संसद में संभल हिंसा पर बोलीं प्रियंका गांधी:कहा-मृतकों के परिवार से मिली, दो बच्चे थे; एक बच्चा मेरे बच्चे की उम्र का है

संसद में संभल हिंसा पर बोलीं प्रियंका गांधी:कहा-मृतकों के परिवार से मिली, दो बच्चे थे; एक बच्चा मेरे बच्चे की उम्र का है

शीतकालीन सत्र पर शुक्रवार को प्रियंका गंधी ने पार्लियामेंट में पहली बार संबोधन दिया। उन्होंने कई मुद्दों को उठाया। संभल में हुई हिंसा में उन्होंने उन बच्चों का जिक्र किया, जिनके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “संभल के शोकाकुल परिवारों से कुछ लोग हमसे मिलने आए थे। उनमें दो बच्चे थे, अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा। वह हर रोज की तरह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने गए थे और उन्हें नहीं पता था कि दंगा हो जाएगा। वह अपनी दुकान पर पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। 17 साल के अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और उम्मीद उसके दिल में भारत के संविधान ने डाली थी।”” प्रियंका ने उन्नाव रेप पीड़ित का जिक्र किया ये ज्योत मैंने देश में खुद देखी। उन्नाव में मैं रेप पीड़़िता के घर गई, 20-21 साल की होगी। हम सबके बच्चे हैं, हम सोच सकते हैं कि बेटी के साथ बार-बार बलात्कार हुआ। लड़ने गई तो उसे मार डाला गया, क्या बीतती होगी। खेत जला दिए, भाई को मारा, घर को मारा। पिता ने मुझे बताया कि बेटी मुझे न्याय चाहिए। मेरी बेटी FIR दर्ज करने के लिए जिले में गई तो मना कर दिया गया। अगले जिल में जाना पड़ा। रोज सुबह अगले जिले जाती थी केस लड़ने। मैंने मना किया कि ये ल़ड़ाई छोड़ दो। उसने पिता को जवाब दिया कि पिताजी ये मेरी लड़ाई है, मैं लड़ूंगी। ये हिम्मत संविधान ने दी। प्रियंका ने पुलिस पिटाई में मारे गए अरुण वाल्मीकि का जिक्र किया आगरा में पुलिस स्टेशन में सफाई करने वाले अरुण वाल्मीकि के घर गई। स्टेशन में चोरी हुई उस पर इल्जाम लगाया गया। पूरा परिवार उठाकर पुलिस स्टेशन ले गए। पीट-पीटकर मार डाला, बीवी को पीटा, पिता के नाखून निकाले, पूरे परिवार को पीटा। जवान विधवा से मिलने गई तो उसने कहा- दीदी हमें सिर्फ न्याय चाहिए, हम लड़ते रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए। ये हिम्मत संविधान ने दी। अखिलेश बोले- मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम चल रहा
20 करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम चल रहा है। घर तोड़े जा रहे हैं, उनके पूजा स्थलों पर कार्रवाई की जा रही है। धर्मनिरपेक्ष शासन की क्या यह परिभाषा है। यूपी में इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं। जिस समय यूपी का इलेक्शन चल रहा था, वोट डालने वालों को रोका गया। जो लोग वोट डालने वालों को डराया जा रहा था। ऐसे इंतजाम थे कि वो बूथ तक ना पहुंच पाएं। तस्वीरें पूरे देश और दुनिया ने देखी थीं कि यूपी सरकार के इशारे पर पुलिस अधिकारी ने रिवॉल्वर दिखाकर महिलाओं को वोट डालने से रोका। महिलाओं की बहादुरी की मैें तारीफ करता हूं। अखिलेश बोले- पहले इंजिन टकराते थे और अब डिब्बे भी टकराने लगे हैं
जेल के भीतर हत्याएं हो रही हैं, ED का कानून बिना FIR और नोटिस के किसी को भी जेल में डाल दे रहे हैं। जो हालात यूपी में हैं ऐसे हालात कहीं देखने को नहीं मिल रहे हैं। एक घटना नहीं, तमाम घटनाएं हैं। न्याय मांगने के लिए लोगों को आत्मदाह करना पड़ रहा है। सीएम आवास तक पर आत्मदाह। टीवी पर चलते हुए लोगों की जान ले ली गई। कस्टोडियल डेथ में देश सबसे आगे है, महिला उत्पीड़न में सबसे आगे है। सरकार के आंकड़े बता रहे हैं। नए जमाने का डिजिटल इंडिया है, साइबर अपराधों में सबसे आगे उत्तर प्रदेश है। कभी कभी डबल इंजन की सरकार का दावा करते थे। पहले इंजिन टकराते थे और अब डिब्बे भी टकराने लगे हैं। ये भी पढ़ेंः- फेरों से पहले दूल्हा बोला-शादी की तो प्रेमिका मर जाएगी:हरदोई में स्टेज से पर किया इनकार, बिना दुल्हन के लौटी बारात हरदोई में सात फेरों से पहले दूल्हे को प्रेमिका की याद आ गई। उसने शादी से इनकार कर दिया। कहा- अगर शादी कर ली, तो प्रेमिका जान दे देगी। 2 घंटे तक घरवाले दूल्हे को मनाते रहे, लेकिन शादी न करने की जिद पर अड़ा रहा। लड़की के परिवार ने पुलिस बुला ली। पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई। थानेदार ने समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। समझौते के तहत दूल्हे ने लड़की पक्ष को 9 लाख रुपए दिए। फिर बारात बिना दुल्हन के लौट गई। यह पूरा मामला माधौगंज कस्बे का है। पढ़ें पूरी खबर… शीतकालीन सत्र पर शुक्रवार को प्रियंका गंधी ने पार्लियामेंट में पहली बार संबोधन दिया। उन्होंने कई मुद्दों को उठाया। संभल में हुई हिंसा में उन्होंने उन बच्चों का जिक्र किया, जिनके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “संभल के शोकाकुल परिवारों से कुछ लोग हमसे मिलने आए थे। उनमें दो बच्चे थे, अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा। वह हर रोज की तरह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने गए थे और उन्हें नहीं पता था कि दंगा हो जाएगा। वह अपनी दुकान पर पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। 17 साल के अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और उम्मीद उसके दिल में भारत के संविधान ने डाली थी।”” प्रियंका ने उन्नाव रेप पीड़ित का जिक्र किया ये ज्योत मैंने देश में खुद देखी। उन्नाव में मैं रेप पीड़़िता के घर गई, 20-21 साल की होगी। हम सबके बच्चे हैं, हम सोच सकते हैं कि बेटी के साथ बार-बार बलात्कार हुआ। लड़ने गई तो उसे मार डाला गया, क्या बीतती होगी। खेत जला दिए, भाई को मारा, घर को मारा। पिता ने मुझे बताया कि बेटी मुझे न्याय चाहिए। मेरी बेटी FIR दर्ज करने के लिए जिले में गई तो मना कर दिया गया। अगले जिल में जाना पड़ा। रोज सुबह अगले जिले जाती थी केस लड़ने। मैंने मना किया कि ये ल़ड़ाई छोड़ दो। उसने पिता को जवाब दिया कि पिताजी ये मेरी लड़ाई है, मैं लड़ूंगी। ये हिम्मत संविधान ने दी। प्रियंका ने पुलिस पिटाई में मारे गए अरुण वाल्मीकि का जिक्र किया आगरा में पुलिस स्टेशन में सफाई करने वाले अरुण वाल्मीकि के घर गई। स्टेशन में चोरी हुई उस पर इल्जाम लगाया गया। पूरा परिवार उठाकर पुलिस स्टेशन ले गए। पीट-पीटकर मार डाला, बीवी को पीटा, पिता के नाखून निकाले, पूरे परिवार को पीटा। जवान विधवा से मिलने गई तो उसने कहा- दीदी हमें सिर्फ न्याय चाहिए, हम लड़ते रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए। ये हिम्मत संविधान ने दी। अखिलेश बोले- मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम चल रहा
20 करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम चल रहा है। घर तोड़े जा रहे हैं, उनके पूजा स्थलों पर कार्रवाई की जा रही है। धर्मनिरपेक्ष शासन की क्या यह परिभाषा है। यूपी में इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं। जिस समय यूपी का इलेक्शन चल रहा था, वोट डालने वालों को रोका गया। जो लोग वोट डालने वालों को डराया जा रहा था। ऐसे इंतजाम थे कि वो बूथ तक ना पहुंच पाएं। तस्वीरें पूरे देश और दुनिया ने देखी थीं कि यूपी सरकार के इशारे पर पुलिस अधिकारी ने रिवॉल्वर दिखाकर महिलाओं को वोट डालने से रोका। महिलाओं की बहादुरी की मैें तारीफ करता हूं। अखिलेश बोले- पहले इंजिन टकराते थे और अब डिब्बे भी टकराने लगे हैं
जेल के भीतर हत्याएं हो रही हैं, ED का कानून बिना FIR और नोटिस के किसी को भी जेल में डाल दे रहे हैं। जो हालात यूपी में हैं ऐसे हालात कहीं देखने को नहीं मिल रहे हैं। एक घटना नहीं, तमाम घटनाएं हैं। न्याय मांगने के लिए लोगों को आत्मदाह करना पड़ रहा है। सीएम आवास तक पर आत्मदाह। टीवी पर चलते हुए लोगों की जान ले ली गई। कस्टोडियल डेथ में देश सबसे आगे है, महिला उत्पीड़न में सबसे आगे है। सरकार के आंकड़े बता रहे हैं। नए जमाने का डिजिटल इंडिया है, साइबर अपराधों में सबसे आगे उत्तर प्रदेश है। कभी कभी डबल इंजन की सरकार का दावा करते थे। पहले इंजिन टकराते थे और अब डिब्बे भी टकराने लगे हैं। ये भी पढ़ेंः- फेरों से पहले दूल्हा बोला-शादी की तो प्रेमिका मर जाएगी:हरदोई में स्टेज से पर किया इनकार, बिना दुल्हन के लौटी बारात हरदोई में सात फेरों से पहले दूल्हे को प्रेमिका की याद आ गई। उसने शादी से इनकार कर दिया। कहा- अगर शादी कर ली, तो प्रेमिका जान दे देगी। 2 घंटे तक घरवाले दूल्हे को मनाते रहे, लेकिन शादी न करने की जिद पर अड़ा रहा। लड़की के परिवार ने पुलिस बुला ली। पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई। थानेदार ने समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। समझौते के तहत दूल्हे ने लड़की पक्ष को 9 लाख रुपए दिए। फिर बारात बिना दुल्हन के लौट गई। यह पूरा मामला माधौगंज कस्बे का है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर