फरीदाबाद में सड़क किनारे खड़े खराब ट्रक से बेकाबू ट्रक टकराया गया। जिससे ड्राइवर की मौत हो गई। जिसे केबिन काटकर बाहर निकाला गया। मृतक के तीन बच्चे हैं, जो बिहार में रहते हैं। हादसा बुधवार सुबह करीब 3 बजे हुआ। मृतक की पहचान बलिराम मेहता (44) के रूप में हुई है, जो गांव मक्कारी जिला सहरसा बिहार का रहने वाला था। मृतक के भाई रुदल मेहता ने बताया कि उसका भाई बलिराम मेहता पिछले तीन-चार साल से पाली क्रेशर जोन में टुंडा नाम के एक व्यक्ति के यहां नौकरी करता था और डंपर चलता था। पुलिस ने फोन कर दी परिजनों को जानकारी पुलिस ने उसे फोन कर यह जानकारी दी थी कि बुधवार की सुबह करीब 3 बजे मांगर इलाके में उसके भाई का ट्रक सामने खड़े ट्रक से टकरा गया है। इसके चलते उसके भाई की मौत हो गई है। घटना की जानकारी मिलने के बाद वह आज बादशाह खान सिविल अस्पताल में पहुंचे, जहां पर उनके भाई बलिराम का पोस्टमॉर्टम कराया गया। प्रशासन से की आर्थिक सहायता देने की मांग रुदल के मुताबिक उनके भाई के तीन बच्चे हैं, जिनमें से दो बेटी एक बेटा है। एक बेटी की शादी हो चुकी है। अभी दो बच्चे कुंवारे हैं। उनके भाई ही घर में काम आने वाले अकेले थे। इसलिए वह चाहते हैं कि परिवार को प्रशासन की तरफ से कोई आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए। फरीदाबाद में सड़क किनारे खड़े खराब ट्रक से बेकाबू ट्रक टकराया गया। जिससे ड्राइवर की मौत हो गई। जिसे केबिन काटकर बाहर निकाला गया। मृतक के तीन बच्चे हैं, जो बिहार में रहते हैं। हादसा बुधवार सुबह करीब 3 बजे हुआ। मृतक की पहचान बलिराम मेहता (44) के रूप में हुई है, जो गांव मक्कारी जिला सहरसा बिहार का रहने वाला था। मृतक के भाई रुदल मेहता ने बताया कि उसका भाई बलिराम मेहता पिछले तीन-चार साल से पाली क्रेशर जोन में टुंडा नाम के एक व्यक्ति के यहां नौकरी करता था और डंपर चलता था। पुलिस ने फोन कर दी परिजनों को जानकारी पुलिस ने उसे फोन कर यह जानकारी दी थी कि बुधवार की सुबह करीब 3 बजे मांगर इलाके में उसके भाई का ट्रक सामने खड़े ट्रक से टकरा गया है। इसके चलते उसके भाई की मौत हो गई है। घटना की जानकारी मिलने के बाद वह आज बादशाह खान सिविल अस्पताल में पहुंचे, जहां पर उनके भाई बलिराम का पोस्टमॉर्टम कराया गया। प्रशासन से की आर्थिक सहायता देने की मांग रुदल के मुताबिक उनके भाई के तीन बच्चे हैं, जिनमें से दो बेटी एक बेटा है। एक बेटी की शादी हो चुकी है। अभी दो बच्चे कुंवारे हैं। उनके भाई ही घर में काम आने वाले अकेले थे। इसलिए वह चाहते हैं कि परिवार को प्रशासन की तरफ से कोई आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में JJP के प्रभारी और जिलाध्यक्ष घोषित:विधानसभा चुनाव से पहले संगठन मजबूती में लगी पार्टी, बबीता फोगाट के चाचा को मिली जिम्मेदारी
हरियाणा में JJP के प्रभारी और जिलाध्यक्ष घोषित:विधानसभा चुनाव से पहले संगठन मजबूती में लगी पार्टी, बबीता फोगाट के चाचा को मिली जिम्मेदारी हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) ने विधानसभा चुनाव से पहले संगठन मजबूती का काम शुरू कर दिया है। JJP ने हरियाणा के सभी जिलों में जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिए हैं और 7 जिलों में जिला प्रभारियों के नाम फाइनल कर दिए हैं। JJP की ओर ने इन नामों का ऐलान कर दिया है। सबसे खास बात है कि चरखी दादरी से भाजपा नेत्री बबीता फोगाट के चाचा सज्जन बलाली को JJP ने जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सज्जन बलाली चौटाला परिवार के खास रहे हैं। सज्जन बलाली वर्ष 2000 से 2007 तक लगातार INLD भिवानी जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। अब उनको नई जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा हिसार में मास्टर ताराचंद को पहले ही तरह हिसार प्रभारी और अमित बूरा को जिलाध्यक्ष का कार्यभार सौंपा गया है। जिन जिलों में प्रभारी और जिलाध्यक्ष दोनों की नियुक्ति की गई है बताया जा रहा है उन जिलों पर JJP का खास फोकस रहेगा। लोकसभा में 10 सीटों पर जमानत जब्त हुई थी
हरियाणा में इनेलो पार्टी से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (JJP) इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। 2019 में सत्ता की चाबी हाथ में लेकर चलने वाली JJP को हरियाणा के लोकसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी और 10 की 10 लोकसभा सीटों पर ना केवल हार हुई बल्कि जमानत भी जब्त हो गई। इतना ही नहीं पार्टी हरियाणा की 90 विधानसभा में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। जजपा का वोट शेयर पूरे हरियाणा में 0.87 प्रतिशत रहा, जो बसपा और इनेलो से भी कम है। पूरे हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यह हाल तब रहा जब हरियाणा में उप मुख्यमंत्री पद जैसे कई बड़े विभाग JJP के पास थे। तीन महीने पहले सीट शेयरिंग पर टूटा था गठबंधन
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में सीट शेयरिंग के मामले को लेकर हरियाणा में तकरीबन साढ़े 4 साल से मिलकर सरकार चला रहे BJP और JJP का गठबंधन टूट गया था। लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण दोनों दल अलग-अलग हो गए। जजपा भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए लोकसभा की 2 सीटे मांग रही थी मगर भाजपा खुद के दम पर चुनाव लड़ने के पक्ष में थी। हरियाणा में JJP को 0.87 प्रतिशत वोट मिले
जननायक जनता पार्टी (JJP) को पूरे हरियाणा में 0.87 प्रतिशत ही वोट मिल पाए हैं। सबसे खराब स्थित सोनीपत, अंबाला, रोहतक, कुरूक्षेत्र और सोनीपत की रही। यहां JJP प्रत्याशी 10 हजार से ऊपर वोट नहीं ले पाए। सबसे कम फरीदाबाद में नलिन हुड्डा को 5361 वोट मिले। वहीं सबसे अधिक वोट हिसार में दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को मिले। नैना चौटाला को 22032 वोट मिले। इसके अलावा पार्टी तीसरे से लेकर पांचवें स्थान पर रही। वहीं बसपा और इनेलो का प्रदर्शन जजपा से बेहतर रहा। हालांकि बसपा और इनेलो की भी चुनाव में जमानत जब्त हुई।
हरियाणा के 18 अयोग्य RO को लेकर ECI अलर्ट:सरकार से मांगा जवाब; नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा, हिसार के नए SDM भी 2020 बैच के
हरियाणा के 18 अयोग्य RO को लेकर ECI अलर्ट:सरकार से मांगा जवाब; नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा, हिसार के नए SDM भी 2020 बैच के हरियाणा विधानसभा चुनाव में ड्यूटी कर रहे 18 रिटर्निंग ऑफिसर (RO) HCS ऑफिसरों को लेकर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) अलर्ट हो गया है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) आईएएस पंकज अग्रवाल की ओर से इस मामले में सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीईओ ने कहा है कि यदि ऐसा है तो ऑफिसर्स के ट्रांसफर नियम से होने चाहिए। आरओ के अयोग्य होने की वजह उनकी 5 साल से कम HCS सर्विस का होना बताया जा रहा है। इसकी शिकायत भारतीय चुनाव आयोग (ECI) तक पहुंच गई थी। इस मामले की शिकायत प्रशासनिक मामलों के जानकार एडवोकेट हेमंत कुमार ने की थी। दरअसल, 2020 के पास आउट एचसीएस को रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि हरियाणा सरकार के एक आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि एसडीएम के पद के लिए 5 वर्ष से 15 वर्ष की सर्विस होनी चाहिए, या 4 वर्ष तक की सर्विस वाले आईएएस को एसडीएम लगाया जा सकता है, यानी चुनाव ड्यूटी की जिम्मेदारी देनी चाहिए। SDO(C)- SDM ही बनते हैं आरओ आज की डेट में हरियाणा में 2020 बैच के 18 HCS अर्थात 5 वर्ष से कम सर्विस वाले अधिकारियों, जो अभी सूबे के 18 उपमंडलों में बतौर SDO(C)- SDM तैनात होने के कारण उसके अंतर्गत पड़ने वाली विधानसभा सीटों के RO की जिम्मेदारी देख रहे हैं।चुनाव आयोग के प्रवक्ता का कहना है कि हमें अभी शिकायत मिल गई थी। उसके बाद ही सरकार से इस मामले कार्रवाई को कहा गया है। ये हैं वो HCS ऑफिसर जिनकी नियुक्ति पर उठ रहे सवाल जिन HCS ऑफिसर की चुनाव ड्यूटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं उनमें मोहित कुमार (नारनौंद), हरबीर सिंह (हिसार), ज्योति (इसराना), अमित कुमार- सेकेंड (सोनीपत), मयंक भारद्वाज (बल्लभगढ़), जय प्रकाश (रादौर), रवींद्र मलिक (बेरी) ), प्रतीक हुड्डा (टोहाना), अमित मान (बड़खल), अमित (समालखा), रमित यादव (नांगल चौधरी) अमित कुमार- तृतीय (कनीना), अजय सिंह (कैथल), राजेश कुमार सोनी (घरौंडा) ), अमन कुमार (पेहोवा), गौरव चौहान (पंचकूला), नसीब कुमार (लाडवा) और विजय कुमार यादव (कोसली) के नाम शामिल हैं। इनकी तैनाती को लेकर आयोग में शिकायत भी भेजी गई है। हिसार के नए एसडीएम भी 2020 बैच के भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के निर्देश पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के कार्मिक विभाग द्वारा एक आदेश हिसार के उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) अर्थात एसडीओ (सिविल) जिसे एसडीएम भी कहा जाता है के पद पर 2020 बैच के एचसीएस अधिकारी हरबीर सिंह की तैनाती की गई है, इससे पूर्व 2013 बैच के एचसीएस हिसार के SDM जगदीप ढांडा तैनात थे। पॉलिटिकल कनेक्शन होने के कारण उनका आयोग के निर्देश पर ट्रांसफर किया गया है। CS के इस ऑर्डर से फंसा पेंच प्रशासनिक मामलों के जानकार और हाईकोर्ट अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि आज से करीब 4 साल पहले अक्टूबर, 2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव विजय (CS) वर्धन द्वारा HCS कैडर संख्या निर्धारण आदेश, जो मोजूदा तौर पर भी लागू है। क्योंकि आज तक इस ताज़ा आदेश जारी नहीं किया गया है। आदेश के अनुसार एसडीओ (सिविल) अर्थात एसडीएम के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एचसीएस सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है। चुनाव ड्यूटी में ट्रांसफर-पोस्टिंग जरूरी हेमंत ने बताया कि कोई संदेह नहीं कि एचसीएस अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग करने की पावर राज्य सरकार (CM) के पास होती है। लेकिन इसमें प्रशासनिक सिद्धांतों की अनुपालना आवश्यक है, ताकि ट्रांसफर-पोस्टिंग पर किसी प्रकार का कोई सवाल खड़ा न हो। यदि एचसीएस कैडर निर्धारण आदेश में स्पष्ट तौर पर मिनिमम 5 वर्ष की एचसीएस सेवा वाले अधिकारी को ही एसडीओ (सी)/एसडीएम पद के लिए योग्य माना गया है, तो इसकी सख्त अनुपालना की जानी चाहिए। विशेष तौर पर तब विधानसभा आम चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश के उप-मंडलों में तैनात ऐसे एचसीएस अधिकारियों को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आरओ के तौर पर पदांकित किया गया हो। इसी के दृष्टिगत भारतीय चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा को लिखित शिकायत भेजी गई है।
प्रदेश में हिंदी शिक्षकों के 1681 पद खाली, स्कूलों में हिंदी पढ़ना कैसे सीखेंगे बच्चे?
प्रदेश में हिंदी शिक्षकों के 1681 पद खाली, स्कूलों में हिंदी पढ़ना कैसे सीखेंगे बच्चे? भास्कर न्यूज | रोहतक अपनी खूबियों से समृद्ध और राष्ट्रभाषा का गौरव प्राप्त िंहंदी की दुर्दशा कम नहीं हो रही है। इसकी वजह शासन-प्रशासन की तरफ से इसको लेकर लगातार किया जा रहा उपेक्षा का व्यवहार है। देश की सांस्कृतिक धरोहर संजोने वाली इस भाषा के प्रति समाज का भी नजरिया हीन भावना वाला है, जबकि आमजन की ओर से सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली भाषा यही हिंदी है। इसके बावजूद हिंदी भाषा की उन्नति पर संकट बरकरार है। सार्वजनिक स्थलों पर मार्गदर्शन के लिए लगे बैनर पोस्टरों पर भी आम बोलचाल के लिखे शब्दों में त्रुटियां देखने को मिलती हैं। यही नहीं, शहर में विभिन्न प्रमुख विभागों और सरकारी कार्यालयों में जहां तहां लिखे हिंदी के वाकयों में गलती मिलती हैं। यह समस्या हिंदी के प्रति उदासीनता को दर्शाती है। क्योंकि हिंदी के आम बोलचाल चाल के शब्दों में भी त्रुटियां मिल रही हैं। यहां तक की आमजन को सतर्क और मार्गदर्शन करने वाले बैनर व पोस्टर के शब्दों में अशुद्धियां देखने को मिलती हैं। इतना ही नहीं, विभिन्न विभागों के नामों में गलतियां अकसर प्रशासनिक दस्तावेजों और सार्वजनिक सूचनाओं में देखने को भी मिलती हैं। सरकारी विभागों में अंग्रेजी शब्दों का हो रहा प्रयोग प्रदेश के सरकारी स्कूलों हिंदी विषय के कुल 7381 हैं। इनमें से जिले में 4487 नियमित शिक्षक, 922 अतिथि शिक्षक, 185 एचकेआरएन शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, लगभग 1681 पद अभी भी खाली हैं। प्रदेश भर में कक्षा 12वीं के 186815 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 185329 विद्यार्थी पास हुए हैं। यानी हिंदी विषय का कुल परीक्षा पास प्रतिशत 99.20 रहा। कक्षा 10वीं में 286714 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 277913 विद्यार्थी पास हुए हैं, जोकि 96.93 % रहा है।