शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आज अमृतसर में अंतरिम कमेटी की बैठक संपन्न हुई। जिसमें सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेकने के निर्णय को रद्द कर दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ सभी एसजीपीसी सदस्यों ने देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट धामी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पंजाब के तीन युवकों को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की कड़ी निंदा की जाती है। अंतरिम कमेटी ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। अंतरिम कमेटी ने उत्तर प्रदेश में हुई इस घटना को बेहद गंभीर और चिंताजनक बताया। बैठक में एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि यह मामला जानबूझकर छोटे उम्र के युवाओं को निशाना बनाने जैसा प्रतीत होता है। एसजीपीसी ने इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित न्याय की मांग करते हुए न्यायिक जांच कराने का आह्वान किया। पंथ से नारायण चौड़ा को बाहर करने का प्रस्ताव रद्द 9 दिसंबर को रखी गई बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फैसला लिया था कि सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण चौड़ा को पंथ से निकालने का प्रस्ताव श्री अकाल तख्त साहिब पर भेजा जाएगा। जिस पर सहमति भी बन गई थी, लेकिन एक सदस्य की तरफ से इसका विरोध कर दिया गया था। गर्म ख्याली सिख संगठन भी इस पर भड़क गए थे। जिसके बाद उस प्रस्ताव को आज रद्द कर दिया गया, जिसमें सरदार नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से बाहर करने की मांग की गई थी। यह निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया। जांच कमेटी की समय सीमा बढ़ाई गई 19 दिसंबर को हुई बैठक में जथेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से संबंधित मामलों की जांच के लिए गठित समिति की समय सीमा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक माह के लिए बढ़ा दी गई है। साथ ही, अंतरिम कमेटी ने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की प्रतिबद्धता जताई। बैठक के दौरान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए “मूलमंत्र” और “गुरमंत्र” का जाप किया गया। बैठक में एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार रघुजीत सिंह विरक, कनिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव सरदार शेर सिंह मंडवाला, और अंतरिम कमेटी के अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। इनके साथ ही एसजीपीसी के विभिन्न अधिकारी, कानूनी सलाहकार और तकनीकी विशेषज्ञ भी बैठक का हिस्सा बने। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आज अमृतसर में अंतरिम कमेटी की बैठक संपन्न हुई। जिसमें सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेकने के निर्णय को रद्द कर दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ सभी एसजीपीसी सदस्यों ने देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट धामी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पंजाब के तीन युवकों को पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की कड़ी निंदा की जाती है। अंतरिम कमेटी ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। अंतरिम कमेटी ने उत्तर प्रदेश में हुई इस घटना को बेहद गंभीर और चिंताजनक बताया। बैठक में एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि यह मामला जानबूझकर छोटे उम्र के युवाओं को निशाना बनाने जैसा प्रतीत होता है। एसजीपीसी ने इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित न्याय की मांग करते हुए न्यायिक जांच कराने का आह्वान किया। पंथ से नारायण चौड़ा को बाहर करने का प्रस्ताव रद्द 9 दिसंबर को रखी गई बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फैसला लिया था कि सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण चौड़ा को पंथ से निकालने का प्रस्ताव श्री अकाल तख्त साहिब पर भेजा जाएगा। जिस पर सहमति भी बन गई थी, लेकिन एक सदस्य की तरफ से इसका विरोध कर दिया गया था। गर्म ख्याली सिख संगठन भी इस पर भड़क गए थे। जिसके बाद उस प्रस्ताव को आज रद्द कर दिया गया, जिसमें सरदार नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से बाहर करने की मांग की गई थी। यह निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया। जांच कमेटी की समय सीमा बढ़ाई गई 19 दिसंबर को हुई बैठक में जथेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से संबंधित मामलों की जांच के लिए गठित समिति की समय सीमा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक माह के लिए बढ़ा दी गई है। साथ ही, अंतरिम कमेटी ने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की प्रतिबद्धता जताई। बैठक के दौरान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए “मूलमंत्र” और “गुरमंत्र” का जाप किया गया। बैठक में एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार रघुजीत सिंह विरक, कनिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव सरदार शेर सिंह मंडवाला, और अंतरिम कमेटी के अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। इनके साथ ही एसजीपीसी के विभिन्न अधिकारी, कानूनी सलाहकार और तकनीकी विशेषज्ञ भी बैठक का हिस्सा बने। पंजाब | दैनिक भास्कर
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