हरियाणा मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) में पॉलिटिकल नियुक्तियां दिग्गजों की लॉबिंग के कारण अटकी हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि बड़े चेहरों की मौजूदगी के कारण फैसला नहीं हो पा रहा है। इनमें चार पूर्व मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं। 2 पूर्व मंत्री मुख्यमंत्री नायब सैनी के करीबी हैं। इन सभी दिग्गजों को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। अब वे राजनीतिक रूप से सक्रिय रहने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि सीएम सैनी CMO को लेकर किसी भी तरह के विवाद से बचना चाहते हैं, इसलिए फिलहाल इन नियुक्तियों को टाल दिया गया है। संभावना है कि दिसंबर के लास्ट और जनवरी के फर्स्ट वीक में इसको लेकर फैसला किया जाए। डेढ़ घंटे खट्टर के साथ सीएम सैनी की चर्चा
केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर 9 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पानीपत आए थे। पानीपत के बाद केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ भी रहे। जहां उनकी सीएम सैनी से हरियाणा भवन में करीब डेढ़ घंटा वन टू वन मीटिंग हुई। इस मीटिंग को लेकर हरियाणा सचिवालय में खूब चर्चा हो रही है। हालांकि मीटिंग में क्या हुआ इसके बारे में कोई कुछ भी नहीं बता रहा है, लेकिन यह जरूर कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में सीएमओ की नियुक्तियों के साथ दूसरे अन्य मुद्दों को लेकर दोनों दिग्गजों के बीच चर्चा हुई है। ये दिग्गज कर रहे लॉबिंग… 1. असीम गोयल: ये सीएम नायब सैनी के करीबी माने जाते हैं। सैनी के फर्स्ट टर्म में इन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। ट्रांसपोर्ट विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि गोयल सीएम के पॉलिटिकल एडवाइजर बनने के इच्छुक हैं। यह भी संभावना है कि पूर्व राज्य मंत्री को सीएमओ के बजाय भाजपा संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी दे दी जाए। 2. कंवर पाल गुर्जर: पूर्व सीएम मनोहर लाल और नायब सैनी के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इस बार चुनाव हार जाने के बाद वह सीएमओ में रहकर राजनीति में एक्टिव रहना चाहते हैं। सीनियर नेता होने के कारण संगठन से लेकर सरकार तक उनकी अच्छी पकड़ है। CMO में अन्य नियुक्तियां लगभग हो चुकी हैं, लेकिन पॉलिटिकल एडवाइजर की एक पोस्ट खाली है, जिसके लिए ये एक्टिव हैं। 3. सुभाष सुधा: थानेसर के पूर्व विधायक हैं। इस बार उन्हें कांग्रेस के अशोक अरोड़ा ने हरा दिया। CM बनने से पहले कुरुक्षेत्र लोकसभा से नायब सैनी सांसद रह चुके हैं। इस दौरान CM और सुधा के अच्छे संबंध बन गए। इसके बाद जब नायब सैनी CM बने तो सुधा को भी राज्य मंत्री बनाया गया। अब फिर से सीएमओ में रहकर एक्टिव रहना चाहते हैं। 4. मनीष ग्रोवर: पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पहले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। 2019 में टिकट नहीं मिली। 2024 में पार्टी ने रोहतक विधानसभा से टिकट दी, लेकिन वह चुनाव हार गए। ग्रोवर पूर्व सीएम खट्टर के करीबी हैं। इसके साथ ही वह संघ में भी सक्रिय रूप से काम करते रहे हैं। संगठन और सरकार का अच्छा अनुभव है। इसलिए सीएमओ में आने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। मीडिया एडवाइजर के लिए भी लॉबिंग
हरियाणा सीएमओ में अभी सीएम के मीडिया एडवाइजर की भी पोस्ट के लिए लॉबिंग चल रही है। अभी इस पोस्ट पर भाजपा प्रवक्ता रह चुके राजीव जेटली काम कर रहे हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ में मीडिया सचिव के रूप में प्रवीण अत्रेय अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अशोक छाबड़ा भी सीएमओ में रहकर मीडिया का काम देख रहे हैं। इन तीनों पोस्टों के लिए भी लॉबिंग के कारण नियुक्तियां नहीं हो पा रही है। बताया जा रहा है कि सीएम सैनी के करीबी पवन सैनी और तुषार को रखने की वकालत कर रहे हैं। वहीं दिल्ली के लिए अलग से एक मीडिया एडवाइजर रखा जाएगा। हरियाणा मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) में पॉलिटिकल नियुक्तियां दिग्गजों की लॉबिंग के कारण अटकी हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि बड़े चेहरों की मौजूदगी के कारण फैसला नहीं हो पा रहा है। इनमें चार पूर्व मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं। 