जालंधर के संकरे बाजार खिंगरा गेट के पास दीपावली की रात दो पक्षों में हुए विवाद के बाद बदमाश मनु कपूर उर्फ मनु कपूर ढिल्लों और उसके साथियों ने गोलियां मारकर ऋषभ उर्फ बादशाह की हत्या कर दी थी। बदमाश मनु की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी पहचान चकशित रंधावा के निवासी जालंधर के रूप में हुई है। हालांकि पुलिस इसे लेकर चुप्पी साधे हुई है। परिवार द्वारा पिछले काफी समय से केस में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी। साथ ही परिवार ने अपनी जान को भी आरोपियों से खतरा बताया था। जल्द इसे लेकर सिटी पुलिस के अधिकारी जानकारी साझा करेंगे। बता दें कि मनु की गिरफ्तारी के बाद उसे पहले ही जेल भेजा जा चुका है। अली मोहल्ला निवासी ऋषभ उर्फ बादशाह की मौत के बाद परिवार ने द्वारा मनु को थाने के अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पुलिस कमिश्रन स्वपन शर्मा ने इंस्पेक्टर रविंदर कुमार को लाइन हाजिर कर दिया था। आरोपी के खिलाफ थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस ने हत्या, आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। परिजनों और पुलिस के बीच हाथापाई आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हाथापाई हुई। रामा मंडी के जौहल अस्पताल में उपचार के दौरान ऋषभ की मौत हो गई। बस्ती भूरेखां निवासी उसका दोस्त ईशू गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके हाथ में गोली लगी। दोनों युवक अली मोहल्ला में रहने वाले मशहूर एसके बंधुओं के बेहद करीबी थे। गोली लगने के बाद दोनों को पहले सत्यम अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें टैगोर भेजा गया और वहां से उन्हें जौहल अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां ऋषभ की मौत हो गई। परिजनों ने हाईवे बंद किया तो दोस्तों और परिजनों और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई। देर रात पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा मौके पर पहुंचे, जिसके बाद हाईवे खुलवाया गया। कमिश्नर शर्मा ने पुष्टि की कि उन्होंने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। ऋषभ काम से घर लौट रहा था, तब हुई वारदात पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि हत्या के वक्त मनु का पिता भी मौके पर मौजूद था। ऋषभ बादशाह की मौत के बाद परिवार ने जोहल अस्पताल के बाहर से होशियारपुर हाईवे बंद कर दिया था। बादशाह की मौत के बाद से परिवार का रो रोकर बुरा हाल था। परिवार ने कहा- बादशाह अपने काम से घर वापस लौट रहा था। इस दौरान आरोपियों ने घेर कर वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद मौके से फरार हुआ आरोपी जानकारी के अनुसार गोली चलाने का आरोप खिंगरा गेट के रहने वाले मनु नाम के बदमाश पर है। बताया जाता है कि करीब पांच राउंड फायरिंग किए गए थे। आरोपी मौके से फरार हो गए। क्राइम सीन पर जांच के लिए पुलिस टीमें पहुंच गई थी। आसपास के लोगों ने बताया कि 2 युवकों के पेट में गोलियां लगी है। क्राइम सीन पर जांच के लिए जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की सीआईए स्टाफ और थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने क्राइम सीन से गोली के खोल बरामद किए गए थे। सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और वारदात में कौन कौन आरोपी शामिल है, उनकी पहचान की जा रही है। बता दें कि जिस युवक पर गोलियां चलाने का आरोप है, उस पर पहले भी कई मामला दर्ज हैं। जिसमें हत्या की कोशिश सहित कई गंभीर केस हैं। जालंधर के संकरे बाजार खिंगरा गेट के पास दीपावली की रात दो पक्षों में हुए विवाद के बाद बदमाश मनु कपूर उर्फ मनु कपूर ढिल्लों और उसके साथियों ने गोलियां मारकर ऋषभ उर्फ बादशाह की हत्या कर दी थी। बदमाश मनु की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी पहचान चकशित रंधावा के निवासी जालंधर के रूप में हुई है। हालांकि पुलिस इसे लेकर चुप्पी साधे हुई है। परिवार द्वारा पिछले काफी समय से केस में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी। साथ ही परिवार ने अपनी जान को भी आरोपियों से खतरा बताया था। जल्द इसे लेकर सिटी पुलिस के अधिकारी जानकारी साझा करेंगे। बता दें कि मनु की गिरफ्तारी के बाद उसे पहले ही जेल भेजा जा चुका है। अली मोहल्ला निवासी ऋषभ उर्फ बादशाह की मौत के बाद परिवार ने द्वारा मनु को थाने के अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पुलिस कमिश्रन स्वपन शर्मा ने इंस्पेक्टर रविंदर कुमार को लाइन हाजिर कर दिया था। आरोपी के खिलाफ थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस ने हत्या, आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। परिजनों और पुलिस के बीच हाथापाई आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हाथापाई हुई। रामा मंडी के जौहल अस्पताल में उपचार के दौरान ऋषभ की मौत हो गई। बस्ती भूरेखां निवासी उसका दोस्त ईशू गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके हाथ में गोली लगी। दोनों युवक अली मोहल्ला में रहने वाले मशहूर एसके बंधुओं के बेहद करीबी थे। गोली लगने के बाद दोनों को पहले सत्यम अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें टैगोर भेजा गया और वहां से उन्हें जौहल अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां ऋषभ की मौत हो गई। परिजनों ने हाईवे बंद किया तो दोस्तों और परिजनों और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई। देर रात पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा मौके पर पहुंचे, जिसके बाद हाईवे खुलवाया गया। कमिश्नर शर्मा ने पुष्टि की कि उन्होंने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। ऋषभ काम से घर लौट रहा था, तब हुई वारदात पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि हत्या के वक्त मनु का पिता भी मौके पर मौजूद था। ऋषभ बादशाह की मौत के बाद परिवार ने जोहल अस्पताल के बाहर से होशियारपुर हाईवे बंद कर दिया था। बादशाह की मौत के बाद से परिवार का रो रोकर बुरा हाल था। परिवार ने कहा- बादशाह अपने काम से घर वापस लौट रहा था। इस दौरान आरोपियों ने घेर कर वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद मौके से फरार हुआ आरोपी जानकारी के अनुसार गोली चलाने का आरोप खिंगरा गेट के रहने वाले मनु नाम के बदमाश पर है। बताया जाता है कि करीब पांच राउंड फायरिंग किए गए थे। आरोपी मौके से फरार हो गए। क्राइम सीन पर जांच के लिए पुलिस टीमें पहुंच गई थी। आसपास के लोगों ने बताया कि 2 युवकों के पेट में गोलियां लगी है। क्राइम सीन पर जांच के लिए जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की सीआईए स्टाफ और थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने क्राइम सीन से गोली के खोल बरामद किए गए थे। सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और वारदात में कौन कौन आरोपी शामिल है, उनकी पहचान की जा रही है। बता दें कि जिस युवक पर गोलियां चलाने का आरोप है, उस पर पहले भी कई मामला दर्ज हैं। जिसमें हत्या की कोशिश सहित कई गंभीर केस हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गांव के सरपंच सुखचैन सिंह ने बताया नामधारी सिख समुदाय में दो धाम हैं। एक धाम लुधियाना में श्री भैणी साहिब है, जिसका प्रबंधन सतगुरु उदय सिंह करते हैं। दूसरा धाम रानियां के जीवन नगर में है, इस डेरे का प्रबंधन उदय सिंह के भाई ठाकुर दलीप सिंह करते हैं। आज सुबह सतगुरु उदय सिंह के अनुयायी डेरा जीवन नगर से सटी 12 एकड़ जमीन पर कब्जा करने की नीयत से आए थे। उन्होंने जमीन के चारों ओर सफेद झंडे लगा दिए। जमीन श्री जीवन नगर नामधारी धाम से सटी है। दलीप सिंह के अनुयायी मिट्ठू सिंह का दावा है कि यह जमीन उनकी है। कब्जा लेने की कोशिश का पता चलते ही दूसरा पक्ष वहां पहुंच गया। जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर झगड़ा हो गया। मिट्ठू सिंह ने कहा कि सतगुरु उदय सिंह के करीब 250 अनुयायी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। इसके बाद अनुयायियों ने डेरे पर हमला कर दिया। चश्मदीदों के मुताबिक इसके बाद दोनों ग्रुपों के समर्थक आमने-सामने हो गए। उनके बीच फायरिंग शुरू हो गई। जिसमें 8 लोगों को गोली लग गई। माहौल इस कदर खराब हो गया कि वहां चीखोपुकार मच गया। पुलिस पर फायरिंग, आंसू गैस के गोले दागे
वारदात का पता चलते ही पुलिस टीम वहां पहुंची। पुलिस के आने तक भी वहां दोनों पक्षों में गोलियां चल रहीं थी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उनके ऊपर भी फायरिंग कर दी गई। इस दौरान पुलिस वालों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने भीड़ को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद एसपी विक्रांत भूषण भी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। जीवन नगर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पहले पक्ष का दावा
