लुधियाना में 54 डाइंगों पर होगी कार्रवाई:बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने के आरोप, कोर्ट ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट

लुधियाना में 54 डाइंगों पर होगी कार्रवाई:बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने के आरोप, कोर्ट ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट

पंजाब के लुधियाना में बुड्ढा दरिया प्रदूषित हो चुका है। रंगाई और डेयरियों का गंदा पानी बुड्ढा दरिया में डाला जा रहा है, जिससे बीमारियां भी फैल रही हैं। बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ टीम काला पानी दा मोर्चा ने कोर्ट में केस भी दायर किया है। इसी बीच अब एनजीटी ने प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। जिसमें बुड्ढा दरिया के मौजूदा हालातों पर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस बीच एनजीटी ने 54 ऐसी रंगाई इकाइयों की सूची भेजी है जिन पर बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने का आरोप है। नगर निगम की सीवर लाइनों में बिना उपचारित गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। बुड्ढा दरिया के मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च 2025 को है। प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को सुनवाई से एक सप्ताह पहले कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज अपनाया पीपीसीबी के मुख्य अभियंता आर.के. रात्रा ने न्यायाधिकरण को दिए अपने ज्ञापन में बुड्ढा दरिया क्षेत्र में 54 रंगाई इकाइयों की मौजूदगी की जानकारी दी है। इनमें 11 बड़ी इकाइयां और 43 मध्यम और छोटी इकाइयां शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्रणाली अपनाई है, एक को बंद कर दिया गया है और 9 अभी भी चालू हैं। उन्होंने कहा कि मध्यम और छोटी इकाइयों सहित 10 इकाइयों को बंद कर दिया गया है, लेकिन अन्य बंद करने या गतिविधियों को स्थानांतरित करने के निर्देशों के बावजूद अभी भी चालू हैं। इन इकाइयों के लिए जेडएलडी अपनाने या सीईटीपी से सटे क्षेत्रों में जाने की मूल समय सीमा छोटी और मध्यम इकाइयों के लिए 31 मार्च, 2023 और बड़ी इकाइयों के लिए 30 जून, 2023 थी। पीपीसीबी ने एनजीटी को सूचित किया कि वह उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण मुआवजा लगा रहा है। रात्रा ने न्यायाधिकरण को आश्वासन दिया कि गैर-अनुपालन इकाइयों को 1 सप्ताह के भीतर बंद करने के लिए पीपीसीबी अध्यक्ष को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। कानूनी मानदंडों के अनुसार, अध्यक्ष दो सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय ले सकते हैं। अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, निगम की सीवर लाइनों में नहीं डाला जा सकता एनजीटी ने 10 अक्टूबर, 2019 के पहले के आदेशों का हवाला दिया, जिसमें राज्य सरकार ने निर्देश दिया था कि कोई भी औद्योगिक अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, आंशिक रूप से उपचारित हो या बिना उपचारित हो। वह लुधियाना नगर निगम की सीवर लाइनों में पानी नहीं डाल सकता। लुधियाना नगर निगम को ऐसे सीवर कनेक्शन काटने का निर्देश दिया गया। एनजीटी ने अब पीपीसीबी के सदस्य सचिव को अगली रिपोर्ट में सभी संबंधित आदेशों और दस्तावेजों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने मीडिया को बताया कि हम 20 मार्च, 2025 को होने वाली सुनवाई से एक सप्ताह पहले एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेंगे और एनजीटी के आदेशों का जवाब देंगे। सभी कार्रवाई पर्यावरण मानदंडों के अनुसार होगी। पंजाब के लुधियाना में बुड्ढा दरिया प्रदूषित हो चुका है। रंगाई और डेयरियों का गंदा पानी बुड्ढा दरिया में डाला जा रहा है, जिससे बीमारियां भी फैल रही हैं। बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ टीम काला पानी दा मोर्चा ने कोर्ट में केस भी दायर किया है। इसी बीच अब एनजीटी ने प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। जिसमें बुड्ढा दरिया के मौजूदा हालातों पर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस बीच एनजीटी ने 54 ऐसी रंगाई इकाइयों की सूची भेजी है जिन पर बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने का आरोप है। नगर निगम की सीवर लाइनों में बिना उपचारित गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। बुड्ढा दरिया के मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च 2025 को है। प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को सुनवाई से एक सप्ताह पहले कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज अपनाया पीपीसीबी के मुख्य अभियंता आर.के. रात्रा ने न्यायाधिकरण को दिए अपने ज्ञापन में बुड्ढा दरिया क्षेत्र में 54 रंगाई इकाइयों की मौजूदगी की जानकारी दी है। इनमें 11 बड़ी इकाइयां और 43 मध्यम और छोटी इकाइयां शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्रणाली अपनाई है, एक को बंद कर दिया गया है और 9 अभी भी चालू हैं। उन्होंने कहा कि मध्यम और छोटी इकाइयों सहित 10 इकाइयों को बंद कर दिया गया है, लेकिन अन्य बंद करने या गतिविधियों को स्थानांतरित करने के निर्देशों के बावजूद अभी भी चालू हैं। इन इकाइयों के लिए जेडएलडी अपनाने या सीईटीपी से सटे क्षेत्रों में जाने की मूल समय सीमा छोटी और मध्यम इकाइयों के लिए 31 मार्च, 2023 और बड़ी इकाइयों के लिए 30 जून, 2023 थी। पीपीसीबी ने एनजीटी को सूचित किया कि वह उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण मुआवजा लगा रहा है। रात्रा ने न्यायाधिकरण को आश्वासन दिया कि गैर-अनुपालन इकाइयों को 1 सप्ताह के भीतर बंद करने के लिए पीपीसीबी अध्यक्ष को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। कानूनी मानदंडों के अनुसार, अध्यक्ष दो सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय ले सकते हैं। अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, निगम की सीवर लाइनों में नहीं डाला जा सकता एनजीटी ने 10 अक्टूबर, 2019 के पहले के आदेशों का हवाला दिया, जिसमें राज्य सरकार ने निर्देश दिया था कि कोई भी औद्योगिक अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, आंशिक रूप से उपचारित हो या बिना उपचारित हो। वह लुधियाना नगर निगम की सीवर लाइनों में पानी नहीं डाल सकता। लुधियाना नगर निगम को ऐसे सीवर कनेक्शन काटने का निर्देश दिया गया। एनजीटी ने अब पीपीसीबी के सदस्य सचिव को अगली रिपोर्ट में सभी संबंधित आदेशों और दस्तावेजों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने मीडिया को बताया कि हम 20 मार्च, 2025 को होने वाली सुनवाई से एक सप्ताह पहले एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेंगे और एनजीटी के आदेशों का जवाब देंगे। सभी कार्रवाई पर्यावरण मानदंडों के अनुसार होगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर