अमृतसर के ग्रामीण क्षेत्र में थाना घरिंडा के अंतर्गत आने वाली चौकी खासा में पुलिस हिरासत में रखे गए एक युवक की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि मृतक ने अपनी ही रिवाल्वर से खुद को गोली मारी है, जबकि परिवार इसे आत्महत्या मानने से इनकार कर रहा है। डीएसपी लखविंदर सिंह कलेर ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। मृतक की पहचान मनजीत सिंह के रूप में हुई है, जो गांव खासा का निवासी था और हेल्थ क्लब का मालिक था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, युवक को मुखबिर की सूचना के आधार पर हिरासत में लिया गया था। जिसने अपने लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली। पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि हिरासत में लेते समय मृतक मनजीत सिंह की तलाशी नहीं ली गई थी और उसने अपनी ही रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। डीसीपी लखविंदर सिंह कलेर ने बताया कि पुलिस द्वारा जांच की जा रही है और जांच के बाद सभी तथ्य सामने आएंगे। मृतक के परिवार ने इस घटना को आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया है। परिवार ने लगाए पुलिस पर आरोप मृतक के परिजनों का कहना है कि मनजीत सिंह युवाओं को नशे से दूर रखने और सिखी के लिए प्रेरित करने का काम करता था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा जानबूझकर मनजीत के खिलाफ साजिश रची गई है। परिवार ने यह भी मांग की है कि चौकी खासा के उन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो। देर रात पुलिस ने परिवार को दी सूचना परिजनों ने आरोप लगाया कि मनजीत सिंह को सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया और देर शाम यह घटना सामने आई। सूत्रों के अनुसार, चौकी खासा के एक पुलिस अधिकारी जसविंदर सिंह ने मनजीत शक के आधार पर गिरफ्तार किया था। घटना के बाद मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों ने थाना घरिंडा का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस प्रशासन की तरफ से इस मामले में राजीनामा करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। अमृतसर के ग्रामीण क्षेत्र में थाना घरिंडा के अंतर्गत आने वाली चौकी खासा में पुलिस हिरासत में रखे गए एक युवक की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि मृतक ने अपनी ही रिवाल्वर से खुद को गोली मारी है, जबकि परिवार इसे आत्महत्या मानने से इनकार कर रहा है। डीएसपी लखविंदर सिंह कलेर ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। मृतक की पहचान मनजीत सिंह के रूप में हुई है, जो गांव खासा का निवासी था और हेल्थ क्लब का मालिक था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, युवक को मुखबिर की सूचना के आधार पर हिरासत में लिया गया था। जिसने अपने लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली। पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि हिरासत में लेते समय मृतक मनजीत सिंह की तलाशी नहीं ली गई थी और उसने अपनी ही रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। डीसीपी लखविंदर सिंह कलेर ने बताया कि पुलिस द्वारा जांच की जा रही है और जांच के बाद सभी तथ्य सामने आएंगे। मृतक के परिवार ने इस घटना को आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया है। परिवार ने लगाए पुलिस पर आरोप मृतक के परिजनों का कहना है कि मनजीत सिंह युवाओं को नशे से दूर रखने और सिखी के लिए प्रेरित करने का काम करता था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा जानबूझकर मनजीत के खिलाफ साजिश रची गई है। परिवार ने यह भी मांग की है कि चौकी खासा के उन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो। देर रात पुलिस ने परिवार को दी सूचना परिजनों ने आरोप लगाया कि मनजीत सिंह को सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया और देर शाम यह घटना सामने आई। सूत्रों के अनुसार, चौकी खासा के एक पुलिस अधिकारी जसविंदर सिंह ने मनजीत शक के आधार पर गिरफ्तार किया था। घटना के बाद मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों ने थाना घरिंडा का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस प्रशासन की तरफ से इस मामले में राजीनामा करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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एसएचओ रोहित कुमार ने बताया कि दोराहा थाना में अशोक कुमार, उसके पिता जोगिंदर यादव, बहन सुनीता देवी, पत्नी प्रीतमा देवी और भाई अखिलेश यादव के खिलाफ मारपीट करने और सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज किया। जोगिंदर यादव, अशोक कुमार और प्रीतमा देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है।