हरियाणा सरकार ने नए साल 2025 में 500 क्रेच सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 32.15 करोड़ रुपए के बजट की भी व्यवस्था कर ली गई है। सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने फर्स्ट फेज में 15 जिलों में 165 क्रेच सेंटर खोल दिए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसके लिए एक स्टेट लेवल क्रेच पॉलिसी शुरू की है। जो वर्किंग महिलाओं के लिए को प्राथमिकता देगी। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ने 21 में कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए 500 नए क्रेच खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद अब सीएम सैनी पूर्व सीएम की घोषणा को अमली जामा पहना रहे हैं। सीएम के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त गुणवत्तापूर्ण क्रेच स्थापित करने के लिए मोबाइल क्रेच संगठन के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। हरियाणा क्रेच नीति लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बना है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने 21 जुलाई 2023 को हरियाणा राज्य क्रेच नीति लागू करके अधिसूचना जारी कर चुका है। क्रेच पॉलिसी के तहत ये हो चुके सुधार हरियाणा सरकार क्रेच वर्कर के लिए 15000 रुपए और असिस्टेंट के लिए 7500 रुपए का मासिक मानदेय दे रही है। हरियाणा वित्त विभाग से अनुमोदित बजट के अनुसार 2024 से 26 के दौरान 500 क्रेच स्थापित करना है। इस पहल की कुल लागत वित्त वर्ष 2023- 24 के लिए 5735.00 लाख रुपए, इस साल 2024-25 के लिए 3215.00 लाख रुपए और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3235.00 लाख रुपए अनुमानित है। यह क्रेच शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में खोले जाएंगे। 8 से 10 घंटे बच्चे को क्रेच में रख सकेंगे हरियाणा में प्री-सर्विस प्रशिक्षण फिर से शुरू हो गए हैं। जो सरकार के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार, 500 क्रेच चालू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। महिला और बाल विकास विभाग के सहयोग से 201 आंगनबाड़ी सह क्रेच कार्यकर्ता को प्री सर्विस प्रशिक्षण के 6 बैचों में प्रशिक्षित दिया जा रहा है। जबकि 26 मध्य-स्तरीय कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है। क्रेच का समय 8 से 10 घंटे तक बदला गया, जिससे कामकाजी माता-पिता को अधिक सहायता मिलेगी। यह है क्रेच पॉलिसी हरियाणा में सभी बच्चों (8 वर्ष से कम आयु के) को निशुल्क, व्यापक, सार्वभौमिक, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण क्रेच प्रावधानों तक पहुंच प्राप्त होगी। ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। क्रेच पॉलिसी का उद्देश्य चाइल्ड केयर सेवाओं को लोगों तक पहुंचाना है। 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए क्रेच और 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मिड-डे केयर सुविधाएं, जिसमें स्कूल के बाद के कार्यक्रम के माध्यम से प्री स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले बच्चे भी शामिल हैं। हरियाणा सरकार ने नए साल 2025 में 500 क्रेच सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 32.15 करोड़ रुपए के बजट की भी व्यवस्था कर ली गई है। सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने फर्स्ट फेज में 15 जिलों में 165 क्रेच सेंटर खोल दिए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसके लिए एक स्टेट लेवल क्रेच पॉलिसी शुरू की है। जो वर्किंग महिलाओं के लिए को प्राथमिकता देगी। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ने 21 में कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए 500 नए क्रेच खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद अब सीएम सैनी पूर्व सीएम की घोषणा को अमली जामा पहना रहे हैं। सीएम के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त गुणवत्तापूर्ण क्रेच स्थापित करने के लिए मोबाइल क्रेच संगठन के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। हरियाणा क्रेच नीति लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बना है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने 21 जुलाई 2023 को हरियाणा राज्य क्रेच नीति लागू करके अधिसूचना जारी कर चुका है। क्रेच पॉलिसी के तहत ये हो चुके सुधार हरियाणा सरकार क्रेच वर्कर के लिए 15000 रुपए और असिस्टेंट के लिए 7500 रुपए का मासिक मानदेय दे रही है। हरियाणा वित्त विभाग से अनुमोदित बजट के अनुसार 2024 से 26 के दौरान 500 क्रेच स्थापित करना है। इस पहल की कुल लागत वित्त वर्ष 2023- 24 के लिए 5735.00 लाख रुपए, इस साल 2024-25 के लिए 3215.00 लाख रुपए और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3235.00 लाख रुपए अनुमानित है। यह क्रेच शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में खोले जाएंगे। 8 से 10 घंटे बच्चे को क्रेच में रख सकेंगे हरियाणा में प्री-सर्विस प्रशिक्षण फिर से शुरू हो गए हैं। जो सरकार के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार, 500 क्रेच चालू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। महिला और बाल विकास विभाग के सहयोग से 201 आंगनबाड़ी सह क्रेच कार्यकर्ता को प्री सर्विस प्रशिक्षण के 6 बैचों में प्रशिक्षित दिया जा रहा है। जबकि 26 मध्य-स्तरीय कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है। क्रेच का समय 8 से 10 घंटे तक बदला गया, जिससे कामकाजी माता-पिता को अधिक सहायता मिलेगी। यह है क्रेच पॉलिसी हरियाणा में सभी बच्चों (8 वर्ष से कम आयु के) को निशुल्क, व्यापक, सार्वभौमिक, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण क्रेच प्रावधानों तक पहुंच प्राप्त होगी। ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। क्रेच पॉलिसी का उद्देश्य चाइल्ड केयर सेवाओं को लोगों तक पहुंचाना है। 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए क्रेच और 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मिड-डे केयर सुविधाएं, जिसमें स्कूल के बाद के कार्यक्रम के माध्यम से प्री स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले बच्चे भी शामिल हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
उचाना में पहुंचे दुष्यंत चौटाला:बोले- भाजपा और कांग्रेस का आपस में फिक्सिंग है; माहौल बनना शुरू हो चुका, 30 दिन बहुत है
उचाना में पहुंचे दुष्यंत चौटाला:बोले- भाजपा और कांग्रेस का आपस में फिक्सिंग है; माहौल बनना शुरू हो चुका, 30 दिन बहुत है पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के डूमरखा कला गांव बुधवार देर रात पहुंचे पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का लोगों ने स्वागत किया। यहां पर उन्होंने बीरेंद्र सिंह पर जमकर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पूर्व मंत्री अनिल विज पर भी निशाना साधा। कांग्रेस ने नहीं उतारा अपना राज्यसभा उम्मीदवार दुष्यंत ने कांग्रेस और भाजपा पर राजनीतिक निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस-बीजेपी की आपस में फिक्सिंग है, इसीलिए कांग्रेस ने राज्यसभा में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा। उदयभान के जमानत जब्त पार्टी वाले बयान पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उदयभान अपनी खुद की सोचें और हिम्मत है, तो होडल विधानसभा से कांग्रेस से टिकट लेकर लड़कर दिखाएं। हमारी ना सोचें कि किसका क्या होगा? आज कांग्रेस के मुंह से जेजेपी निकलना, बीजेपी के मुंह से जेजेपी निकलना, यह घबराहट दोनों पार्टियों में है, माहौल बनना शुरू हो चुका है। 30 दिन बहुत है… पिछली बार भी 15 दिन में माहौल बना था और हम 10 सीटें जीते थे। आज तो हम एडवांस हैं 30 दिन बचे हैं। 30 दिन में तो पता नहीं कितनी सीटें हम ले आएंगे। बीरेंद्र सिंह ने कहा था कि गठबंधन में दोनों पार्टियों ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएंगे। इस सवाल पर कहा कि आप बीरेन्द्र सिंह के मुंह पर माइक लगाकर यह पूछ लो की 4 साल और 6 महीने आपके गला फाड़ते हो गए कि दुष्यंत उचाना से नहीं लड़ेगा। अब वह लड़ रहा है तो आप क्यों घबरा रहे हो? गठबंधन रहेगा और मजबूत रहेगा और आगे भी चलेगा, उनको घबराने की जरूरत नहीं है। जनता को जवाब देना है… बीरेंद्र सिंह ये सोचें कि जनता को यह जवाब देना है कि उनके बेटे ने किसान आंदोलन में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। उनका बेटा ही था पार्लियामेंट में सदस्य, जिसने किसानों के लिए तीनों बिल पर वोट किए। जनता ने तो अभी जवाब मांगना है। वो ये सोचकर लोकसभा का नहीं लड़ें कि जनता जवाब भी नहीं मांगेगी। जनता तो पूरा जवाब भी मांगेगी और जवाब भी देगी। अनिल विज के बयान पर चौटाला का पलटवार अनिल विज के कटी हुई पतंग के बयान पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अनिल विज तो अपनी कटी हुई टिकट ही बचा लें तो वो भी बहुत है। पतंग तो कटी हो तो डोर से डोर जुड़ जाती है फिर और ऊंचाई पर चली जाती है। टिकट कट जाती है, तो 5 साल इंतजार करना पड़ेगा। दीपेंद्र हुड्डा के बयान पर चौटाला का पलटवार दीपेंद्र हुड्डा के वोट काटु के बयान पर कहा कि कांग्रेस के मन में घबराहट सिर्फ जननायक जनता पार्टी की है। ये तो दोनों मिलकर चुनाव लड़ते हैं। इस बार का राज्यसभा उदाहरण है और यह राज्यसभा नहीं है। इन्होंने तो इसी तरीके से आज से पहले 12 राज्यसभा चुनाव थे। कांग्रेस एक ही जीत पाई जो दीपेंद्र लड़ा। बची हुई क्यों हारी? वह इसलिए हारी कि उनकी सेटिंग हमेशा से बीजेपी के साथ रही है।
