<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Electricity Tariff:</strong> उत्तराखंड सरकार बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की उम्मीद कर रही है. राज्य में बिजली दरों में संभावित वृद्धि के मुद्दे को लेकर सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है, जिसमें पुराने एसेट्स और देनदारियों के समायोजन की मांग की गई है. ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि उपभोक्ताओं पर किसी भी प्रकार का वित्तीय बोझ न पड़े.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के गठन के समय राज्य को 1058 करोड़ रुपये की संपत्तियां और देनदारियां सौंपी गई थीं. इसमें से 550 करोड़ रुपये का समायोजन अब तक नहीं हो पाया है, जिसके चलते यह राशि बढ़कर 4300 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस राशि को आरडीएसएस (रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत समायोजित करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिजली दरों में 40% वृद्धि की अटकलें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा, “हमने केंद्र सरकार को स्पष्ट किया है कि ये 21 साल पुरानी देनदारियां हैं और इन्हें नए एसेट्स के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक फैसला करेगी, जिससे राज्य के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.” बिजली दरों में 40% वृद्धि की अटकलों पर सफाई देते हुए ऊर्जा सचिव ने कहा, “यह कहना गलत है कि बिजली दरों में इतनी अधिक बढ़ोतरी होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यदि केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिला, तो भी यह वृद्धि 5-6% तक सीमित रहेगी. हमारा पूरा ध्यान उपभोक्ताओं को राहत देने पर है, और हम किसी भी सूरत में उन्हें अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाना चाहते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने इस 4300 करोड़ रुपये की राशि को विद्युत नियामक आयोग को प्रस्तावित करने की योजना बनाई है. ऊर्जा सचिव के अनुसार, “यदि केंद्र सरकार से स्वीकृति नहीं मिलती है, तो इस राशि को सात वर्षों में विभाजित कर समायोजित किया जाएगा. इससे उपभोक्ताओं पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’राज्य के बिजली उपभोक्ताओं पर कोई वित्तीय बोझ न पड़े'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने एबीपी लाइव से कहा, “बिजली दरों में 40% वृद्धि की बातें पूरी तरह से निराधार हैं. केंद्र सरकार को हमने पत्र लिख दिया है और हमें पूरा विश्वास है कि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाएगा. यदि ऐसा होता है, तो उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. सरकार और यूपीसीएल दोनों मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं पर कोई वित्तीय बोझ न पड़े.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि उत्तराखंड के नागरिकों को सस्ती और सुलभ बिजली मिलती रहे. अगर केंद्र से मंजूरी नहीं मिलती है, तो भी उपभोक्ताओं को 40% वृद्धि का सामना नहीं करना पड़ेगा. हमारी कोशिश होगी कि वृद्धि 5-6% तक सीमित रहे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड सरकार और यूपीसीएल मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं. केंद्र सरकार से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है, जिससे राज्य में बिजली दरों में स्थिरता बनी रहेगी. ऊर्जा सचिव के आश्वासन से यह स्पष्ट है कि उपभोक्ताओं को अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”ये भी पढ़ें: ” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/modi-government-approved-4-kendriya-vidyalayas-opened-in-uttarakhand-ann-2837737″ target=”_self”><strong>उत्तराखंड में खोले जाएंगे 4 केंद्रीय विद्यालय, मोदी सरकार से मिली मंजूरी</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Electricity Tariff:</strong> उत्तराखंड सरकार बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की उम्मीद कर रही है. राज्य में बिजली दरों में संभावित वृद्धि के मुद्दे को लेकर सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है, जिसमें पुराने एसेट्स और देनदारियों के समायोजन की मांग की गई है. ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि उपभोक्ताओं पर किसी भी प्रकार का वित्तीय बोझ न पड़े.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के गठन के समय राज्य को 1058 करोड़ रुपये की संपत्तियां और देनदारियां सौंपी गई थीं. इसमें से 550 करोड़ रुपये का समायोजन अब तक नहीं हो पाया है, जिसके चलते यह राशि बढ़कर 4300 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस राशि को आरडीएसएस (रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत समायोजित करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिजली दरों में 40% वृद्धि की अटकलें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा, “हमने केंद्र सरकार को स्पष्ट किया है कि ये 21 साल पुरानी देनदारियां हैं और इन्हें नए एसेट्स के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक फैसला करेगी, जिससे राज्य के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.” बिजली दरों में 40% वृद्धि की अटकलों पर सफाई देते हुए ऊर्जा सचिव ने कहा, “यह कहना गलत है कि बिजली दरों में इतनी अधिक बढ़ोतरी होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यदि केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिला, तो भी यह वृद्धि 5-6% तक सीमित रहेगी. हमारा पूरा ध्यान उपभोक्ताओं को राहत देने पर है, और हम किसी भी सूरत में उन्हें अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाना चाहते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने इस 4300 करोड़ रुपये की राशि को विद्युत नियामक आयोग को प्रस्तावित करने की योजना बनाई है. ऊर्जा सचिव के अनुसार, “यदि केंद्र सरकार से स्वीकृति नहीं मिलती है, तो इस राशि को सात वर्षों में विभाजित कर समायोजित किया जाएगा. इससे उपभोक्ताओं पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’राज्य के बिजली उपभोक्ताओं पर कोई वित्तीय बोझ न पड़े'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने एबीपी लाइव से कहा, “बिजली दरों में 40% वृद्धि की बातें पूरी तरह से निराधार हैं. केंद्र सरकार को हमने पत्र लिख दिया है और हमें पूरा विश्वास है कि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाएगा. यदि ऐसा होता है, तो उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. सरकार और यूपीसीएल दोनों मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं पर कोई वित्तीय बोझ न पड़े.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि उत्तराखंड के नागरिकों को सस्ती और सुलभ बिजली मिलती रहे. अगर केंद्र से मंजूरी नहीं मिलती है, तो भी उपभोक्ताओं को 40% वृद्धि का सामना नहीं करना पड़ेगा. हमारी कोशिश होगी कि वृद्धि 5-6% तक सीमित रहे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड सरकार और यूपीसीएल मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं. केंद्र सरकार से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है, जिससे राज्य में बिजली दरों में स्थिरता बनी रहेगी. ऊर्जा सचिव के आश्वासन से यह स्पष्ट है कि उपभोक्ताओं को अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे.</p>
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