हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन को लेकर आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी AAP के साथ गठबंधन करना चाहते थे। इसको लेकर मेरी उनसे कई बार बात हुई। मेरे नेता अरविंद केजरीवाल उस समय उपलब्ध नहीं थे, इस कारण से मुझे उनसे इस मामले को लेकर संवाद करने का मौका मिला, लेकिन चुनाव में हरियाणा की लोकल यूनिट के नेताओं की यह मंशा थी कि हम गठबंधन न करके अकेले चुनाव लड़ें और उन्होंने चुनाव साथ नहीं लड़ा। इसके बाद राघव चड्ढा ने गठबंधन को लेकर एक शायरी भी पढ़ी। उन्होंने कहा, “हमारी आरजू का ख्याल रखते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत की फिक्र होती तो, कुछ और बात होगी। आज वह भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।” राहुल गांधी ने बनाया गठबंधन का प्लान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से गठबंधन की पहल की गई थी। राहुल ने AAP से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी। इसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया था। चूंकि उस समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, इसलिए पार्टी की ओर से गठबंधन की बात के लिए राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को जिम्मेदारी दी गई थी। हरियाणा में गठबंधन की ये थी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अगले साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को साधना चाहते थे। दिल्ली में कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक सरकार बनाई थी। इसके बाद 2013 और 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। अगर हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन हो जाता है, तो कांग्रेस अगले साल दिल्ली में गठबंधन का दबाव बना सकती थी। हालांकि दिल्ली चुनाव को लेकर अभी दोनों पार्टियों की ओर से गठबंधन को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है। गठबंधन नहीं होने की ये रहीं वजहें… 1. AAP को कांग्रेस का 4+1 फॉर्मूला नहीं समझ आया हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से AAP को 4+1 फॉर्मूला यानी 5 सीट का ऑफर दिया गया था। इनमें जींद, कलायत, पानीपत (ग्रामीण), गुरुग्राम और पिहोवा सीट शामिल है। हालांकि, AAP ओल्ड फरीदाबाद सहित 10 सीटों की मांग कर रही थी। कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया, जिसके कारण दोनों पार्टियों में गठबंधन नहीं हो पाया। 2. इन 4 सीटों पर भी AAP ने ठोंका था दावा लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस के जॉइंट कैंडिडेट डॉ. सुशील गुप्ता ने कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट के अंतर्गत 9 विधानसभा आती हैं। गुप्ता यह चुनाव तो नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने इस सीट के अंतर्गत आने वाली 4 सीट (गुहला चीका, पिहोवा, शाहाबाद और कलायत) पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस यह चारों सीट भी AAP को दे सकती है। 3. हुड्डा-सुरजेवाला ने किया था विरोध चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने की तीसरी सबसे बड़ी वजह हरियाणा के दो बड़े नेता विरोध में थे। इनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल था। गठबंधन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा बनाई गई कमेटी में इन्होंने गठबंधन नहीं किए जाने की बात कही थी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन को लेकर आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी AAP के साथ गठबंधन करना चाहते थे। इसको लेकर मेरी उनसे कई बार बात हुई। मेरे नेता अरविंद केजरीवाल उस समय उपलब्ध नहीं थे, इस कारण से मुझे उनसे इस मामले को लेकर संवाद करने का मौका मिला, लेकिन चुनाव में हरियाणा की लोकल यूनिट के नेताओं की यह मंशा थी कि हम गठबंधन न करके अकेले चुनाव लड़ें और उन्होंने चुनाव साथ नहीं लड़ा। इसके बाद राघव चड्ढा ने गठबंधन को लेकर एक शायरी भी पढ़ी। उन्होंने कहा, “हमारी आरजू का ख्याल रखते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत की फिक्र होती तो, कुछ और बात होगी। आज वह भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।” राहुल गांधी ने बनाया गठबंधन का प्लान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से गठबंधन की पहल की गई थी। राहुल ने AAP से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी। इसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया था। चूंकि उस समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, इसलिए पार्टी की ओर से गठबंधन की बात के लिए राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को जिम्मेदारी दी गई थी। हरियाणा में गठबंधन की ये थी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अगले साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को साधना चाहते थे। दिल्ली में कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक सरकार बनाई थी। इसके बाद 2013 और 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। अगर हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन हो जाता है, तो कांग्रेस अगले साल दिल्ली में गठबंधन का दबाव बना सकती थी। हालांकि दिल्ली चुनाव को लेकर अभी दोनों पार्टियों की ओर से गठबंधन को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है। गठबंधन नहीं होने की ये रहीं वजहें… 1. AAP को कांग्रेस का 4+1 फॉर्मूला नहीं समझ आया हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से AAP को 4+1 फॉर्मूला यानी 5 सीट का ऑफर दिया गया था। इनमें जींद, कलायत, पानीपत (ग्रामीण), गुरुग्राम और पिहोवा सीट शामिल है। हालांकि, AAP ओल्ड फरीदाबाद सहित 10 सीटों की मांग कर रही थी। कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया, जिसके कारण दोनों पार्टियों में गठबंधन नहीं हो पाया। 2. इन 4 सीटों पर भी AAP ने ठोंका था दावा लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस के जॉइंट कैंडिडेट डॉ. सुशील गुप्ता ने कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट के अंतर्गत 9 विधानसभा आती हैं। गुप्ता यह चुनाव तो नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने इस सीट के अंतर्गत आने वाली 4 सीट (गुहला चीका, पिहोवा, शाहाबाद और कलायत) पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस यह चारों सीट भी AAP को दे सकती है। 3. हुड्डा-सुरजेवाला ने किया था विरोध चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने की तीसरी सबसे बड़ी वजह हरियाणा के दो बड़े नेता विरोध में थे। इनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल था। गठबंधन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा बनाई गई कमेटी में इन्होंने गठबंधन नहीं किए जाने की बात कही थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
कांग्रेस नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा का करनाल में भाजपा पर तंज:कहा- खट्टर काम नहीं करेंगे तो हम उनकी नींद हराम करने का काम करेंगे
कांग्रेस नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा का करनाल में भाजपा पर तंज:कहा- खट्टर काम नहीं करेंगे तो हम उनकी नींद हराम करने का काम करेंगे हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस 2.32 लाख वोटों से हार गई है। हार के बावजूद कांग्रेस नेताओं को ऐसा लग रहा है जैसे वे जीत गए हैं। कांग्रेस नेता लोगों के बीच जाकर खुद को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। नेताओं की मानें तो वे हारे जरूर हैं, लेकिन मामूली अंतर से। जानकारों की मानें तो मामूली अंतर का मतलब 4-5 हजार वोट होता है, 2.32 लाख का अंतर करारी हार होती है। दिव्यांशु बुद्धिराजा हार गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों के बीच जाकर उनका शुक्रिया अदा करने में जुटे हैं। दिव्यांशु खुद को दिलासा देने की कोशिश कर रहे हैं या विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की तैयारी कर रहे हैं, यह कुछ महीनों में साफ हो जाएगा। सड़क पर लड़ेंगे लोगों की लड़ाई वीरवार शाम को नीलोखेड़ी में दिव्यांशु बुद्धिराजा ने क्षेत्रवासियों का धन्यवाद किया और कहा कि वे संसद में लोगों के हकों की लड़ाई लड़ना चाहते थे, लेकिन वह मौका उन्हें नहीं मिला, अब यह लड़ाई वे सड़कों पर लड़ेंगे। दिव्यांशु बुद्धिराजा अब कांग्रेस के सम्मानित नेताओं का धन्यवाद कर रहे है और साथ देने पर आभार भी जता रहे है। साथ ही यह भी कह रहे है कि हार के क्या कारण रहे है, उसकी समीक्षा की जा रही है। दिव्यांशु का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नीलोखेड़ी विधानसभा से 29 हजार वोट मिला था, लेकिन इस बार वह डबल हो गया। अगर बात की जाए बूथ स्तर की तो 2019 में 12 बूथों पर कांग्रेस जीती थी, लेकिन अबकी बार 90 से ज्यादा बूथों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है। विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर दिव्यांशु ने कहा कि यह पार्टी का फैसला होगा, लेकिन अभी कोशिश यह है कि लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उसके मुताबिक लोगों की आवाज उठानी है। कुलदीप शर्मा की भी किया धन्यवाद लोकसभा क्षेत्र के लोगों की उम्मीद मनोहर लाल खट्टर से बढ़ चुकी है और अगर उन्होंने लोगों की उम्मीदों के अनुसार काम नहीं किया तो उनकी नींद हराम करने का काम हम करेंगे। कुलदीप शर्मा करनाल लोकसभा में नहीं दिखे, तो इस पर बुद्धिराजा ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र गन्नौर रहा है, वे वहां पर भी अपना समय दे रहे थे, इसलिए उनका भी धन्यवाद है। क्या विधानसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार कर रहे है दिव्यांशु दिव्यांशु बुद्धिराजा को लोकसभा की टिकट 20 दिन पहले ही मिली थी। उनके पास समय नहीं था कि वे जनता के बीच में जाकर अपनी पकड़ बना सके और जनता के बीच में न रह पाने का उन्हें कहीं न कहीं नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन अब विधानसभा टिकट की दौड़ में भी दिव्यांशु कहीं न कहीं खुद को खड़ा करना चाहते है, जिसके लिए वे जनता के बीच जाने का प्रयास कर रहे है और धन्यवादी सभा के मार्फत विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पृष्ठभूमि तैयार करने का प्रयास कर रहे है।
रोहतक में विनेश के समर्थन में उतरे वित्त मंत्री:जेपी दलाल बोले- हरियाणा वासियों के लिए फोगाट विजेता, CAS ने याचिका खारिज की
रोहतक में विनेश के समर्थन में उतरे वित्त मंत्री:जेपी दलाल बोले- हरियाणा वासियों के लिए फोगाट विजेता, CAS ने याचिका खारिज की रोहतक पहुंचे हरियाणा के वित्त मंत्री जेपी दलाल ओलंपियन विनेश फोगाट के समर्थन में कहा कि भले ही सीएएस ने महिला पहलवान विनेश फोगाट के पदक को लेकर केस खारिज कर दिया हो, लेकिन विनेश फोगाट पूरे प्रदेश और देश के लिए चैंपियन हैं। बता दें कि कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) ने विनेश फोगाट की याचिका खारिज कर दी है। जिसके चलते विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में कोई पदक नहीं मिल पाएगा। इस पर जेपी दलाल ने कहा कि सीएएस ने सिर्फ केस खारिज किया है, लेकिन वह हरियाणा और देश के लिए विजेता हैं। 17 को रोहतक में होगा ओलंपियन सम्मान समारोह
जेपी दलाल ने कहा कि खेलों में हरियाणा का सबसे अधिक योगदान रहा है। इसलिए 17 अगस्त को रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के मैदान में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि होंगे। वे हरियाणा के सभी ओलंपियन और पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे। हरियाणा की खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को मानदेय और नौकरी दी जाएगी। जब भी हमारे खिलाड़ी पदक जीतते हैं, तो उन्हें सम्मानित किया जाता है। इसलिए 17 अगस्त को सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है।
महिला आयोग की चेयरपर्सन हरियाणा DGP पर भड़कीं:भाटिया बोलीं- यौन शोषण के आरोपी IPS को बचा रहे, महिला पुलिसकर्मियों की बलि न लें
महिला आयोग की चेयरपर्सन हरियाणा DGP पर भड़कीं:भाटिया बोलीं- यौन शोषण के आरोपी IPS को बचा रहे, महिला पुलिसकर्मियों की बलि न लें हरियाणा के एक IPS अधिकारी पर महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के आरोपों की SIT जांच की रिपोर्ट महिला आयोग को नहीं दी जा रही। इसे लेकर महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया आज DGP शत्रुजीत कपूर पर ही भड़क गईं। फरीदाबाद में रेणु भाटिया ने कहा कि DGP शत्रुजीत कपूर अपने एक अफसर को बचाने के लिए 8 महिला पुलिसकर्मियों की बलि न लें। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में आयोग को एक बड़ा क्लू मिला है। जल्द ही इसे अरेस्ट करवाकर पूछताछ की जाएगी। भाटिया ने यह भी कहा कि महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण मामले में पुलिस की लापरवाही साफ तौर से दिखाई दे रही है। रिपोर्ट दर्ज न करना, पीड़ित कर्मियों से बातचीत न करना, इससे पता चलता है कि पुलिस अफसर को बचाया जा रहा है। हालांकि, इस मामले में जींद के जिस SP पर आरोप लगे थे, सरकार उसे रेलवे में ट्रांसफर कर चुकी है। वहीं, उसका साथ देने के आरोपी DSP और महिला SHO को भी जिले से हटाया जा चुका है। महिला आयोग ने SP को छुट्टी पर भेजने की सिफारिश की थी
बता दें कि यौन शोषण के आरोप लगने के बाद जींद के SP फरीदाबाद में महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया के सामने पेश हुए थे। उन्होंने चेयरपर्सन से कहा था कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं, मैं निर्दोष हूं। तब इस मामले की जांच फतेहाबाद की SP आस्था मोदी कर रही थीं। आस्था मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेणु भाटिया से बात की। रेनू भाटिया ने बताया था कि शुरुआती जांच में हमें SP के खिलाफ संकेत मिले हैं। इसके बाद ही महिला आयोग ने आरोपी SP को छुट्टी पर भेजने की सिफारिश की थी। यौन शोषण प्रकरण की 3 स्तरीय जांच चल रही
महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के आरोपों की अब 3 स्तरीय जांच की जा रही है। महिला आयोग की टीम के साथ-साथ 2 IPS अधिकारी समानान्तर इस केस की जांच कर रहे हैं। पहले फतेहाबाद की महिला SP आस्था मोदी जांच कर रही थीं, जिनके ऊपर ADGP ममता सिंह को लगाया गया। वहीं, हिसार IG ने हिसार SP के नेतृत्व में SIT बनाई है, जो इस केस के अलग पहलुओं की जांच कर रहे हैं। इस केस में 2 FIR दर्ज हो चुकी हैं। आरोपी SP का तबादला किया
महिला पुलिस कर्मियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी जींद SP का तबादला कर दिया गया है। उनकी जगह अब राजेश कुमार जींद SP के साथ-साथ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। मामले में थाना सिविल लाइन जींद में FIR दर्ज हो चुकी है। हिसार SP फरार यूट्यूबर की धरपकड़ के प्रयास कर रहे हैं। उस यूट्यूबर पर आरोप है कि उसने ही चिट्ठी वायरल की है। क्या था मामला
दरअसल, अक्टूबर माह में CM नायब सैनी को लिखी एक चिट्ठी वायरल हुई थी। उसमें दावा किया गया था कि जींद में पुलिस की 8 महिला कर्मचारियों का यौन शोषण किया जा रहा है। इसमें कुछ महिला पुलिसकर्मियों के नाम भी थे। चिट्ठी वायरल होने के बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। IPS अधिकारी ने कहा था- सब झूठ, मैंने खुद जांच की मांग की
चिट्ठी वायरल होने के बाद IPS अधिकारी का कहना था कि चिट्ठी में जिसके नाम हैं, वह सभी कह रहे हैं कि यह हमारी ओर से नहीं लिखा गया है। इसके लिए मैंने फिर भी इन्क्वायरी के लिए रिक्वेस्ट की है। इन्क्वायरी होने के बाद सारी चीजें सामने आ जाएंगी। DGP को मामले से अवगत करवा दिया गया है। जो महिला पुलिसकर्मी ACR खराब होने का जिक्र कर रही हैं, वह खुद इन चिट्ठी को लेकर मना कर रही हैं। जब तक यह लेटर वेरीफाई नहीं हो जाता, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। महिला पुलिसकर्मियों ने चिट्ठी में अफसर पर लगाए 5 बड़े आरोप… 1. SP की पत्नी-बच्चे बाहर, चाय के बहाने जबरदस्ती की
चिट्ठी में लिखा था- मैं एक महिला पुलिसकर्मी हूं और अपना काम ईमानदारी से करती हूं। मेरे जिले में तैनात IPS अधिकारी सुंदर महिला पुलिस कर्मचारियों पर गंदी नजर रखते हैं। SP की पत्नी और बच्चे बाहर रहते हैं। एक दिन महिला थाना की SHO मुझे अपने साथ SP आवास ले गईं। उस वक्त कोठी पर गेट मैन के सिवा कोई नहीं था। सर और SHO मैडम ने कहा कि रसोई में जाकर चाय बना लाओ। जब मैं चाय बनाकर बाहर आई तो मैडम रूम में नहीं थी। जैसे ही मैं सर को चाय देने लगी तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया, मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे। इसका मैने विरोध किया और जबरन कमरे से बाहर आ गई। 2. महिला SHO-DSP ने कहा- कोऑपरेट करो, रुपयों में खेलोगी
जब मैं कैंप ऑफिस के बाहर पहुंची तो मैंने देखा महिला SHO मैडम वहां बैठी थी। मैंने मैडम को अंदर की बात बताई तो वह भड़क गईं और कहने लगी अफसरों को को-ऑपरेट करना पड़ता है। मैडम की यह बात सुन मैं रोते हुए SP आवास से बाहर निकल गई। फिर मैंने यह बात महिला DSP मैडम को बताई। DSP ने भी कहा कि प्रमोशन के लिए अफसरों को को-ऑपरेट करना पड़ता है। इसलिए मेरी बात मानों तो थोड़ा को-ऑपरेट करो। इसके बाद देखो तुम्हारा प्रमोशन पक्का और उसके बाद तुम रुपयों में खेलोगी। यह बातें सुन मैं ऑफिस से बाहर चली गई। इसके बाद महिला थाने की SHO मेरे पीछे पड़ गई और मेरी ACR खराब करने की धमकियां देकर मानसिक रूप से टॉर्चर करने लगी। 3. अफसरों ने हरकतें बंद न कीं तो सुसाइड कर लूंगी
सीएम सर, मैं एक बेहद गरीब परिवार की लड़की हूं। आपकी भाजपा सरकार में मैं ईमानदारी से बिना किसी रुपयों के नौकरी लगी हूं। इसलिए नहीं कि पिता और बड़े भाई के समान अफसर हमारा यौन शोषण करे। माना मैं गरीब हूं, लेकिन इज्जतदार परिवार से हूं। अगर अफसरों ने ऐसी हरकत बंद नहीं की तो मैं आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाउंगी। एसपी सर के इस घिनौने काम में DSP से लेकर SHO मैडम तक शामिल हैं, जो कर्मचारियों को प्रमोशन का लालच देकर ऐसे काम करवाने के लिए मजबूर करते हैं। 4. अमीर लड़कों को फंसा करोड़ों रुपए कमा रहे
चिट्ठी में यहां तक दावा किया गया था कि SHO के पुलिस अधिकारी के साथ नाजायज संबंध है और SHO ने एक गिरोह बनाया हुआ है, जिसमें कई युवतियां शामिल हैं। यह अमीर घर के लड़कों पर फर्जी केस दर्ज करवाते हैं और फिर लाखों रुपए लेकर समझौते करवाते हैं। इस खेल में SHO, DSP और SP तीनों मिलकर काम कर रहे हैं। इससे हर महीने करोड़ों की कमाई करते हैं। अगर आप इन पुलिस अधिकारियों की संपत्तियों की डिटेल निकालोगे तो सब कुछ क्लियर हो जाएगा। 5. विधवा कॉन्स्टेबल को भी परेशान किया गया
एक विधवा कॉन्स्टेबल पर SP सर का दिल आया हुआ है। मेरी तरह इस कॉन्स्टेबल ने भी इनकार किया तो इसको भी मानसिक रूप से परेशान किया जाने लगा। इस बारे में विधायक को भी बताया। विधायक ने एसपी को कहा कि यह मेरी बहन है। तब एसपी ने कहा कि आपकी बहन मेरी बहन हुई, लेकिन उसके बावजूद SP सर ने उसकी ACR खराब कर दी। 6. सुंदर पुलिसकर्मी को घिनौने काम के लिए मजबूर करते हैं
सीएम सर मैं अकेली ऐसी महिला नहीं हूं। एसपी सर की बुरी नजर है। जो सुंदर महिला पुलिसकर्मी SP को पसंद आती हैं, उसके बाद महिला DSP और SHO उन महिला कर्मचारियों को बहला फुसलाकर लालच देकर घिनौना काम करने के लिए मजबूर करती हैं। अगर वह नहीं मानती तो उनकी ACR खराब करने की धमकी दी जाती है। इससे पहले SP सर जहां तैनात थे, वहां भी इनके कई महिलाओं के साथ अवैध संबंध थे।