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी:आपातकालीन सेवाएं ठप, दो दौर की बैठक विफल, ACP पर फंसा पेंच
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी:आपातकालीन सेवाएं ठप, दो दौर की बैठक विफल, ACP पर फंसा पेंच हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में लगातार दूसरे दिन भी इमरजेंसी सेवाएं ठप हैं। प्रदेश के 3 हजार सरकारी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। एक दिन पहले सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की सरकार के साथ करीब 6 घंटे तक चली दो दौर की बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका, जिसके चलते डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। दरअसल, प्रदेश में कुल 159 सरकारी अस्पताल हैं, जिनकी ओपीडी में भी मरीज नहीं देखे जा रहे हैं। कई अस्पतालों में पोस्टमार्टम भी बंद हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की सुविधा भी बंद है। इसके चलते मरीजों को अस्पतालों में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। गुरुवार को प्रदेश भर के सीएमओ और पीएमओ ने बीएमएस और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की मदद से स्थिति को कुछ हद तक संभालने की कोशिश की। हालात बिगड़ते देख सरकार ने हड़ताल के पहले ही दिन मरीजों के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरों को बुला लिया। उधर, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में हरियाणा नागरिक चिकित्सा सेवा संघ (एचसीएमएस) के साथ बैठक की। पहले दौर की बैठक करीब 4 घंटे तक चली। इसके बाद देर रात स्वास्थ्य विभाग के सचिव सुधीर राजपाल के साथ दो घंटे तक बैठक हुई। दो दौर की बैठकों में सरकार ने बांड की राशि एक करोड़ से घटाकर 50 लाख करने के लिखित आदेश जारी कर दिए, लेकिन एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) को लेकर पेच फंस गया। बैठक में सरकार ने विशेषज्ञ कैडर बनाने और एसएमओ की सीधी भर्ती न करने पर भी सहमति जताई, लेकिन एचसीएमएस पदाधिकारी लिखित में आदेश जारी करने की मांग पर अड़े रहे। जिसके चलते दोनों दौर की बैठकें बेनतीजा रहने से हड़ताल जारी है। हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को भी प्रदेशभर के अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटकते नजर आए। ये हैं डॉक्टरों की मुख्य मांगें एसोसिएशन के मुताबिक, सेवा में रहते हुए पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) करने के लिए अब एक-एक करोड़ रुपये के दो बॉन्ड भरने होंगे। जबकि, पहले यह राशि 50 लाख रुपये थी। उनकी मांग है कि यह राशि पहले की तरह 50 लाख रुपये की जाए। इसके अलावा सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) को सीधी भर्ती के बजाय प्रमोशन के जरिए बनाया जाए। डॉक्टरों की एक और मांग यह है कि वर्तमान में एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) 5, 10, 15 साल में दिया जाता है। वे चाहते हैं कि 4, 9, 13 साल की सेवा पर एसीपी दिया जाए। साथ ही एसोसिएशन डॉक्टरों के लिए स्पेशलिस्ट कैडर बनाने की भी मांग कर रही है।
फतेहाबाद में कंप्यूटर ऑपरेटरों का प्रदर्शन:विधायक से मिलकर मांगें बताईं; मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन दिया
फतेहाबाद में कंप्यूटर ऑपरेटरों का प्रदर्शन:विधायक से मिलकर मांगें बताईं; मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन दिया हरियाणा के फतेहाबाद में अपनी मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर चल रहे कंप्यूटर प्रोफेशनल्स ने सोमवार को लालबत्ती चौक स्थित अंबेडकर पार्क में एकत्र हुए। कंप्यूटर प्रोफेशनल्स नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए विधायक कार्यालय पहुंचे और उन्हें अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा। विधायक ने सीएम से मिलाने का आश्वासन दिया विधायक ने कंप्यूटर ऑपरेटरों को आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाएंगे और आगामी 25 जुलाई को मुख्यमंत्री के फतेहाबाद दौरे के दौरान उनके प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात सीएम के साथ करवाने का प्रयास करेंगे। कंप्यूटर ऑपरेटरों का कहना है कि उनकी मांगे इतनी बड़ी और पेचीदा नहीं हैं कि सरकार उन्हें पूरा न कर सके। मगर, सरकार उनकी मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है। उनकी प्रमुख मांगों में डीआईटीसी का केंद्रीयकरण करना, सामान काम सामन वेतन, 58 वर्ष तक जॉब सिक्योरिटी, हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत मर्ज किए गए डीआईटीएस के कर्मचारियों को वापस डीआईटीएस में शामिल किया जाए।