पंजाब के बटाला में गनी के बांगर थाने पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया। लेकिन किसी कारण से ग्रेनेड फटा नहीं, जिससे बड़ा हादसा टल गया। बता दें कि पंजाब में पुलिस थानों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले अमृतसर और नवांशहर में इस तरह के हमले हो चुके हैं। हालांकि बटाला के पुलिस अधिकारियों की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। बीती रात करीब साढ़े दस बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने गनी के बांगर थाने पर ग्रेनेड फेंका। लेकिन ग्रेनेड फटा नहीं। ग्रेनेड हमले की सूचना पुलिस को सुबह मिली, जिसके बाद एसएसपी सोहेल कासिम मीर समेत अन्य अधिकारी और जांच एजेंसियां मौके पर पहुंच गईं। सूत्रों के अनुसार दो युवक बाइक पर आए थे। जिन्होंने थाने में बाहर से एक वस्तू फेंकी। सीसीटीवी कैमरों की मदद से थाने पर हमला करने वाले युवकों का पता लगाया जा रहा है। हमले की साजिश का खुलासा होने के बाद पुलिस तुरंत सतर्क हो गई। देर रात घटना की सूचना मिलने के बाद एडीजीपी पंजाब नौनिहाल सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। हालांकि पुलिस ने इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की है और एडीजीपी के दौरे को रूटीन दौरा बताया है। पुलिस चौकी पर फेंका गया हैंड ग्रेनेड अमृतसर में बीते दिन रात करीब 3 बजे हैंड ग्रेनेड फेंका गया था। बीते साल बंद की जा चुकी गुरबख्श नगर चौकी में हुए इस बम धमाके से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। हालांकि पुलिस द्वारा इसे लेकर कोई भी पुष्टि नहीं की है कि ये हैंड ग्रेनेड ही था या कुछ और। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में चुप्पी साधी हुई है। पंजाब पुलिस के फोरेंसिक टीम से जुड़े सूत्रों की मानें तो उक्त जगह पर कई संदिग्ध चीजें मिली हैं, जोकि हैंड ग्रेनेड होने की संभावनाओं को बढ़ाता है। जल्द अमृतसर पुलिस के अधिकारी इसे लेकर खुलासा कर सकते हैं। अजनाला थाने के बाहर रखवाया था आईईडी अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर बीते दिन मिले बम के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी हैप्पी पासिया और गोपी नवांशहरिया का नाम सामने आया था। बम में आरडीएक्स का उपयोग किया गया था। बम का वजन करीब 800 ग्राम था। पुलिस थाने की सीसीटीवी भी सामने आई थी, जिसमें दो युवक आए और आईईडी थाने के एक साइड पर रख कर उसका डेटोनेटर थाने के दरवाजे पर लगा दिया था। जिससे कोई भी थाने का दरवाजा खोले तो ब्लास्ट हो जाए। मगर गनीमत रही थी कि उक्त बम तकनीकी कारण के चलते फटा नहीं और कई मुलाजिमों की जान बच गई। पंजाब के बटाला में गनी के बांगर थाने पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया। लेकिन किसी कारण से ग्रेनेड फटा नहीं, जिससे बड़ा हादसा टल गया। बता दें कि पंजाब में पुलिस थानों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले अमृतसर और नवांशहर में इस तरह के हमले हो चुके हैं। हालांकि बटाला के पुलिस अधिकारियों की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। बीती रात करीब साढ़े दस बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने गनी के बांगर थाने पर ग्रेनेड फेंका। लेकिन ग्रेनेड फटा नहीं। ग्रेनेड हमले की सूचना पुलिस को सुबह मिली, जिसके बाद एसएसपी सोहेल कासिम मीर समेत अन्य अधिकारी और जांच एजेंसियां मौके पर पहुंच गईं। सूत्रों के अनुसार दो युवक बाइक पर आए थे। जिन्होंने थाने में बाहर से एक वस्तू फेंकी। सीसीटीवी कैमरों की मदद से थाने पर हमला करने वाले युवकों का पता लगाया जा रहा है। हमले की साजिश का खुलासा होने के बाद पुलिस तुरंत सतर्क हो गई। देर रात घटना की सूचना मिलने के बाद एडीजीपी पंजाब नौनिहाल सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। हालांकि पुलिस ने इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की है और एडीजीपी के दौरे को रूटीन दौरा बताया है। पुलिस चौकी पर फेंका गया हैंड ग्रेनेड अमृतसर में बीते दिन रात करीब 3 बजे हैंड ग्रेनेड फेंका गया था। बीते साल बंद की जा चुकी गुरबख्श नगर चौकी में हुए इस बम धमाके से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। हालांकि पुलिस द्वारा इसे लेकर कोई भी पुष्टि नहीं की है कि ये हैंड ग्रेनेड ही था या कुछ और। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में चुप्पी साधी हुई है। पंजाब पुलिस के फोरेंसिक टीम से जुड़े सूत्रों की मानें तो उक्त जगह पर कई संदिग्ध चीजें मिली हैं, जोकि हैंड ग्रेनेड होने की संभावनाओं को बढ़ाता है। जल्द अमृतसर पुलिस के अधिकारी इसे लेकर खुलासा कर सकते हैं। अजनाला थाने के बाहर रखवाया था आईईडी अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर बीते दिन मिले बम के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी हैप्पी पासिया और गोपी नवांशहरिया का नाम सामने आया था। बम में आरडीएक्स का उपयोग किया गया था। बम का वजन करीब 800 ग्राम था। पुलिस थाने की सीसीटीवी भी सामने आई थी, जिसमें दो युवक आए और आईईडी थाने के एक साइड पर रख कर उसका डेटोनेटर थाने के दरवाजे पर लगा दिया था। जिससे कोई भी थाने का दरवाजा खोले तो ब्लास्ट हो जाए। मगर गनीमत रही थी कि उक्त बम तकनीकी कारण के चलते फटा नहीं और कई मुलाजिमों की जान बच गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फतेहगढ़ साहिब के सिविल अस्पताल में डॉ. इरविन प्रीत कौर ने बताया है कि रेल हादसे के बाद उनके यहां दो लोको पायलट लाए गए थे। उनकी पहचान विकास कुमार और हिमांशु कुमार निवासी सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के तौर पर हुई है। विकास को हेड इंजरी है और हिमांशु के पीठ में चोट आई है। इन दोनों को फर्स्ट एड देने के बाद पटियाला रेफर किया गया। अंबाला से लुधियाना अप लाइन ठप
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विजय रूपाणी को फिर पंजाब BJP की जिम्मेदारी:पार्टी हाईकमान ने लिया फैसला, लोकसभा चुनाव में पार्टी का बढ़ा वोट शेयर लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सभी राज्यों के संगठन में बदलाव किया गया। हालांकि पंजाब के एक बार फिर से गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपानी को जिम्मेदारी दी गई, जबकि डॉ. नरिंदर सिंह को सह प्रभारी बनाया गया है। दोनों पहले से ही इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से यह आदेश जारी किए गए हैं।
पंजाब की झांकी 26 जनवरी की परेड में होगी शामिल:बीते साल हुआ था विवाद; 15 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां होगी शामिल
पंजाब की झांकी 26 जनवरी की परेड में होगी शामिल:बीते साल हुआ था विवाद; 15 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां होगी शामिल गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड के लिए पंजाब की झांकी को चयनित किया गया है। यह झांकी पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाएगी। हालांकि शहीदों पर आधारित झांकी के बीते साल चयनित ना होने पर काफी विवाद हुआ था और सीएम भगवंत मान ने केंद्र पर भेदभाव के आरोप लगा दिए थे। इस बार परेड में कुल 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी। इनमें बिहार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हरियाणा शामिल हैं। पंजाब की झांकी हर बार अपनी जीवंत और रंगीन प्रस्तुति के लिए जानी जाती है। इस वर्ष झांकी में राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को उकेरा जाएगा, जिसमें सिख विरासत, भांगड़ा, गिद्दा, कृषि परंपराएं और स्वर्ण मंदिर जैसे अद्भुत प्रतीक शामिल होने की संभावना है। बीते साल रिजेक्ट की थी झांकियां बीते साल 26 जनवरी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से झांकियों को रद्द किया गया था, साथ ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से दिल्ली में होने वाले भारत पर्व में पंजाब की झांकी को भेजने की बात कहीं थी, उस समय राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कह दिया था कि वह रिजेक्ट कैटेगरी में पंजाब की झांकी नहीं भेजेंगे। वहीं, पंजाब और दिल्ली में पर खुद पंजाब की झांकियां निकालेंगे। ताकि लोगों को पंजाब के अमीर विरासत से रुबरू करवाया जा सके। सीएम मान ने कहा था कि हम अपने शहीद भगत सिंह, सुखदेव सिंह, लाला लाजपतराय, उधम सिंह माई भागो, करतार सिंह सराभा, गदरी बाबे और महाराजा रणजीत सिंह की कुर्बानियों का सम्मान करना जानते हैं। गांव-गांव घुमाई गई थी झांकियां बीते साल झांकियों के रिजेक्ट होने के बाद सीएम भगवंत मान ने आदेश दिया था कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाली परेड से बाहर हुई पंजाब की झांकियां आगामी लोकसभा चुनाव तक राज्य के हर गली मोहल्ले में जाएगी। पंजाब सरकार की योजना बनाई थी कि झांकियों को उसी स्टाइल में पंजाब में घुमाया जाएगा, जिस तरह गणतंत्र दिवस की परेड में उन्हें दिखाया जाता है। इन्हें बाकायदा ट्रॉलियों पर सजाया गया और प्रत्येक विधानसभा हलके के प्रत्येक गांव में इन्हें ले जाया गया।