हरियाणा के करनाल के अराईपुरा गांव के 21 वर्षीय आर्यन राणा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मामला पैसों के लेन-देन से जुड़ा है। आरोपी ने पुलिस में झूठी शिकायत की थी। मामले को लेकर 31 दिसंबर को पंचायत चल रही थी। एक तरफ पंचायत चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ युवक ने सल्फास खा लिया। उसकी हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान आज युवक की मौत हो गई। युवक की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पैसों का लेनदेन मृतक के पिता गोपाल राणा का कहना है कि पिंगली निवासी देवेंद्र आर्यन का दोस्त था, एक युवक यूपी का रहने वाला है, ये तीनों दोस्त थे और आपस में पैसों का लेनदेन करते थे। देवेंद्र ने आर्यन के खाते में 1.40 लाख रुपए ट्रांसफर किए। आर्यन ने यूपी वाले अपने दोस्त के खाते में पैसे ट्रांसफर किए। यूपी वाला दोस्त काफी समय से पैसे नहीं लौटा रहा था। देवेंद्र ने आर्यन पर यूपी वाले दोस्त से पैसे वापस लेने का दबाव बनाया। आर्यन पैसे नहीं निकाल पाया। देवेंद्र की हमारे गांव में ही रिश्तेदारी है। पिता का आरोप है कि देवेंद्र ने अपने साले और साले के भाई के साथ मिलकर आर्यन के खिलाफ पुलिस में 3.40 लाख रुपए की झूठी शिकायत दर्ज कराई, जबकि असल रकम 1.40 लाख रुपए ही थी। जीजा ने दी झूठी गवाही जीजा ने झूठी गवाही दी कि उसने आर्यन को 3.40 लाख रुपए मेरे घर पर मेरी मौजूदगी में दिए। जिसके बाद गांव में और थाने में भी पंचायत हुई। जिसमें बाद में जीजा ने माना कि 2 लाख रुपए झूठा लिखवाए गए हैं, असली रकम 1.40 लाख ही है। इस दौरान हम यूपी वाले के पास एक दो बार गए, उसने भी माना कि आर्यन ने मुझे 1.40 लाख रुपए दिए हैं। जिसमें से उसने 25 हजार रुपए आरोपी को लौटा दिए हैं और 50 हजार रुपए और देने को तैयार है, यह बात भी पंचायत में स्वीकार की गई। पिता ने बताया कि सिर्फ 65 हजार रुपए बकाया था। जिसको लेकर आरोपियों ने आर्यन पर दबाव बना शुरू किया। जीजा ने उसको बहुत ज्यादा टॉर्चर किया। मेरा भाई पुलिस में है, तुझे उठवाकर जेल में डलवा दूंगा। अगले महीने ही आर्यन की शादी थी, उसे धमकी दी गई कि तेरा रिश्ता तुड़वा दूंगा। जिससे तुम्हारी और तुम्हारे पिता की बदनामी होगी, इन सभी से तंग आकर आर्यन ने जहर खा लिया। बीए का छात्र था मृतक आर्यन बीए का छात्र था और गांव के पास ज्ञानपुरा कॉलेज में पढ़ रहा था। आर्यन के पिता ड्राइवर का काम करते हैं और आर्थिक रूप से तंग भी है। आर्यन का छोटा भाई भी मजदूरी का काम करता है। अगले महीने ही आर्यन की शादी थी। पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। पुलिस को दी गई शिकायत पिता ने बताया कि 31 दिसंबर को थाने में शिकायत दी गई थी। जिसमें पुलिस को बताया गया था कि आरोपियों से परेशान होकर आर्यन ने जहर निगला है और वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। अब रात को उसकी डेथ हो गई। दोबारा थाने में गए और पुलिस को पूरी घटना बताई। पुलिस को शिकायत दी गई है। पुलिस ने कहा है कि मुकदमा दर्ज हो चुका है। पुलिस जांच कर रही है। हरियाणा के करनाल के अराईपुरा गांव के 21 वर्षीय आर्यन राणा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मामला पैसों के लेन-देन से जुड़ा है। आरोपी ने पुलिस में झूठी शिकायत की थी। मामले को लेकर 31 दिसंबर को पंचायत चल रही थी। एक तरफ पंचायत चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ युवक ने सल्फास खा लिया। उसकी हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान आज युवक की मौत हो गई। युवक की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पैसों का लेनदेन मृतक के पिता गोपाल राणा का कहना है कि पिंगली निवासी देवेंद्र आर्यन का दोस्त था, एक युवक यूपी का रहने वाला है, ये तीनों दोस्त थे और आपस