झांसी के जिस मुफ्ती खालिद नदवी को NIA की टीम की गिरफ्त से भीड़ छुड़ाकर ले गई, उसके फॉलोअर ईरान, इराक और सीरिया में भी हैं। मुफ्ती के ऑनलाइन चल रहे मदरसा में करीब 3600 फॉलोअर हैं। यूट्यूब पर दारुल उलूम फारुकिया चैनल पर दीनी तालिम के वीडियो अपलोड करता था। अब तक इस यू ट्यूब चैनल को देखने के लिए 1.73 लाख लोग आ चुके हैं। यूपी एटीएस इस चैनल की जांच कर रही है। सोर्सेज के मुताबिक, इस चैनल पर आखिरी वीडियो 6 दिन पहले अपलोड किया गया था। सामने आया कि अब तक 147 वीडियो अपलोड किए गए हैं। ज्यादातर वीडियो 15 से 25 मिनट के हैं। मुफ्ती खालिद नदवी ने जांच एजेंसियों को बताया कि इस यूट्यूब चैनल के जरिए ऑनलाइन क्लास चलाता हूं। करीब 1 घंटे की LIVE क्लास के जरिए कुरान से जुड़ी तकरीर और इस्लाम को लेकर वर्कशॉप चला रहा था। देश-विदेश के लोग इस चैनल पर जुड़ते थे। अब पढ़िए उस सुपर कॉलोनी के लोगों का क्या कहना है, जिनके 100 लोगों पर FIR हुई… मुफ्ती के घर पर चलता था बैतुल कुरान मदरसा
भास्कर की टीम सुपर कॉलोनी पहुंची। यहां पता चला कि मुफ्ती खालिद नदवी के घर पर बैतुल कुरान नाम से मदरसा भी चलता है। 12 से 15 साल के बच्चों को तालीम दी जाती है। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए मुफ्ती अलग से शिक्षक भी बुलाता है। न पब्लिक ने किसी को मारा, न पुलिस ने
घटना को लेकर मोहल्ले की शबाना ने बताया, रात में 3 बजे NIA ने मुफ्ती खालिद के घर में छापा मारा। फिर उनको अपने साथ ले जाने लगे। घर के बाहर काफी लोग इकठ्टे थे। वो कहने लगे कि सबूत दिखाए जाएं या फिर मुफ्ती खालिद को छोड़ा जाए। मैं कहना चाहती हूं कि जब कोई व्यक्ति गलत नहीं है तो उसे अलग बुलाकर पूछताछ कर लें। ना कि पूरी गाड़ी भरकर आए और मोहल्ले में दहशत फैलाए। जब पब्लिक इकट्ठा होती है, तब धोखे से भी धक्का लग जाता है। लोग गिर जाते हैं। ये नहीं है कि पब्लिक ने किसी को मारा या पुलिस ने किसी को मारा। भीड़ में थोड़ी धक्की-मुक्की हुई है, उसे ये न कहा जाए कि बदमीजी की है। पंडितजी भी होते तो ऐसे ही साथ देते
मुफ्ती की पड़ोसी समीम बेगम ने कहा- मुफ्ती खालिद के घर में कोई सबूत नहीं मिला। तब सारी महिलाएं ये कह रही थी कि जब सबूत नहीं मिला तो क्या इल्जाम लगा रहे हैं। उनको क्यों ले जाया जा रहा है? बस इतनी सी बात है। औरतों ने न गाली दी और न किसी ने धक्का दिया। न ही मार-पीट हुई है। बहुत सी महिलाओं को हम जानते तक नहीं थे। वो 5 साल पहले ही मोहल्ले में रहने आए थे। उनकी कोई गलती नहीं है। मुफ्ती के अलावा कोई पंडितजी भी आकर रहने लगते और उनसे भी अच्छी दोस्ती हो जाती, तो उनका भी साथ देते। खालिद अच्छे व्यक्ति, किसी के साथ गलत नहीं किया
खालिद की पड़ोसी एक महिला ने कहा- मुफ्ती साहब को ले जाया जा रहा था। रोकने के लिए जो हम लोगों से कोशिश बनी, वो हम लोगों ने की है। हाथापाई किसी ने नहीं की थी। धक्का भी किसी ने नहीं दिया। हम लोग खड़े हुए थे, सिर्फ उन्हें रोके हुए खड़े थे कि इनको मत ले जाइये। ये हमारे बच्चों को पढ़ाते हैं। मदरसा उनके यहां खुला हुआ है। बस यही चीज थी। न लाठी-डंडे किसी के हाथ में थे और न ही पत्थर थे। ये तो गलत आरोप है। हम लोगों ने कोई मारपीट नहीं की। मस्जिद में ऐलान बहुत बाद में हुआ। जब उनको मस्जिद ले जाया गया तब ऐलान हुआ। पहले कुछ भी ऐलान नहीं हुआ था। SSP ने 30 मिनट तक मस्जिद पर छानबीन की
NIA एक्शन के बाद शुक्रवार को पुलिस ने पूरे एरिया में मार्च पास्ट किया। SSP सुधा सिंह भी मुफ्ती खालिद नदवी के घर पहुंची। वहां ताला बंद था। इसके बाद वह फातिमा मस्जिद पहुंची। यहां पर दारुल उलूम फारुकिया चैनल का ऐड लगा हुआ था। यहां उन्होंने कुछ लोगों से बातचीत की। 30 मिनट तक छानबीन के बाद वह लौट गईं। अब पूरा मामला समझिए… 8 घंटे घर की तलाशी, फिर 7 घंटे पूछताछ
केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की। इस बीच उत्तर प्रदेश के झांसी में एनआईए टीम मुफ्ती खालिद के घर रेड के लिए बुधवार रात 2.30 बजे पहुंची। 30 मिनट तक इंतजार करने के बाद खालिद ने दरवाजा खोला। NIA और ATS ने घर के अंदर पहुंचते ही पूछा- यहां कौन-कौन रहता है? खालिद ने बताया कि अभी कोई नहीं है। इसके बाद उन्होंने सभी कमरे, अलमारियां, किचन, सब कुछ देखा। एक कमरे में करीब 2 हजार किताबें मिली। खालिद से पूछा गया कि ये किसने लिखीं हैं? ये कहां से आईं? इसमें से कई किताबों को टीम के सदस्यों ने अपने कब्जे में ले लिया। मुफ्ती ने बताया- हमारा ऑनलाइन काम है। देश-दुनिया के वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल हूं। विदेश के अच्छे खासे नंबर हमारे मोबाइल में थे। इसके बाद खालिद के बैंक के दस्तावेज और पासपोर्ट, वीजा टीम ने जब्त कर लिए। टीमें खालिद को पुलिस लाइन लेकर गईं, वहां पर 7 घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया। ———————- ये भी पढ़ें :
विदेशी फंडिंग केस, भीड़ ने मुफ्ती को NIA से छुड़ाया:छापे के बाद मस्जिद से अनाउंसमेंट, महिलाओं ने टीम को घेरा: झांसी की घटना उत्तर प्रदेश के झांसी में शहर काजी के भतीजे मुफ्ती खालिद नदवी को उग्र भीड़ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत से छुड़ाकर ले गई। NIA ने यूपी ATS के साथ विदेशी फंडिंग मामले में बुधवार रात 2.30 बजे सुपर कॉलोनी में मुफ्ती के घर छापा मारा। टीम ने 8 घंटे तलाशी ली। पढ़िए पूरी खबर… झांसी के जिस मुफ्ती खालिद नदवी को NIA की टीम की गिरफ्त से भीड़ छुड़ाकर ले गई, उसके फॉलोअर ईरान, इराक और सीरिया में भी हैं। मुफ्ती के ऑनलाइन चल रहे मदरसा में करीब 3600 फॉलोअर हैं। यूट्यूब पर दारुल उलूम फारुकिया चैनल पर दीनी तालिम के वीडियो अपलोड करता था। अब तक इस यू ट्यूब चैनल को देखने के लिए 1.73 लाख लोग आ चुके हैं। यूपी एटीएस इस चैनल की जांच कर रही है। सोर्सेज के मुताबिक, इस चैनल पर आखिरी वीडियो 6 दिन पहले अपलोड किया गया था। सामने आया कि अब तक 147 वीडियो अपलोड किए गए हैं। ज्यादातर वीडियो 15 से 25 मिनट के हैं। मुफ्ती खालिद नदवी ने जांच एजेंसियों को बताया कि इस यूट्यूब चैनल के जरिए ऑनलाइन क्लास चलाता हूं। करीब 1 घंटे की LIVE क्लास के जरिए कुरान से जुड़ी तकरीर और इस्लाम को लेकर वर्कशॉप चला रहा था। देश-विदेश के लोग इस चैनल पर जुड़ते थे। अब पढ़िए उस सुपर कॉलोनी के लोगों का क्या कहना है, जिनके 100 लोगों पर FIR हुई… मुफ्ती के घर पर चलता था बैतुल कुरान मदरसा
भास्कर की टीम सुपर कॉलोनी पहुंची। यहां पता चला कि मुफ्ती खालिद नदवी के घर पर बैतुल कुरान नाम से मदरसा भी चलता है। 12 से 15 साल के बच्चों को तालीम दी जाती है। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए मुफ्ती अलग से शिक्षक भी बुलाता है। न पब्लिक ने किसी को मारा, न पुलिस ने
