पंजाब में हो रहे ग्रेनेड हमलों के बाद अमृतसर सांसद गुरजीत सिंह औजला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखा है। सांसद औजला ने अमित शाह से पंजाब के हालातों पर खुद दखल-अंदाजी करने की अपील की है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि स्थानीय कानून व्यवस्था पंजाब के हालातों पर कंट्रोल करने के लिए विफल साबित हो रही है। पंजाब सीमावर्ती राज्य होने के नाते हिंसा और अशांति का जोखिम नहीं उठा सकता। औजला ने कहा कि पंजाब में लगातार थानों में हो रहे ब्लास्ट रोकने में राज्य सरकार बिल्कुल नाकाम रही है, इसीलिए उन्हें अब हार मान लेनी चाहिए। ग्रेनेड हमलों और अन्य हिंसक घटनाओं ने निवासियों में भय पैदा कर दिया है। क्षेत्र की शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। पिछले एक महीने में पंजाब में पांच-छह ग्रेनेड हमले हुए हैं, जिनमें से चार अकेले अमृतसर में हुए हैं। घटनाओं की दुस्साहस और आवृत्ति राज्य में कानून प्रवर्तन और खुफिया तंत्र के पूरी तरह से ध्वस्त होने का संकेत देती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह को लिखकर जानकारी दी गई है। हिंसा के ऐसे कृत्य न केवल नागरिकों के जीवन को खतरे में डालते हैं बल्कि हमारे राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता से भी समझौता करते हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां तैनात करने की अपील सांसद औजला ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि स्थिति का तुरंत आकलन करके ऐसी घटनाओं की जांच और रोकथाम के लिए केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया जाए। पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी और समीक्षा करें, खासकर अमृतसर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में। इन हमलों के पीछे राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। राज्य सरकार के साथ समन्वय में काम करें ताकि बिना देरी के कानून और व्यवस्था बहाल हो सके। बॉर्डर एरिया होने के नात देखरेख की आवश्यकता सांसद औजला ने कहा कि यह केवल राज्य का मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। पंजाब, एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते, हिंसा और अशांति का अड्डा बनने का जोखिम नहीं उठा सकता। हमें अपने लोगों की सुरक्षा और हमारे लोकतंत्र की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक रूप से कार्य करना चाहिए। पंजाब में हो रहे ग्रेनेड हमलों के बाद अमृतसर सांसद गुरजीत सिंह औजला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखा है। सांसद औजला ने अमित शाह से पंजाब के हालातों पर खुद दखल-अंदाजी करने की अपील की है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि स्थानीय कानून व्यवस्था पंजाब के हालातों पर कंट्रोल करने के लिए विफल साबित हो रही है। पंजाब सीमावर्ती राज्य होने के नाते हिंसा और अशांति का जोखिम नहीं उठा सकता। औजला ने कहा कि पंजाब में लगातार थानों में हो रहे ब्लास्ट रोकने में राज्य सरकार बिल्कुल नाकाम रही है, इसीलिए उन्हें अब हार मान लेनी चाहिए। ग्रेनेड हमलों और अन्य हिंसक घटनाओं ने निवासियों में भय पैदा कर दिया है। क्षेत्र की शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। पिछले एक महीने में पंजाब में पांच-छह ग्रेनेड हमले हुए हैं, जिनमें से चार अकेले अमृतसर में हुए हैं। घटनाओं की दुस्साहस और आवृत्ति राज्य में कानून प्रवर्तन और खुफिया तंत्र के पूरी तरह से ध्वस्त होने का संकेत देती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में गृहमंत्री अमित शाह को लिखकर जानकारी दी गई है। हिंसा के ऐसे कृत्य न केवल नागरिकों के जीवन को खतरे में डालते हैं बल्कि हमारे राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता से भी समझौता करते हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां तैनात करने की अपील सांसद औजला ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि स्थिति का तुरंत आकलन करके ऐसी घटनाओं की जांच और रोकथाम के लिए केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया जाए। पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी और समीक्षा करें, खासकर अमृतसर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में। इन हमलों के पीछे राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। राज्य सरकार के साथ समन्वय में काम करें ताकि बिना देरी के कानून और व्यवस्था बहाल हो सके। बॉर्डर एरिया होने के नात देखरेख की आवश्यकता सांसद औजला ने कहा कि यह केवल राज्य का मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। पंजाब, एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते, हिंसा और अशांति का अड्डा बनने का जोखिम नहीं उठा सकता। हमें अपने लोगों की सुरक्षा और हमारे लोकतंत्र की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक रूप से कार्य करना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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