2 पूर्व मंत्री मुख्यमंत्री नायब सैनी के करीबी हैं। इन सभी दिग्गजों को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। अब वे राजनीतिक रूप से सक्रिय रहने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि सीएम सैनी CMO को लेकर किसी भी तरह के विवाद से बचना चाहते हैं, इसलिए फिलहाल इन नियुक्तियों को टाल दिया गया है। संभावना है कि दिसंबर के लास्ट और जनवरी के फर्स्ट वीक में इसको लेकर फैसला किया जाए। डेढ़ घंटे खट्टर के साथ सीएम सैनी की चर्चा
केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर 9 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पानीपत आए थे। पानीपत के बाद केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ भी रहे। जहां उनकी सीएम सैनी से हरियाणा भवन में करीब डेढ़ घंटा वन टू वन मीटिंग हुई। इस मीटिंग को लेकर हरियाणा सचिवालय में खूब चर्चा हो रही है। हालांकि मीटिंग में क्या हुआ इसके बारे में कोई कुछ भी नहीं बता रहा है, लेकिन यह जरूर कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में सीएमओ की नियुक्तियों के साथ दूसरे अन्य मुद्दों को लेकर दोनों दिग्गजों के बीच चर्चा हुई है। ये दिग्गज कर रहे लॉबिंग… 1. असीम गोयल: ये सीएम नायब सैनी के करीबी माने जाते हैं। सैनी के फर्स्ट टर्म में इन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। ट्रांसपोर्ट विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि गोयल सीएम के पॉलिटिकल एडवाइजर बनने के इच्छुक हैं। यह भी संभावना है कि पूर्व राज्य मंत्री को सीएमओ के बजाय भाजपा संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी दे दी जाए। 2. कंवर पाल गुर्जर: पूर्व सीएम मनोहर लाल और नायब सैनी के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इस बार चुनाव हार जाने के बाद वह सीएमओ में रहकर राजनीति में एक्टिव रहना चाहते हैं। सीनियर नेता होने के कारण संगठन से लेकर सरकार तक उनकी अच्छी पकड़ है। CMO में अन्य नियुक्तियां लगभग हो चुकी हैं, लेकिन पॉलिटिकल एडवाइजर की एक पोस्ट खाली है, जिसके लिए ये एक्टिव हैं। 3. सुभाष सुधा: थानेसर के पूर्व विधायक हैं। इस बार उन्हें कांग्रेस के अशोक अरोड़ा ने हरा दिया। CM बनने से पहले कुरुक्षेत्र लोकसभा से नायब सैनी सांसद रह चुके हैं। इस दौरान CM और सुधा के अच्छे संबंध बन गए। इसके बाद जब नायब सैनी CM बने तो सुधा को भी राज्य मंत्री बनाया गया। अब फिर से सीएमओ में रहकर एक्टिव रहना चाहते हैं। 4. मनीष ग्रोवर: पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पहले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। 2019 में टिकट नहीं मिली। 2024 में पार्टी ने रोहतक विधानसभा से टिकट दी, लेकिन वह चुनाव हार गए। ग्रोवर पूर्व सीएम खट्टर के करीबी हैं। इसके साथ ही वह संघ में भी सक्रिय रूप से काम करते रहे हैं। संगठन और सरकार का अच्छा अनुभव है। इसलिए सीएमओ में आने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। मीडिया एडवाइजर के लिए भी लॉबिंग
हरियाणा सीएमओ में अभी सीएम के मीडिया एडवाइजर की भी पोस्ट के लिए लॉबिंग चल रही है। अभी इस पोस्ट पर भाजपा प्रवक्ता रह चुके राजीव जेटली काम कर रहे हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ में मीडिया सचिव के रूप में प्रवीण अत्रेय अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अशोक छाबड़ा भी सीएमओ में रहकर मीडिया का काम देख रहे हैं। इन तीनों पोस्टों के लिए भी लॉबिंग के कारण नियुक्तियां नहीं हो पा रही है। बताया जा रहा है कि सीएम सैनी के करीबी पवन सैनी और तुषार को रखने की वकालत कर रहे हैं। वहीं दिल्ली के लिए अलग से एक मीडिया एडवाइजर रखा जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर