पानीपत जिले के समालखा कस्बे में ढोडपुर पुल के पास एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर चालक ने पैदल चल रहे व्यक्ति को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे की सूचना मृतक के परिजनों तक एंबुलेंस ड्राइवर ने दी। वहीं, मृतक के बेटे ने हादसे की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर यूपी नंबर के ट्रैक्टर ड्राइवर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। काफी देर तक बेटा करता रहा फोन समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में रवि कुमार ने बताया कि वह मूल रूप से गांव लोदीपुर जिला शेखपुरा बिहार का रहने वाला है। हाल में वह पानीपत के गांव नरायणा स्थित ईंट भट्ठे पर रहता है। 17 दिसंबर की शाम को उसके पिता संटू मांझी(45) भट्टे से घर का समान लेने के लिए गया था। काफी देर तक भी वह वापस नहीं लौटा। जब उसने अपने पिता को फोन किया, तो कोई जबाब नहीं मिला। काफी देर तक वह कॉल करता रहा। बाद में एक व्यक्ति ने फोन उठाया, जिसने खुद को एम्बुलेंस ड्राइवर बताया। उसने कहा कि तेरे पिता का ढोडपुर पुल के पास ट्रैक्टर के साथ एक्सीडेंट हो गया है। तुम जल्द आ जाओ। वह वहां से अपने परिजनों संग सिविल अस्पताल पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया था। बेटे ने अपने तौर पर इसका पता किया तो उसका पिता का एक्सीडेंट यूपी नंबर के ट्रैक्टर ने किया है। जिसके ड्राइवर ने तेज रफ्तारी, गफलत व लापरवाही से चलाते हुए उसके पिता को टक्कर मारी थी। जिससे उसकी मौत हुई है। पानीपत जिले के समालखा कस्बे में ढोडपुर पुल के पास एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर चालक ने पैदल चल रहे व्यक्ति को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे की सूचना मृतक के परिजनों तक एंबुलेंस ड्राइवर ने दी। वहीं, मृतक के बेटे ने हादसे की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर यूपी नंबर के ट्रैक्टर ड्राइवर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। काफी देर तक बेटा करता रहा फोन समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में रवि कुमार ने बताया कि वह मूल रूप से गांव लोदीपुर जिला शेखपुरा बिहार का रहने वाला है। हाल में वह पानीपत के गांव नरायणा स्थित ईंट भट्ठे पर रहता है। 17 दिसंबर की शाम को उसके पिता संटू मांझी(45) भट्टे से घर का समान लेने के लिए गया था। काफी देर तक भी वह वापस नहीं लौटा। जब उसने अपने पिता को फोन किया, तो कोई जबाब नहीं मिला। काफी देर तक वह कॉल करता रहा। बाद में एक व्यक्ति ने फोन उठाया, जिसने खुद को एम्बुलेंस ड्राइवर बताया। उसने कहा कि तेरे पिता का ढोडपुर पुल के पास ट्रैक्टर के साथ एक्सीडेंट हो गया है। तुम जल्द आ जाओ। वह वहां से अपने परिजनों संग सिविल अस्पताल पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया था। बेटे ने अपने तौर पर इसका पता किया तो उसका पिता का एक्सीडेंट यूपी नंबर के ट्रैक्टर ने किया है। जिसके ड्राइवर ने तेज रफ्तारी, गफलत व लापरवाही से चलाते हुए उसके पिता को टक्कर मारी थी। जिससे उसकी मौत हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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तिगांव से कांग्रेस प्रत्याशी का मामा ने किया विरोध:अर्धनग्न होकर गांव में किया प्रचार; बोले- बेईमानों को वोट न दें, सावधान रहने की अपील फरीदाबाद जिले के तिगांव विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रोहित नागर के मामा मनीराम भरना खुद गांव