आंदोलनकारी किसानों पर डिजिटल स्ट्राइक:किसान बोले- सोशल मीडिया पेज बंद किए; पंजाब-हरियाणा के किसानों ने डल्लेवाल के लिए अरदास की

आंदोलनकारी किसानों पर डिजिटल स्ट्राइक:किसान बोले- सोशल मीडिया पेज बंद किए; पंजाब-हरियाणा के किसानों ने डल्लेवाल के लिए अरदास की

हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पिछले 10 महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया है। इसके लिए 14 दिसंबर का दिन तय किया है। इससे पहले कल (12 दिसंबर) खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल का संदेश जारी किया जाएगा। वहीं, किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने आज सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग मोर्चे की कामयाबी और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत के लिए अरदास करें। इसके बाद पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों से मंदिरों और गुरुद्वारों से तस्वीरें सामने आईं, जिनमें किसान अरदास करते हुए दिखे।
इसके साथ ही कुछ किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह आंदोलन से जुड़े फोटो-वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंटों (X, फेसबुक और इंस्टाग्राम) पर शेयर करते हैं, लेकिन अब उनके ये सोशल मीडिया पेज बंद किए जा रहे हैं। इसके साथ रीच भी घटा दी गई है। किसान नेता ने फेसबुक पेज बंद होने का मामला उठाया
किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि मंगलवार को वह अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालने लगे तो वह अपलोड नहीं हुई। तब उन्हें पता लगा कि फेसबुक पेज बंद हो गया है। इसके साथ भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह का पेज बंद हुआ है। केंद्र सरकार ही सब कर रही है। मंगलवार को ही लोगों को कहा था कि वह किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करें। हरियाणा पुलिस मजबूत कर रही शेड, बिट्टू बोले हम बातचीत के लिए तैयार किसानों के पंडाल से करीब 500 मीटर की दूरी पर पुल पर बनाए गए शेड को हरियाणा पुलिस मजबूत कर रही है। छत के ऊपर लोहे के एंगल लगाए गए हैं। ताकि कोई ऊपर न चढ़ पाए। इसी जगह से 8 दिसंबर को पुलिस ने किसानों पर पहले फूलों की बारिश और बाद में आंसू गैस के गोले छोड़े थे। वहीं, पटियाला में मीडिया से बातचीत में केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देश के किसानों की बहुत चिंता है। हम खुद किसानों से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसान बताएं कि बातचीत के लिए कहां मिलें। बिट्टू के इस बयान का जवाब देते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और काका कोटड़ा ने कहा कि बिट्‌टू के हर रोज बयान बदलते रहते हैं। किसान बातचीत के लिए तैयार हैं। कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट में कहा-बैठकों में किसान नेता नहीं आए
शंभू बॉर्डर के हालात और किसानों की मांगों का समाधान निकालने के लिए बनाई गई साई पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। अभी फाइनल रिपोर्ट बाकी है। रिपोर्ट में किसान को लेकर जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, कमेटी ने किसान नेताओं को कई बार बुलाया, पर वे नहीं आए। 11-12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब व हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी की बैठक बुलाई। इसमें सुझाव दिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के को-ऑर्डिनेटर जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंधेर को बैठक के लिए बुलाया जाए। दोनों से अनुरोध किया गया कि बैठक के लिए सुविधाजनक तारीख और समय बताएं, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। 18 अक्टूबर को हरियाणा निवास में बैठक बुलाने का निमंत्रण भेजा गया। किसान नेताओं ने समिति के साथ चर्चा के लिए आने में असमर्थता व्यक्त की। किसानों ने सरकारी डॉक्टरों को रोका उधर खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत 16वें दिन में पहुंच गया है। आज उनकी जांच के लिए सरकारी डॉक्क्टरों की टीम पहुंची थी। लेकिन किसानों ने डॉक्टरों की टीम को रोक दिया। किसान नेता काका कोटड़ा का कहना है कि जब लुधियाना अस्पताल में डल्लेवाल को भर्ती किया गया था तो उनकी जांच रिपोर्ट नहीं दी गई थी। कोटड़ा ने कहा कि पहले डॉक्टर उन चार दिनों की रिपोर्ट और पिछले 15 दिनों तक की गई जांच की रिपोर्ट दें। उनका कहना है कि जब तक हमें सरकार रिपोर्ट नहीं देती है। तब तक वह सरकारी डॉक्टरों की टीम को जांच नहीं करने देंगे। अभिमन्यु बोले- 12 दिसंबर की शाम काे खाना न बनाएं
