हिमाचल प्रदेश में पांच दिन से चल रही शीतलहर के बीच अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 23 दिसंबर को हल्की बर्फबारी के आसार है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, लाहौल स्पीति, चंबा और कुल्लू की अधिक ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में इस दौरान मौसम साफ रहेगा। वहीं मौसम विभाग ने 23 दिसंबर तक 5 जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और मंडी में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि कांगड़ा जिला में कोल्ड वेव को लेकर येलो-अलर्ट दिया है। इससे मैदानी इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मैदानी इलाकों में इस वजह से ठंड मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर में मैदानी इलाकों से कोल्ड एयर आ रही है। यह हवाएं मध्यम और ऊंचे क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रही है। इसका असर मैदानी इलाकों में ही पड़ रहा है। इससे पहाड़ों से ज्यादा ठंड मैदानी इलाकों में पड़ रही है। कोल्ड वेव को देखते हुए एडवाइजरी की गई जारी मौसम विभाग की कोल्ड-वेव की चेतावनी के बीच सरकार ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को गर्म मोटे और सूती कपड़े पहनने, सुबह-शाम ठंड के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने और बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की एडवाइजरी जारी की है। इसी तरह शरीर पर काले रंग के स्पॉट नजर आने पर डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है। यही वजह है अमूमन ठंडे रहने वाले शिमला का न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस है, जबकि हमीरपुर का तापमान नॉर्मल से 4 डिग्री नीचे गिरने के बाद 2.1 डिग्री रह गया है। पालमपुर का तापमान भी 2.5 डिग्री की कमी के बाद 1 डिग्री, सुंदरनगर का तापमान 1 डिग्री, भुंतर का 0.0 डिग्री, ऊना में 1 डिग्री और चंबा का 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शीतलहर के दृष्टिगत जारी की गई एडवाइजरी मौसम विभाग की कोल्ड-वेव की चेतावनी के बीच सरकार ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को गर्म मोटे और सूती कपड़े पहनने, सुबह-शाम ठंड के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने और बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की एडवाइजरी जारी की है। इसी तरह शरीर पर काले रंग के स्पॉट नजर आने पर डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है। हिमाचल प्रदेश में पांच दिन से चल रही शीतलहर के बीच अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 23 दिसंबर को हल्की बर्फबारी के आसार है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, लाहौल स्पीति, चंबा और कुल्लू की अधिक ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में इस दौरान मौसम साफ रहेगा। वहीं मौसम विभाग ने 23 दिसंबर तक 5 जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और मंडी में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि कांगड़ा जिला में कोल्ड वेव को लेकर येलो-अलर्ट दिया है। इससे मैदानी इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मैदानी इलाकों में इस वजह से ठंड मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर में मैदानी इलाकों से कोल्ड एयर आ रही है। यह हवाएं मध्यम और ऊंचे क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रही है। इसका असर मैदानी इलाकों में ही पड़ रहा है। इससे पहाड़ों से ज्यादा ठंड मैदानी इलाकों में पड़ रही है। कोल्ड वेव को देखते हुए एडवाइजरी की गई जारी मौसम विभाग की कोल्ड-वेव की चेतावनी के बीच सरकार ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को गर्म मोटे और सूती कपड़े पहनने, सुबह-शाम ठंड के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने और बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की एडवाइजरी जारी की है। इसी तरह शरीर पर काले रंग के स्पॉट नजर आने पर डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है। यही वजह है अमूमन ठंडे रहने वाले शिमला का न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस है, जबकि हमीरपुर का तापमान नॉर्मल से 4 डिग्री नीचे गिरने के बाद 2.1 डिग्री रह गया है। पालमपुर का तापमान भी 2.5 डिग्री की कमी के बाद 1 डिग्री, सुंदरनगर का तापमान 1 डिग्री, भुंतर का 0.0 डिग्री, ऊना में 1 डिग्री और चंबा का 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शीतलहर के दृष्टिगत जारी की गई एडवाइजरी मौसम विभाग की कोल्ड-वेव की चेतावनी के बीच सरकार ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को गर्म मोटे और सूती कपड़े पहनने, सुबह-शाम ठंड के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने और बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की एडवाइजरी जारी की है। इसी तरह शरीर पर काले रंग के स्पॉट नजर आने पर डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में लैंडस्लाइड से यातायात ठप:डंडों से कुर्सी बांध मरीज को अस्पताल ले गए लोग; नेता प्रतिपक्ष की विधानसभा क्षेत्र का मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश से हो रहे लैंडस्लाइड से सड़कें बंद हो गई हैं। यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। मरीज को बांस के डंडों में कुर्सी बांध कर कंधे के सहारे ले जाते युवाओं का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो को लेकर लोग भी सरकार और प्रशासन को खरी खोटी सुना रहे हैं। मामला पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सराज का है। जहां बालीचौकी-करेरी सड़क मार्ग यातायात के लिए बंद है। भूस्खलन से सड़क बाधित सड़क में जगह जगह गड्ढे हो गए हैं। कई जगह भूस्खलन से सड़क बाधित है। जिस कारण एम्बुलेंस के साथ छोटे वाहनों की आवाजाही भी बंद है। इसी के चलते आपातकालीन स्थिति में लोग मरीजों को कंधे पर उठा कर अस्पताल पहुंचा रहे हैं। लोगों ने की सड़क बहाल कराने की मांग मंडी जिले के द्रंग और सराज क्षेत्र में अभी कुछ मार्ग ऐसे हैं, जो यातायात के लिए बहाल नहीं हो पाए हैं। ऐसे में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन और सरकार से सड़कों को बहाल करने की मांग की है।