जाकर रोहित नागर और उनके पिता यशपाल नागर को बेईमान बताया है। उन्हें वोट न देने के साथ साथ सावधान रहने की अपील की। बाइक पर सवार मनीराम अर्धनग्न होकर रोहित नागर के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। मनीराम भड़ाना ने कहा कि रोहित नागर के पिता यशपाल नागर उनके सगे बहनोई हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्होंने उनके साथ 60 लख रुपए की बेईमानी की और प्रॉपर्टी में भी उनके साथ धोखाधड़ी की। जिसकी शिकायत में 2009 से करते आ रहे हैं। लघु सचिवालय पर 1 साल से धरने पर मनीराम भड़ाना ने बताया की यशपाल नागर ने उन्हें कई बार कभी घर तो कभी ऑफिस बुलाया। लेकिन उनके रुपए नहीं दिए। पुलिस से साथ गांठ कर उनके केस को दबा दिया। जिसके चलते पिछले लगभग 1 साल से फरीदाबाद के लघु सचिवालय के बाहर ही अर्धनग्न अवस्था में धरने पर बैठे हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्हें अभी तक कहीं से न्याय मिलता नजर नहीं आ रहा इसलिए वह चाहते हैं कि ऐसे बेईमानों को वोट न दी जाए, जो लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। रोहित नागर का कांग्रेसियों ने भी किया था विरोध गौरतलब है कि रोहित नागर ने कभी पार्षद का भी चुनाव तक नहीं लड़ा है। लेकिन पार्टी ने युवा रोहित नागर पर विश्वास जताया और पूर्व में कांग्रेस की सरकार में विधायक रहे ललित नागर की टिकट काट दी। जिसके चलते ललित नागर समेत अन्य कांग्रेसी रोहित नागर को टिकट दिए जाने का विरोध करते नजर आए।
हरियाणा में 54 हजार सरकारी नौकरियों का रास्ता साफ:सरकार ने CET कराने को मंजूरी दी; 31 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी करने की सिफारिश
हरियाणा में 54 हजार सरकारी नौकरियों का रास्ता साफ:सरकार ने CET कराने को मंजूरी दी; 31 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी करने की सिफारिश हरियाणा सरकार की भर्तियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) कराने को लेकर प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इसके लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। इसके बाद मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार की अध्यक्षता में मीटिंग हुई, जिसमें फैसला हुआ है कि आगामी 31 दिसंबर तक CET आयोजित करवा लिया जाए। मुख्य सचिव कार्यालय की तरफ से कर्मचारी चयन आयोग को अभी यह पत्र भेजा जाना है, लेकिन यह तय लग रहा है कि चाहे संशोधन के साथ हो या बिना संशोधन, CET आगामी 31 दिसंबर तक हो जाएगा। अभी तक ग्रुप-C और D का एक-एक बार हुआ CET
हरियाणा में अभी तक ग्रुप C और ग्रुप D का एक-एक बार CET हुआ है। इसके आधार पर TGT को छोड़कर ग्रुप C की लगभग 40 हजार और ग्रुप D की लगभग 14 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी होनी है। इनमें से ग्रुप C के लगभग 13 हजार और ग्रुप D के लगभग 4 हजार पदों के लिए रिजल्ट पहले ही जारी हो चुका है। युवा संशोधन की कर रहे मांग
हरियाणा के युवाओं की मांग है कि CET पॉलिसी में संशोधन किया जाए, लेकिन अभी तक सरकार ने इसमें कोई संशोधन नहीं किया है। अगर बिना संशोधन CET आयोजित कराया गया तो युवाओं में फिर नाराजगी फैल सकती है, क्योंकि CET पास उम्मीदवारों में से कैटेगरी में विज्ञापित पदों का 4 गुना (निश्चित फॉर्मूला) को मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट करने का प्रावधान है। मगर युवाओं की मांग है कि CET को क्वालीफाई किया जाना चाहिए। तब संभव हो पाएगा संशोधन
इसके अलावा तकनीकी पदों के लिए अलग से CET होना चाहिए। जब मुख्य सचिव कार्यालय की तरफ से आयोग को CET आयोजित कराने का पत्र चला जाएगा, उसके बाद संभव है कि आयोग CET में संशोधन करने के लिए सरकार को सुझाव भेजे। और सरकार उन पर गौर कर CET पॉलिसी में संशोधन कर ले। हरियाणा में नौकरी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… हरियाणा में 20 हजार सरकारी भर्तियों का रिजल्ट जल्द:आचार संहिता हटते ही HSSC ने शुरू की तैयारी; कांग्रेस की शिकायत पर रोका था हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर 16 अगस्त को लगी आचार संहिता 56 दिनों के बाद हट गई है। आचार संहिता हटते ही सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। वादे के मुताबिक हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) अब 20 हजार सरकारी नौकरियों के रिजल्ट जारी करने वाला है। पूरी खबर पढ़ें…
पानीपत जेल में बंदी ने की आत्महत्या:मर्डर केस में था बंद; बैरक में लगाई फांसी, 2 साल पहले भाई को मारा था
पानीपत जेल में बंदी ने की आत्महत्या:मर्डर केस में था बंद; बैरक में लगाई फांसी, 2 साल पहले भाई को मारा था पानीपत के सिवाह गांव स्थित जिला जेल में एक बंदी ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 31 वर्षीय प्रिंस उर्फ बोरिया के रूप में हुई है। उसने जेल की खिड़की पर ही चादर से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक हत्या के आरोप में जेल में बंद था। उसने वर्ष 2022 में अपने ही भाई की कैंची घोंपकर हत्या कर दी थी। शव को फंदे पर लटका देख जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जेल में डॉक्टरों की टीम ने उसकी जांच की तो वह मृत पाया गया। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मौके पर ही सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पत्नी से बात करने के शक में भाई की हत्या की थी 15 सितंबर 2022 को सेक्टर 29 थाने में दी शिकायत में मां ऊषा ने बताया था कि वह पानीपत के विकास नगर की रहने वाली है। वह दो बेटों और दो बेटियों की मां है। उक्त दोपहर को उसका बड़ा बेटा आनंद अपने घर में कमरे में सो रहा था। उसका छोटा बेटा प्रिंस अलग कमरे में बैठा था। उसका पति ऊपर के कमरे में सो रहा था। प्रिंस अपनी पत्नी और आनंद पर शक करता था। दोपहर करीब 4 बजे प्रिंस हाथ में कैंची लेकर उनके कमरे में आया। उसने गुस्से में कहा कि आज मैं आनंद को मेरी पत्नी से बात करने पर सबक सिखाऊंगा। आज के बाद वह मेरी पत्नी से कभी बात नहीं करेगा। यह कहकर प्रिंस ने मां के बगल में सो रहे भाई आनंद के पेट में कैंची घोंप दी। मां आनंद को संभालने लगी तो प्रिंस कैंची लेकर घर से भाग गया। परिजन घायल अवस्था में आनंद को अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। पहले भी कर चुका था सुसाइड का प्रयास जानकारी देते हुए मृतक प्रिंस के चाचा कृष्ण ने बताया कि प्रिंस ने एक बार पहले भी जेल में ही सुसाइड का प्रयास किया था। तब भी उसने फांसी लगाई थी। लेकिन उस वक्त वह बच गया था। उस दौरान हालत गंभीर होने के चलते उसे रोहतक पीजीआई भर्ती करवाया गया था। जहां से ठीक होने के बाद उसे वापस ले जाया गया था। वहीं मामले को लेकर पिता ने बताया, एक बार ट्रेन से भी सुसाइड की कोशिश कर चुका है। पिता ने कहा कि इस पूरे मामले में हमें कुछ नहीं कहना। बैरक नंबर 3 में बंद था पुलिस के अनुसार मृतक बंदी प्रिंस मूल रूप से सोनीपत के गांव दुपट्टा का रहने वाला था। वह बैरक नंबर 3 में बंद था। उसने बैरक के आंगने की खिड़की में बेडशीट का फंदा बनाया। इसके बाद उसने सुसाइड कर लिया।