अलसुबह 3 बजे की वारदात कालांवाली (डबवाली) | उपमंडल कालांवाली में डबवाली रोड पर गांव जगमालवाली में बुधवार अलसुबह 3 बजे एक घर में लुटेरे घुस गए। शोर सुनकर लोग जागे तो आरोपी फायरिंग कर दी। गोली 30 वर्षीय शिक्षक गुरमीत सिंह पुत्र भाग सिंह को लगी। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे लुधियाना डीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया है। ग्रामीणों और परिजनों ने बताया कि अध्यापक दंपती बच्चे के साथ कमरे में सो रहे थे और उनके माता-पिता दूसरे कमरे में थे। अलसुबह करीब 3 बजे 2 लुटेरे गांव के बाहर जगमालवाली डेरा वाली रोड किनारे घर में घुसे और पिता भाग सिंह की तरफ रिवाल्वर तान कर बोले जो कुछ है निकाल दो। इससे घबराए किसान भाग सिंह ने शोर मचाया तो दूसरे कमरे में सो रहे अध्यापक बेटे गुरमीत सिंह ने कमरे का दरवाजा खोला तो सामने लुटेरों ने फायरिंग कर दी। जिससे गोली गुरमीत सिंह के गले में जा लगी। गोली लगने के बाद गुरमीत सिंह खून से लथपथ जमीन पर गिर गया। मौका पाकर लुटेरे मौके से फरार हो गए। पुलिस प्रशासन थाना प्रभारी और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। डीएसपी मयंक मुदगिल ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर आगामी जांच की जा रही है। अलसुबह 3 बजे की वारदात कालांवाली (डबवाली) | उपमंडल कालांवाली में डबवाली रोड पर गांव जगमालवाली में बुधवार अलसुबह 3 बजे एक घर में लुटेरे घुस गए। शोर सुनकर लोग जागे तो आरोपी फायरिंग कर दी। गोली 30 वर्षीय शिक्षक गुरमीत सिंह पुत्र भाग सिंह को लगी। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे लुधियाना डीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया है। ग्रामीणों और परिजनों ने बताया कि अध्यापक दंपती बच्चे के साथ कमरे में सो रहे थे और उनके माता-पिता दूसरे कमरे में थे। अलसुबह करीब 3 बजे 2 लुटेरे गांव के बाहर जगमालवाली डेरा वाली रोड किनारे घर में घुसे और पिता भाग सिंह की तरफ रिवाल्वर तान कर बोले जो कुछ है निकाल दो। इससे घबराए किसान भाग सिंह ने शोर मचाया तो दूसरे कमरे में सो रहे अध्यापक बेटे गुरमीत सिंह ने कमरे का दरवाजा खोला तो सामने लुटेरों ने फायरिंग कर दी। जिससे गोली गुरमीत सिंह के गले में जा लगी। गोली लगने के बाद गुरमीत सिंह खून से लथपथ जमीन पर गिर गया। मौका पाकर लुटेरे मौके से फरार हो गए। पुलिस प्रशासन थाना प्रभारी और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। डीएसपी मयंक मुदगिल ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर आगामी जांच की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts

2.40 करोड़ जमा करवाकर अदालत से मांगी जमानत:अमरूद बाग घोटाले का है आरोपी, 12 करोड़ फर्जी तरीके से किए थे हासिल, फैसला रिजर्व
2.40 करोड़ जमा करवाकर अदालत से मांगी जमानत:अमरूद बाग घोटाले का है आरोपी, 12 करोड़ फर्जी तरीके से किए थे हासिल, फैसला रिजर्व पंजाब के मोहाली में हुए फर्जी अमरूद बाग घोटाले में नया ट्विस्ट में आ गया है। पांच दिन पहले विजिलेंस ने 12 करोड़ का फर्जी तरीके से मुआवजा लेने वाले आरोपी सुखेदव सिंह काबू किया था। अब आरोपी ने जेल की सलाखों से बचने के लिए जमानत अर्जी मोहाली जिला अदालत में दाखिल की है। आरोपी ने करीब दो कराेड़ 40 लाख 96 हजार के डीडी जमा करवा दिए हैं। इस रकम को अपनी तरफ बकाया बताया है। हालांकि अदालत ने फैसला रिजर्व रख लिया है। यह घोटाला साल 2016-17 में हुआ था। इस मामले में अब तक कुल 7 सरकारी कर्मचारी और 16 आम व्यक्ति गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं आरोपियों द्वारा 86 करोड़ सरकारी खाते में जमा करवाए जा चुके हैं। इस आरोपी से की जाने वाली 12 करोड़ रुपए की रिकवरी के साथ मुआवजा रिकवरी 100 करोड़ रुपए हो जाएगी। फर्जी बगीचे की ऐसे रची कहानी मोहाली में एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान फर्जी अमरूद के बाग होने का दावा करके अवैध रूप से अधिक मुआवजा लेने के इरादे से आरोपी सुखदेव सिंह ने गांव बाकरपुर में 3 कनाल 16 मरले जमीन खरीदी थी। इसके बाद, उसने गांव बाकरपुर के निवासी और मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह के साथ मिलकर इस अधिग्रहित जमीन पर पहले से अमरूद के पुराने बाग मौजूद होने की साजिश रची। उसने धोखाधड़ी से पेड़ों के मूल्यांकन के दौरान उन्हें तीन साल से अधिक पुराना और फल देने वाले पेड़ों की श्रेणी में योग्य साबित करने के लिए संबंधित बागवानी विकास अधिकारी से मिलीभगत की। फर्जी रजिस्ट्रर तक किया था तैयार सुखदेव सिंह और भूपिंदर सिंह के बीच एक समझौता था, जिसके तहत सुखदेव सिंह कर्मचारियों को रिश्वत देने सहित सभी खर्च वहन करेगा, जबकि भूपिंदर सिंह रिश्वत और अपने प्रभाव के जरिए भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एलएसी), ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) से धोखाधड़ी से प्राप्त मुआवजे की दो-तिहाई राशि अपने पास रखेगा। गांव बाकरपुर के असली खसरा गिरदावरी माल रजिस्टर (2016-2021) को नष्ट कर दिया गया, ताकि इस धोखाधड़ी का पता न चल सके और 2019 में एक नया फर्जी खसरा गिरदावरी रजिस्टर तैयार किया गया। भूपिंदर सिंह ने माल पटवारी बचित्तर सिंह के साथ मिलकर पक्के अमरूद के बाग मौजूद होने को सही साबित करने के लिए भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी की। इसके बाद सुखदेव सिंह और उसकी पत्नी हरबिंदर कौर ने धोखाधड़ी से गमाडा से क्रमशः 2,40,96,442 रुपये और 9,57,86,642 रुपए प्राप्त किए।

लुधियाना में शादी से पहले मांगी क्रेटा कार:30 लाख की डिमांड पूरी न होने पर नहीं आई बारात, लड़की वाले करते रहे इंतजार
लुधियाना में शादी से पहले मांगी क्रेटा कार:30 लाख की डिमांड पूरी न होने पर नहीं आई बारात, लड़की वाले करते रहे इंतजार लुधियाना में शादी वाले दिन ऐन मौके पर लड़के वालों ने बारात लाने से पहले क्रेटा कार और 25 लाख कैश की डिमांड रखी। डिमांड पूरी ना किए जाने पर लड़के वाले बारात लेकर नहीं पहुंचे। लुधियाना के पैलेस में बुधवार को शादी थी और बाराती बारात का इंतजार करते रहे, लेकिन बारात नहीं पहुंची। जिसके बाद लड़की वाले थाने पहुंचे और पुलिस शिकायत दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं शादी ना होने पर लड़की जहां घर में बेसुध है, वहीं उसके माता-पिता का भी बुरा हाल है। मोरिंडा से आनी थी बारात थाना डिवीजन नंबर-8 में पुलिस को शिकायत देने पहुंचे लुधियाना निवासी गोपाल चंद ने बताया कि उसकी बेटी की शादी मोरिंडा के चितरेश से तय हुई थी। बुधवार को लुधियाना के फिरोजपुर रोड पर बने कासा ला मैरिज पैलेस में शादी थी। जहां करीब पांच सौ बाराती पहले ही पहुंच गए, लेकिन देर शाम तक भी दूल्हा और उसके परिजनों के ना आने के कारण बाराती वापस लौट गए। ऐन मौके पर रखी दहेज की मांग गोपाल चंद ने बताया कि परिवार में खुशियों का माहौल था। पैलेस में बाराती पहुंचना शुरू हो गए तो बिचौले द्वारा लड़के वालों ने उन्हें मैसेज भेजा कि पहले क्रेटा कार और 25 लाख रूपए कैश चाहिए तो ही बारात पहुचेंगी। उनके पास ना तो अब ऐन मौके कार थी ना ही कैश। डिमांड ठुकराने पर लड़के वालों ने बारात लाने से साफ मना कर दिया। उन्होंने और उसके रिश्तेदारों ने लड़के वालों की काफी मिन्नतें की, लेकिन लड़के वालों ने नहीं सुनी और बारात नहीं पहुंची। एक दिन पहले मोरिंडा में करके आए थे शगुन गोपाल चंद ने बताया कि उनका पूरा परिवार एक दिन पहले यानि मंगलवार को मोरिंडा में शगुन करके आए थे। शगुन समारोह मोरिंडा के क्राउन होटल में था, जहां पर उन्होंने लड़के को 1 लाख शगुन डाला और सभी परिवार वालों व रिश्तेदारों को सोने की अंगूठी व चेन भी दी। उन्होंने अपनी हैसियत मुताबिक शगुन दिया। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक सामान भी दहेज के रूप में दिया। लड़की है बेसुध, हाथ में पहन रखा है चूड़ा थाने के बाहर रोती बिलखती लडकी की मां ने कहा कि ये दर्द उनसे देखा नहीं जा रहा है। दहेज की लालच खातिर आज उसकी बेटी की शादी नहीं हो सकी। बेटी बेसुध पड़ी है और हाथ में चूड़ा पहन रखा है। शादी को लेकर बेटी पुरी खुश थी, लेकिन उसकी खुशियां प भर में छीन गई। मैं लड़के वालों को हरगिज नहीं छोडूंगा : लड़की का पिता लडकी के पिता गोपाल चंद ने थाने के बाहर भावुक होते कहा कि वह लड़के वालों को हरगिज नहीं छोडेंगे और इंसाफ लेकर रहेंगे। दहेज के लालचियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका 30 लाख के करीब खर्चा भी आ चुका है। पुलिस ने शुरू की जांच थाना डिवीजन नंबर-8 की पुलिस ने लिखित शिकायत लेकर जांच शुरू कर दी है।

सुखबीर बादल पर गोली चलाने वाले को मिली जामनत:अमृतसर पुलिस की जांच हुई पूरी; 4 महीने जेल में रहा नारायण चौड़ा
सुखबीर बादल पर गोली चलाने वाले को मिली जामनत:अमृतसर पुलिस की जांच हुई पूरी; 4 महीने जेल में रहा नारायण चौड़ा अमृतसर की कोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने के आरोपी नारायण सिंह चौड़ा को जमानत दे दी है। इस फैसले के बाद अब यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है। करीब 4 महीनों तक जेल में रहने के बाद चौड़ा को जमानत दी गई है। यह घटना 2023 में गोल्डन टेंपल परिसर में हुई थी, जब सुखबीर सिंह बादल सेवादार बन परिसर के बाहर सेवा कर रहे थे। इसी दौरान नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई थी। हालांकि, गोली सुखबीर बादल को नहीं लगी थी और वे बाल-बाल बच गए थे। इस घटना के बाद गोल्डन टेंपल परिसर में अफरा-तफरी मच गई थी और पुलिस ने नारायण चौड़ा को तुरंत गिरफ्तार कर लिया था। जांच खत्म, जेल में रखने का ठोस कारण नहीं अमृतसर की कोर्ट ने चौड़ा को जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में जांच लगभग पूरी हो चुकी है और आरोपी को अधिक समय तक जेल में रखने का कोई ठोस कारण नहीं है। जिसके बाद उसे जमानत दे दी गई है। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका है कि जमानत पर रिहाई के लिए किन शर्तों को रखा गया है। जानें कौन है नारायण सिंह चौड़ा नारायण सिंह चौड़ा पंजाब में आतंकवाद के दौर से सक्रिय रहा है। 1984 में वह पाकिस्तान गया, जहां उसने भारत विरोधी संगठनों से संपर्क किया और गुरिल्ला वॉर पर साहित्य लिखा। वह हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में भी शामिल रहा और पंजाब में कई आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका सामने आई। उसके खिलाफ अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ में UAPA के तहत केस दर्ज हैं। 2013 में उसे तरनतारन से गिरफ्तार किया गया था, जहां से आरडीएक्स और हथियार बरामद हुए थे। 2004 में हुए बुड़ैल जेल ब्रेक कांड में भी उसका नाम सामने आया, जिसमें बेअंत सिंह के हत्यारे फरार हुए थे। चौड़ा पर आरोप है कि उसने जेल में इन आतंकियों की भागने की योजना में मदद की थी। चौड़ा लंबे समय से बादल परिवार के खिलाफ था। 2013 में खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि वह प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल को निशाना बना सकता है। उसने खालिस्तान लिबरेशन आर्मी बनाई थी और खालिस्तानी समर्थकों के बीच रणधीर सिंह के नाम से सक्रिय था। पुलिस जांच में उसके बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधों का भी खुलासा हुआ। सुखबीर बादल ने जब अकाल तख्त से मिली सजा स्वीकार की और सेवा शुरू की, तो चौड़ा ने उन पर हमला कर दिया। 2 दिसंबर को लगाई सजा पूरी कर रहे थे सुखबीर, चली थी गोली शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर 3 दिसंबर को दरबार साहिब में सेवा के दौरान गोली चलाई गई। यह हमला नारायण सिंह चौड़ा ने किया, जो खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से जुड़ा रहा है। घटना उस समय हुई जब सुखबीर बादल 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से लगाई गई सजा के बाद सेवा कर रहे थे। अचानक चौड़ा ने उन पर गोली चला दी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चौड़ा को पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। जांच में सामने आया कि चौड़ा लंबे समय से बादल परिवार के खिलाफ था और उन पर सिख पंथ से गद्दारी के आरोप लगाता रहा है। खुफिया एजेंसियों ने पहले भी चेतावनी दी थी कि वह बादल परिवार को निशाना बना सकता है।