हरियाणा में भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने किसानों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने किसानों को नशे का सौदागर और कसाई बताया। सांसद ने कहा कि जहां किसान आंदोलन हुआ, वहां पर 700 लड़कियां गायब हुई थीं। पंजाब के किसानों ने हरियाणा में नशा फैलाया। पिछले आंदोलन में एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क पर टांग दिया। राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के चुनाव हारने पर उन्होंने कहा कि इनकी हैसियत क्या है?। जांगड़ा ने ये बयान गुरुवार (12 दिसंबर) को रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के शुभारंभ पर दिया। यहां प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भी मौजूद थे। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सांसद जांगड़ा ने कहीं 5 बड़ी बातें… 1. बॉर्डर पर बैठे पंजाब के नशेड़ियों ने नशे का नेटवर्क फैलाया
जांगड़ा ने कहा कि 2021 के बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। कोई नशे का इंजेक्शन लगा रहा तो कोई चिट्टा (हेरोइन), भुक्की, अफीम और कोकीन खा रहा। कई स्मैक भी पी रहे हैं। 2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया। 2. 700 लड़कियां गायब, कहां गईं, कोई पता नहीं
उन्होंने कहा कि चाहे सीआईडी की रिपोर्ट पूछ लेना, सिंघु बॉर्डर व बहादुरगढ़ बॉर्डर के पास के गांव की 700 लड़कियां गायब हैं। वे कहां पर गई, यह किसी को पता नहीं। एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क के बीच में टांग दिया। ये किसान नहीं, बल्कि कसाई हैं। 3. लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि राकेश टिकैत ने दो चुनाव लड़े, यूपी में दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा। 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है और लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं। चंदा इकट्ठा करके ले जाते हैं। भाईचारा खराब करके कलायत चले जाते हैं। 4. भाईचारा खराब हुआ, युवक नशे का शिकार हुए
उन्होंने कहा कि कुंडली बॉर्डर पर 100 फैक्ट्रियां बंद हो गईं। बहादुरगढ़ बॉर्डर पर एक साल तक 100 फैक्ट्रियां बंद हो गई। नुकसान किसका हुआ, हरियाणा प्रदेश का। भाईचारा किसका खराब हुआ, हमारा हुआ। चंदा हमारा गया, खीर-हलवे हमारे गए। बेटियां हमारी गायब हुईं और हमारे युवक नशे का शिकार हुए। इतना बड़ा नुकसान हमारे प्रदेश को सहन करना पड़ा। 5. केंद्र और सैनी सरकार अच्छा काम कर रही
जांगड़ा ने कहा कि इन लोगों से सचेत रहें और उन्हें बता दें कि प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं। अपना समय व पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। पंधेर बोले- लोगों की भीड़ देखकर भाजपा चिंतित है
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने जांगड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- हरियाणा के सांसद गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं और मैं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से आग्रह करता हूं कि उन्हें पार्टी से निष्कासित करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांगड़ा समुदायों में फूट डालने का काम कर रहे हैं वो उचित नहीं है। किसान आंदोलन से काफी लोग जुड़ रहे हैं, इसलिए भाजपा सरकार चिंतित है। AAP बोली- BJP को अन्नदाता दिख रहा नशेड़ी
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने भी जांगड़ा के बयान के सहारे बीजेपी को घेरा है। उन्होंने कहा- बीजेपी के सांसदों को देश के अन्नदाता नशेड़ी नजर आने लगे हैं। किसानों को नशेड़ी और 700 लड़कियों के गायब होने जैसे गैर-जिम्मेदाराना बयान देना न केवल शर्मनाक है बल्कि बेहद निंदनीय भी है। वहीं, नेहरा खाप के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप नेहरा ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा का मानसिक संतुलन खराब है। उनके परिवार को उनका अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। साथ ही संदीप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जांगड़ा ने किसानों पर दिए बयान पर माफी नहीं मांगी तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
BJP सांसद कंगना रनोट ने कहा था- किसान आंदोलन के दौरान रेप-मर्डर हुए
करीब 4 महीने पहले हिमाचल से BJP सांसद एवं एक्ट्रेस कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया था। जिस पर बवाल हुआ था। उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कृषि कानूनों की वापसी वाले बयान पर भी हुआ था बवाल
सितंबर महीने में सांसद कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। हालांकि इसका विरोध होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी। हरियाणा में भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने किसानों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने किसानों को नशे का सौदागर और कसाई बताया। सांसद ने कहा कि जहां किसान आंदोलन हुआ, वहां पर 700 लड़कियां गायब हुई थीं। पंजाब के किसानों ने हरियाणा में नशा फैलाया। पिछले आंदोलन में एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क पर टांग दिया। राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के चुनाव हारने पर उन्होंने कहा कि इनकी हैसियत क्या है?। जांगड़ा ने ये बयान गुरुवार (12 दिसंबर) को रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के शुभारंभ पर दिया। यहां प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भी मौजूद थे। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सांसद जांगड़ा ने कहीं 5 बड़ी बातें… 1. बॉर्डर पर बैठे पंजाब के नशेड़ियों ने नशे का नेटवर्क फैलाया
जांगड़ा ने कहा कि 2021 के बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। कोई नशे का इंजेक्शन लगा रहा तो कोई चिट्टा (हेरोइन), भुक्की, अफीम और कोकीन खा रहा। कई स्मैक भी पी रहे हैं। 2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया। 2. 700 लड़कियां गायब, कहां गईं, कोई पता नहीं
उन्होंने कहा कि चाहे सीआईडी की रिपोर्ट पूछ लेना, सिंघु बॉर्डर व बहादुरगढ़ बॉर्डर के पास के गांव की 700 लड़कियां गायब हैं। वे कहां पर गई, यह किसी को पता नहीं। एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क के बीच में टांग दिया। ये किसान नहीं, बल्कि कसाई हैं। 3. लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि राकेश टिकैत ने दो चुनाव लड़े, यूपी में दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा। 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है और लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं। चंदा इकट्ठा करके ले जाते हैं। भाईचारा खराब करके कलायत चले जाते हैं। 4. भाईचारा खराब हुआ, युवक नशे का शिकार हुए
उन्होंने कहा कि कुंडली बॉर्डर पर 100 फैक्ट्रियां बंद हो गईं। बहादुरगढ़ बॉर्डर पर एक साल तक 100 फैक्ट्रियां बंद हो गई। नुकसान किसका हुआ, हरियाणा प्रदेश का। भाईचारा किसका खराब हुआ, हमारा हुआ। चंदा हमारा गया, खीर-हलवे हमारे गए। बेटियां हमारी गायब हुईं और हमारे युवक नशे का शिकार हुए। इतना बड़ा नुकसान हमारे प्रदेश को सहन करना पड़ा। 5. केंद्र और सैनी सरकार अच्छा काम कर रही
जांगड़ा ने कहा कि इन लोगों से सचेत रहें और उन्हें बता दें कि प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं। अपना समय व पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। पंधेर बोले- लोगों की भीड़ देखकर भाजपा चिंतित है
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने जांगड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- हरियाणा के सांसद गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं और मैं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से आग्रह करता हूं कि उन्हें पार्टी से निष्कासित करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांगड़ा समुदायों में फूट डालने का काम कर रहे हैं वो उचित नहीं है। किसान आंदोलन से काफी लोग जुड़ रहे हैं, इसलिए भाजपा सरकार चिंतित है। AAP बोली- BJP को अन्नदाता दिख रहा नशेड़ी
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने भी जांगड़ा के बयान के सहारे बीजेपी को घेरा है। उन्होंने कहा- बीजेपी के सांसदों को देश के अन्नदाता नशेड़ी नजर आने लगे हैं। किसानों को नशेड़ी और 700 लड़कियों के गायब होने जैसे गैर-जिम्मेदाराना बयान देना न केवल शर्मनाक है बल्कि बेहद निंदनीय भी है। वहीं, नेहरा खाप के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप नेहरा ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा का मानसिक संतुलन खराब है। उनके परिवार को उनका अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। साथ ही संदीप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जांगड़ा ने किसानों पर दिए बयान पर माफी नहीं मांगी तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
BJP सांसद कंगना रनोट ने कहा था- किसान आंदोलन के दौरान रेप-मर्डर हुए
करीब 4 महीने पहले हिमाचल से BJP सांसद एवं एक्ट्रेस कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया था। जिस पर बवाल हुआ था। उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कृषि कानूनों की वापसी वाले बयान पर भी हुआ था बवाल
सितंबर महीने में सांसद कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। हालांकि इसका विरोध होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी। पंजाब | दैनिक भास्कर