हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में जल शक्ति विभाग के बग्गी डिवीजन में ठेकेदारों को दो साल से बकाया बिलों का भुगतान नहीं मिला है। इस मुद्दे को लेकर बल्ह विधायक इंद्र सिंह गांधी ने ठेकेदारों के साथ जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता रोहित दुबे से मुलाकात की। विधायक गांधी ने आरोप लगाया कि विभागीय फसर ठेकेदारों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। 2022 से लंबित बिलों के कारण ठेकेदार आर्थिक और मानसिक तनाव झेल रहे हैं। इसका असर विभाग की परियोजनाओं पर भी पड़ रहा है। नाबार्ड के तहत स्वीकृत परियोजनाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं, जिससे क्षेत्र में पेयजल की समस्या बनी हुई है। विधायक ने प्रदर्शन की दी चेतावनी विधायक ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ठेकेदारों के बिलों का भुगतान नहीं किया गया, तो वे ठेकेदारों के साथ मिलकर सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही से न केवल ठेकेदार परेशान हैं, बल्कि आम जनता को भी पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में जल शक्ति विभाग के बग्गी डिवीजन में ठेकेदारों को दो साल से बकाया बिलों का भुगतान नहीं मिला है। इस मुद्दे को लेकर बल्ह विधायक इंद्र सिंह गांधी ने ठेकेदारों के साथ जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता रोहित दुबे से मुलाकात की। विधायक गांधी ने आरोप लगाया कि विभागीय फसर ठेकेदारों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। 2022 से लंबित बिलों के कारण ठेकेदार आर्थिक और मानसिक तनाव झेल रहे हैं। इसका असर विभाग की परियोजनाओं पर भी पड़ रहा है। नाबार्ड के तहत स्वीकृत परियोजनाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं, जिससे क्षेत्र में पेयजल की समस्या बनी हुई है। विधायक ने प्रदर्शन की दी चेतावनी विधायक ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ठेकेदारों के बिलों का भुगतान नहीं किया गया, तो वे ठेकेदारों के साथ मिलकर सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही से न केवल ठेकेदार परेशान हैं, बल्कि आम जनता को भी पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट:अटल टनल रोहतांग दो सप्ताह बाद बहाल, 11 जनवरी को बारिश-बर्फबारी की संभावना
हिमाचल के 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट:अटल टनल रोहतांग दो सप्ताह बाद बहाल, 11 जनवरी को बारिश-बर्फबारी की संभावना हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में आज और कल घना कोहरा पड़ेगा। इसे लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जिला को दी गई है। घना कोहरा पड़ने से कई क्षेत्रों में विजिबिलिटी सिर्फ 50 मीटर तक रह गई है। इन जिलों में कोहरे के साथ साथ रात और सुबह के वक्त शीतलहर का भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे लोगों को दिन में धूप खिलने तक ठंड का सामना करना पड़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में आज और कल मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। कल आधी रात को मौसम करवट बदलेगा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने से 11 जनवरी से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। इस दिन प्रदेश के ऊंचे भागों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश होगी। बारिश-बर्फबारी से पहले तापमान में आया उछाल 12 जनवरी को भी मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। इससे इस दिन भी ऊंचे इलाकों में हल्का हिमपात हो सकता है। वहीं बारिश-बर्फबारी से पहले अधिकतम तापमान में उछाल आया है। कांगड़ा का पारा नॉर्मल की तुलना में 5.1 डिग्री ज्यादा के साथ 21.1 डिग्री पहुंच गया है। शिमला का नॉर्मल के मुकाबले 3.3 डिग्री ज्यादी के साथ 14.6 डिग्री, भुंतर का 4.1 डिग्री के उछाल के सात 20.2 डिग्री हो गया है। इसी तरह दूसरे शहरों का तापमान भी सामान्य से ज्यादा हो गया है। अटल टनल रोहतांग भी बहाल वहीं बीते तीन दिन से धूप खिलने के बाद अटल टनल रोहतांग दो सप्ताह बाद छोटे वाहनों के लिए खुल गई है। इससे टूरिस्ट अटल टनल तक पहुंचने लगे है और बढ़ी संख्या में सैलानी बर्फ देखने के लिए नॉर्थ पोर्टल, सिस्सू और जलोड़ी दर्रा पहुंच रहे हैं। बीते सप्ताह हुई बर्फबारी के कारण प्रदेश में अभी 27 सड़कें बंद पड़ी है। इनमें ज्यादातर लाहौल स्पीति और कुल्लू जिला में बंद पड़ी है।
सीएम सुख्खू ने किया ट्रामा सेंटर लेवल-दो का उद्घाटन:टांडा मेडिकल कॉलेज में 10.27 करोड़ की लागत से हुआ निर्मित; 95 पद स्वीकृत
