वाराणसी के IIT-BHU में छात्रा से गैंगरेप केस में पीड़िता की वर्चुअल पेशी के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में गैंगरेप की पहली वर्चुअल पेशी के खिलाफ स्टे अपील दाखिल की है। आरोपियों ने कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए पीड़िता की फिजिकली मौजूदगी में जिरह कराने की याचिका लगाई है। वहीं वाराणसी कोर्ट में हाईकोर्ट का फैसला ना आने तक सुनवाई टालने या फिर फिजिकली बुलाने की अपील भी की है। हालांकि एफटीसी कोर्ट ने मामले की सुनवाई टालते हुए आरोपियों के अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र का अवलोकन भी नहीं किया। इसे अगली तारीख पर देखने की बात कही। वहीं केस में पीड़ित की गैरहाजिरी माफी करते हुए अगली तारीख 3 जनवरी तय कर की है, हालांकि तब तक हाईकोर्ट का आदेश भी आ जाएगा। हाईकोर्ट से तीनों आरोपियों को जमानत मिलने के बाद डरी-सहमी पीड़िता की याचिका पर कोर्ट ने उसे असुरक्षित साक्षी माना है। पीड़िता की सुरक्षा और आरोपियों से सामने नहीं आने पर FTC कोर्ट के जज कुलदीप सिंह ने वर्चुअल पेशी कराए जाने का आदेश दिया था जिस पर आरोपियों ने लगातार विरोध दर्ज कराया। बता दें कि गैंगरेप के तीनों आरोपी कुणाल पांडेय, अभिषेक उर्फ आनंद चौरसिया, सक्षम पटेल भाजपा में सक्रिय पदाधिकारी थे और महानगर भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। जिसके साथ उनके फोटो भी सोशल मीडिया साइट्स पर मौजूद हैं। पहले बताते हैं पीड़िता की याचिका…जिस पर वाराणसी में पहली वर्चुअल पेशी का जज ने दिया आदेश देशभर में सुर्खियों में रहने वाले गैंगरेप पीड़िता ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज को कोर्ट में अपनी दुश्वारियां गिनाई, ऐप्लीकेशन देकर अपना दर्द पहुंचाया। छात्रा ने वर्चुअल पेशी की मांग करते हुए बताया कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। कैंपस से कोर्ट के चक्कर लगाना परेशानी भरा है। इससे पढ़ाई और एग्जाम पर असर पड़ रहा है।कोर्ट की तारीखों में परीक्षा की तैयारी उलझ गई है, न्याय के लिए इंतजार भी लंबा होता नजर आ रहा है। जब हम आते हैं तो बहुत से लोगों की नजरों से गुजरते हैं, हर बार आने-जाने पर सामाजिक उपेक्षा का एहसास होता है। वहीं कोर्ट में आरोपी भी सामने खड़े होते हैं। कोर्ट मेरी मनोदशा समझे, हमारे बयान-जिरह के साथ ही हर पेशी को ऑनलाइन किया जाए। ताकि कैंपस से ही जुड़कर कोर्ट कार्रवाई का हिस्सा बन सकें। मैं इन आरोपियों का समाना नहीं करना चाहती हू, बार-बार कोर्ट आना और रेप के आरोपियों से सामना मुश्किल भरा होता जा रहा है। अब उसकी परीक्षाएं खत्म हो रही हैं तो जनवरी से इंटर्नशिप एकेडमिक और फील्ड के लिए समय देगी और कोर्ट में बहुत समय लग रहा है। बीएचयू के आईआईटी कैंपस में उपयुक्त साधन और संसाधन उपलब्ध हैं, जो उसके कोर्ट की परेशानियों को कम करेंगे। हालांकि जज ने उस साफ्टवेयर को अस्वीकारते हुए कोर्ट परिसर के विशेष Vulnerable Witness Room से वर्चुअल पेशी और जिरह की अनुमति दी। तय किया कि पहले कमरे में चारों तरफ कैमरा घुमाकर कोर्ट यह देखेगा कि पीड़िता के अलावा उस कमरे में अन्य कोई व्यक्ति तो नहीं है। अब जानिए आरोपियों ने प्रार्थना पत्र देकर जताई आपत्ति, अब हाईकोर्ट में देंगे दलीलें मुख्य आरोपी कुणाल पांडे बोला-VC के लिए हम सहमत नहीं कोर्ट में आरोपी कुणाल पांडेय की ओर से आपत्ति प्रस्तुत करते हुए वकील ने दलील दी कि पीड़िता ने अपने प्रार्थना पत्र में असुरक्षित साक्षी बताया है जबकि पीड़िता बीएचयू वाराणसी से पुलिस की सुरक्षा में न्यायालय में आती है और जाती है। पीड़िता कहीं से भी असुरक्षित साक्षी की श्रेणी में नहीं आती है। पीड़िता वर्तमान समय में न ही विदेश में है और न ही बाहर रही है बल्कि वह परिसर में है। पीड़िता का साक्ष्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराया जाता है तो कैमरे के सामने जहां से पीड़िता बैठकर प्रश्नों का उत्तर देगी, कैमरे में उतना ही स्थल कवर होगा और यदि कैमरे के फ्रेम से बाहर अगर उसको विधिक सहायता पीड़िता को दे यह तथ्य कैमरे में कवर नहीं हो सकता। विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए पीड़िता ने प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रेषित किया है। कोर्ट ऐसे मामले में तभी वीडियो कान्फ्रेंस दे जब पीड़िता जेल में हो, या अस्पताल में। पीड़िता किसी भी भांति के असुरक्षित साक्षी की श्रेणी में नहीं आती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दोनों पक्षों की रजामंदी होनी होती है। इसके लिए हम सहमत नहीं हैं। सह आरोपी आनंद चौहान और सक्षम पटेल ने जताई आपत्ति गैंगरेप केस के आरोपी आनन्द चौहान उर्फ अभिषेक चौहान व सक्षम पटेल की ओर से पीड़िता की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र आपत्ति किया, कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही साक्ष्य होगा अनिवार्य प्रावधान नहीं है। सभी पक्षों की सहमति से रूप से ही औपचारिक साक्षियों के लिए इसे किया गया है। पीड़िता चालाकी से वैकल्पिक प्रावधानों का लाभ लेकर विधि व्यवस्था को गलत ढंग से प्रभावित करना चाहती है। अतः पीड़िता की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। कोर्ट की विशेष टिप्पणी, Vulnerable witness साक्षी की श्रेणी में आती है छात्रा जज कुलदीप सिंह ने कहा कि पीड़िता ने उच्चतम न्यायालय की विधि व्यवस्था स्मृति तुकाराम बडाडे (Supra) का उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के अपराध की शिकार वयस्क महिला को “असुरक्षित साक्षी – Vulnerable witness” की श्रेणी में शामिल किया गया है। मामला पीड़िता के गैंगरेप से संबंधित है, अतः विधि व्यवस्था में पारित किये गए अभिमत के अनुसार आईआईटी की पीड़िता छात्रा भी Vulnerable witness साक्षी की श्रेणी में आती है। जज ने कहा कि पीड़िता के हितों का संरक्षण करते हुए शीघ्रता से उचित वातावरण में गवाही, साक्ष्य और जिरह कराना ही न्यायालय का कर्तव्य है। आरोपियों से अभी पीड़िता के सामने गवाही और जिरह नहीं पूरी हो सकी जिसके लिए कवायद जारी है। एक बार जांच या विचारण प्रारंभ होने के बाद इसे तब तक जारी रखा जाना चाहिए, जब तक उपस्थित सभी गवाहों की गवाही और जिरह नहीं हो जाती। इस फैसले का मतलब जजमेंट में देरी को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि कार्यवाही बिना किसी रुकावट के आगे बढ़े। न्यायालय का कर्तव्य पीड़िता की गवाही को न्यायालय में दर्ज कराना है और गवाही शीघ्रता से अभिलिखित कराते हुए गैंगरेप की पीड़िता आईआईटी बीएचयू की छात्रा को अनावश्यक रूप से मानसिक रूप से परेशान होने से बचाना भी है। पीड़िता आईआईटी बीएचयू से तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाली बीस वर्षीय छात्रा है, जो लगातार छः तिथियों पर प्रतिपरीक्षा हेतु न्यायालय उपस्थित रही है। परंतु अभियुक्तगण की ओर से उक्त साक्षी से पूर्ण जिरह नहीं हो सकी, स्थगन के बहाने केस की कार्रवाई को टाला गया। इस दौरान गवाही और जिरह के लिए आई पीड़िता मानसिक रूप से परेशान हुई। मानसिक परेशानी व उसके ऐकेडमिक कैरियर को देखते हुए Vulnerable Witness Deposition Scheme के तहत पीड़िता का शेष जिरह न्यायालय परिसर में जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कराया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीख बढ़ती रही। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए, तो कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन कई शर्तें लगा दीं। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन जमानतदारों के वैरिफिकेशन के चलते उसकी भी रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। इसके बाद 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने कुछ दिन बाद गैंगरेप में जमानत दे दी, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। अब गैंगस्टर के केस में सक्षम पटेल की याचिका हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 16 सितंबर को खारिज कर दी। इसके बाद उसने डबल बेंच में अपील की, जहां कोर्ट ने सभी पहलुओं को सुनकर पुलिस रिपोर्ट तलब की। पुलिस ने कोर्ट में कमजोर रिपोर्ट पेश की, जिस पर अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को जमानत मिली। सवाल उठे तो पता चला कि सक्षम पटेल के खिलाफ भाजपा नेताओं की पैरवी की बात भी सामने आई है, काशी क्षेत्र के एक मजबूत भाजपा पदाधिकारी का करीबी भी बताया गया है। IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी BJP नेताओं से जुड़े हुए IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त में जमानत दे दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है। जमानत के बाद आनंद नगवा कॉलोनी स्थित घर पहुंचा तो उसका स्वागत किया गया था। बृज ऐनक्लेव में कुणाल को भी परिजनों और रिश्तेदारों ने हाथों हाथ लिया था। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। 22 अगस्त को छात्रा ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया कि कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त को बुलाया था। पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। BHU की वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। घटना के बाद से कई तरह का दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती हूं। पीड़िता बयान पर कायम, HC के आदेश का करेंगे इंतजार ADGC (फौजदारी) मनोज गुप्ता ने बताया कि हम कोर्ट की कार्रवाई को आगे ले जा रहे हैं, सुनवाई और जिरह तेज करने के लिए जज ने वर्चुअल पेशी का आदेश दिया था। बचाव पक्ष का प्रयास रहता है कि किसी न किसी तरह से मामले में देरी हो और अगली तारीख बढ़ जाए। अब आदेश को अस्वीकार कर हाईकोर्ट में अपील का प्रार्थनापत्र कोर्ट को दिया है, हम हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करेंगे। पीड़िता की मनोदशा थोड़ी ठीक नहीं है और वह कोर्ट रूम में बार-बार आने में असहज महसूस कर रही थी, अगली तारीख पर उसे वीसी से जोड़ा जाएगा। हालांकि, पीड़िता मजबूती के साथ कोर्ट में अपने बयान पर कायम है। उसने पूरा घटनाक्रम मौखिक और लिखित दिया है। उसके साथ मौजूद उसका दोस्त भी सुनवाई की तारीख पर आएगा। वाराणसी के IIT-BHU में छात्रा से गैंगरेप केस में पीड़िता की वर्चुअल पेशी के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में गैंगरेप की पहली वर्चुअल पेशी के खिलाफ स्टे अपील दाखिल की है। आरोपियों ने कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए पीड़िता की फिजिकली मौजूदगी में जिरह कराने की याचिका लगाई है। वहीं वाराणसी कोर्ट में हाईकोर्ट का फैसला ना आने तक सुनवाई टालने या फिर फिजिकली बुलाने की अपील भी की है। हालांकि एफटीसी कोर्ट ने मामले की सुनवाई टालते हुए आरोपियों के अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र का अवलोकन भी नहीं किया। इसे अगली तारीख पर देखने की बात कही। वहीं केस में पीड़ित की गैरहाजिरी माफी करते हुए अगली तारीख 3 जनवरी तय कर की है, हालांकि तब तक हाईकोर्ट का आदेश भी आ जाएगा। हाईकोर्ट से तीनों आरोपियों को जमानत मिलने के बाद डरी-सहमी पीड़िता की याचिका पर कोर्ट ने उसे असुरक्षित साक्षी माना है। पीड़िता की सुरक्षा और आरोपियों से सामने नहीं आने पर FTC कोर्ट के जज कुलदीप सिंह ने वर्चुअल पेशी कराए जाने का आदेश दिया था जिस पर आरोपियों ने लगातार विरोध दर्ज कराया। बता दें कि गैंगरेप के तीनों आरोपी कुणाल पांडेय, अभिषेक उर्फ आनंद चौरसिया, सक्षम पटेल भाजपा में सक्रिय पदाधिकारी थे और महानगर भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। जिसके साथ उनके फोटो भी सोशल मीडिया साइट्स पर मौजूद हैं। पहले बताते हैं पीड़िता की याचिका…जिस पर वाराणसी में पहली वर्चुअल पेशी का जज ने दिया आदेश देशभर में सुर्खियों में रहने वाले गैंगरेप पीड़िता ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज को कोर्ट में अपनी दुश्वारियां गिनाई, ऐप्लीकेशन देकर अपना दर्द पहुंचाया। छात्रा ने वर्चुअल पेशी की मांग करते हुए बताया कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। कैंपस से कोर्ट के चक्कर लगाना परेशानी भरा है। इससे पढ़ाई और एग्जाम पर असर पड़ रहा है।कोर्ट की तारीखों में परीक्षा की तैयारी उलझ गई है, न्याय के लिए इंतजार भी लंबा होता नजर आ रहा है। जब हम आते हैं तो बहुत से लोगों की नजरों से गुजरते हैं, हर बार आने-जाने पर सामाजिक उपेक्षा का एहसास होता है। वहीं कोर्ट में आरोपी भी सामने खड़े होते हैं। कोर्ट मेरी मनोदशा समझे, हमारे बयान-जिरह के साथ ही हर पेशी को ऑनलाइन किया जाए। ताकि कैंपस से ही जुड़कर कोर्ट कार्रवाई का हिस्सा बन सकें। मैं इन आरोपियों का समाना नहीं करना चाहती हू, बार-बार कोर्ट आना और रेप के आरोपियों से सामना मुश्किल भरा होता जा रहा है। अब उसकी परीक्षाएं खत्म हो रही हैं तो जनवरी से इंटर्नशिप एकेडमिक और फील्ड के लिए समय देगी और कोर्ट में बहुत समय लग रहा है। बीएचयू के आईआईटी कैंपस में उपयुक्त साधन और संसाधन उपलब्ध हैं, जो उसके कोर्ट की परेशानियों को कम करेंगे। हालांकि जज ने उस साफ्टवेयर को अस्वीकारते हुए कोर्ट परिसर के विशेष Vulnerable Witness Room से वर्चुअल पेशी और जिरह की अनुमति दी। तय किया कि पहले कमरे में चारों तरफ कैमरा घुमाकर कोर्ट यह देखेगा कि पीड़िता के अलावा उस कमरे में अन्य कोई व्यक्ति तो नहीं है। अब जानिए आरोपियों ने प्रार्थना पत्र देकर जताई आपत्ति, अब हाईकोर्ट में देंगे दलीलें मुख्य आरोपी कुणाल पांडे बोला-VC के लिए हम सहमत नहीं कोर्ट में आरोपी कुणाल पांडेय की ओर से आपत्ति प्रस्तुत करते हुए वकील ने दलील दी कि पीड़िता ने अपने प्रार्थना पत्र में असुरक्षित साक्षी बताया है जबकि पीड़िता बीएचयू वाराणसी से पुलिस की सुरक्षा में न्यायालय में आती है और जाती है। पीड़िता कहीं से भी असुरक्षित साक्षी की श्रेणी में नहीं आती है। पीड़िता वर्तमान समय में न ही विदेश में है और न ही बाहर रही है बल्कि वह परिसर में है। पीड़िता का साक्ष्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराया जाता है तो कैमरे के सामने जहां से पीड़िता बैठकर प्रश्नों का उत्तर देगी, कैमरे में उतना ही स्थल कवर होगा और यदि कैमरे के फ्रेम से बाहर अगर उसको विधिक सहायता पीड़िता को दे यह तथ्य कैमरे में कवर नहीं हो सकता। विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए पीड़िता ने प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रेषित किया है। कोर्ट ऐसे मामले में तभी वीडियो कान्फ्रेंस दे जब पीड़िता जेल में हो, या अस्पताल में। पीड़िता किसी भी भांति के असुरक्षित साक्षी की श्रेणी में नहीं आती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दोनों पक्षों की रजामंदी होनी होती है। इसके लिए हम सहमत नहीं हैं। सह आरोपी आनंद चौहान और सक्षम पटेल ने जताई आपत्ति गैंगरेप केस के आरोपी आनन्द चौहान उर्फ अभिषेक चौहान व सक्षम पटेल की ओर से पीड़िता की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र आपत्ति किया, कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही साक्ष्य होगा अनिवार्य प्रावधान नहीं है। सभी पक्षों की सहमति से रूप से ही औपचारिक साक्षियों के लिए इसे किया गया है। पीड़िता चालाकी से वैकल्पिक प्रावधानों का लाभ लेकर विधि व्यवस्था को गलत ढंग से प्रभावित करना चाहती है। अतः पीड़िता की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाये। कोर्ट की विशेष टिप्पणी, Vulnerable witness साक्षी की श्रेणी में आती है छात्रा जज कुलदीप सिंह ने कहा कि पीड़िता ने उच्चतम न्यायालय की विधि व्यवस्था स्मृति तुकाराम बडाडे (Supra) का उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के अपराध की शिकार वयस्क महिला को “असुरक्षित साक्षी – Vulnerable witness” की श्रेणी में शामिल किया गया है। मामला पीड़िता के गैंगरेप से संबंधित है, अतः विधि व्यवस्था में पारित किये गए अभिमत के अनुसार आईआईटी की पीड़िता छात्रा भी Vulnerable witness साक्षी की श्रेणी में आती है। जज ने कहा कि पीड़िता के हितों का संरक्षण करते हुए शीघ्रता से उचित वातावरण में गवाही, साक्ष्य और जिरह कराना ही न्यायालय का कर्तव्य है। आरोपियों से अभी पीड़िता के सामने गवाही और जिरह नहीं पूरी हो सकी जिसके लिए कवायद जारी है। एक बार जांच या विचारण प्रारंभ होने के बाद इसे तब तक जारी रखा जाना चाहिए, जब तक उपस्थित सभी गवाहों की गवाही और जिरह नहीं हो जाती। इस फैसले का मतलब जजमेंट में देरी को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि कार्यवाही बिना किसी रुकावट के आगे बढ़े। न्यायालय का कर्तव्य पीड़िता की गवाही को न्यायालय में दर्ज कराना है और गवाही शीघ्रता से अभिलिखित कराते हुए गैंगरेप की पीड़िता आईआईटी बीएचयू की छात्रा को अनावश्यक रूप से मानसिक रूप से परेशान होने से बचाना भी है। पीड़िता आईआईटी बीएचयू से तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाली बीस वर्षीय छात्रा है, जो लगातार छः तिथियों पर प्रतिपरीक्षा हेतु न्यायालय उपस्थित रही है। परंतु अभियुक्तगण की ओर से उक्त साक्षी से पूर्ण जिरह नहीं हो सकी, स्थगन के बहाने केस की कार्रवाई को टाला गया। इस दौरान गवाही और जिरह के लिए आई पीड़िता मानसिक रूप से परेशान हुई। मानसिक परेशानी व उसके ऐकेडमिक कैरियर को देखते हुए Vulnerable Witness Deposition Scheme के तहत पीड़िता का शेष जिरह न्यायालय परिसर में जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कराया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीख बढ़ती रही। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए, तो कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन कई शर्तें लगा दीं। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन जमानतदारों के वैरिफिकेशन के चलते उसकी भी रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। इसके बाद 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने कुछ दिन बाद गैंगरेप में जमानत दे दी, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। अब गैंगस्टर के केस में सक्षम पटेल की याचिका हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 16 सितंबर को खारिज कर दी। इसके बाद उसने डबल बेंच में अपील की, जहां कोर्ट ने सभी पहलुओं को सुनकर पुलिस रिपोर्ट तलब की। पुलिस ने कोर्ट में कमजोर रिपोर्ट पेश की, जिस पर अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को जमानत मिली। सवाल उठे तो पता चला कि सक्षम पटेल के खिलाफ भाजपा नेताओं की पैरवी की बात भी सामने आई है, काशी क्षेत्र के एक मजबूत भाजपा पदाधिकारी का करीबी भी बताया गया है। IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी BJP नेताओं से जुड़े हुए IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त में जमानत दे दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है। जमानत के बाद आनंद नगवा कॉलोनी स्थित घर पहुंचा तो उसका स्वागत किया गया था। बृज ऐनक्लेव में कुणाल को भी परिजनों और रिश्तेदारों ने हाथों हाथ लिया था। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। 22 अगस्त को छात्रा ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया कि कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त को बुलाया था। पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। BHU की वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। घटना के बाद से कई तरह का दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती हूं। पीड़िता बयान पर कायम, HC के आदेश का करेंगे इंतजार ADGC (फौजदारी) मनोज गुप्ता ने बताया कि हम कोर्ट की कार्रवाई को आगे ले जा रहे हैं, सुनवाई और जिरह तेज करने के लिए जज ने वर्चुअल पेशी का आदेश दिया था। बचाव पक्ष का प्रयास रहता है कि किसी न किसी तरह से मामले में देरी हो और अगली तारीख बढ़ जाए। अब आदेश को अस्वीकार कर हाईकोर्ट में अपील का प्रार्थनापत्र कोर्ट को दिया है, हम हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करेंगे। पीड़िता की मनोदशा थोड़ी ठीक नहीं है और वह कोर्ट रूम में बार-बार आने में असहज महसूस कर रही थी, अगली तारीख पर उसे वीसी से जोड़ा जाएगा। हालांकि, पीड़िता मजबूती के साथ कोर्ट में अपने बयान पर कायम है। उसने पूरा घटनाक्रम मौखिक और लिखित दिया है। उसके साथ मौजूद उसका दोस्त भी सुनवाई की तारीख पर आएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
दुनिया के सबसे बड़े महाकुंभ मेले का शुभारंभ:नगर प्रवेश के साथ प्रयागराज पहुंचे जूना और किन्रर अखाड़े के हजारों साधु-संत, संगम की रेती पर करेंगे तप
दुनिया के सबसे बड़े महाकुंभ मेले का शुभारंभ:नगर प्रवेश के साथ प्रयागराज पहुंचे जूना और किन्रर अखाड़े के हजारों साधु-संत, संगम की रेती पर करेंगे तप दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ-2025 का शुभारंभ हो गया। साधु-संतों के सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का नगर प्रवेश हो चुका है। साथ में किन्नर अखाड़ा भी नगर प्रवेश कर चुका है। इन अखाड़ों के हजारों साधु-संत संगमनगरी में पहुंच गए हैं। इन अखाड़ों ने जब नगर प्रवेश किया तो पूरा शहर उनके स्वागत में सड़कों पर उतर गया। अलग-अलग वेश में रथ पर व घोड़ों पर सवार होकर यह साधु-संत जब शहर की तरफ प्रवेश करने लगे तो हर कोई हाथ जोड़कर खड़ा हो गया और उनका स्वागत किया। मेला प्राधिकरण व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने माला पहनाकर सभी का नगर में स्वागत किया। अखाड़ों के आगमन का क्रम अब जारी हो गया है। अभी इसी तरह शेष 12 अखाड़े नगर प्रवेश करेंगे। देश-विदेश से 5 हजार से ज्यादा किन्नर आएंगे संगनगरी किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में देश-विदेश से 5 हजार किन्नर साधु-संत प्रयागराज आएंगे। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ में किन्नर अखाड़ा नगर प्रवेश किया था और दैव्त्य यात्रा भी निकाली गई थी। इस बार महाकुंभ में किन्नर बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। किन्नर अखाड़े की मेला प्रभारी व महामंडेलश्वर कौशल्या नंद गिरि (टीना मां) ने बताया कि 5 हजार से ज्यादा किन्नर साधु-संत पहुंचेंगे। हम लोग इसकी तैयारी में जुटे हैं। साधु-सन्यासी अब संगमगनरी में ही करेंगे प्रवास शहर के बाहर रामापुर गांव के हनुमान मंदिर से अपने रमता पंच के साथ अखाड़े के संन्यासियों और महात्माओं की भव्य नगर प्रवेश यात्रा शुरू हुई। जिसका समापन शहर में जूना अखाड़े के मौज गिरी आश्रम में हुआ। चांदी के सिंहासन पर सवार अखाड़ों के महामंडलेश्वरों पर मार्ग में स्थानीय जनता ने पुष्प वर्षा की। अखाड़े के साधु संत अब यहीं प्रवास करेंगे।
14 दिसंबर को जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में अखाड़े का कुंभ क्षेत्र में प्रवेश होगा। अखाड़ों के साधु-संत व अधिकारियों के बीच चल रही वार्ता अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि महाकुंभ के आयोजन में सुव्यवस्था और अन्य विषयों को लेकर मेला प्रशासन की तरफ से सभी अखाड़ों के साधु-संतों, खाक चौक व्यवस्था समिति के महात्माओं, आचार्य बाड़ा, दंडी बाड़ा, तीर्थ पुरोहितों और संस्थाओं से निरंतर संवाद बनाया जा रहा है। सभी के विचारों की सहभागिता को सुनिश्चित स्थान दिया जा सके। वहीं, एसएसपी महाकुंभ, राजेश द्विवेदी का कहना है कि कुंभ और महाकुंभ में अखाड़ों की हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस परंपरा को जारी रखने के लिए सभी अखाड़ों से आपसी समन्वय बनाया जा रहा है। यह संवाद उसी कड़ी का हिस्सा है। उनके सुझावों और समस्याओं पर विचार किया जा रहा है, ताकि इस महा आयोजन से पूर्व उनका समाधान कर आयोजन को सफल बनाया जा सके। सहभागिता से मिल रहा है महाकुंभ को नव्य स्वरूप श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी बताते हैं कि कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों के व्यवस्थित आयोजन के लिए महाकुंभ मेला प्रशासन की तरफ से निरंतर अधिकारी उनसे संपर्क कर रहे हैं। अधिकारी खुद ही अखाड़ों में पहुंचकर व्यवस्था को सर्वोत्तम स्वरूप देने के लिए अखाड़ों की राय ले रहे हैं।
संवाद की यह परपंरा इस आयोजन को नव्य स्वरूप देने में अवश्य मदद कर रही है। श्री पंच दशनाम अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी का कहना है अखाड़ों की परम्पराओं के अनुपालन के क्रम में नगर प्रवेश, कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों की प्रवेश की शोभायात्रा से लेकर साधु संतो की सभी व्यवस्थाओं पर निरंतर कुंभ मेला प्रशासन के अधिकारी उनसे संपर्क कर रहे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस मुस्तैद नगर प्रवेश यात्रा के सकुशल समापन के लिए महाकुंभ प्रशासन की तरफ से भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी की अगुवाई में प्रस्थान स्थल रामापुर से प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें अखाड़े के साधु संतों के साथ साथ चलती रहीं।
मार्ग में सुचारू रूप से यातायात संचालन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए चार सर्किल ऑफिसर, 6 इंस्पेक्टर, 9 सब इंस्पेक्टर और 200 से ज्यादा पुलिस के जवानों की तैनाती की गई। जिला पुलिस के जवान अलग से विभिन्न मार्गों में यातायात व्यवस्था के लिए मुस्तैद दिखे। नगर प्रवेश यात्रा के दौरान कहीं सड़कों में जाम न लगने पाए इसकी व्यवस्था की गई थी।
धर्मशाला में 18 को भाजपा का जन आक्रोश आंदोलन:प्रदेश महामंत्री बोले-10 गारंटियां झूठ का पुलिंदा, सरकार मना रही जनता को ठगने का जश्न
