हिमाचल प्रदेश के मंडी में मंगलवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। भूकंप शाम 05:14pm बजे आई। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 आंकी गई। भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर पांच किलोमीटर नीचे मापा गया। फिलहाल इन झटकों से अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि भूंकप को लेकर कोई जानी नुकसान की सूचना नहीं है। हिमाचल प्रदेश की जियोग्राफिकल कंडीशन के हिसाब से देखें तो भूकंप सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है। मंडी, चंबा, कांगड़ा, लाहौल और कुल्लू भूकंप के मामले में अति संवेदनशील क्षेत्र में शामिल हैं. वहीं, सर्दियों के मौसम में यह खतरा और बढ़ जाता है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में मंगलवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। भूकंप शाम 05:14pm बजे आई। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 आंकी गई। भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर पांच किलोमीटर नीचे मापा गया। फिलहाल इन झटकों से अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि भूंकप को लेकर कोई जानी नुकसान की सूचना नहीं है। हिमाचल प्रदेश की जियोग्राफिकल कंडीशन के हिसाब से देखें तो भूकंप सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है। मंडी, चंबा, कांगड़ा, लाहौल और कुल्लू भूकंप के मामले में अति संवेदनशील क्षेत्र में शामिल हैं. वहीं, सर्दियों के मौसम में यह खतरा और बढ़ जाता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की दो पंचायतों को मिलेगा डेढ़ करोड़ का इनाम:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित, वाटर सफीसेंट थीम पर किया बेहतर कार्य हिमाचल प्रदेश की दो ग्राम पंचायतों को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार के लिए चुना गया है। नेशनल पंचायत अवॉर्ड 2024 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए किए गए संबंधित थीम पर किए इन दोनों पंचायतों को अलग अलग कैटेगरी में यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। दोनों ग्राम पंचायतों को यह पुरस्कार 11 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें दिया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें 75 लाख रुपए की अवार्ड मनी भी दी जाएगी। बता दें कि हमीरपुर की पंचायत को वाटर सफीसेंट थीम पर कार्य करने में दूसरा स्थान और शिमला की पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशल सिक्योर्ड थीम पर बेहतर प्रदर्शन करने पर दूसरा स्थान मिला। दोनों पंचायतों को डेढ़ करोड़ की राशि से सम्मानित किया जाएगा। इन पंचायत को मिला पुरस्कार जिला हमीरपुर के बमसन ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिकांदर को वाटर सफीसेंट पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। इसी तरह जिला शिमला के नारकंडा ब्लॉक की थाना धार पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। देशभर की 2.63 लाख पंचायतों के लिए दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार में 9 थीम रखे गए थे। जिनमें पॉवर्टी फ्री एंड एनहांस लिवलीहुड पंचायत, हैल्दी पंचायत, चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत, वाटर सफिशिएंट पंचायत, क्लीन एंड ग्रीन पंचायत, सेल्फ सफिशिएंट स्ट्रक्चर इन पंचायत, सोशली जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत, पंचायत विद गुड गवर्नेंस और वूमेन फ्रेंडली पंचायत थीम रखे गए थे। सभी थीम में प्रत्येक थीम पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। पंचायतों को 9 में से चुनने थे 2 थीम देशभर की सभी पंचायत को इन 9 थीम पर काम करने के लिए कहा गया था। पंचायतों को इन 9 थीम में से 2 थीम चुनने थे। पंचायत में किए जाने वाले विभिन्न विकास कार्यों के अलावा इन थीम पर ज्यादा जोर दिया जाना था। सिकांदर पंचायत को 15 दिन पहले इसी थीम पर काम करने पर शिमला में राज्यपाल द्वारा प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया था। ग्राम पंचायत के सभी लोगों का मिला सहयोग सिकांदर पंचायत प्रधान पवन शर्मा ने बताया कि संबंधित थीम पर काम करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों, डीसी और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्राम पंचायत के सभी लोगों का सहयोग मिला है। उन्हीं के सहयोग से यह राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को राष्ट्रपति द्वारा पंचायत को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया है।
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किन्नौर की बेटी ने पास की वैज्ञानिक परीक्षा:Ph.D के दौरान मिला एक्सीलेंस अवॉर्ड, हिमाचल के राज्यपाल ने किया था सम्मानित किन्नौर जिला के रारंग की मूल निवासी डॉ. मनीषा नेगी ने मृदा विज्ञान में प्रतिष्ठित कृषि अनुसंधान सेवा (एआरएस) वैज्ञानिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी) द्वारा आयोजित यह परीक्षा इस क्षेत्र में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है। जिसका उद्देश्य पूरे भारत में अनुसंधान संस्थानों के लिए शीर्ष वैज्ञानिकों का चयन करना है। डॉ. नेगी की शैक्षणिक यात्रा उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने डॉ. वाईएस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी, सोलन से मृदा विज्ञान में स्नातकोत्तर और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए उन्हें “अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया, जिसे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने प्रदान किया। इससे पहले, उन्होंने भारत के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालयों में से एक, बैंगलोर के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में बीएससी. की पढ़ाई की। अपने शैक्षणिक जीवन के दौरान, डॉ. नेगी कई प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियों और फेलोशिप की प्राप्तकर्ता रही हैं। उन्हें बीएससी के लिए आईसीएआर अंडरग्रेजुएट छात्रवृत्ति, एमएससी के लिए आईसीएआर जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और पीएचडी के लिए यूजीसी नेशनल फेलोशिप फॉर शेड्यूल्ड ट्राइब्स (एनएफएसटी) से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें डॉक्टरेट की पढ़ाई के दौरान यूनिवर्सिटी मेरिट स्कॉरशिप भी मिली। डॉ. मनीषा नेगी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग और मार्गदर्शन को देती हैं। उनकी उपलब्धि छात्रों और युवा शोधकर्ताओं, खासकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मनाली में ब्यास नदी में मिला शव:पत्नी व बेटे ने की पहचान; निजी काम से दो दिन पहले निकला था घर से
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