घटना को लेकर मोहल्ले की शबाना ने बताया, रात में 3 बजे NIA ने मुफ्ती खालिद के घर में छापा मारा। फिर उनको अपने साथ ले जाने लगे। घर के बाहर काफी लोग इकठ्टे थे। वो कहने लगे कि सबूत दिखाए जाएं या फिर मुफ्ती खालिद को छोड़ा जाए। मैं कहना चाहती हूं कि जब कोई व्यक्ति गलत नहीं है तो उसे अलग बुलाकर पूछताछ कर लें। ना कि पूरी गाड़ी भरकर आए और मोहल्ले में दहशत फैलाए। जब पब्लिक इकट्ठा होती है, तब धोखे से भी धक्का लग जाता है। लोग गिर जाते हैं। ये नहीं है कि पब्लिक ने किसी को मारा या पुलिस ने किसी को मारा। भीड़ में थोड़ी धक्की-मुक्की हुई है, उसे ये न कहा जाए कि बदमीजी की है। पंडितजी भी होते तो ऐसे ही साथ देते
मुफ्ती की पड़ोसी समीम बेगम ने कहा- मुफ्ती खालिद के घर में कोई सबूत नहीं मिला। तब सारी महिलाएं ये कह रही थी कि जब सबूत नहीं मिला तो क्या इल्जाम लगा रहे हैं। उनको क्यों ले जाया जा रहा है? बस इतनी सी बात है। औरतों ने न गाली दी और न किसी ने धक्का दिया। न ही मार-पीट हुई है। बहुत सी महिलाओं को हम जानते तक नहीं थे। वो 5 साल पहले ही मोहल्ले में रहने आए थे। उनकी कोई गलती नहीं है। मुफ्ती के अलावा कोई पंडितजी भी आकर रहने लगते और उनसे भी अच्छी दोस्ती हो जाती, तो उनका भी साथ देते। खालिद अच्छे व्यक्ति, किसी के साथ गलत नहीं किया
खालिद की पड़ोसी एक महिला ने कहा- मुफ्ती साहब को ले जाया जा रहा था। रोकने के लिए जो हम लोगों से कोशिश बनी, वो हम लोगों ने की है। हाथापाई किसी ने नहीं की थी। धक्का भी किसी ने नहीं दिया। हम लोग खड़े हुए थे, सिर्फ उन्हें रोके हुए खड़े थे कि इनको मत ले जाइये। ये हमारे बच्चों को पढ़ाते हैं। मदरसा उनके यहां खुला हुआ है। बस यही चीज थी। न लाठी-डंडे किसी के हाथ में थे और न ही पत्थर थे। ये तो गलत आरोप है। हम लोगों ने कोई मारपीट नहीं की। मस्जिद में ऐलान बहुत बाद में हुआ। जब उनको मस्जिद ले जाया गया तब ऐलान हुआ। पहले कुछ भी ऐलान नहीं हुआ था। SSP ने 30 मिनट तक मस्जिद पर छानबीन की
NIA एक्शन के बाद शुक्रवार को पुलिस ने पूरे एरिया में मार्च पास्ट किया। SSP सुधा सिंह भी मुफ्ती खालिद नदवी के घर पहुंची। वहां ताला बंद था। इसके बाद वह फातिमा मस्जिद पहुंची। यहां पर दारुल उलूम फारुकिया चैनल का ऐड लगा हुआ था। यहां उन्होंने कुछ लोगों से बातचीत की। 30 मिनट तक छानबीन के बाद वह लौट गईं। अब पूरा मामला समझिए… 8 घंटे घर की तलाशी, फिर 7 घंटे पूछताछ
केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की। इस बीच उत्तर प्रदेश के झांसी में एनआईए टीम मुफ्ती खालिद के घर रेड के लिए बुधवार रात 2.30 बजे पहुंची। 30 मिनट तक इंतजार करने के बाद खालिद ने दरवाजा खोला। NIA और ATS ने घर के अंदर पहुंचते ही पूछा- यहां कौन-कौन रहता है? खालिद ने बताया कि अभी कोई नहीं है। इसके बाद उन्होंने सभी कमरे, अलमारियां, किचन, सब कुछ देखा। एक कमरे में करीब 2 हजार किताबें मिली। खालिद से पूछा गया कि ये किसने लिखीं हैं? ये कहां से आईं? इसमें से कई किताबों को टीम के सदस्यों ने अपने कब्जे में ले लिया। मुफ्ती ने बताया- हमारा ऑनलाइन काम है। देश-दुनिया के वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल हूं। विदेश के अच्छे खासे नंबर हमारे मोबाइल में थे। इसके बाद खालिद के बैंक के दस्तावेज और पासपोर्ट, वीजा टीम ने जब्त कर लिए। टीमें खालिद को पुलिस लाइन लेकर गईं, वहां पर 7 घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया। ———————- ये भी पढ़ें :
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