धर्मशाला में 18 को भाजपा का जन आक्रोश आंदोलन:प्रदेश महामंत्री बोले-10 गारंटियां झूठ का पुलिंदा, सरकार मना रही जनता को ठगने का जश्न हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा 18 दिसंबर को विरोध दिवस के रूप में मनाएगी। कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला में भाजपा विरोध प्रदर्शन कर जन आक्रोश आंदोलन करेगी। यह जन आक्रोश आंदोलन तपोवन में आरंभ होने वाले शीतकालीन सत्र के पहले दिन होगा। इस जन आक्रोश आंदोलन की गूंज विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी खूब सुनाई देगी। तपोवन में 18 से 21 दिसंबर तक विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित होगा। विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस दौरान धर्मशाला में होने वाले भाजपा के जन आक्रोश आंदोलन को लेकर प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 10 गारंटियां झूठ का पुलिंदा है- कपूर त्रिलोक कपूर ने कहा कि कांग्रेस द्वारा जनता को दी गई 10 गारंटियां झूठ का पुलिंदा है। कपूर ने कांग्रेस और प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है, तब से जनता पर सिर्फ महंगाई का बोझ डालने का कार्य कर रही है। पहले डीजल को 7 रुपए बढ़ाया और डिपो में दाल भी महंगी कर दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की विधानसभा चुनावों में 10 गारंटियां झूठ का पुलिंदा साबित हो रही हैं। युवाओं और महिलाओं के साथ किया धोखा गारंटियों के नाम पर प्रदेश की जनता को धोखा दिया गया। बेरोजगार युवकों को एक लाख सरकारी नौकरियां और 5 लाख रोजगार देने का झूठा वादा किया। 22 लाख बहनों को 1500 महीना देने की झूठी गारंटी दी। किसानों और बेरोजगारों को झूठे वादे करके ठगा गया। सुक्खू सरकार के यह दो वर्ष पूरी तरह से नाकामियों और विफलताओं से भरा हुए वर्ष रहे। इन दो वर्षों में कांग्रेस की सारी गारंटियां फैल हो गई और सरकार इस दो साल के पूर्ण होने का जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। यह दो साल विकास के मामले में काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। दो सालों में 27 हजार 465 करोड़ का लिया कर्ज त्रिलोक कपूर ने कहा कि हिमाचल में निर्मित होने वाले सीमेंट की पिछले दो वर्षों में चार बार कीमतें बढ़ाई गई। इन 2 सालों में 100 रुपए के लगभग कीमत बढ़ी, जिसके चलते 445 रुपए से कम सीमेंट की बोरी नहीं मिल रही है। टीसीपी में नक्शे पास करवाने की फीस पहले तीन हज़ार रुपए थी। जिसे अब बढ़ा कर 16 हज़ार रुपए कर दिया है। हिमाचल सरकार अब तक के दो साल के कार्यकाल में राज्य सरकार 27 हजार 465 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज ले चुकी है। बावजूद इसके इस सरकार के पास राज्य में विकास कार्य कार्य कराने के लिए बजट नहीं है। प्रदेश की जनता पर बढ़ाया टैक्स का बोझ उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य हर जगह टैक्स का बोझ है। पिछली भाजपा सरकार द्वारा दी जाने वाली बिजली सब्सिडी बंद कर दी गई है। ग्रामीण आबादी पर पानी के शुल्क का बोझ डाला गया है। क्या कांग्रेस सरकार बिलासपुर में 11 दिसंबर को जनता को ठगने का जश्न मनाने जा रही है। यही झूठी गारंटियां कांग्रेस सरकार के पतन का कारण बनेंगी। यही नहीं कांगड़ा के साथ भी भेदभाव किया गया। सेंट्रल यूनिवर्सिटी का निर्माण जो कि 30 करोड़ रुपए जमा नहीं करवाए जा रहे। कांगड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी के नाम पर किन मित्रों को खुश किया जा रहा। कपूर ने कहा कि हिमाचल में भी कांग्रेस पार्टी ने जनता को केवल धोखा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि न महिलाओं को 1500 रुपए मिले, न युवाओं को नौकरियां मिली। प्रदेश के लोगों को बस मिला तो केवल धोखा ही धोखा।
हरियाणा में डीसी ने BJP के लिए प्रोटोकॉल तोड़ा:BJP जिलाध्यक्ष से करवाया 72 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास, बाद में गलती सुधारी
हरियाणा में डीसी ने BJP के लिए प्रोटोकॉल तोड़ा:BJP जिलाध्यक्ष से करवाया 72 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास, बाद में गलती सुधारी हरियाणा के हिसार में 2 साल से पद बने हिसार डीसी ने मंगलवार को प्रोटोकॉल तोड़ भाजपा जिलाध्यक्ष से ही लघु सचिवालय में 72 करोड़ रुपए की लागत की 13 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करवा दिया। थोड़ी देर बाद ही यह सोशल मीडिया पर लोगों ने डीसी प्रदीप दहिया की खिंचाई शुरू कर दी। (जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग) DPRO कार्यालय की ओर से इस कार्यक्रम का प्रेसनोट भी कर दिया गया। थोड़ी देर में ही डीसी की भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी की तस्वीरें वायरल हो गई। इसके तुरंत बाद डीसी ने DPRO कार्यालय से संशोधित प्रेस नोट जारी करवाया जिसमें जिलाध्यक्ष अशोक सैनी की जगह मुख्यमंत्री नायब सैनी का नाम शामिल किया गया। वहीं विपक्ष ने भी डीसी प्रदीप दहिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि डीसी को प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। कांग्रेस नेता पूर्व विधायक प्रो. संपत सिंह ने कहा कि ” डीसी सरकार का हिस्सा नहीं है। अगर पार्टी प्रधान किसी कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहा है तो यह कार्यक्रम पार्टी का हुआ ना कि सरकार का। ऐसे में डीसी को इन सब चीजों से बचना चाहिए। इतने बड़े ब्यूरोक्रेट के दिमाग पर अफसोस होता है”। 2 साल से हिसार में ही काबिज हैं प्रदीप दहिया
आपको बता दें कि सरकार ने 5 महीने पहले ही IAS प्रदीप दहिया को हिसार डीसी लगाया था। मगर वह 2 साल से नगर निगम कमिश्नर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। इतना ही नहीं उनके पास एचएसवीपी के प्रशासक का भी कार्यभार है। भाजपा सरकार ने एक IAS अधिकारी को एक ही जिले में 3 महत्वपूर्ण पद दिए हुए हैं। 5 महीने पहले हिसार कमिश्नर के पद पर रहते हुए प्रदीप दहिया का तबादला भी हुआ था मगर तबादला होने के 10 बाद ही वापस हिसार आ गए थे। इसके बाद इनको हिसार डीसी का भी चार्ज दे दिया गया। पहले जारी किया गया प्रेसनोट… बाद में सुधारी गलती, जिलाध्यक्ष की जगह मुख्यमंत्री का नाम लिखा
बता दें कि मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित जिला सभागार में 72 करोड़ रुपये की लागत की 13 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया जाना था। चुनाव प्रचार में व्यस्तता होने के कारण कोई विधायक इसमें शामिल नहीं हो सका। हिसार मेयर का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में डीसी भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी से विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करवा दिया गया। इसलिए जल्दी में है सरकार दरअसल, चुनाव आयोग की तरफ से कभी भी हरियाणा में आचार संहिता की घोषणा हो सकती है। इसलिए सरकार लंबित कामों को जल्द से जल्द शुरू करवाना चाह रही है। आने वाले दिनों में 15 अगस्त, रविवार और रक्षा बंधन पर्व पर छुट्टी है। इसके बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है। इसलिए अब आनन-फानन में उद्घाटन व शिलान्यास किए जा रहे हैं। बाद में जारी किया गया प्रेसनोट… इन विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास
701.66 लाख रुपए की लागत से बरवाला ब्रांच में पुल का पुनर्निर्माण, 1354.12 लाख रुपए की लागत से खरकड़ा से हांसी वाया कुंदनपुरा रोड का सुधारीकरण, 658.61 लाख रुपए की लागत से सीसर से भाटोल रोड की विशेष मरम्मत, 2781 लाख रुपए की लागत से सेक्टर-14 पॉकेट टू हिसार में 15 एमएलडीसी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, 238.08 लाख रुपए की लागत से मेंहदा गांव में कस्तूरबा गांधी विद्यालय के भवन का निर्माण, 268.9 लाख रुपए की लागत से जींद-बरवाला-अग्रोहा-आदमपुर रोड की विशेष मरम्मत हुई है। इसी प्रकार जिन 7 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है उनमें 559.91 लाख रुपए की लागत से गांव सातरोड कलां में पीएचसी का निर्माण, 50 लाख रुपए की लागत से एसडीएच बरवाला में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट (बीपीएचयू) का निर्माण, 50 लाख रुपए की लागत से सिविल अस्पताल हांसी में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का निर्माण, 52.15 लाख रुपए की लागत से मंगाली में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का निर्माण, 50 लाख रुपए की लागत से गांव सीसवाल में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का निर्माण, 50 लाख रुपए की लागत से आदमपुर में ब्लॉक पब्लिक हैल्थ यूनिट का निर्माण, 377.61 लाख रुपए की लागत से बेरी अकबरपुर गांव में कस्तुरबा गांधी विद्यालय के स्कूल व छात्रावास भवन का निर्माण शामिल है।