जब मेरी शादी हुई तब लड़की देखने जाने से लेकर शादी के लिए हां करने तक काफी हंसी-खुशी भरा माहौल था। घरातियों और बारातियों ने परमानंद के साथ मेरा विवाह संपन्न कराया। बारात पहुंचने से लेकर खच्चर पर बैठकर मेरे दुल्हन के घर जाने और मित्रों के मदहोश होकर बारात की शोभा बढ़ाने के लिए उनके नाचने के किस्से अविस्मरणीय रहे। बहरहाल शादी संपन्न हो गई और उसके बाद विदाई का समय आया तो दृश्य काफी रुदनकारी हुआ। उसका असर ये हुआ कि मैं रोया तो नहीं, लेकिन रोने में कुछ बाकी भी नहीं रहा! जितना समय फेरों में लगा था, उतना ही रोने में भी लगा। मुझे आज तक पता ही नहीं चल पाया कि उस दिन विदा के समय मेरी पत्नी रो रही थी, या अंदर ही अंदर हंस रही थी! ससुरालवालों ने बारातियों को एक-एक रुपया और एक गिलास देकर अपना नाम दानवीरों की सूची में दर्ज कर लिया था। हर गिलास पर दानवीर का नाम था, ताकि दान का पुण्य किसी और के खाते में न चला जाए! उस समय एक गाना हर ब्याह में बजता था, ‘बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले…’ और सब रो पड़ते थे। मुझे याद है, मेरी बहन की विदाई हुई तो वो रो नहीं रही थी। वो तब रोई, जब यह गाना बजाया गया। फिर वो रोते-रोते ससुराल जा सकी। इस गीत से दहल कर सारे घराती-बाराती रोने लगते थे। बाद में लड़की को मायके की याद तो नहीं आती थी, लेकिन ससुराल वालों को नानी जरूर याद आ जाती थी। बहरहाल, विदाई करा कर हम बलरामपुर से दिल्ली की ओर चले। तब लड़की के साथ विदाई में एक बच्चा भेजा जाता था, इसलिए मेरा छोटा साला भी साथ आया था। बलरामपुर सीमा पार हुई तो मैंने अपनी पत्नी से कहा, ‘बलरामपुर निकल गया। थोड़ी देर बाद पत्नी ने घूंघट उठाया तब पता चला कि छोरी तो वही है, जो मैं समझ रहा था। उसने पहला वाक्य बोला, ‘प्राणनाथ, मैं जिंदगी भर तुम्हारी सेवा करूंगी।’ कवि दूर दृष्टि रखता है। मैंने उसी दूर दृष्टि का प्रयोग करके समझ लिया कि इस ‘प्राणनाथ’ के या तो प्राण पी लिए जाएंगे या फिर इसके नाथ में ‘अ’ जोड़कर इसे अनाथ कर दिया जाएगा। फिर भी मैं यह सोचकर खुश था कि एक अदद दुल्हन लेकर घर लौट रहा था। उन दिनों बारात की बैरंग वापसी के किस्से बहुत लोकप्रिय थे। लेकिन मुझे अब कोई यह नहीं कह सकता था कि लौट के बुद्धू घर को आए। कोई कहेगा तो यही कहेगा, ‘लौट के बहू को लेकर आए।’ वैसे हम बहू को लेकर घर नहीं आए थे, बल्कि उस धर्मशाला में आए थे जहां से ब्याह हुआ था। बारात के लौटने पर पहली रात रतजगा किया जाता था। इसलिए उस रात तो पत्नी से बातचीत की कोई उम्मीद ही नहीं थी। मैंने एक बार पत्नी को देखने की कोशिश की तो पता नहीं किस भाभी ने डांट दिया कि पहले कभी क्या लड़की नहीं देखी!’ अगले दिन मेरे एक दोस्त की शादी थी। उसकी बारात भी दिल्ली से बाहर जानी थी, सो मैं उस बारात में चला गया। तीसरे दिन मुंह दिखाई हुई। अगली सुबह उसे मायके वापस जाना था। थोड़ी देर बाद वो मायके लौट गई। उसका कारवां गुजर गया और मैं गुबार देखता रह गया! ——— ये कॉलम भी पढ़ें… बनियान में जेब न हो तो पैसे नहीं आते!:ससुर को लड़की सलटानी थी, बापू को खानदान का दाग मिटाना था; रिश्ता पक्का हो गया जब मेरी शादी हुई तब लड़की देखने जाने से लेकर शादी के लिए हां करने तक काफी हंसी-खुशी भरा माहौल था। घरातियों और बारातियों ने परमानंद के साथ मेरा विवाह संपन्न कराया। बारात पहुंचने से लेकर खच्चर पर बैठकर मेरे दुल्हन के घर जाने और मित्रों के मदहोश होकर बारात की शोभा बढ़ाने के लिए उनके