हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस 2.32 लाख वोटों से हार गई है। हार के बावजूद कांग्रेस नेताओं को ऐसा लग रहा है जैसे वे जीत गए हैं। कांग्रेस नेता लोगों के बीच जाकर खुद को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। नेताओं की मानें तो वे हारे जरूर हैं, लेकिन मामूली अंतर से। जानकारों की मानें तो मामूली अंतर का मतलब 4-5 हजार वोट होता है, 2.32 लाख का अंतर करारी हार होती है। दिव्यांशु बुद्धिराजा हार गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों के बीच जाकर उनका शुक्रिया अदा करने में जुटे हैं। दिव्यांशु खुद को दिलासा देने की कोशिश कर रहे हैं या विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की तैयारी कर रहे हैं, यह कुछ महीनों में साफ हो जाएगा। सड़क पर लड़ेंगे लोगों की लड़ाई वीरवार शाम को नीलोखेड़ी में दिव्यांशु बुद्धिराजा ने क्षेत्रवासियों का धन्यवाद किया और कहा कि वे संसद में लोगों के हकों की लड़ाई लड़ना चाहते थे, लेकिन वह मौका उन्हें नहीं मिला, अब यह लड़ाई वे सड़कों पर लड़ेंगे। दिव्यांशु बुद्धिराजा अब कांग्रेस के सम्मानित नेताओं का धन्यवाद कर रहे है और साथ देने पर आभार भी जता रहे है। साथ ही यह भी कह रहे है कि हार के क्या कारण रहे है, उसकी समीक्षा की जा रही है। दिव्यांशु का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नीलोखेड़ी विधानसभा से 29 हजार वोट मिला था, लेकिन इस बार वह डबल हो गया। अगर बात की जाए बूथ स्तर की तो 2019 में 12 बूथों पर कांग्रेस जीती थी, लेकिन अबकी बार 90 से ज्यादा बूथों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है। विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर दिव्यांशु ने कहा कि यह पार्टी का फैसला होगा, लेकिन अभी कोशिश यह है कि लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उसके मुताबिक लोगों की आवाज उठानी है। कुलदीप शर्मा की भी किया धन्यवाद लोकसभा क्षेत्र के लोगों की उम्मीद मनोहर लाल खट्टर से बढ़ चुकी है और अगर उन्होंने लोगों की उम्मीदों के अनुसार काम नहीं किया तो उनकी नींद हराम करने का काम हम करेंगे। कुलदीप शर्मा करनाल लोकसभा में नहीं दिखे, तो इस पर बुद्धिराजा ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र गन्नौर रहा है, वे वहां पर भी अपना समय दे रहे थे, इसलिए उनका भी धन्यवाद है। क्या विधानसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार कर रहे है दिव्यांशु दिव्यांशु बुद्धिराजा को लोकसभा की टिकट 20 दिन पहले ही मिली थी। उनके पास समय नहीं था कि वे जनता के बीच में जाकर अपनी पकड़ बना सके और जनता के बीच में न रह पाने का उन्हें कहीं न कहीं नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन अब विधानसभा टिकट की दौड़ में भी दिव्यांशु कहीं न कहीं खुद को खड़ा करना चाहते है, जिसके लिए वे जनता के बीच जाने का प्रयास कर रहे है और धन्यवादी सभा के मार्फत विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पृष्ठभूमि तैयार करने का प्रयास कर रहे है। हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस 2.32 लाख वोटों से हार गई है। हार के बावजूद कांग्रेस नेताओं को ऐसा लग रहा है जैसे वे जीत गए हैं। कांग्रेस नेता लोगों के बीच जाकर खुद को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। नेताओं की मानें तो वे हारे जरूर हैं, लेकिन मामूली अंतर से। जानकारों की मानें तो मामूली अंतर का मतलब 4-5 हजार वोट होता है, 2.32 लाख का अंतर करारी हार होती है। दिव्यांशु बुद्धिराजा हार गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों के बीच जाकर उनका शुक्रिया अदा करने में जुटे हैं। दिव्यांशु खुद को दिलासा देने की कोशिश कर रहे हैं या विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की तैयारी कर रहे हैं, यह कुछ महीनों में साफ हो जाएगा। सड़क पर लड़ेंगे लोगों की लड़ाई वीरवार शाम को नीलोखेड़ी में दिव्यांशु बुद्धिराजा ने क्षेत्रवासियों का धन्यवाद किया और कहा कि वे संसद में लोगों के हकों की लड़ाई लड़ना चाहते थे, लेकिन वह मौका उन्हें नहीं मिला, अब यह लड़ाई वे सड़कों पर लड़ेंगे। दिव्यांशु बुद्धिराजा अब कांग्रेस के सम्मानित नेताओं का धन्यवाद कर रहे है और साथ देने पर आभार भी जता रहे है। साथ ही यह भी कह रहे है कि हार के क्या कारण रहे है, उसकी समीक्षा की जा रही है। दिव्यांशु का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नीलोखेड़ी विधानसभा से 29 हजार वोट मिला था, लेकिन इस बार वह डबल हो गया। अगर बात की जाए बूथ स्तर की तो 2019 में 12 बूथों पर कांग्रेस जीती थी, लेकिन अबकी बार 90 से ज्यादा बूथों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है। विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर दिव्यांशु ने कहा कि यह पार्टी का फैसला होगा, लेकिन अभी कोशिश यह है कि लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उसके मुताबिक लोगों की आवाज उठानी है। कुलदीप शर्मा की भी किया धन्यवाद लोकसभा क्षेत्र के लोगों की उम्मीद मनोहर लाल खट्टर से बढ़ चुकी है और अगर उन्होंने लोगों की उम्मीदों के अनुसार काम नहीं किया तो उनकी नींद हराम करने का काम हम करेंगे। कुलदीप शर्मा करनाल लोकसभा में नहीं दिखे, तो इस पर बुद्धिराजा ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र गन्नौर रहा है, वे वहां पर भी अपना समय दे रहे थे, इसलिए उनका भी धन्यवाद है। क्या विधानसभा चुनावों के लिए जमीन तैयार कर रहे है दिव्यांशु दिव्यांशु बुद्धिराजा को लोकसभा की टिकट 20 दिन पहले ही मिली थी। उनके पास समय नहीं था कि वे जनता के बीच में जाकर अपनी पकड़ बना सके और जनता के बीच में न रह पाने का उन्हें कहीं न कहीं नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन अब विधानसभा टिकट की दौड़ में भी दिव्यांशु कहीं न कहीं खुद को खड़ा करना चाहते है, जिसके लिए वे जनता के बीच जाने का प्रयास कर रहे है और धन्यवादी सभा के मार्फत विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पृष्ठभूमि तैयार करने का प्रयास कर रहे है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
सोनीपत में ऋण की फाइलें लटकाने पर भड़के डीसी:गैरहाजिर व लापरवाह बैंकर्स पर कार्रवाई के आदेश; बोले- जरूरतमंदों को जल्द लोन दें
सोनीपत में ऋण की फाइलें लटकाने पर भड़के डीसी:गैरहाजिर व लापरवाह बैंकर्स पर कार्रवाई के आदेश; बोले- जरूरतमंदों को जल्द लोन दें हरियाणा के सोनीपत में डीसी ने शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट लेवल रिव्यू कमेटी (डीएलआरसी) तथा डिस्ट्रिक्ट क्लियरेंस कमेटी (डीसीसी) की बैठक ली। बैठक में उन्होंने सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत चिह्नित जरूरतमंदों के ऋण आवेदनों की गंभीरता से समीक्षा की। साथ ही बैठक से गैरहाजिर रहे बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। डीसी डा. मनोज कुमार ने बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं के तहत ऋण देने के लिए आवेदन बैंकों में भेजे जा रहे हैं। सभी बैंकर्स इन आवेदनों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण प्रदान करें। ताकि बैंकों की सहायता से ऋण लेकर जरूरतमंद व्यक्ति अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकें। डीसी ने लंबित फाइलों की समीक्षा देख जताई नाराजगी डीसी डा. मनोज कुमार ने आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन बैंकर्स के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि बड़ी संख्या में आवेदन लंबित मिले। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के कोई भी आवेदन लंबित नहीं रहना चाहिए। कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि निर्देशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जरूरतमंद लोगों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें बैंकिंग सहायता के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि उन्हें सस्ती दरों पर ऋण मिल सके। गैर हाजिर बैंकर्स पर कार्रवाई के आदेश डीसी ने बैठक में उपस्थित न होने वाले बैंकर्स डीसीओ के प्रति नाराजगी जताते हुए डीसी ने उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना तथा स्वयं सहायता समूह योजना और स्व निधि आदि विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों को किये गये आवेदनों की गंभीरता से समीक्षा की। खराब प्रदर्शन पर भी होगी कार्रवाई उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले बैंकर्स के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (पीएनबी-आरसेटी) की भी समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि अधिकाधिक युवाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें। इसके लिए जागरूकता कैंप भी लगायें। बैठक में एलडीएम मनोज सेठी, डीडीएम हिमांशु खत्री, डीएमसी से वीपी सिंह, एचडब्ल्यूडीसी रोहिता, कृषि विभाग से रघुवेन्द्र सिंह सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
हरियाणा के अस्पताल में डॉक्टर का कारनामा:महिला की दाईं किडनी में पथरी थी, बाईं तरफ का ऑपरेशन कर दिया; रिपोर्ट से हुआ खुलासा
हरियाणा के अस्पताल में डॉक्टर का कारनामा:महिला की दाईं किडनी में पथरी थी, बाईं तरफ का ऑपरेशन कर दिया; रिपोर्ट से हुआ खुलासा हरियाणा के रेवाड़ी में एक महिला का गलत ऑपरेशन करने पर एक निजी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ सिटी थाना पुलिस में मामला दर्ज हुआ है। इस महिला को दाईं ओर पथरी थी, वह अस्पताल में भर्ती हुई। यहां महिला का आपरेशन दाईं के बजाय बाईं ओर कर दिया। हैरानी की बात यह रही कि महिला को स्टंट भी डाल दिया गया। ऑपरेशन की जब समरी आई तो परिजनों को पता चला कि जहां पथरी थी, वहां का ऑपरेशन नहीं हुआ। मामला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचा। मेडिकल बोर्ड ने पूरे मामले में लापरवाही पाई। दाईं ओर की किडनी में पथरी थी
पुलिस को मिली शिकायत में गुरुग्राम के गांव राठीवास निवासी अजय कुमार राठी ने बताया कि13 फरवरी 2024 को उनकी पत्नी गुड्डी बाई के पेट में दर्द हुआ। उसी समय उसे शहर के बावल रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर के कहने पर वहां उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया। वहां से मरीज को सिविल अस्पताल के निकट सिग्नस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी रिपोर्ट देखकर बताया कि दाईं ओर किडनी में पथरी है। वहां मौजूद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के लिए कहा और अगले दिन ऑपरेशन कर दिया गया। 2 दिन बाद छुट्टी दी गई। पहले किया मना, बाद में मान ली गलती
घर पहुंचकर 4 दिन बाद जब डिस्चार्ज समरी देखी तो उसमें बाईं ओर का ऑपरेशन करने की बात लिखी हुई थी। पीड़ित अगले दिन फिर से अस्पताल पहुंचे और वहां डॉक्टरों से पूछा कि जब पथरी दाईं ओर थी, तो ऑपरेशन बाईं ओर का क्यों कर दिया? पहले तो डॉक्टरों ने कहा कि रिपोर्ट गलत हो गई होगी। फिर बात बदलते हुए बोले कि सिर्फ स्टंट बाईं ओर डाले हैं, बाकी ऑपरेशन ठीक है। हालांकि, बाद में उन्होंने मान लिया कि गड़बड़ी हुई है। ऑपरेशन दोबारा करने को कहा
तब डॉक्टरों ने कहा कि अब बिना फीस लिए वह दाईं ओर का ऑपरेशन कर देंगे। अजय कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी का ऑपरेशन सिग्नस अस्पताल में डॉ. अशोक गुप्ता ने किया था। गड़बड़ी पाई गई तो वह दोबारा ऑपरेशन करने की कह रहे थे, लेकिन हमने मना कर दिया। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने 24 फरवरी को अन्य अस्पताल में ऑपरेशन कराया। इस मामले की सूचना मेडिकल बोर्ड को दी गई। उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बात करने से बच रहे डॉक्टर
इस मामले पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर अशोक गुप्ता से फोन पर बात करने की कोशिश की गई। पहले उन्होंने फोन उठा लिया। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है। पूरी बात कहे या सुने बिना उन्होंने फौरन फोन काट दिया और स्विच ऑफ कर लिया। वहीं, जब उनके बारे में अस्पताल में बात की गई तो रिसेप्शन से जानकारी मिली कि मामला बिगड़ने के बाद ही डॉ. अशोक गुप्ता अस्पताल से रिजाइन करके चले गए हैं।
हरियाणा विधानसभा इलेक्शन से पहले कांग्रेस-BJP की टेंशन:25 MLA लीड नहीं दिला पाए; शहरों में भाजपा हावी, रिजर्व सीटों पर कांग्रेस फेवरेट
हरियाणा विधानसभा इलेक्शन से पहले कांग्रेस-BJP की टेंशन:25 MLA लीड नहीं दिला पाए; शहरों में भाजपा हावी, रिजर्व सीटों पर कांग्रेस फेवरेट हरियाणा लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों खासकर भाजपा और कांग्रेस की नजर विधानसभा के नतीजों पर है। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 90 विधानसभा सीटों की समीक्षा की जा रही है। 10 लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाली 90 विधानसभाओं में भाजपा और कांग्रेस लगभग बराबर की स्थिति में नजर आईं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा 46 विधानसभाओं में पिछड़ गई है। जबकि कांग्रेस को 44 विधानसभाओं में हार का सामना करना पड़ा। अगर यही हाल रहा तो संकेत साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। जानिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी का हाल
बता दें कि राज्य में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि बीजेपी सिर्फ 4 सीटें ही जीत पाई है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। आप ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। आप ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि बीजेपी ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। हरियाणा के शहरों में कांग्रेस की स्थिति नाजुक
हरियाणा में कुल 23 शहरी सीटें हैं, इन सीटों पर कांग्रेस बीजेपी से पिछड़ गई है। यहां बीजेपी ने 19 और कांग्रेस ने सिर्फ 4 सीटें जीती हैं। वहीं, शहरी ग्रामीण मिश्रित (कस्बों) की 7 सीटों में से बीजेपी ने 3 और कांग्रेस ने 4 सीटें जीती हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के अलावा अन्य मंत्रियों और विधानसभा उपाध्यक्ष की 16 सीटों में से बीजेपी को 11 पर बढ़त मिली है, जबकि 5 पर वह पीछे रही है। भाजपा के 41 विधायकों में से 13 विधायक अपने क्षेत्र में पार्टी को बढ़त नहीं दिला पाए। वहीं, कांग्रेस के कुल 30 विधायकों में से 12 विधायकों के क्षेत्रों में कांग्रेस को बीजेपी से कम वोट मिले हैं। कुल 90 सीटों में से भाजपा ने 44, कांग्रेस ने 42 और आप ने चार विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की है। अब पढ़िए उन विधानसभा सीटों के बारे में जहां से विरोधी दल के उम्मीदवार जीते… इन मंत्रियों-दिग्गजों के गढ़ में पिछड़ी भाजपा
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल, जगाधरी से कंवर पाल, पिहोवा से संदीप सिंह, कलायत से कमलेश ढांडा, आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि, फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल, कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई। अनिल विज की कैंट सहित 44 पर भाजपा जीती
भाजपा के उम्मीदवार इन 44 विधानसभा सीटों में कालका, पंचकूला, अंबाला छावनी, यमुनानगर, रादौर, लाडवा, थानेसर, कैथल, पुंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, करनाल, असंध, घरौंडा, समालखा, पानीपत ग्रामीण, पानीपत, इसराना, राई, सोनीपत, गन्नौर, सफीदों, जींद, बरवाला, हिसार, हांसी, भिवानी, तोराम, महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, बावल, रेवाड़ी, पटौदी, बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, पलवल, तिगांव, बल्लभगढ़, फरीदाबाद, बड़खल, एनआईटी फरीदाबाद में विजयी रहे।