अंतरराष्ट्रीय शतरंज के क्षेत्र में भारत ने एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 18 वर्षीय होनहार ग्रैंड मास्टर डी. गुकेश ने 2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए मौजूदा चैंपियन चीन के डिंग लीरेन को हराकर खिताब अपने नाम किया है। गुकेश को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) के अध्यक्ष नितिन नारंग ने कहा, गुकेश की यह जीत न केवल उनके करियर में मील का पत्थर है, बल्कि शतरंज के इतिहास में भारत का नाम भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित करती है। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने जिस एकाग्रता और धैर्य का परिचय दिया है, वह वाकई प्रेरणादायक है। गुकेश आज के युवाओं के लिए रोल मॉडल बनकर उभरे हैं। नारंग ने कहा, गुकेश जल्द ही हरियाणा आएंगे। क्राउन प्रिंस ऑफ चेस की संज्ञा दी नितिन नारंग ने कहा, “शतरंज के बादशाह विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश को ‘क्राउन प्रिंस ऑफ चेस’ कहना गलत नहीं होगा। आज गुकेश ने खुद को शतरंज का वह अभिमन्यु साबित किया है जिसने सही समय पर सही चाल चलते हुए अपने प्रतिद्वंदी के किलेबंदी को भेद दिया। सही मायने में आज गुकेश को उनके दस सालों की कड़ी मेहनत का फल मिला है। “गुकेश के पीछे पूरी टीम की मेहनतयह महज संयोग नहीं है कि भारतीय क्रिकेट और हॉकी टीम के साथ काम कर चुके हैं पैडी अप्टन जैसे धुरंधर पेशेवर कोच ने गुकेश के मेंटल कंडीशनिंग के लिए अथक मेहनत की। यह मेंटल कंडीशनिंग का ही नतीजा था कि गुकेश ने प्रतिद्वंदी की हर चाल को बारीकी से समझा और मैच के अंत होते-होते पूरे खेल की बाजी पलट दी। यह उनके कोच ग्रेज़गॉर्ज गाजेव्स्की थे जिन्होंने उनकी प्रतिभा को निखारा, उन्हें खेल जीतने की अदम्य भावना से प्रेरित किया, कम समय में प्रभावी खेल खेलने का कौशल सुधारने में मदद की और सबसे महत्वपूर्ण कठिन समय में धैर्य बनाए रखना सिखाया। हरियाणा के नितिन नारंग, 9 महीनें पहले बने अध्यक्ष अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) की कमान इस बार हरियाणा के पास है। सीएम सिटी के नाम से विख्यात करनाल के नितिन नारंग को नौ महीने पहले एआईसीएफ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सबसे अहम बात यह है कि सबसे कम उम्र में नारंग महासंघ के अध्यक्ष बने हैं। एआईसीएफ की इस प्रक्रिया में देश के 33 राज्यों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था।इससे पहले हरियाणा शतरंज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में वह अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। 36 वर्षीय नितिन नारंग एआईसीएफ के सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। नितिन नारंग खेल के साथ ही पॉलिटिकल कम्युनिकेशन और स्ट्रेटजी, उद्योग और इन्वेस्टर के क्षेत्र में भी फैला हुआ है। जहां उन्होंने एक अनुभवी राजनीतिक रणनीतिकार, सीरियल निवेशक और दूरदर्शी उद्यमी के रूप में प्रशंसा हासिल की है। अंतरराष्ट्रीय शतरंज के क्षेत्र में भारत ने एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 18 वर्षीय होनहार ग्रैंड मास्टर डी. गुकेश ने 2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए मौजूदा चैंपियन चीन के डिंग लीरेन को हराकर खिताब अपने नाम किया है। गुकेश को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) के अध्यक्ष नितिन नारंग ने कहा, गुकेश की यह जीत न केवल उनके करियर में मील का पत्थर है, बल्कि शतरंज के इतिहास में भारत का नाम भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित करती है। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने जिस एकाग्रता और धैर्य का परिचय दिया है, वह वाकई प्रेरणादायक है। गुकेश आज के युवाओं के लिए रोल मॉडल बनकर उभरे हैं। नारंग ने कहा, गुकेश जल्द ही हरियाणा आएंगे। क्राउन प्रिंस ऑफ चेस की संज्ञा दी नितिन नारंग ने कहा, “शतरंज के बादशाह विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश को ‘क्राउन प्रिंस ऑफ चेस’ कहना गलत नहीं होगा। आज गुकेश ने खुद को शतरंज का वह अभिमन्यु साबित किया है जिसने सही समय पर सही चाल चलते हुए अपने प्रतिद्वंदी के किलेबंदी को भेद दिया। सही मायने में आज गुकेश को उनके दस सालों की कड़ी मेहनत का फल मिला है। “गुकेश के पीछे पूरी टीम की मेहनतयह महज संयोग नहीं है कि भारतीय क्रिकेट और हॉकी टीम के साथ काम कर चुके हैं पैडी अप्टन जैसे धुरंधर पेशेवर कोच ने गुकेश के मेंटल कंडीशनिंग के लिए अथक मेहनत की। यह मेंटल कंडीशनिंग का ही नतीजा था कि गुकेश ने प्रतिद्वंदी की हर चाल को बारीकी से समझा और मैच के अंत होते-होते पूरे खेल की बाजी पलट दी। यह उनके कोच ग्रेज़गॉर्ज गाजेव्स्की थे जिन्होंने उनकी प्रतिभा को निखारा, उन्हें खेल जीतने की अदम्य भावना से प्रेरित किया, कम समय में प्रभावी खेल खेलने का कौशल सुधारने में मदद की और सबसे महत्वपूर्ण कठिन समय में धैर्य बनाए रखना सिखाया। हरियाणा के नितिन नारंग, 9 महीनें पहले बने अध्यक्ष अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) की कमान इस बार हरियाणा के पास है। सीएम सिटी के नाम से विख्यात करनाल के नितिन नारंग को नौ महीने पहले एआईसीएफ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सबसे अहम बात यह है कि सबसे कम उम्र में नारंग महासंघ के अध्यक्ष बने हैं। एआईसीएफ की इस प्रक्रिया में देश के 33 राज्यों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था।इससे पहले हरियाणा शतरंज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में वह अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। 36 वर्षीय नितिन नारंग एआईसीएफ के सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। नितिन नारंग खेल के साथ ही पॉलिटिकल कम्युनिकेशन और स्ट्रेटजी, उद्योग और इन्वेस्टर के क्षेत्र में भी फैला हुआ है। जहां उन्होंने एक अनुभवी राजनीतिक रणनीतिकार, सीरियल निवेशक और दूरदर्शी उद्यमी के रूप में प्रशंसा हासिल की है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा
हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा हिसार की आदमपुर नगर पालिका के दर्जे को लेकर विरोधियों ने कुलदीप बिश्नोई को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं, कुलदीप के बचाव में उनके समर्थक खड़े हो गए हैं। कुलदीप के खेमे का कहना है कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने के लिए ही सर्वे करवाया जा रहा है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका पालन सभी को करना होता है। आपको बता दें कि 2 साल पहले 2022 में सिसाय नगर पालिका का दर्जा भी सर्वे के आधार पर खत्म किया गया था। इस सर्वे में 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने सिसाय को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। सरकार की ओर से नगर पालिका शुरू करने और खत्म करने दोनों ही मामलों में सर्वे करवाया जाता है, ताकि कोई इसे कोर्ट में चुनौती न दे सके। आदमपुर में भी ऐसा ही सर्वे करवाया जा रहा है। इस सर्वे में भी 5000 से ज्यादा लोगों की राय ली जाएगी। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म किया जाएगा। हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल द्वारा इस नगर पालिका को समाप्त किया जाता है। ऐसे खत्म हुआ सिसई गांव का दर्जा सिसई गांव में दो पंचायतें हैं। एक पंचायत को सिसई कालीरामण और दूसरी पंचायत को सिसई बोलान के नाम से जाना जाता है। लंबे समय से गांव का एक पक्ष सिसई को नगर पालिका बनाने के पक्ष में था, जबकि दूसरा पक्ष नगर पालिका के विरोध में था। जिसके चलते विभाग की ओर से गांव का सर्वे कराया गया। सर्वे के दौरान लोगों के सुझावों की रिपोर्ट को मिलाकर डीसी को दिया गया। यह रिपोर्ट सरकार को भेजी गई। सर्वे के दौरान 5011 लोगों के सुझाव लिए गए। रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर लोगों ने सिसई को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी। भाजपा सरकार के दौरान 20 फरवरी 2019 को सिसई को नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी की गई।
इसलिए सरकार देती है नगर पालिका का दर्जा दरअसल, सरकार सर्वे के आधार पर बड़ी आबादी वाले गांवों को नगर पालिका का दर्जा देती है। नगर पालिका को ग्राम पंचायत से ज्यादा अनुदान मिलता है, जिससे गांव में विकास कार्य होते हैं। गांव में शहरी तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नगर पालिका जलापूर्ति, साफ-सफाई, सड़क, रोशनी, बाजार स्थल का निर्माण, गलियों का नामकरण, मकानों की गिनती, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और महामारी नियंत्रण जैसे काम करती है। इसके बदले में लोगों से टैक्स वसूला जाता है। सरकार इसी टैक्स के पैसे से इलाके का विकास करती है। सिसाय की तरह आदमपुर का दर्जा भी खत्म हो जाएगा दरअसल, आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इस दौरान सर्वे में लोगों ने नगर पालिका के लिए सहमति जताई थी। लेकिन जब लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स और नक्शे के अनुसार मकान न बनाने के नोटिस मिलने लगे तो धीरे-धीरे विरोध बढ़ने लगा। इसके बाद करीब 40 दिन तक विरोध जारी रहा। कुलदीप बिश्नोई धरने पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले थे। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाया जाएगा। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिले और मामले को जल्द सुलझाने को कहा। इसके बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए फाइल को आगे बढ़ाया। ऐसे होगा सर्वे ग्राम पंचायत का दर्जा बहाल को लेकर जनता की राय जानने के लिए सर्वे कराया जाता है। डीसी ने एसडीएम हिसार को सर्वे के आदेश दिए हैं। एसडीएम अपने कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर जिम्मेदारी सौंपेंगे। आदमपुर नगर पालिका के प्रत्येक वार्ड में एक सर्वे टीम भेजी जाएगी जो घर-घर जाकर लोगों की इस संबंध में राय लेगी। सर्वे की निगरानी के लिए सर्वे टीम में एक पर्यवेक्षक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। सर्वे 5 दिन में पूरा कर लिया जाएगा और सर्वे की संकलित रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी। इसके बाद डीसी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेंगे। फिर सरकार नगर पालिका का दर्जा खत्म करने की घोषणा करेगी। जल्दबाजी दिखाने पर घिरे कुलदीप बिश्नोई दरअसल, जब सरकार द्वारा नगर पालिका को हटाने से संबंधित फाइल डीसी कार्यालय पहुंची तो कुलदीप बिश्नोई और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर यह बात फैला दी कि सरकार ने आदमपुर नगर पालिका का दर्जा हटाने की फाइल पास करके डीसी को भेज दी है और अब नगर पालिका का दर्जा हटा दिया जाएगा। इसके बाद आदमपुर नगर पालिका को हटाने के लिए संघर्ष कर रही कमेटी को डीसी से मिलने के लिए भेजा गया, लेकिन जब डीसी ने बताया कि अभी दर्जा नहीं हटाया गया है, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती न दी जा सके। इसके लिए सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद विरोधियों ने कुलदीप को घेरना शुरू कर दिया।
फतेहाबाद में ऑटो पलटने से 6 व्यक्ति घायल:खस्ताहाल रोड पर हुआ हादसा; खेतों में काम करने जा रहे थे 14 मजदूर
फतेहाबाद में ऑटो पलटने से 6 व्यक्ति घायल:खस्ताहाल रोड पर हुआ हादसा; खेतों में काम करने जा रहे थे 14 मजदूर हरियाणा के फतेहाबाद में खराब सड़क पर मंगलवार सुबह एक ऑटो रिक्शा पलटने से आधा दर्जन लोग घायल हो गए। उनको नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ऑटो में 14 के करीब लोग सवार थे, जो मजदूरी के लिए जा रहे थे। इनमें ज्यादातर नाबालिग युवक शामिल हैं। घायल 17 वर्षीय रामजी ने बताया कि उनके परिवार मजदूरी के काम करते हैं और यूपी-बिहार से आए हुए हैं। आज दो-तीन परिवार के लोग इकट्ठे होकर मिट्टी भराई की मजदूरी के लिए माजरा रोड की तरफ ऑटो पर सवार होकर जा रहे थे। ऑटो में बड़े-छोटों को मिलाकर कुल 14 लोग सवार थे। उसने बताया कि रास्ते में खराब सड़क पर अचानक ऑटो रिक्शा अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में बिहार निवासी 15 वर्षीय मुकेश, यूपी निवासी 17 वर्षीय राम जी, उसका भाई 12 वर्षीय निहाल, यूपी निवासी 10 वर्षीय अंकित, 22 वर्षीय सोना, मोहिनी, 12 वर्षीय अंकित को चोटें लगी। बाकी लोग बाल-बाल बच गए।
बागियों को मनाने निकले हरियाणा CM सैनी:अपनी ही बिरादरी का विरोध झेलना पड़ा, पूर्व मंत्री के घर भी पहुंचे; मीडिया से बात नहीं की
बागियों को मनाने निकले हरियाणा CM सैनी:अपनी ही बिरादरी का विरोध झेलना पड़ा, पूर्व मंत्री के घर भी पहुंचे; मीडिया से बात नहीं की बागियों को मनाने निकले हरियाणा के कार्यवाहक CM नायब सैनी आज महेंद्रगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने नारनौल विधानसभा सीट पर भाजपा की एक रूठी कार्यकर्ता भारती सैनी को मनाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। बड़ी बात यह है कि नायब सैनी का उनके ही सैनी समाज के लोगों ने विरोध किया। जब CM सैनी को मीटिंग से खाली हाथ लौटना पड़ा तो उन्होंने बाहर खड़े मीडियाकर्मियों से भी कोई बात नहीं की। इतनी ही नहीं, भारती सैनी के समर्थकों ने नायब सैनी की गाड़ी के सामने खड़े होकर ही भारती के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। इसके साथ ही नायब सैनी पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के भी घर पहुंचे। उन्होंने रामबिलास से नाराजगी भुलाने की प्रार्थना की और चुनाव में सहयोग करने के लिए मनाने की कोशिश की। टिकट कटने से नाराज हैं भारती सैनी
बता दें कि भारती सैनी भाजपा की टिकट पर नारनौल सीट से दावेदारी जता रही थीं, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर ओम प्रकाश यादव को अपनी उम्मीदवार बनाया है। इससे भारती सैनी नाराज हैं। उन्हें मनाने के लिए CM सैनी ने नारनौल में सैनी समाज के लोगों के साथ आज एक मीटिंग रखी थी। इस मीटिंग में सैनी समाज के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ उनकी पसंदीदा उम्मीदवार भारती सैनी भी मौजूद थीं। नायब सैनी करीब ढाई बजे मीटिंग में पहुंचे और करीब 1 घंटे बाद साढ़े 3 बजे मीटिंग से बाहर निकले। इस 1 घंटे की मीटिंग में कोई बात नहीं बनी। लोगों के हाथ जोड़े, मीडिया को मना किया
जब CM सैनी बाहर आए तो उन्होंने पहले बाहर मौजूद लोगों को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। इसी के साथ ही बाहर मौजूद मीडियाकर्मी CM सैनी के पास पहुंचने की कोशिश करने लगे तो CM सैनी ने उनके सामने हाथ हिलाकर उनसे बात करने से मना कर दिया। CM सैनी के साथ मीटिंग रूम से बाहर सैनी समाज के पदाधिकारी और खुद भारती सैनी भी आईं। भारती के आने के साथ ही उनके समर्थकों ने नायब सैनी के ही सामने नारेबाजी शुरू कर दी। वे जोरदार नारेबाजी से भारती सैनी का समर्थन कर नायब सैनी के खिलाफ विरोध जाहिर कर रहे थे। हालांकि, इस दौरान नायब सैनी हंसते रहे। जब वह गाड़ी में बैठने को जा रहे थे तो उनके पास भारती सैनी हाथ जोड़कर पहुंची। यहां नायब सैनी ने भारती के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद भी दिया। इसके बाद नायब सैनी अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए और नारेबाजी जारी रही। अभी नहीं हुआ कोई फैसला
मुख्यमंत्री सैनी के जाने के बाद सैनी सभा के प्रधान बिशन सैनी ने बताया कि मुख्यमंत्री के सामने उन्होंने अपनी बात रखी है। मुख्यमंत्री ने भारती सैनी का नामांकन वापस लेने के लिए कहा है, लेकिन अभी सभा की ओर से इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब सैनी सभा अपनी मीटिंग करेगी। इसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा। वहीं, सैनी समाज के अन्य लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि CM सैनी या भाजपा ने भारती सैनी का नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया तो पूरा समाज कांग्रेस उम्मीदवार राव नरेंद्र सिंह का साथ देगा। बता दें कि भारती सैनी भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला प्रधान थीं। पूर्व मंत्री की नाराजगी दूर करने का प्रयास
CM सैनी ने आज ही महेंद्रगढ़ में प्रोफेसर रामबिलास शर्मा से भी मिलने पहुंचे। रामबिलास शर्मा पूर्व मंत्री हैं। उन्होंने महेंद्रगढ़ से पार्टी के टिकट लिए दावेदारी पेश की थी। पूर्व मंत्री ने भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी कर दिया था, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। टिकट कटने के बाद रामबिलास शर्मा अपने समर्थकों के साथ भावुक हो गए थे। इसके बाद आज CM सैनी उन्हें मनाने के लिए उनके घर पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व मंत्री की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया।