लुधियाना| मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पनबस-पीआरटीसी मुलाजिमों की हड़ताल समाप्त हो गई है। 8 जनवरी से बसों का संचालन होने से यात्रियों को राहत मिली है। वहीं, हड़ताल से रोडवेज की आय भी प्रभावित हुई। पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर 6 से 8 जनवरी तक चक्का जाम का ऐलान किया गया था। रात बारह बजे से ही बसों के पहिए थम गए थे, जिससे लुधियाना से अन्य शहरों में जाने वाले यात्री परेशान हो गए थे। दिल्ली जाने वाली बसों की संख्या कम हो गई थी जबकि अन्य शहरों में रोजाना अपडाउन करने वाले यात्रियों को भी परेशान होना पड़ा था। पीआरटीसी कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने सरकार के साथ बातचीत के बाद हड़ताल वापसी का निर्णय लिया था। बुधवार को बसों से सभी बसों का संचालन शुरू हुआ जिसके चलते यात्रियों को बसें मिल गईं। लुधियाना| मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पनबस-पीआरटीसी मुलाजिमों की हड़ताल समाप्त हो गई है। 8 जनवरी से बसों का संचालन होने से यात्रियों को राहत मिली है। वहीं, हड़ताल से रोडवेज की आय भी प्रभावित हुई। पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर 6 से 8 जनवरी तक चक्का जाम का ऐलान किया गया था। रात बारह बजे से ही बसों के पहिए थम गए थे, जिससे लुधियाना से अन्य शहरों में जाने वाले यात्री परेशान हो गए थे। दिल्ली जाने वाली बसों की संख्या कम हो गई थी जबकि अन्य शहरों में रोजाना अपडाउन करने वाले यात्रियों को भी परेशान होना पड़ा था। पीआरटीसी कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने सरकार के साथ बातचीत के बाद हड़ताल वापसी का निर्णय लिया था। बुधवार को बसों से सभी बसों का संचालन शुरू हुआ जिसके चलते यात्रियों को बसें मिल गईं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फरीदकोट में नशे की ओवरडोज से युवक की मौत:परिजनों का आरोप- गांव के 2 लड़कों ने लगाया इंजेक्शन; पेट्रोल पंप पर काम करता था मृतक फरीदकोट के गांव डल्लेवाल के 30 वर्षीय प्रितपाल सिंह की नशे की ओवरडोज से मौत का मामला सामने आया है, जिसका पुलिस पोस्टमॉर्टम करवा रही है। परिजनों का आरोप है कि उनका बेटा पेट्रोल पंप पर काम करता था और जब शाम को घर लौटा तो गांव के ही दो लड़कों ने उसे नशीला इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि गांव के लोग खुलेआम नशा बेचते हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती और अगर पकड़े भी जाते हैं तो जल्द ही छोड़ दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय गांव में नशा नहीं बिकता था, लेकिन अब नशा आम हो गया है, गांव में खुलेआम नशा बिक रहा है। किसाना संगठन के सदस्यों ने आरोप लगाया कि गांव में खुलेआम नशा बिक रहा है लेकिन पुलिस नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
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