में पैसों का लेनदेन करते थे। देवेंद्र ने आर्यन के खाते में 1.40 लाख रुपए ट्रांसफर किए। आर्यन ने यूपी वाले अपने दोस्त के खाते में पैसे ट्रांसफर किए। यूपी वाला दोस्त काफी समय से पैसे नहीं लौटा रहा था। देवेंद्र ने आर्यन पर यूपी वाले दोस्त से पैसे वापस लेने का दबाव बनाया। आर्यन पैसे नहीं निकाल पाया। देवेंद्र की हमारे गांव में ही रिश्तेदारी है। पिता का आरोप है कि देवेंद्र ने अपने साले और साले के भाई के साथ मिलकर आर्यन के खिलाफ पुलिस में 3.40 लाख रुपए की झूठी शिकायत दर्ज कराई, जबकि असल रकम 1.40 लाख रुपए ही थी। जीजा ने दी झूठी गवाही जीजा ने झूठी गवाही दी कि उसने आर्यन को 3.40 लाख रुपए मेरे घर पर मेरी मौजूदगी में दिए। जिसके बाद गांव में और थाने में भी पंचायत हुई। जिसमें बाद में जीजा ने माना कि 2 लाख रुपए झूठा लिखवाए गए हैं, असली रकम 1.40 लाख ही है। इस दौरान हम यूपी वाले के पास एक दो बार गए, उसने भी माना कि आर्यन ने मुझे 1.40 लाख रुपए दिए हैं। जिसमें से उसने 25 हजार रुपए आरोपी को लौटा दिए हैं और 50 हजार रुपए और देने को तैयार है, यह बात भी पंचायत में स्वीकार की गई। पिता ने बताया कि सिर्फ 65 हजार रुपए बकाया था। जिसको लेकर आरोपियों ने आर्यन पर दबाव बना शुरू किया। जीजा ने उसको बहुत ज्यादा टॉर्चर किया। मेरा भाई पुलिस में है, तुझे उठवाकर जेल में डलवा दूंगा। अगले महीने ही आर्यन की शादी थी, उसे धमकी दी गई कि तेरा रिश्ता तुड़वा दूंगा। जिससे तुम्हारी और तुम्हारे पिता की बदनामी होगी, इन सभी से तंग आकर आर्यन ने जहर खा लिया। बीए का छात्र था मृतक आर्यन बीए का छात्र था और गांव के पास ज्ञानपुरा कॉलेज में पढ़ रहा था। आर्यन के पिता ड्राइवर का काम करते हैं और आर्थिक रूप से तंग भी है। आर्यन का छोटा भाई भी मजदूरी का काम करता है। अगले महीने ही आर्यन की शादी थी। पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। पुलिस को दी गई शिकायत पिता ने बताया कि 31 दिसंबर को थाने में शिकायत दी गई थी। जिसमें पुलिस को बताया गया था कि आरोपियों से परेशान होकर आर्यन ने जहर निगला है और वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। अब रात को उसकी डेथ हो गई। दोबारा थाने में गए और पुलिस को पूरी घटना बताई। पुलिस को शिकायत दी गई है। पुलिस ने कहा है कि मुकदमा दर्ज हो चुका है। पुलिस जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सरकार के साथ किसान संगठनों की मीटिंग:चंडीगढ़ के हरियाणा भवन में होगी बैठक, राजेश खुल्लर से कई मांगों पर चर्चा हरियाणा के किसान संगठनों की आज चंडीगढ़ में 12 बजे सरकार के साथ मीटिंग होने जा रही है। यह बैठक हरियाणा भवन में रखी है। सरकार के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर किसानों के साथ बैठक करेंगे। जिसमें किसानों की सभी मांगों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में विभिन्न किसान संगठनों को प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये हैं किसानों की मुख्य मांगें BKU के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि हमें फसल खरीद की गारंटी देते हुए स्वामीनाथन की सिफारिश अनुसार C2 + 50 % लागत का डेढ़ गुना दाम देने का कानून बनाया जाए। 2. प्रदेश में फसल खरीद में खरीद की लिमिट,ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, पोर्टल आदि की शर्त हटाई जाए व भुगतान तय सीमा में हो अन्यथा ब्याज समेत भुगतान हो। 3. प्राकृतिक आपदा (ओलावृष्टि, आंधी, तूफान,बारिश, जलभराव, आगजनी ,सूखा,) आदि से फसल बर्बाद होने की स्थिति में ऑनलाइन आदि का चक्कर खत्म कर किसानों को जितना नुकसान होता है उसका मुआवजा देने की प्रक्रिया को सरल बनाई जाए। ओलावृष्टि से बर्बाद फसल का मुआवजा रतन मान ने बताया कि रबी 2023 में ओलावृष्टि के चलते दर्जनों जिलों में फसल बर्बाद हुई थी। जिसकी गिरदावरी के आदेश दिए गए लेकिन इसी समय क्षतिपूर्ति पोर्टल भी चलाया गया था। जिसके ना चलने की वजह से सभी किसान पोर्टल पर नुकसान दर्ज नही करवा पाए कुछ किसानों ने पोर्टल पर भी दर्ज करवा दिया। जिसका कुछ मुआवजा सरकार ने दिया लेकिन जो गिरदावरी हुई थी उसकी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा नहीं दिया और उसके चलते, रोहतक, झज्जर, हिसार, फतेहबाद, भिवानी, सिरसा, कैथल, दादरी, समेत अन्य जिलों के किसान मुआवजे से वंचित है। वो जल्द दिया जाएं। 4. रबी 2024 में ओलावृष्टि बर्बाद फसलों का प्रदेश के कई जिलों का बकाया मुआवजा जल्द किसानों के खातों में डाला जाएं। खरीफ 2021 का खेड़ी चौपट,नरवाना, आदमपुर, बालसमंद ,बरवाला,का मुआवजा दिया जाएं। 6. बिजली संशोधन कानून और स्मार्ट मीटर योजना को रद्द करने की सिफारिश हरियाणा सरकार केंद्र सरकार को भेजें। 7.खेतों से निकलने वाली हाई टेंशन पावर लाइन के मुआवजे को लेकर जो पॉलिसी हरियाणा सरकार लेकर आई है वो आंदोलनरत किसानों की मांगो के अनुरुप नहीं है उस पर पुनर्विचार करते हुए किसानों की मांगो के मुताबिक पॉलिसी बनाई जाए। 6.765 केवी की एचटी लाइन और उसमे खंबो के नीचे की जमीन का मार्केट रेट से 200% व 67 मीटर चौड़े कॉरिडोर का 70% से अधिक मुआवजा दिया जाए। 7. प्रदेश में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएं। प्रदेश में लंबित ट्यूबवेल कनेक्शन जल्द जारी किए जाए। 8.फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों की मनमानी शर्तों को हटाया जाए। इसकी जगह सरकारी और प्रभावी फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन हो। जो कंपनियां किसानों के क्लेम नही दे रही उनपर कानूनी कार्यवाही की जाए। इन मांगो सहित किसानों की कुल 30 मुख्य मांगे हैं।
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पलवल में हादसे में युवक की मौत:बाइक से मथुरा जाते हुए अज्ञात वाहन ने ठोका; परिजनों को अस्पताल में मिला शव हरियाणा के पलवल में नेशनल हाईवे-19 पर होडल के निकट अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। जहां से शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। अज्ञात वाहन ने मारी बाइक को टक्कर होडल थाना प्रभारी दौलतराम ने बताया कि जिला गाजियाबाद (यूपी) तुलशी निकेतन भोपुरा साहिदाबाद निवासी मनोज कुमार ने शिकायत में बताया कि उसका बेटा हर्षित कुमार किसी काम से अपनी बाइक पर सवार होकर मथुरा जा रहा था। होडल के पास पहुंची तभी किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। जिससे उसके बेटे की मौत हो गई। राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल राहगीरों ने उसके बेटे को सरकारी अस्पताल भिजवा दिया, सूचना पाकर वह जब सरकारी अस्पताल पहुंचा तो उसके बेटे की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मृतक के पिता की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं हरियाणा में एडमिशन में घोटाले में CBI ने शिकंजा और कस दिया है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा हुआ था। हरियाणा में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया। यह फर्जीवाड़ा साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में शुरू हुआ था जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्ष 2016 तक भाजपा सरकार में जारी रहा। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर CBI जांच शुरू हुई और 3 FIR रजिस्टर्ड की गई थी। अब एक बार फिर CBI ने इस मामले में 4 नई एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने धारा 120-B, 167, 218, 409, 418, 420, 477-A के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, रोहतक से जुड़ा हुआ है। 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी
अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके विरोध में गेस्ट टीचर हाई कोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने 6 जुलाई 2015 को याचिका खारिज कर दी तो सितंबर 2015 में मामला डबल बेंच में पहुंच गया, फिर सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने पाया कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे। जबकि 2015-16 में इनकी संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई। 2018 में दर्ज हुई थी 7 एफआइआर
कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई गई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया। ब्लाक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। गुरुग्राम विजिलेंस के एसपी हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर इस मामले में एक SIT का गठन किया गया। जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR भी दर्ज की गई। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई, फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12 हजार 924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले। करनाल में हुए 50 हजार फर्जी दाखिले
हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिलों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने तीन FIR दर्ज की हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों के स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का गबन किया जा रहा था। ये पूरा खेल “ड्रॉप आउट” या लंबे समय से गैर हाजिर छात्रों के नाम पर चल रहा था। विभिन्न जिलों में लाखों छात्र लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे थे। उनके नाम काट दिए गए और रिकार्ड गायब कर दिया गया। उनके नाम पर सरकारी लाभ लिए जा रहे थे। CBI से पहले हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। अकेले करनाल में ही 50 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन पाए गए थे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में 9500 फर्जी दाखिले
वहीं गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार जैसे जिलों में एक ही सत्र में 9500 के करीब फर्जी दाखिले हुए। जब विभाग के खिलाफ जांच हुई तो अफसरों ने इन छात्रों को ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ चुके छात्र) दिखाने की कोशिश की। इन जिलों में इस तरह मिली गड़बड़ी
गुरुग्राम: SIT ने गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात व नारनौल के सरकारी मिडिल स्कूलों की जांच की। सत्र 2014-15 में 5298 छात्रों ने दाखिला लिया, लेकिन फाइनल परीक्षा देने 4232 ही पहुंचे। यहां 1066 को ड्रॉप आउट दिखाया गया। सत्र 2015-16 में इन्हीं 10 स्कूलों में 4812 छात्रों का दाखिला हुआ, जबकि फाइनल परीक्षा देने 3941 ही पहुंचे। 871 ड्रॉप आउट रहे। फरीदाबाद: 2014-15 में 2777 और 2015-16 में 2063 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए। इनमें से विभाग के पास केवल 701 छात्रों का ही रिकार्ड सही मिला। करनाल: करनाल के साथ-साथ पानीपत और जींद के भी स्कूलों की जांच हुई। यहां वर्ष 2014 से 2016 के बीच 50687 ड्रॉप आउट छात्र पाए गए। अंबाला: यहां 16 स्कूलों की जांच हुई। छह स्कूलों में कोई छात्र ड्रॉप आउट नहीं मिला, लेकिन 10 स्कूलों में 48 छात्रों को ड्रॉप आउट दिखाया गया। मगर इसका रिकार्ड फर्जी पाया गया। कुरूक्षेत्र: यहां 52 स्कूलों की जांच हुई। इनमें 17 स्कूलों में कोई बच्चा ड्रॉप आउट नहीं था। 35 स्कूलों में 302 बच्चे लंबे समय से गैर हाजिर पाए गए। हिसार: हिसार के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के विभिन्न स्कूलों में 5735 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए।