीर्घायु प्रार्थना अर्पित कर रहे हैं। मैं बोधिचित्त की साधना करने वाला व्यक्ति हूं और मुझे लगता है कि लोग इसी की प्रशंसा करते हैं। इस दौरान उनकी 10 हजार कल्प आयु की कामना की गई। विशेष पूजा से श्रद्धालुओं को दिया आशीर्वाद पूजा में बड़ी मात्रा में किन्नौर से आए समस्त किन्नौर वासियों ने पारंपरिक वेशभूषा में दलाई लामा का आशीर्वाद प्राप्त किया। दीर्घायु की प्रार्थना के बाद दलाई लामा ने विशेष पूजा से अर्जित पुण्य का वितरण सभी श्रद्धालुओं में आशीर्वाद के रूप में किया। ग्याबुंग तुल्कु रिनपोछे ने कहा कि पिछले चार दिनों से किन्नौर के भिक्षु-भिक्षुणियों सहित उपासक-उपासिकाओं ने दलाई लामा की दीर्घायु हेतु प्रार्थनाएं की। इस अवसर पर 9वें खूनु युलज्ञल टुल्कु रिन्पोछे का केश काटकर प्रव्रजित होने का आशीर्वाद दिया। शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के मैक्लोडगंज स्थित चुगलाखंग बौद्ध मठ में तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक बौद्ध गुरु दलाई लामा के लिए व्हाइट तारा मंत्र से दीर्घायु प्रार्थना की। व्हाइट तारा, बौद्ध धर्म में एक उपचारक देवी हैं। उन्हें करुणा और उपचार के लिए जाना जाता है। भक्त, शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक पीड़ा को कम करने के लिए उनकी ओर रुख करते हैं। व्हाइट तारा को कई रूप में दर्शाया गया है। इस पूजा में दलाई लामा स्वयं भी उपस्थित हुए। दलाई लामा ने इस दीर्घायु अर्पण के लिए धन्यवाद। दलाई लामा बोले- तानाशाही के चलते दूसरों को धोखा देता है चीन आध्यात्मिक बौद्ध गुरु दलाई लामा ने चीन के संबंध में कहा कि चीन एक बहुत अच्छा देश है। लेकिन तानाशाही के चलते दूसरों को धोखा देता है। दूसरों को धोखा देने का मतलब है कि किसी को ऐसी बात पर यकीन दिलाना जो सच नहीं है, या अपने फायदे के लिए किसी से सच छिपाना। यह उद्गार दलाई लामा ने किन्नौर से आए बौद्ध अनुयायियों को सं‍बोधित करते हुए व्यक्त किए। दलाई लामा ने कहा कि मैं चीन में चीनी नेतृत्व से मिलने गया था। उस समय उन्होंने दूसरों की सेवा कैसे की जाए, इस बारे में बात की थी। सपनों में देखें हैं ऐसे संकेत दलाई लामा ने कहा कि मैंने अपने सपनों में ऐसे संकेत देखे हैं कि मैं 110 साल से भी अधिक जीवित रह सकता हूं। तिब्बती बौद्ध धर्म को सिर्फ़ आस्था और अनुष्ठानों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। बल्कि दर्शन शास्त्र को अध्ययन की एक अकादमिक शाखा के रूप में अध्ययन करना चाहिए। वास्तविकता और अपने अनुभव के आधार पर आप मन की प्रकृति, उसे नियंत्रित करने के तरीकों का अध्ययन कर सकते हैं। एक बार जब आप तिब्बती बौद्ध धर्म के सार को समझ लेंगे तो आप एक ज़्यादा खुश व्यक्ति बन जाएंगे। दलाई लामा ने कहा कि सभी धर्मों में दूसरों को लाभ पहुंचाने की समान क्षमता है और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कभी किसी से यह नहीं कहता कि तिब्बती बौद्ध धर्म किसी अन्य धर्म से बेहतर है। उन्होंने कहा कि कोई धर्म अच्छा है या बुरा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह अनुयायी की मदद करने की कितनी क्षमता रखता है। दलाई लामा ने कहा कि भले ही हम शरणार्थी के रूप में है, लेकिन आपदा में अवसर की खोज करने के लिए आपको ध्यानवादी और सकारात्मक मानसिकता बनानी होगी। हम सभी तिब्बती इस दुखद घड़ी को इस आपदा को एक अवसर के रूप में देखते हुए अपने जीवन को अच्छा बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। बौद्ध दर्शन के उपदेश का यही उद्देश्य था कि हम किस प्रकार से व्यक्तिगत रूप से अच्छे व्यक्ति बन सके एक भले इंसान बन सके। तो हम लोग सभी भगवान बुद्ध के अनुयाई हैं हम तिब्बती भाई बहन भगवान बुद्ध के उपदेशों को पिछले हजारों वर्षों से सुनते आ रहे हैं उनको आत्मसात करते आ रहे हैं। आज यहां एकत्रित आप में से जो लोग मुझे यह दीर्घायु प्रार्थना अर्पित कर रहे हैं। मैं बोधिचित्त की साधना करने वाला व्यक्ति हूं और मुझे लगता है कि लोग इसी की प्रशंसा करते हैं। इस दौरान उनकी 10 हजार कल्प आयु की कामना की गई। विशेष पूजा से श्रद्धालुओं को दिया आशीर्वाद पूजा में बड़ी मात्रा में किन्नौर से आए समस्त किन्नौर वासियों ने पारंपरिक वेशभूषा में दलाई लामा का आशीर्वाद प्राप्त किया। दीर्घायु की प्रार्थना के बाद दलाई लामा ने विशेष पूजा से अर्जित पुण्य का वितरण सभी श्रद्धालुओं में आशीर्वाद के रूप में किया। ग्याबुंग तुल्कु रिनपोछे ने कहा कि पिछले चार दिनों से किन्नौर के भिक्षु-भिक्षुणियों सहित उपासक-उपासिकाओं ने दलाई लामा की दीर्घायु हेतु प्रार्थनाएं की। इस अवसर पर 9वें खूनु युलज्ञल टुल्कु रिन्पोछे का केश काटकर प्रव्रजित होने का आशीर्वाद दिया।   हिमाचल | दैनिक भास्कर