नाचने के किस्से अविस्मरणीय रहे। बहरहाल शादी संपन्न हो गई और उसके बाद विदाई का समय आया तो दृश्य काफी रुदनकारी हुआ। उसका असर ये हुआ कि मैं रोया तो नहीं, लेकिन रोने में कुछ बाकी भी नहीं रहा! जितना समय फेरों में लगा था, उतना ही रोने में भी लगा। मुझे आज तक पता ही नहीं चल पाया कि उस दिन विदा के समय मेरी पत्नी रो रही थी, या अंदर ही अंदर हंस रही थी! ससुरालवालों ने बारातियों को एक-एक रुपया और एक गिलास देकर अपना नाम दानवीरों की सूची में दर्ज कर लिया था। हर गिलास पर दानवीर का नाम था, ताकि दान का पुण्य किसी और के खाते में न चला जाए! उस समय एक गाना हर ब्याह में बजता था, ‘बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले…’ और सब रो पड़ते थे। मुझे याद है, मेरी बहन की विदाई हुई तो वो रो नहीं रही थी। वो तब रोई, जब यह गाना बजाया गया। फिर वो रोते-रोते ससुराल जा सकी। इस गीत से दहल कर सारे घराती-बाराती रोने लगते थे। बाद में लड़की को मायके की याद तो नहीं आती थी, लेकिन ससुराल वालों को नानी जरूर याद आ जाती थी। बहरहाल, विदाई करा कर हम बलरामपुर से दिल्ली की ओर चले। तब लड़की के साथ विदाई में एक बच्चा भेजा जाता था, इसलिए मेरा छोटा साला भी साथ आया था। बलरामपुर सीमा पार हुई तो मैंने अपनी पत्नी से कहा, ‘बलरामपुर निकल गया। थोड़ी देर बाद पत्नी ने घूंघट उठाया तब पता चला कि छोरी तो वही है, जो मैं समझ रहा था। उसने पहला वाक्य बोला, ‘प्राणनाथ, मैं जिंदगी भर तुम्हारी सेवा करूंगी।’ कवि दूर दृष्टि रखता है। मैंने उसी दूर दृष्टि का प्रयोग करके समझ लिया कि इस ‘प्राणनाथ’ के या तो प्राण पी लिए जाएंगे या फिर इसके नाथ में ‘अ’ जोड़कर इसे अनाथ कर दिया जाएगा। फिर भी मैं यह सोचकर खुश था कि एक अदद दुल्हन लेकर घर लौट रहा था। उन दिनों बारात की बैरंग वापसी के किस्से बहुत लोकप्रिय थे। लेकिन मुझे अब कोई यह नहीं कह सकता था कि लौट के बुद्धू घर को आए। कोई कहेगा तो यही कहेगा, ‘लौट के बहू को लेकर आए।’ वैसे हम बहू को लेकर घर नहीं आए थे, बल्कि उस धर्मशाला में आए थे जहां से ब्याह हुआ था। बारात के लौटने पर पहली रात रतजगा किया जाता था। इसलिए उस रात तो पत्नी से बातचीत की कोई उम्मीद ही नहीं थी। मैंने एक बार पत्नी को देखने की कोशिश की तो पता नहीं किस भाभी ने डांट दिया कि पहले कभी क्या लड़की नहीं देखी!’ अगले दिन मेरे एक दोस्त की शादी थी। उसकी बारात भी दिल्ली से बाहर जानी थी, सो मैं उस बारात में चला गया। तीसरे दिन मुंह दिखाई हुई। अगली सुबह उसे मायके वापस जाना था। थोड़ी देर बाद वो मायके लौट गई। उसका कारवां गुजर गया और मैं गुबार देखता रह गया! ——— ये कॉलम भी पढ़ें… बनियान में जेब न हो तो पैसे नहीं आते!:ससुर को लड़की सलटानी थी, बापू को खानदान का दाग मिटाना था; रिश्ता पक्का हो गया उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिल्ली BJP का नया कैंपेन लॉन्च, तीन दिनों तक लोगों से मांगेगी राय, फिर CM से पूछेगी ये सवाल
