लुधियाना में नगर निगम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। नगर निगम चुनाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से कुल 1227 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगा। उम्मीद है कि शाम 5 बजे के बाद नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। लुधियाना में नगर निगम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। नगर निगम चुनाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से कुल 1227 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगा। उम्मीद है कि शाम 5 बजे के बाद नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फरीदकोट में डल्लेवाल के गांव में भी भूख हड़ताल:घरों में नहीं जले चूल्हे, सरकार को दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
फरीदकोट में डल्लेवाल के गांव में भी भूख हड़ताल:घरों में नहीं जले चूल्हे, सरकार को दी बड़े आंदोलन की चेतावनी किसानों के लिए फसलों की गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 15 दिनों से मरण व्रत पर बैठे है। मंगलवार को फरीदकोट जिले में उनके पैतृक गांव डल्लेवाला के लोगों ने भी सामूहिक रूप से भूख हड़ताल रखी। किसान आंदोलन की कामयाबी और किसान नेता डल्लेवाल की चढ़दी कला के लिए अरदास में शामिल हुए। जानकारी के अनुसार किसान नेता जगजीत सिंह के पैतृक गांव डल्लेवाला के सभी घरों में मंगलवार को चूल्हा नहीं जलाया। पूरा गांव गुरुद्वारा साहिब के बाहर भूख हड़ताल पर बैठा है। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे भी शामिल है। लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की, और चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो देश भर में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। एक विचारधारा बन चुके है दादा जगजीत सिंह- पौत्र किसान नेता डल्लेवाल के पौत्र जिगरजोत सिंह ने कहा कि उनके दादा एक विचारधारा बन चुके है। उनके पक्ष में उन्होंने भी एक दिन की भूख हड़ताल रखी है। गांव की महिलाओं ने कहा कि जब जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों को हक़ दिलाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई हुई है और उनकी चढ़दी कला के लिए समूचे गांव ने भूख हड़ताल रखी है। अनशन के बावजूद टस से मस नहीं हो रही सरकार- जतिंदरजीत इस मौके पर किसान नेता जतिंदरजीत सिंह भिंडर ने कहा कि पिछले लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही। किसान नेता डल्लेवाल द्वारा 15 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर अनशन किया जा रहा हैं। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ रही है। लेकिन सरकार फिर भी टस से मस नहीं हो रही है। उनके समर्थन में पंजाब के कई गांवों में भूख हड़ताल की जा रही है और उनके पैतृक गांव में भी भूख हड़ताल कर प्रदर्शन किया जा रहा हैं। किसान आंदोलन की सफलता और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला के लिए अरदास की जा रही है।
रवनीत बिट्टू के खिलाफ स्पीकर से शिकायत:कांग्रेस सांसद ने लिखा लेटर; कहा- सोनिया गांधी के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया
रवनीत बिट्टू के खिलाफ स्पीकर से शिकायत:कांग्रेस सांसद ने लिखा लेटर; कहा- सोनिया गांधी के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की तरफ से संसद में की गई टिप्पणी को लेकर लोकसभा स्पीकर को शिकायत भरा खत लिखा गया है। बिट्टू के अलावा इस लेटर में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन संह और निशिकांत दुबे की भी शिकायत की गई है। यह शिकायत असम के जोरहाट से सांसद गौरव गोगोई की तरफ से की गई है। सांसद गोगाई ने शिकायत में लिखा है कि लोकसभा में संसदीय आचरण के गिरते मानकों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि मौजूदा मानसून सत्र के कई उदाहरणों से पता चलता है। अक्सर सरकार के मंत्री ही विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ असंसदीय, आपत्तिजनक और धमकीभरी टिप्पणी करते हैं। मैं तीन उदाहरणों पर प्रकाश डालना चाहूंगा- 26 जुलाई: केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो सदन के सदस्य नहीं हैं, के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सोनिया का जिक्र करते हुए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: सदन में उनके हस्तक्षेप के दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने घोर सांप्रदायिक भाषा का प्रयोग किया। संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं, मर्यादाओं की अनदेखी हुई गोगोई ने कहा कि, संसदीय कार्य मंत्री सदन में मौजूद होने के बावजूद इन घटनाओं के दौरान अपने सहयोगियों पर लगाम नहीं लगा सके, जिसे देख निराशा हुई। सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार सक्रिय और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस सरकार ने संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं और मर्यादाओं की लगातार अनदेखी की है। जिससे विपक्ष की आवाज के लिए कोई जगह नहीं बची है। आचार संहिता का पालन करना आवश्यक सदन का प्रत्येक सदस्य अपने मतदाताओं की आवाज का प्रतिनिधित्व करने की समान जिम्मेदारी रखता है। मतभेद के कारण अनादर नहीं होना चाहिए। सदन के संरक्षक के रूप में, हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप आचार संहिता का पालन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी सदस्य, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, को संसद के मानदंडों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कार्रवाई की रखी मांग गोगोई ने अपनी शिकायत में उक्त मंत्रियों व सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में आपसे तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करते हैं। आशा करते हैं कि आप संसद सदस्यों के खिलाफ ऐसे निंदनीय बयान देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करेंगे।
नवजोत सिद्धू के पूर्व सलाहकार गिरफ्तार:धर्मवीर गांधी ने कोर्रवाई को गलत बताया, आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज
नवजोत सिद्धू के पूर्व सलाहकार गिरफ्तार:धर्मवीर गांधी ने कोर्रवाई को गलत बताया, आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज पंजाब में मोहाली पुलिस ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के पूर्व राजनीतिक सलाहकार मालविंदर सिंह माली को गिरफ्तार किया है। मोहाली पुलिस ने माली के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। मोहाली पुलिस ने इस घटना को लेकर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। पटियाला के सांसद धर्मवीर गांधी ने गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं और मालविंदर सिंह माली को जल्द से जल्द रिहा करने को कहा है। पटियाला के सांसद ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि वह ऐसे अलोकतांत्रिक और बलपूर्वक कदमों से परहेज करे और इसके बजाय राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करे। जम्मू-कश्मीर को लेकर भी किया था विवादित पोस्ट
इससे पहले मलविंदर सिंह माली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में जम्मू-कश्मीर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इस पोस्ट में उन्होंने जम्मू-कश्मीर को अलग देश बता दिया था। माली ने कहा था कि कश्मीर को आजाद कर देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कश्मीर पर पाकिस्तान और भारत का अबैध कब्जा बताया था। कौन हैं मालविंदर सिंह माली
माली ने कॉलेज में छात्र नेता के तौर पर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 1980 के दशक में पंजाब छात्र संघ के राज्य महासचिव थे। 1993 में माली को पंजाब पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और टाडा (अब निरस्त कानून) के तहत उनके ‘भड़काऊ’ लेखन के लिए गिरफ्तार किया था। हालांकि, उन्हें डेढ़ महीने बाद हाईकोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिया गया था। 2016 में रोपड़ में पंजाब सरकार के एक स्कूल में शिक्षक के तौर पर सेवानिवृत्त हुए माली अमरिंदर और पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल दोनों के सीएम रहते जनसंपर्क अधिकारी थे।