हिमाचल प्रदेश के भरमौर में सीजन की पहली बर्फबारी होने के बाद यहां की एक दर्जन से अधिक पंचायतों का संपर्क हिमाचल के अन्य भागों से पूरी तरह से कट गया है। कई पंचायतों में बिजली और पानी की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। बर्फबारी के बाद यहां पर अब तक एक दर्जन से अधिक ट्रांसफार्मर पूरी तरह से बंद हो गए हैं। जिस कारण कई गांवों में बिजली की सप्लाई भी बंद हो गई है। बर्फबारी के बाद ठंड का प्रकोप बढ़ने के कारण कई जगह पानी की पाइप जाम हो गई हैं। लोगों को पीने का पानी का संकट पैदा हो गया है। हालांकि विभाग इन सुविधाओं को बहाल करने में पूरी तरह से जुट गया है। रास्ते पूरी तरह से हुए बंद जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत कुगति, कंवारसी,आलमी, बजोल सहित करीब आधा दर्जन से अधिक पंचायत के दर्जनों गांव में बिजली, पानी और सड़क बर्फबारी से प्रभावित हुई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी होने के कारण कई पंचायतों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। प्रशासन द्वारा दूर दराज पंचायतों में एडवांस में ही राशन पहुंचा दिया गया है। लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी के कारण इन गांवों को जोड़ने वाले रास्ते भी पूरी तरह से बंद हो गए हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा बर्फबारी के सीजन को देखते हुए पहले ही संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बर्फबारी से किसानों व बागवानों के चेहरे खिले लंबे अंतराल के बाद हुई बारिश और बर्फबारी को लेकर यहां के किसान व बागबान काफी खुश दिख रहे हैं। यहां के बागवानों को बारिश न होने के चलते अपने सेब के बगीचे को लेकर काफी परेशान थे। यहां के अधिकतर लोगों का व्यवसाय बागवानी से जुड़ा है, लिहाजा पिछले काफी समय से बारिश न होने के चलते यह लोग काफी मायूस हो रहे थे। पिछले काफी समय से बारिश न होने के चलते यहां पर कई प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए थे। हिमाचल प्रदेश के भरमौर में सीजन की पहली बर्फबारी होने के बाद यहां की एक दर्जन से अधिक पंचायतों का संपर्क हिमाचल के अन्य भागों से पूरी तरह से कट गया है। कई पंचायतों में बिजली और पानी की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। बर्फबारी के बाद यहां पर अब तक एक दर्जन से अधिक ट्रांसफार्मर पूरी तरह से बंद हो गए हैं। जिस कारण कई गांवों में बिजली की सप्लाई भी बंद हो गई है। बर्फबारी के बाद ठंड का प्रकोप बढ़ने के कारण कई जगह पानी की पाइप जाम हो गई हैं। लोगों को पीने का पानी का संकट पैदा हो गया है। हालांकि विभाग इन सुविधाओं को बहाल करने में पूरी तरह से जुट गया है। रास्ते पूरी तरह से हुए बंद जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत कुगति, कंवारसी,आलमी, बजोल सहित करीब आधा दर्जन से अधिक पंचायत के दर्जनों गांव में बिजली, पानी और सड़क बर्फबारी से प्रभावित हुई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी होने के कारण कई पंचायतों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। प्रशासन द्वारा दूर दराज पंचायतों में एडवांस में ही राशन पहुंचा दिया गया है। लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी के कारण इन गांवों को जोड़ने वाले रास्ते भी पूरी तरह से बंद हो गए हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा बर्फबारी के सीजन को देखते हुए पहले ही संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बर्फबारी से किसानों व बागवानों के चेहरे खिले लंबे अंतराल के बाद हुई बारिश और बर्फबारी को लेकर यहां के किसान व बागबान काफी खुश दिख रहे हैं। यहां के बागवानों को बारिश न होने के चलते अपने सेब के बगीचे को लेकर काफी परेशान थे। यहां के अधिकतर लोगों का व्यवसाय बागवानी से जुड़ा है, लिहाजा पिछले काफी समय से बारिश न होने के चलते यह लोग काफी मायूस हो रहे थे। पिछले काफी समय से बारिश न होने के चलते यहां पर कई प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल वॉलीबॉल टीम चयन का विवाद CM तक पहुंचा:खिलाड़ियों ने की शिकायत; दोबारा ट्रायल की मांग, मुख्यमंत्री ने दिया जांच का भरोसा
हिमाचल वॉलीबॉल टीम चयन का विवाद CM तक पहुंचा:खिलाड़ियों ने की शिकायत; दोबारा ट्रायल की मांग, मुख्यमंत्री ने दिया जांच का भरोसा हिमाचल प्रदेश वॉलीबॉल टीम के चयन पर छिड़ा विवाद CM सुखविंदर सुक्खू तक पहुंच गया है। चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले खिलाड़ियों ने CM सुक्खू से मुलाकात की। इस दौरान इन खिलाड़ियों ने स्टेट की वॉलीबॉल टीम के लिए चयन को लेकर कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगाए। खिलाड़ियों का आरोप है कि चयन कमेटी ने प्रतिभा को दरकिनार किया है। कोच ने चयन कमेटी के साथ साठ गांठ करके अपने बेटे को टीम में शामिल करवाया हैं। खिलाड़ियों का कहना है राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल कैंप में शामिल हो चुके खिलाड़ी और पिछले कई सालों से हिमाचल वॉलीबॉल टीम में खेल रहे खिलाड़ियों को भी टीम से बाहर कर दिया गया है। खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत ट्रायल प्रकिया में बाहर हुए खिलाड़ियों ने सोमवार देर शाम सीएम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू ने बड़े ध्यानपूर्वक उनकी बात सुनी और मुख्यमंत्री ने खेल विभाग के निर्देशक को तुरंत प्रभाव से जांच करने और दोबारा ट्रॉयल करवाने के निर्देश दिए। कैमरे के सामने ऑन रिकॉर्ड दोबारा ट्रायल की मांग ट्रायल से निराश खिलाड़ियों ने कैमरे के सामने ऑन रिकॉर्ड ट्रायल दोबारा करवाने की मांग की। यदि चयनित खिलाड़ी उनसे बेहतर प्रदर्शन करेंगे तो वह खुद ही बाहर हो जाएंगे और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस मामले को लेकर आधा दर्जन खिलाड़ियों ने ऊना में डिप्टी सीएम से भी मुलाकात की है। सभी को दिया बराबर मौका वहीं इस मामले में पर चयन कमेठी में शामिल अर्जुन अवार्डी संजय कुमार फोगाट ने कहा कि टीम चयन में पूरी पारदर्शिता बरती गई। सबको बराबर मौका दिया गया, जो बेहतरीन खिलाड़ी थे उनका टीम में चयन हुआ है। ट्रायल में 70 लड़के व 45 लड़कियों ने हिस्सा लिया था। विभाग कर रहा मामले की जांच वहीं इस मामले पर खेल मंत्री यादवेंद्र गोमा ने कहा कि इस पर विभाग द्वारा जांच की जा रही है। अगर कुछ अनूचित पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्या है पूरा मामला ..? बता दें कि सीनियर नैशनल वॉलीबॉल प्रतियोगिता 7 से 13 जनवरी तक जयपुर में होनी है। इसके लिए 26 व 27 दिसंबर को शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में ट्रॉयल लिए गए। इस ट्रायल में 70 लड़के और 45 के लगभग लड़कियो ने भाग लिया। इस दौरान चयन प्रक्रिया पर कुछ खिलाड़ियों ने सवाल उठाए है। एक खिलाड़ी ने तो वीडियो सोशल मीडिया में डालकर कई गंभीर आरोप लगाए।
जानिए-नड्डा के हैल्थ-मिनिस्टर बनने से हिमाचल को क्या फायदा:5 साल से लटका मिनी सैटेलाइट PGI सेंटर जल्द पूरा होगा; हैल्थ को मिलेगा बूस्ट
जानिए-नड्डा के हैल्थ-मिनिस्टर बनने से हिमाचल को क्या फायदा:5 साल से लटका मिनी सैटेलाइट PGI सेंटर जल्द पूरा होगा; हैल्थ को मिलेगा बूस्ट हिमाचल से संबंध रखने वाले कैबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय दिया है। जेपी नड्डा साल 2014 से 2019 तक भी NDA-1 सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। केंद्रीय सरकार में नड्डा दूसरी बार हेल्थ मिनिस्टर बने हैं। इससे पहले 1998 में हिमाचल की प्रेम कुमार धूमल सरकार में भी नड्डा हैल्थ मिनिस्टर रह चुके हैं। नड्डा को स्वास्थ्य मंत्रालय मिलने के बाद हिमाचल के ऊना के मलाहत में प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट पीजीआई सेंटर के पांच साल से लटके प्रोजेक्ट के जल्द पूरा होने और चार ट्रॉमा सेंटर का शीघ्र निर्माण की आस बंध गई है। बता दें कि पांच साल नड्डा ने बतौर केंद्रीय मंत्री मलाहत में 480 करोड़ की लागत से बनने प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर की आधारशीला रखी थी। मगर आज तक यह नहीं बन पाया। इस सेंटर में 300 बेड की सुविधा के दावे किए गए थे। पांच साल पहले इसकी आधारशीला रखते वक्त नड्डा ने कहा था कि यह 40 महीने में बनकर तैयार होगा। सेटेलाइट सेंटर में रिजनल रिसर्च सेंटर डिवेलप किया जाएगा जिसमें रिजन स्पेसेफिक डिजीज पर स्पेशल रिसर्च की जाएगी। इसमें बीमारी की रोकथाम के लिए पूरा फोकस किया जाएगा। इसके बनने के बाद मरीजों को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा। नड्डा के दोबारा केंद्रीय मंत्री बनने से इस प्रोजेक्ट के एक साल के भीतर पूरा होने की आस बंध गई है। पुराने मंत्रियों को विभाग समझने में नहीं लगेगा वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने ज्यादातर मंत्रियों को उनके पुराने विभाग दिए हैं। इससे मंत्रियों को उनके विभागों के कामकाज को समझने व प्रोजेक्ट को सीरे चढ़ाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। पुराने मंत्री जानते हैं कि उनके विभाग में कौन-कौन से प्रोजेक्ट चल रहे हैं। NDA-2 सरकार में मनसुख मांडविया हैल्थ मिनिस्टर रहे हैं। NDA-3 में मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को देश की हैल्थ को ठीक करने का जिम्मा सौंपा है। हैवीवेट मंत्रालय कई मायने में महत्वपूर्ण मात्र चार लोकसभा सीटों वाले हिमाचल से संबंध रखने वाले नड्डा के लिए हैवीवेट मंत्रालय कई मायनों में महत्वपूर्ण है। NDA-1 सरकार में नड्डा हिमाचल के बिलासपुर में AIIMS दिला चुके हैं, जिसका प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले उद्घाटन कर दिया है। अब नड्डा के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद चार ट्रामा सेंटर भी जल्द बनने की आस बंध गई है। नड्डा को स्वास्थ्य मंत्रालय मिलने से हिमाचल की हैल्थ को बूस्ट मिलेगा।
दिवाली पर 88 स्पेशल बसें चलाएगा HRTC:शिमला से प्रदेशभर को भेजी जाएगी; प्रदेश से बाहर 100 अतिरिक्त बसें चलेगी
दिवाली पर 88 स्पेशल बसें चलाएगा HRTC:शिमला से प्रदेशभर को भेजी जाएगी; प्रदेश से बाहर 100 अतिरिक्त बसें चलेगी हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) दिवाली पर स्पेशल बसें चलाने जा रहा है। HRTC प्रबंधन ने शिमला से प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों को 88 स्पेशल बसें चलाने का निर्णय लिया है। दिवाली को देखते हुए 29 से 31 अक्टूबर तक अतिरिक्त बसें चलाई जाएगी। इनमें ज्यादातर बसें मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, धर्मशाला को भेजी जाएगी। HRTC प्रबंधन ने शिमला से प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों को चलने वाली बसों का शैड्यूल जारी कर दिया है। ये बसें रूटीन में चल रही बसों के अलावा है, जो ISBT शिमला से चलेगी। इन बसों के माध्यम से प्रदेशवासी दिवाली पर आसानी से अपने घरों को पहुंच पाएंगे। अधिकारियों को बसें उपलब्ध कराने के निर्देश HRTC प्रबंधन ने तय शैड्यूल के हिसाब से सभी क्षेत्रीय प्रबंधक (RM), बस अड्डा इंचार्ज, इंस्पेक्टर को निर्देश जारी कर दिए है। इन्हें शिमला से विभिन्न जिलों को जाने के लिए लोगों को बसों की पूरी जानकारी भेजने को कहा गया है, क्योंकि सभी बसें शिमला से प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों को भेजी जाएगी। गौर रहे कि शिमला राज्य की राजधानी है। यहां पर प्रदेशभर से लोग सरकारी व प्राइवेट नौकरी करते हैं। इसे देखते हुए शिमला से बसे चलाने का निर्णय लिया गया। कांगड़ा, पालमपुर, धर्मशाला को चलेगी 37 स्पेशल बसें शिमला से कांगड़ा, पालमपुर, धर्मशाला सहित अन्य जिलों को 37 स्पैशल बसें चलाई जाएगी। शिमला से रिकांगपियो को 2 स्पैशल बसें, शिमला से कांगड़ा 3 बसें, रामपुर के लिए 3 बसें, रोहडू के लिए 3 बसें, कुल्लू के लिए 3 बसें, मंडी के लिए 2 बसें, सरकघाट के लिए 2 बसें, पालमपुर के लिए 2 बसें, धर्मशाला के लिए 3 बसें, चंडीगढ़ के लिए 5 बसें और शिमला से दिल्ली के लिए 4 बसें चलाई जाएगी। दोनों दिन कुल मिलाकर 32 बसें चलेगी। 29 व 30 अक्तूबर को शिमला से ऊपरी शिमला को इन डिपो चलेगी स्पैशल बसें 29 व 30 अक्तूबर को शिमला से रामपुर से 2, रिकांगपियो से 1, करसोग से 1, शिमला लोकल से 1, तारदेपी डिपो से 1, सोलन से 3, परवाणू से 2 बसें चलेगी। इसी तरह 30 अक्तूबर रोहडू यूनिट से 2 ,रामपुर से 2, रिकांगपियो से 1, करसोग से 1, शिमला लोकल से 1, तारदेपी डिपो से 1, सोलन से 3, परवाणू से 2 बसें चलेगी। शिमला शहर में चलेगी 25 स्पैशल बसें दिवाली पर शिमला शहर में 12 स्पेशल बसें चलाई जाएगी। इसमें ग्रामीण डिपो के तहत 29 व 30 अक्टूबर को 6 बसें, लोकल डिपो के तहत 10 बसें और तारादेवी डिपो से 8 बसें चलेगी। हिमाचल से बाहर भेजी जाएगी 100 बसें इससे पहले निगम प्रबंधन हिमाचल से बाहर दिल्ली, चंडीगढ़ के साथ साथ औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ से 100 स्पेशल बसें चलाने का पहले ही ऐलान कर चुका है।