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हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां मतदान करवाना चुनौती से कम नहीं। राज्य में एक पोलिंग बूथ ऐसा है, जहां हेलिकॉप्टर से पहुंचा जा सकता है। एक मतदान केंद्र में नाव से साढ़े 5 किलोमीटर का सफर कर पोलिंग पार्टी पहुंच पाई हैं। प्रदेश में दर्जनों ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को ऊंचे-ऊंचे पहाड़, खतरनाक नदी-नाले और बर्फ के पहाड़ पार कर पहुंचना पड़ा। यही नहीं, विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थापित मतदान केंद्र भी हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में है। कुछ रोचक पोलिंग स्टेशनों के बारे में भास्कर की रिपोर्ट.. बड़ा भंगाल में हेलिकॉप्टर से पहुंचा मतदान दल
हिमाचल के कांगड़ा जिला में अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से भेजी गई है। गुरुवार शाम को मतदान दल EVM के साथ हेलिकॉप्टर में बड़ा भंगाल के लिए उड़ा। यह टीम आज शाम तक पोलिंग बूथ को वोटिंग के लिए तैयार करेगा। शनिवार को वोटिंग के बाद पोलिंग पार्टी बड़ा भंगाल में ही नाइट स्टे करेगी। 2 जून को पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से ही वापस बैजनाथ लौटेंगी। पैदल बड़ा भंगाल पहुंचने में लगते हैं 3 दिन
बड़ा भंगाल हिमाचल का इकलौता ऐसा मतदान केंद्र है, जहां पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जाती है। वापस भी हेलिकॉप्टर से ही लाई जाती है। सड़क कनेक्टिविटी न होने की वजह से यहां से लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा रहता है। बैजनाथ से बड़ा भंगाल पैदल पहुंचने में कम से कम 3 दिन लगते हैं। आधे रास्ते में एक नाइट का स्टे करना पड़ता है। यहां नेता भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते
बैजनाथ से बरोट-मुल्थान होते हुए गड़सापुल तक सड़क से पहुंचा जा सकता है, लेकिन यहां से आगे 3 दिन पैदल चलना पड़ता है। इस वजह से यहां चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते हैं। बताया जाता है कि पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेता त्रिलोक कपूर और बैजनाथ के पूर्व विधायक मुल्ख राज प्रेमी जरूर यहां एक बार वोट मांगने पहुंचे थे। मगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादातर बार कोई कैंडिडेट यहां नहीं पहुंच पाता। कुठेड़ा पोलिंग बूथ को नाव से पहुंची टीम
कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा में कुठेड़ा पोलिंग बूथ को पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को नाव का सहारा लेना पड़ा। इस टीम की वापसी भी नाव से ही हो पाएगी। यह पोलिंग बूथ पौंग डैम के टापू पर बनाया गया है। मतदान कर्मियों को लगभग साढ़े 5 किलोमीटर का सफर नाव में करना पड़ा। तब जाकर कर्मचारी पोलिंग बूथ तक पहुंच पाए। एहलमी पहुंचने को 15KM पैदल चलना पड़ता है
मंडी लोकसभा के अंतर्गत चंबा जिले की भरमौर विधानसभा के मैहला खंड में एहलमी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी 15 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंची है। वहीं, शिमला जिले में डोडराक्वार में पंडार और कुल्लू जिले में शाकटी मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए मतदान दलों को 11 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उधर, कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भटियात विधानसभा क्षेत्र में चक्की मतदान केंद्र पर 13 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना पड़ता है। इन जिलों में भी खतरनाक रास्तों से पहुंची पोलिंग पार्टियां
मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर जिले में दर्जन भर ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को खतरनाक नदियों को पार करना पड़ा। बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पड़े। खतरनाक व जोखिम भरे रास्तों से सफर तय कर मंजिल पहुंचना पड़ा। सामान ढोने की स्पेन का भी सहारा लिया। हिमाचल में दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ
विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर पोलिंग बूथ हिमाचल के लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में है। इस मतदान केंद्र में कुल 62 मतदाता हैं। यहां 37 पुरुष और 25 महिला मतदाता हैं। यह मतदान केंद्र समुद्र तल से 15,256 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस केंद्र को सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मॉडल पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस पोलिंग बूथ के लिए भी गुरुवार को ही मतदान दल रवाना कर दिया गया है।