दिल्ली BJP का नया कैंपेन लॉन्च, तीन दिनों तक लोगों से मांगेगी राय, फिर CM से पूछेगी ये सवाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi BJP Campaign:</strong> दिल्ली में भले ही मुख्यमंत्री का चेहरा और नाम बदल गया है, लेकिन बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही सियासी रार में रत्ती भर भी फर्क नहीं आया है. दिल्ली बीजेपी आप सरकार पर पहले की तरह हमलावर है. इसी क्रम में दिल्ली बीजेपी ने एक अभियान “जनता का मुद्दा विधानसभा” की शुरुआत की है. इसका मकसद जनता के हित और सवालों को विधानसभा पटल पर रखकर दिल्ली की मुख्यमंत्री <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> से उसका जवाब मांगना है. जब तक सीएम से उन सवालों के जवाब नहीं मिल जाते, तब तक वे विधानसभा को चलने नहीं देंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने विधायक अजय महावर, ओपी शर्मा, मोहन सिंह बिष्ट, अभय वर्मा एवं अनिल वाजपेयी तथा दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर की मौजूदगी में आज से इस तीन दिवसीय अभियान की शुरुआत की है, जो 25 सितंबर तक चलेगा. जिसे “जनता का मुद्दा विधानसभा” में अभियान नाम दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी अपने इस अभियान के माध्यम से यह जानने की कोशिश करेगी कि राष्ट्रीय राजधानी के लोग विधानसभा में किन समस्याओं और मुद्दों को उठाना चाहते हैं. आज इस अभियान के पहले दिन दिल्ली बीजेपी ने पालिका मार्केट के निकट मेट्रो गेट के बाहर आम लोगों से शिकायत पत्र भरवाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लोगों ने शिकायत-पत्र में बताई ये समस्याएं </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अशोक नगर की एक महिला तथा उसकी बेटी से बात की, जो खरीदारी के लिए मेट्रो स्टेशन से बाहर आई थीं. उनसे शिकायत पत्र भरवाया, जिसमें उन्होंने गंदे पानी की आपूर्ति, जलभराव, कॉलोनी के गंदे पार्क तथा ई-रिक्शा द्वारा यातायात जाम जैसे प्रमुख मुद्दे उठाए. विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कनॉट प्लेस में मौजूद कई लोगों से बात की और उनसे भी शिकायत पत्र भरवाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कनॉट प्लेस में फार्म भरने वाले अधिकांश लोग चाहते हैं कि विधानसभा में पीपीआरसी जैसे अधिभार के कारण बिजली बिलों में बढ़ोतरी, गंदा पानी, अनियमित सामाजिक कल्याण पेंशन, अतिक्रमण, अनियंत्रित ई-रिक्शा, सफाई सेवाओं और पार्कों जैसी नागरिक सुविधाओं की कमी के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की कमी के मुद्दे उठाए जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ई-मेल और व्हाट्सएप नंबर से भेज सकते हैं शिकायत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता जो 25 सितंबर को महासदस्यता अभियान के दौरान घर-घर जा रहे हैं, वे दिल्लीवासियों से शिकायत फार्म भरवाएंगे और विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को सौंपेंगे. वह इन समस्याओं को दिल्ली विधानसभा में उठाएंगे. दिल्ली के लोग अपनी शिकायत ईमेल bjpdelhinew@gmail.com या वाट्सएप नम्बर 9013176080 पर मैसेज के माध्यम से भी भेज सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi: मेट्रो स्टेशन पर युवक ने मौत को लगाया गले, ट्रेन के आगे कूदा, जांच में जुटी पुलिस” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-a-28-year-old-man-committed-suicide-by-jumping-in-front-of-metro-train-2789823″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi: मेट्रो स्टेशन पर युवक ने मौत को लगाया गले, ट्रेन के आगे कूदा, जांच में जुटी पुलिस</a></strong></p>
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रेवाड़ी में सड़क किनारे रखे ईंधन में लगी आग:कई पेड़ जले; 2 दमकल गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव लाखनौर में सड़क किनारे रखे ईंधन में आग लग गई। कुछ देर के भीतर ही आग ने भीषण रूप धारण कर लिया और आसपास खड़े पेड़ भी आग की चपेट में आ गए। सूचना के बाद मौके पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। मिली जानकारी के अनुसार, लाखनौर निवासी एक किसान ने अपने घर के समीप ही सड़क किनारे ईंधन रखा हुआ था। सुबह के समय अचानक ईंधन में धुआं उठता हुई दिखाई दिया। 5 मिनट के भीतर ही आग भीषण हो गई। पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर पर आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। ईंधन और पेड़ जलकर राख इसके बाद आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी गई। रेवाड़ी से दमकल की 2 गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब पौने घंटे बाद आग पर काबू पा लिया। आग की वजह से ईंधन के साथ-साथ करीब एक दर्जन पेड़ भी पूरी तरह जलकर राख हो गए। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया कि आग कैसे लगी।
चुनाव के नतीजों से नाखुश शरद पवार पार्टी में करेंगे कई बड़े बदलाव, NCP-SP में बदले जाएंगे ये नेता
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<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि 8 और 9 जनवरी को मुंबई में NCP शरद पवार गुट की मैराथन बैठक होने वाली है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के युवा अध्यक्ष, महिला अध्यक्ष, छात्र अध्यक्ष, महिला प्रदेश अध्यक्ष समेत विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रमुख बदल जाएंगे. इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव को लेकर भी जांच चल रही है लेकिन पार्टी में सिर्फ एक गुट इस बात पर अड़ा है कि जयंत पाटील को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शरद पवार पार्टी नेताओं से लेंगे राय</strong><br />8 जनवरी को सभी प्रकोष्ठों, विधायकों, सांसदों और विभागाध्यक्षों की बैठक होगी. 9 जनवरी को जिला अध्यक्षों और शहर अध्यक्षों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है. इस दो दिवसीय बैठक में शरद पवार अपनी पार्टी में बदलाव को लेकर सभी की राय लेंगे और उसके बाद विभिन्न पदों पर प्रमुखों को बदला जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधानसभा चुनाव में केवल 10 सीटें जीत पाए शरद पवार</strong><br />जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में शरद पवार की एनसीपी-एसपी ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तह 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, केवल 10 सीटें जीत पाने में ही कामयाब रही. महाराष्ट्र में महायुति की लहर में विपक्षी गठबंधन एमवीए को बड़ा नुकसान पहुंचा. एक ओर <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के नतीजों को देखते हुए यह माना जा रहा था कि शरद पवार की महाराष्ट्र की राजनीति में वापसी हो गई है. 10 में से 8 लोकसभा जीतें हासिल करने के बाद एनसीपी-एसपी नेताओं का मनोबल बढ़ गया था. हालांकि, विधानसभा चुनाव में पवार की पार्टी को केवल 10 सीटों में ही संतुष्ट होना पड़ा, जो कि पार्टी के लिए बड़ी हार मानी जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-bjp-leader-r-tamil-selvan-targets-sanjay-raut-over-his-statement-on-atal-bihari-vajpayee-2850043″>’नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी का…’, संजय राउत के बयान पर भड़के BJP नेता तमिल सेल्वन</a></strong></p>