किसान नेता अभिमन्यु सिंह कोहाड़ ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में 12 दिसंबर को सभी देशवासी शाम का भोजन न बनाएं। साथ ही #WeSupportJagjeetSinghDallewal के हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर परिवार सहित तस्वीर साझा करें। 13 तारीख को मोर्चे को 10 महीने हो जाएंगे। ऐसे में वहां पर बड़े समागम होंगे। जबकि 14 को 101 किसानों का तीसरा जत्था दिल्ली के लिए कूच करेगा। किसानों ने 2 बार दिल्ली कूच ती कोशिश की, दोनों बार पीछे हटे… 6 दिसंबर को ढाई घंटे में पीछे हटे किसान
किसानों ने 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इस दिन सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए। कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए। इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने तब कहा कि 8 दिसंबर को किसान दोबारा दिल्ली कूच करेंगे 6 दिसंबर को हरियाणा पुलिस की तरफ से छोड़े गए आंसू गैस के गोलों के कारण 8 किसान घायल हुए थे। 8 दिसंबर को पौने 4 घंटे चला संघर्ष
101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। पुल पर पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का परमिशन लेटर मांगा। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने किसानों को चाय-बिस्किट ऑफर किए और फूल भी बरसाए। फिर भी किसान दिल्ली कूच करने पर अड़े रहे। पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। जिसमें 8 किसान घायल हो गए। करीब पौने 4 घंटे चले घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं ने जत्थे को वापस बुला लिया। इसके बाद किसान नेता पंधेर ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की मीटिंग करने के बाद आगे का फैसला लेंगे। ———————————————– किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… किसान 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे, हाईकोर्ट का शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की याचिका सुनने से इनकार पंजाब के किसान 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे। मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर हुई मीटिंग में इसका फैसला लिया गया। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वहीं पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पिछले 10 महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया है। इसके लिए 14 दिसंबर का दिन तय किया है। इससे पहले कल (12 दिसंबर) खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल का संदेश जारी किया जाएगा। वहीं, किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने आज सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग मोर्चे की कामयाबी और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत के लिए अरदास करें। इसके बाद पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों से मंदिरों और गुरुद्वारों से तस्वीरें सामने आईं, जिनमें किसान अरदास करते हुए दिखे।
इसके साथ ही कुछ किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह आंदोलन से जुड़े फोटो-वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंटों (X, फेसबुक और इंस्टाग्राम) पर शेयर करते हैं, लेकिन अब उनके ये सोशल मीडिया पेज बंद किए जा रहे हैं। इसके साथ रीच भी घटा दी गई है। किसान नेता ने फेसबुक पेज बंद होने का मामला उठाया
किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि मंगलवार को वह अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालने लगे तो वह अपलोड नहीं हुई। तब उन्हें पता लगा कि फेसबुक पेज बंद हो गया है। इसके साथ भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह का पेज बंद हुआ है। केंद्र सरकार ही सब कर रही है। मंगलवार को ही लोगों को कहा था कि वह किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करें। हरियाणा पुलिस मजबूत कर रही शेड, बिट्टू बोले हम बातचीत के लिए तैयार किसानों के पंडाल से करीब 500 मीटर की दूरी पर पुल पर बनाए गए शेड को हरियाणा पुलिस मजबूत कर रही है। छत के ऊपर लोहे के एंगल लगाए गए हैं। ताकि कोई ऊपर न चढ़ पाए। इसी जगह से 8 दिसंबर को पुलिस ने किसानों पर पहले फूलों की बारिश और बाद में आंसू गैस के गोले छोड़े थे। वहीं, पटियाला में मीडिया से बातचीत में केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देश के किसानों की बहुत चिंता है। हम खुद किसानों से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसान बताएं कि बातचीत के लिए कहां मिलें। बिट्टू के इस बयान का जवाब देते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और काका कोटड़ा ने कहा कि बिट्‌टू के हर रोज बयान बदलते रहते हैं। किसान बातचीत के लिए तैयार हैं। कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट में कहा-बैठकों में किसान नेता नहीं आए
शंभू बॉर्डर के हालात और किसानों की मांगों का समाधान निकालने के लिए बनाई गई साई पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। अभी फाइनल रिपोर्ट बाकी है। रिपोर्ट में किसान को लेकर जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, कमेटी ने किसान नेताओं को कई बार बुलाया, पर वे नहीं आए। 11-12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब व हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी की बैठक बुलाई। इसमें सुझाव दिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के को-ऑर्डिनेटर जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंधेर को बैठक के लिए बुलाया जाए। दोनों से अनुरोध किया गया कि बैठक के लिए सुविधाजनक तारीख और समय बताएं, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। 18 अक्टूबर को हरियाणा निवास में बैठक बुलाने का निमंत्रण भेजा गया। किसान नेताओं ने समिति के साथ चर्चा के लिए आने में असमर्थता व्यक्त की। किसानों ने सरकारी डॉक्टरों को रोका उधर खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत 16वें दिन में पहुंच गया है। आज उनकी जांच के लिए सरकारी डॉक्क्टरों की टीम पहुंची थी। लेकिन किसानों ने डॉक्टरों की टीम को रोक दिया। किसान नेता काका कोटड़ा का कहना है कि जब लुधियाना अस्पताल में डल्लेवाल को भर्ती किया गया था तो उनकी जांच रिपोर्ट नहीं दी गई थी। कोटड़ा ने कहा कि पहले डॉक्टर उन चार दिनों की रिपोर्ट और पिछले 15 दिनों तक की गई जांच की रिपोर्ट दें। उनका कहना है कि जब तक हमें सरकार रिपोर्ट नहीं देती है। तब तक वह सरकारी डॉक्टरों की टीम को जांच नहीं करने देंगे। अभिमन्यु बोले- 12 दिसंबर की शाम काे खाना न बनाएं
किसान नेता अभिमन्यु सिंह कोहाड़ ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में 12 दिसंबर को सभी देशवासी शाम का भोजन न बनाएं। साथ ही #WeSupportJagjeetSinghDallewal के हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर परिवार सहित तस्वीर साझा करें। 13 तारीख को मोर्चे को 10 महीने हो जाएंगे। ऐसे में वहां पर बड़े समागम होंगे। जबकि 14 को 101 किसानों का तीसरा जत्था दिल्ली के लिए कूच करेगा। किसानों ने 2 बार दिल्ली कूच ती कोशिश की, दोनों बार पीछे हटे… 6 दिसंबर को ढाई घंटे में पीछे हटे किसान
किसानों ने 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इस दिन सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए। कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए। इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने तब कहा कि 8 दिसंबर को किसान दोबारा दिल्ली कूच करेंगे 6 दिसंबर को हरियाणा पुलिस की तरफ से छोड़े गए आंसू गैस के गोलों के कारण 8 किसान घायल हुए थे। 8 दिसंबर को पौने 4 घंटे चला संघर्ष
101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। पुल पर पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का परमिशन लेटर मांगा। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने किसानों को चाय-बिस्किट ऑफर किए और फूल भी बरसाए। फिर भी किसान दिल्ली कूच करने पर अड़े रहे। पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। जिसमें 8 किसान घायल हो गए। करीब पौने 4 घंटे चले घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं ने जत्थे को वापस बुला लिया। इसके बाद किसान नेता पंधेर ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की मीटिंग करने के बाद आगे का फैसला लेंगे। ———————————————– किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… किसान 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे, हाईकोर्ट का शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की याचिका सुनने से इनकार पंजाब के किसान 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे। मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर हुई मीटिंग में इसका फैसला लिया गया। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वहीं पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। पूरी खबर पढ़ें…   हरियाणा | दैनिक भास्कर