पंजाब में नशे पर नकेल कसने के लिए अब सरकार नई नीति बनाएगी। सीएम भगवंत मान की तरफ से कमेटी बनाने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, सूबे में नशा मुक्ति और पुनर्वास प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा अगुआई में स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस कमेटी का नोडल अफसर प्रमुख सचिव राहुल तिवारी को लगाया गया है। इस नीति का बिंदु नाबालिग रहेंगे। जिनमें पिछले कुछ समय में नशे का रुझान अधिक देखने को मिल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दो से तीन महीने में नई पॉलिसी बन जाएगी। लुधियाना में महिलाओं के लिए केंद्र हो रहा स्थापित नई नीति की प्रारंभिक रूपरेखा अनुसार कई चीजों पर मंथन चल रहा है। विद्यक संस्थानों में नशे का रुझान रोकने के लिए सिलेबस में इससे जुड़ी पाठय सामग्री शामिल की जाएगी । इसी तरह औरतों को नशा छुड़वाने और पुनर्वास के लिए लुधियाना में क्लिनिक स्थापित किया रहा है। पिछले समय में नशा तस्करों के खिलाफ मुहिम चलाई गई। वहीं अब नशे से निपटने के इंतजामों पर योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा शिक्षा विभाग की तरफ से उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। 303 नशा मुक्ति केंद्र स्थापित पंजाब पुलिस के कम्युनिटी विंग में भी इसमें सहयोग दिया जाएगा। राज्य में इस समय 303 नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्र है। इस तरह राज्य सरकार ओट क्लिनिक भी चल रही है। इसमें काफी संख्या में 18 से 25 साल के युवा शामिल है। इसके अलावा पुलिस भी कई कार्यक्रम चला रही है। करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी जब्त की गई है। पंजाब में नशे पर नकेल कसने के लिए अब सरकार नई नीति बनाएगी। सीएम भगवंत मान की तरफ से कमेटी बनाने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, सूबे में नशा मुक्ति और पुनर्वास प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा अगुआई में स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस कमेटी का नोडल अफसर प्रमुख सचिव राहुल तिवारी को लगाया गया है। इस नीति का बिंदु नाबालिग रहेंगे। जिनमें पिछले कुछ समय में नशे का रुझान अधिक देखने को मिल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दो से तीन महीने में नई पॉलिसी बन जाएगी। लुधियाना में महिलाओं के लिए केंद्र हो रहा स्थापित नई नीति की प्रारंभिक रूपरेखा अनुसार कई चीजों पर मंथन चल रहा है। विद्यक संस्थानों में नशे का रुझान रोकने के लिए सिलेबस में इससे जुड़ी पाठय सामग्री शामिल की जाएगी । इसी तरह औरतों को नशा छुड़वाने और पुनर्वास के लिए लुधियाना में क्लिनिक स्थापित किया रहा है। पिछले समय में नशा तस्करों के खिलाफ मुहिम चलाई गई। वहीं अब नशे से निपटने के इंतजामों पर योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा शिक्षा विभाग की तरफ से उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। 303 नशा मुक्ति केंद्र स्थापित पंजाब पुलिस के कम्युनिटी विंग में भी इसमें सहयोग दिया जाएगा। राज्य में इस समय 303 नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्र है। इस तरह राज्य सरकार ओट क्लिनिक भी चल रही है। इसमें काफी संख्या में 18 से 25 साल के युवा शामिल है। इसके अलावा पुलिस भी कई कार्यक्रम चला रही है। करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी जब्त की गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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किसानों ने दिल्ली मार्च टाला, एक दिन का अल्टीमेटम दिया:दोपहर में बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़े तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, 8 घायल हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसान शुक्रवार (6 दिसंबर) को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद किसानों ने मार्च टाल दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, इसलिए हम कल तक इंतजार करेंगे। हम सरकार से टकराव नहीं चाहते। हमसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान बात करें। केंद्र वार्ता करेगा तो ठीक, नहीं तो रविवार यानी 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा। पिछले 9 महीने से कैंप लगाकर बैठे किसानों ने दोपहर एक बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली रवाना किया था। किसानों ने बैरिकेड और कंटीले तार उखाड़ दिए। इस पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी और आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 8 किसान घायल हुए हैं। 2 की हालत गंभीर है। पंधेर ने कहा कि हरियाणा पुलिस से हमारी बातचीत हुई। उन्होंने हमसे मांग पत्र मांगा। इसके बाद हमने उन्हें मांग पत्र सौंपा। जिसमें केंद्र सरकार से वार्ता की बात कही है। कल का दिन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा पुलिस की तरफ से दागे गए आंसू गैस के गोलों के कारण हमारे काफी नेता घायल हुए हैं। इसके बाद हमने जत्थे को वापस बुला लिया। इस मामले में राहुल गांधी ने कहा- किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। उन पर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। शंभू बॉर्डर पर ये इंतजाम किए हैं
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गुरदासपुर में 2 महीने की बच्ची की मौत:दादा बोले- डॉक्टर ने बीमार को ठीक बताया, इंजेक्शन लगाया, सूजन आई
गुरदासपुर में 2 महीने की बच्ची की मौत:दादा बोले- डॉक्टर ने बीमार को ठीक बताया, इंजेक्शन लगाया, सूजन आई गुरदासपुर में एक परिवार ने निजी अस्पताल के डॉक्टर पर दो माह की बच्ची का गलत इलाज करने के आरोप लगाए है। बच्ची की इलाज के दौरान मौत होने के बाद परिवार ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर धरना लगा दिया। मृतक बच्ची के दादा जीवन कुमार निवासी गांव तलवंडी ने बताया कि उन्होंने अपनी पोती को 20 दिसंबर को गुरदासपुर के एक निजी बच्चों के अस्पताल में दाखिल करवाया था। वह दूध नहीं पीती थी। अस्पताल के डॉक्टर चेतन नंदा ने कुछ दिन की दवाइयां देकर कहा कि बच्ची बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर 6 दिन दवा खाने के बाद वह ठीक नहीं हुई तो फिर से उसे इसी डॉक्टर के पास लाया गया। डॉक्टर ने फिर से उसे कुछ दिन दवा दे दी, मगर बच्ची को कोई फर्क नहीं पड़ा तो डॉक्टर ने 1 जनवरी को उसे अस्पताल में एडमिट कर लिया गया और सभी टेस्ट, स्केनिंग करवाने के बाद कहा कि यह बिल्कुल ठीक ठाक है, मगर इसका कुछ दिन अस्पताल में इलाज चलेगा। इंजेक्शन से हुआ रिएक्शन
बच्ची के दादा ने आरोप लगाया कि इस दौरान बच्ची को एक ऐसा इंजेक्शन लगा दिया गया, जो शायद उसे रिएक्शन कर गया और उसके शरीर पर सूजन शुरू हो गई और सख्त हो गया। इसके बाद 6 जनवरी को डॉक्टर ने उन्हें बकाया पेमेंट जमा करवाने के लिए कहा और कहा कि लड़की का ऑपरेशन होगा। इसे पीजीआई में ले जाए और साथ ही सभी प्राइवेट डॉक्टर अपने अस्पताल में बुला लिए। बाद में बच्ची को अमृतसर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां पर साढ़े 11 बजे पहुंचे। बच्ची के दादा का कहना है कि इलाज के दौरान अमृतसर के डॉक्टर ने स्वीकार किया कि बच्ची को पहली गलत इलाज दिया गया है। जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ी है। परिवार के पास सबूत भी है। उन्होंने मांग की कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उधर बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर चेतन नंदा का कहना है कि बच्चा जन्म के समय ही कई बीमारियों से ग्रस्त था और उसका दिल भी कमजोर था। परिवार उसे उनके पास लेकर आया था, मगर वह कई दिनों से दूध नहीं पी रहा था। इसके बारे में परिवार को पहले ही बता दिया जा चुका था कि उसकी हालत गंभीर है, मगर परिवार ने बच्चे का उपचार करने की मिन्नतें की तो उन्होंने इलाज शुरू किया था। इसमें उनकी किसी भी तरह की लापरवाही नहीं है। उसकी मौत का कारण भी कई दिनों से दूध न पीने पर इन्फेक्शन है।
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