सतगुरु दलीप सिंह के अनुयायी हरविंद्र सिंह मिट्ठू का कहना है यह जमीन उनकी है। उन्होंने यह जमीन माता दलीप कौर को 2029 तक गहने पर दी हुई थी। उनकी मौत के बाद इस जमीन की देखरेख नामधारी गुरुद्वारा समिति श्री जीवन नगर कर रही थी। इस जमीन को लेकर दूसरे पक्ष ने मेरे पिता से जबरन इंतकाल करवा लिया। इसके बाद हमने इंतकाल को चैलेंज किया और फाइनेंस कमिश्नर हरियाणा में अपील डाली। इस पर 27 जून 2019 को हमारे हक में फैसला आया था। उस इंतकाल की कॉपी हमने एडीएम ऐलानाबाद में जमा करवाई हुई है। दूसरा पक्ष बोला- लंगर कमेटी भैणी साहिब के नाम है जमीन
वहीं, सतगुरु उदय सिंह के अनुयायी नकौड़ा गांव के पूर्व सरपंच सुच्चा सिंह का दावा है कि यह जमीन गुरुद्वारा लंगर कमेटी भैणी साहिब लुधियाना के नाम है। रविवार को जमीन पर स्प्रे करने के लिए उनके आदमी गए थे। किसी के पास कोई हथियार नहीं थे। हमारे लोगों का लड़ने का कोई इरादा नहीं था। दूसरे पक्ष के लोगों ने गोलियां चलाईं। पुलिस कर्मचारियों को गोलियां लगते-लगते बची हैं। हमने भी पुलिस में शिकायत दी है। 13 लोगों पर केस दर्ज
पुलिस ने नामधारी गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की शिकायत पर 13 लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें गुरुचरण सिंह, पूर्ण सिंह, गुरमीत सिंह, बल्हार सिंह, गुरदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, सूबा बलकार सिंह, हरभजन सिंह, सतनाम सिंह, नक्षत्र सिंह, सेवा सिंह और रणजीत सिंह नामजद हैं। इसके अलावा 250 से 300 अन्य लोगों पर केस दर्ज है। 3 घायलों की हालत गंभीर
वहीं, अभी तक इस मामले में किसी के मरने की सूचना नहीं है, लेकिन जिन 8 लोगों को गोली लगी है, उनमें से 3 गंभीर हैं। डॉक्टरों ने 4 लोगों को सिविल अस्पताल सिरसा से अग्रोहा मेडिकल रेफर कर दिया है। वहीं, 4 लोगों का सिरसा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों की पहचान सुखचैन सिंह, प्रेम सिंह, कुलदीप सिंह, साहब सिंह, कर्मजीत सिंह, गुरदीप सिंह, कर्ण सिंह और बिहान सिंह के रूप में हुई है। इनमें से 3 लोगों की जांघ, कंधे और हाथ पर गोली लगी है। वहीं, 5 लोगों के छर्रे लगे हैं। पहले से प्लानिंग कर बैठे थे लोग
पूर्व सरपंच सुखचैन सिंह ने कहा कि दूसरे पक्ष के लोग पहले से ही प्लानिंग करके बैठे थे। उन्होंने डेरे के लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें कई लोग घायल हो गए। उन्होंने मौके पर पहुंचे एसएचओ की गाड़ी पर भी गोलियां चलाईं। गाड़ी का ड्राइवर बाल-बाल बच गया। उन्होंने बताया कि गोलियां चलाने वाले पक्ष के 50 से 60 लोग थे। विवाद की सूचना मिलने पर डेरे के पक्ष के लोग भी इकट्ठा हो गए। उन्होंने कोई गोली नहीं चलाई। दूसरा पक्ष हमला कर रहा है। पुलिस ने फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी है।
पठानकोट अस्पताल में डॉक्टर के इंतजार में तड़पता रहा मरीज:रात के समय पीड़ित को घंटों नहीं मिला इलाज, एसएमओ ने दी सफाई
पठानकोट अस्पताल में डॉक्टर के इंतजार में तड़पता रहा मरीज:रात के समय पीड़ित को घंटों नहीं मिला इलाज, एसएमओ ने दी सफाई एक तरफ जहां स्वास्थय विभाग बड़े बड़े दावे करते नहीं थकता, वहीं दूसरी ओर इन खोखले दावों की लगातार हवा निकालते हुए जिला पठानकोट में एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें एक मरीज पठानकोट के सिविल अस्पताल के इमरजेंसी रूम में पड़ा डॉक्टर का इंतजार तड़पता दिखाई दे रहा है। जिसके साथ आए कुछ लोगों ने सिविल अस्पताल पठानकोट के खोखले दावों की हवा निकल दी। हालांकि इस पूरे मामले को सिविल अस्पताल पठानकोट के एसएमओ सुनिल चंद नकारते हुए नजर आए। डॉक्टर नहीं नहीं होने पर तड़प रहा मरीज बताते चले कि सिविल अस्पताल पठानकोट पिछले कुछ सालों से हमेशा अखबारों की सुर्खियां बटोरता नजर आया है। चाहे हॉस्पिटल में पानी भरना, फर्श पर मां का बच्चे को जन्म देना आदि खबरों ने खूब चर्चा करवाई है। आज अगर फिर से सिविल अस्पताल पठानकोट की बात करे तो फिर से एक वीडियो अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलती नज़र आ रही है। जिसमें एक व्यक्ति की वीडियो में साफ शब्दों में कहा गया है कि यह मरीज पूरे एक घंटे से इलाज के लिए तड़प रहा है। लेकिन अस्पताल में कोई डॉक्टर न होने की वजह से इसे इलाज नहीं मिल रहा। एसएमओ ने आरोपों के नकरा जब इस सम्बन्ध में सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. सुनील चंद से संपर्क किया गया तो उन्होंने वीडियो में लगाए गए सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह मरीज बीती रात हमारे अस्पताल में आया था। लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा न होने के कारण इसे अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि रात के समय पर बाकायदा एक डॉक्टर की ड्यूटी रहती है। लेकिन सिविल में कोई न्यूरो सर्जन नहीं है। जबकि इस मरीज को हैड इंजरी थी।