सीएम सुख्खू ने किया ट्रामा सेंटर लेवल-दो का उद्घाटन:टांडा मेडिकल कॉलेज में 10.27 करोड़ की लागत से हुआ निर्मित; 95 पद स्वीकृत कांगड़ा में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, टांडा में ट्रामा सेंटर लेवल-दो का उद्घाटन किया। जिसे 10.27 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। ट्रामा सेंटर में मशीनरी और उपकरणों की खरीद पर 6 करोड़ रुपए, निर्माण कार्यां पर 1.50 करोड़ रुपए और अन्य संबद्ध सेवाओं पर 2.77 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सीएम ने टांडा मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से सुविधाओं को बढ़ा रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त उपचार विकल्प प्रदान करना है, ताकि मरीजों को कहीं और जाने की आवश्यकता न पडे़। टांडा मेडिकल कॉलेज में सालाना 5.89 लाख मरीज आते हैं सीएम ने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज में सालाना लगभग 5.89 लाख मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिसके दृष्टिगत सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। टांडा में एक उच्चस्तरीय लैब स्थापित की जाएगी। जिसकी तैयारी चल रही है। सभी मेडिकल कॉलेज अपनी मांगें रखें और प्रदेश सरकार हर अनुरोध को स्वीकार करेगी। बीते दो वर्षों में टांडा मेडिकल कॉलेज में किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मरीजों को काफी लाभ हुआ है। कार्डियालॉजी विभाग में नई प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं। जिनमें सफल वाल्व रिप्लेसमेंट, जन्मजात हृदय दोष का उपचार और हृदय ट्यूमर सर्जरी आदि शामिल हैं। अब टांडा में रेनल डिनर्वेशन की भी शुरुआत की गई है। ट्रामा सेंटर लिए 95 पद स्वीकृत सुक्खू ने कहा कि ट्रामा सेंटर के लिए विभिन्न श्रेणियों के 95 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें न्यूरो सर्जन का एक पद, एनेस्थीटिस्ट के तीन पद, ऑर्थोपेडिक सर्जन का एक पद, कैजुअल्टी मेडिकल अधिकारी के आठ पद, स्टाफ नर्स के 40 पद, नर्सिंग अटेंडेंट के 16 पद, ऑपरेशन थियेटर तकनीशियन के पांच पद, रेडियोग्राफर के चार पद, लैब तकनीशियन के दो पद तथा मल्टीटास्क वर्कर के 15 पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 72 पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है, शेष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
हिमाचल के बद्दी की हवा हुई खतरनाक:आज 329 पहुंचा AQI, 10 दिनों से खराब हुई हवा; सांस लेने में हो रही दिक्कत
हिमाचल के बद्दी की हवा हुई खतरनाक:आज 329 पहुंचा AQI, 10 दिनों से खराब हुई हवा; सांस लेने में हो रही दिक्कत हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की हवा बेहद खतरनाक हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 10 दिन से निरंतर 250 से 351 के बीच चल रहा है। आज भी सुबह AQI 329 रिकॉर्ड किया गया। रिचर्ड ए. मिलर और एलिजाबोथ मिलर की स्टडी के अनुसार, बद्दी की हवा दिन में 10 से 20 सिगरेट के धुएं जैसी खतरनाक हो गई है। जिस शहर में AQI जब 250 होता तो, वहां की लगभग 8 से 9 सिगरेट पीने जैसी खतरनाक होती है। जहां AQI 350 पहुंच जाता है, वहां 18 से 19 सिगरेट पीने जैसी खतरनाक होती है। 6 नवंबर से हवा खराब होनी शुरू हुई दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर को भी बद्दी का AQI 305 माइक्रो ग्राम पहुंचा था। मगर 2 नवंबर से इसमें सुधार होना शुरू हो गया और AQI 166 माइक्रो ग्राम तक गिर गया। बद्दी में 5 नवंबर को संतोषजनक हो गई थी। मगर 6 नवंबर से दोबारा हालात बिगड़ने लगे और दिन प्रतिदिन हवा खराब होती गई और 3 दिन से AQI 300 से ज्यादा चल रहा है। पिछले 10 दिन में सात बार AQI 300 से ज्यादा रहा है। इन वजह से खराब हुई हवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की माने तो बद्दी की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण यहां के उद्योग है। इसमें कुछ योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का भी है। इसी तरह लंबे ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल और पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली भी इसकी एक वजह बताई जा रही है। मगर एनवायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण में पराली का नाम मात्र योगदान मानते है, क्योंकि इन दिनों हवाएं से उत्तर से पश्चिम की ओर चलती है। बद्दी में देशभर के लोग करते हैं नौकरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में हिमाचल के साथ-साथ देशभर से लोग नौकरी करते हैं। जिन्हें खराब हवा के कारण रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर अस्थमा और सांस के रोगियों को ज्यादा कठिनाई हो रही है। क्या है AQI और इसका हाई लेवल खतरा क्यों ? AQI एक तरह का थर्मामीटर है। थर्मामीटर तापमान मापता है, जबकि AQI प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पोल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन बद्दी में यह 300 पार हो चुका है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है। AQI खराब करने वाले धूल के इतने सूक्ष्म होते है, इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में 45 दिन से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल की वजह से भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनकर घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है। प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ सुथरी अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ या संतोषजनक बनी हुई है। पांटवा साहिब का AQI 119, कालाअंब का 145, बरोटीवाला 150 और नालागढ़ का AQI 130 है। वहीं शिमला में शिमला में 57, मनाली 30 और धर्मशाला में 73 है।