पीजीआई चंडीगढ़ के परमाणु चिकित्सा विभाग की पीएचडी छात्रा किर्ति ढींगरा का चयन जापान में होने वाली 16वीं होप बैठक के लिए हुआ है। किर्ति प्रोफेसर बलजिंदर सिंह के मार्गदर्शन में शोध कार्य कर रही हैं। यह प्रतिष्ठित बैठक 9 से 13 मार्च 2025 तक योकोहामा, जापान में आयोजित होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी इस कार्यक्रम का आयोजन जापान सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ साइंस द्वारा किया जाता है। बैठक में एशिया-प्रशांत और अफ्रीका के चुनिंदा शोधकर्ताओं और छात्रों को आमंत्रित किया जाता है। किर्ति भारत की ओर से चयनित प्रतिभागी हैं और इस अवसर को पाकर बेहद उत्साहित हैं। नोबेल विजेताओं संग चर्चा का मिलेगा मौका होप बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को नोबेल पुरस्कार विजेताओं और अन्य विश्व-प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साथ संवाद और विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करना है। किर्ति इस बैठक में अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करेंगी और क्षेत्र के विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करेंगी, जिससे उनके शोध कौशल को और निखारने में मदद मिलेगी। डीएसटी-इंस्पायर फेलो हैं किर्ति किर्ति ढींगरा डीएसटी-इंस्पायर पीएचडी फेलो हैं और अपनी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रही हैं। यह अवसर न केवल उनके करियर में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत के विज्ञान और अनुसंधान क्षेत्र को भी गौरवान्वित करेगा। चंडीगढ़ का नाम रोशन किया किर्ति की इस उपलब्धि ने चंडीगढ़ और पीजीआई को गर्व का क्षण प्रदान किया है। उनका यह चयन शोध और विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पीजीआई चंडीगढ़ के परमाणु चिकित्सा विभाग की पीएचडी छात्रा किर्ति ढींगरा का चयन जापान में होने वाली 16वीं होप बैठक के लिए हुआ है। किर्ति प्रोफेसर बलजिंदर सिंह के मार्गदर्शन में शोध कार्य कर रही हैं। यह प्रतिष्ठित बैठक 9 से 13 मार्च 2025 तक योकोहामा, जापान में आयोजित होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी इस कार्यक्रम का आयोजन जापान सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ साइंस द्वारा किया जाता है। बैठक में एशिया-प्रशांत और अफ्रीका के चुनिंदा शोधकर्ताओं और छात्रों को आमंत्रित किया जाता है। किर्ति भारत की ओर से चयनित प्रतिभागी हैं और इस अवसर को पाकर बेहद उत्साहित हैं। नोबेल विजेताओं संग चर्चा का मिलेगा मौका होप बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को नोबेल पुरस्कार विजेताओं और अन्य विश्व-प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साथ संवाद और विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करना है। किर्ति इस बैठक में अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करेंगी और क्षेत्र के विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करेंगी, जिससे उनके शोध कौशल को और निखारने में मदद मिलेगी। डीएसटी-इंस्पायर फेलो हैं किर्ति किर्ति ढींगरा डीएसटी-इंस्पायर पीएचडी फेलो हैं और अपनी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रही हैं। यह अवसर न केवल उनके करियर में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत के विज्ञान और अनुसंधान क्षेत्र को भी गौरवान्वित करेगा। चंडीगढ़ का नाम रोशन किया किर्ति की इस उपलब्धि ने चंडीगढ़ और पीजीआई को गर्व का क्षण प्रदान किया है। उनका यह चयन शोध और विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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होशियारपुर के अस्पताल पहुंचे पंजाब के सेहत मंत्री:स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायजा, नशामुक्ति केंद्र का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश
होशियारपुर के अस्पताल पहुंचे पंजाब के सेहत मंत्री:स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायजा, नशामुक्ति केंद्र का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने आज सिविल अस्पताल होशियारपुर का दौरा कर आम लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, मेयर सुरिंदर कुमार, एस.डी.एम. होशियारपुर प्रीत इंदर सिंह बैंस, सिविल सर्जन डा. बलविंदर कुमार डमाणा, सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण सैनी, डिप्टी मेयर रणजीत चौधरी और राजेश्वर दयाल बाबी मौजूद रहे। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि उनके दौरे का उद्देश्य स्वास्थ्य ढांचे और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करके जिले के आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों और पैरा-मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद है कि यह प्रक्रिया अगले दो महीनों में पूरी हो जाएगी। डा. बलबीर सिंह ने जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब सरकार आम लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस दिशा में प्राथमिकता के आधार पर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में हर सरकारी स्वास्थ्य संस्थान सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। उन्होंने जिला अस्पताल के विभिन्न विभागों में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था देखी और मरीजों से बातचीत भी की। इस अवसर पर सिविल अस्पताल के एस. एम.ओ डॉ. स्वाति शीमार, एस.पी. मेजर सिंह, नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर संदीप तिवारी, जिला महामारी विशेषज्ञ डा. जगदीप सिंह, डा. मनमोहन सिंह के अलावा सभी एसएमओ एवं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी उपस्थित रहे।
मुक्तसर में संदिग्ध परिस्थितियों विवाहिता की मौत:परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप, 10 माह पहले हुई थी शादी, 6 माह की थी गर्भवती
मुक्तसर में संदिग्ध परिस्थितियों विवाहिता की मौत:परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप, 10 माह पहले हुई थी शादी, 6 माह की थी गर्भवती मुक्तसर जिले के विधानसभा मलोट में एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। मृतका के मायके परिवार ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग को लेकर मारपीट कर मारने के आरोप लगाए है। पिता की शिकायत पर पुलिस ने मृतका के पति, सास और ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। दहेज की मांग करते थे ससुराल वाले मृतका के पिता राजेन्द्र सिंह निवासी घड़साना, श्रीगंगानगर, राजस्थान ने पुलिस चौकी पन्नीवाला में दर्ज करवाए बयानों में बताया कि उसकी लड़की रमनदीप कौर का विवाह 10 माह पहले गांव रानीवाला के निर्भय सिंह पुत्र गुरभेज सिंह के साथ हुआ था। विवाह के बाद ससुराल परिवार दहेज के लिए परेशान करने लगा। एक लाख रूपए और दहेज की मांग करता था। जिसे लेकर उन्होंने इस संबंधी मृतक रमनदीप कौर के ससुरालियों पर घड़साना में केस भी दर्ज किया था। परंतु पंचायत की दखल के बाद दोनों पक्षों का राजीनामा हो गया। उन्होंने पंचायत के कहने पर लड़की को उसके पति निर्भय के साथ गांव रानीवाला भेज दिया था। परिजनों को सौंपा शव उन्होंने बताया कि मृतका 6 माह की गर्भवती थी। अचानक लड़की की तबीयत खराब हुई तो उसके ससुराल परिवार द्वारा समय पर उपचार न करवाने के कारण उसके गर्भ में पल रहे बच्चे सहित उनकी लड़की की मौत हो गई। उक्त बयानों के आधार पर पुलिस चौकी पन्नीवाला के इंचार्ज गुरइकबाल द्वारा दर्ज करके मृतका के पति निर्भय सिंह, सास जसवीर कौर, ससुर गुरभेज सिंह निवासी गांव रानीवाला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है।
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)