मकर संक्रांति का त्योहार आज हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। सभी की छत पर युवा पतंगबाजी का आनंद ले रहे हैं। काशी के आसमान से गोरखपुर तक हवा में पतंग और जमीन पर पतंगबाजी का शोर है। युवा पतंगबाजी के शोर में डूबे हुए हैं। वाराणसी में मकर संक्रांति की तैयारी अगस्त महीने से शुरू होती है। जब कारखानों में पतंग बनना शुरू हो जाती हैं। वहीं यहाँ मुरादाबाद की पतंगों को भी पसंद किया जाता है। काशी में कई इलाकों में पतंग बनाई जाती है। और कई इलाकों में पतंग के बाजार हैं। पतंग अभी बन रही है और बाजारों तक जा रही है। वहीं पतंग की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का क्या है खुमार और कैसे बनकर आसमान में उड़ती है पतंग। काशी के पतंग बाजार औरंगाबाद और जहां पतंग बनती है वहां पहुंचकर दुकानदार, कारीगर और युवाओं से बात की, पेश है खास रिपोर्ट…. सबसे पहले काशी में पतंग की खरीदारी और युवाओं की पतंगबाजी… औरंगाबाद में सबसे ज्यादा बिकती हैं पतंगें वाराणसी में कई स्थानों पर पतंग का बाजार सजता है। चौक से दालमंडी में घुसते ही बड़ा पतंग बाजार है। इसके अलावा औरंगाबाद में पतंग खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है। चाइनीज मांझा के खतरनाक रूप को देखने के बाद युवा अब बरेली के मांझे को खरीद रहे हैं। यहां वाराणसी शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों से भी युवा पतंग लेने के लिए आये हुए हैं। मुरादाबाद की स्पेशल पतंग की डिमांड ज्यादा औरंगाबाद के दुकानदार रामशंकर गुप्ता ने बताया – सब कागज की पतंग है। जो बरेली, मुरादाबाद और प्रयागराज से आती है। वाराणसी की पतंग भी डिमांड में है। इस बार युवा चाइनीज मांझा नहीं मांग रहे और हम बेच भी नहीं रहे हैं। 24 साल पुरानी हमारी दुकान है। इस बार एक बार फिर बरेली का मांझा लौट आया है।अचानक से हमें माल मांगना पड़ा। जिससे हमें बरेली का मांझा महंगा मिला है। वहीं उन्होंने बताया मुरादाबाद की स्पेशल पतंगों की डिमांड ज्यादा है। युवाओं में मीडियम पतंग का क्रेज आयुष विश्वकर्मा करौंदी के रहने वाले हैं। उन्होंने औरंगाबाद से 60 पतंग भी खरीदा उन्होंने कहा इस बार पतंग उड़ाने के लिए बरेली का मांझा इस्तेमाल करूंगा। ऐसे ही आयुष की तरह युवा पतंग बाजार में पतंग खरीदते नजर आये। इनमे से ज्यादातर ने पतंग के लिए बरेली मांझे को चुना और चाइनीज मांझे की डिमांड नहीं की। वहीं आज सुबह से ही घरों की छतों पर म्यूजिक सिस्टम लगाकर युवा पतंगबाजी करते दिखाई दिए। युवाओं में इस बार मीडियम साइज पतंग का क्रेज है। शहर में हर इलाके में गूंज रहा है वो काटा… शहर के हर इलाके में आज पतंगबाजी की धूम है। वहीं एक दिन पहले से ही छतों पर म्यूजिक सिस्टम के साथ युवा पतंगबाजी करते नजर आये। पतंग को खींचने की कला देखकर लोग एक दूसरे की पतंगबाजी का अंदाजा लगा रहे थे। पतंग उड़ा रहे गोलू ने बताया। पिछले दस सालों से पतंग उड़ा रहा हूं। बीच में चाइनीज मांझे की तरफ सभी लोग भाग गए थे पर इसबार फिर से हम लोग धागे वाला मांझा लेकर आये हैं। उसी से पतंग उड़ा रहे हैं। अब जानिए कब से काशी में बनना शुरू हो जाती हैं पतंगे और कौन-कौन सी पतंग बनाई जाती है इसपर पतंग के कारोबारियों से बातचीत… वाराणसी के कोतवाली थानाक्षेत्र के अम्बियामंडी इलाके में पतंग बनाने के दर्जन भर से अधिक कारखाने हैं। यहां हर किस्म की बनारसी पतंग बनाई जाती है। जिसे कोलकाता के कारीगर अगस्त से आकर बनाएं शुरू कर देते हैं। यहां हर कारोबारी हर सीजन में 40 से 50 हजार पतंग बेचता है। जिसमें सबसे महंगी पतंग 10 रुपए की होती है। जिसे मर्कटे में 15 से 20 रुपए तक की बेची जाती है। मझोली पतंग की डिमांड सबसे ज्यादा पतंग कारोबारी मोहम्मद अकबर का अम्बियामंडी पुलिस चौकी के पास पतंग का कारखाना है। मोहम्मद अकबर ने बताया सबसे ज्यादा मंझोली पतंग की डिमांड होती है। इसकी एक पीस हमारे यहां 4 रुपए है। जो मार्किट में जाकर 8 रुपए की बिकती है। अकबर ने बताया- हम बनाकर व्यापारियों को सप्लाई करते हैं। व्यापारी चौक और औरंगाबाद ले जाते हैं। जहां से पूरे पूर्वांचल में इसकी सप्लाई की जाती है। अगस्त से शुरू हो जाता है काम एक अन्य कारोबारी मोहम्मद मुस्तफा ने बताया- पतंग का कारोबार इस बार अच्छा नहीं हुआ क्योंकि ठंड और कोहरे की वजह से महिलाओं ने इसका काम करने से मना कर दिया। जिस वजह से प्रोडक्शन में कमी आ गई। मुस्तफा ने बताया- हर साल अगस्त से हम लोग पतंग बनाने का काम शुरू कर देते हैं। एक कारीगर एक दिन में 500 पतंग तैयार कर लेता है अगर वह 12 घंटा काम करे तो। अद्धा की ज्यादा होती है डिमांड मुस्तफा ने बताया कि- मझोली यानी अद्धा की ज्यादा डिमांड होती है। इस डिमांड की वजह से इन्हे ज्यादा बनाया जाता है। जिसे कोलकाता से आए कारीगर बनाते हैं। इसमें बहुत मेहनत लगती है। मकर संक्रांति का त्योहार आज हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। सभी की छत पर युवा पतंगबाजी का आनंद ले रहे हैं। काशी के आसमान से गोरखपुर तक हवा में पतंग और जमीन पर पतंगबाजी का शोर है। युवा पतंगबाजी के शोर में डूबे हुए हैं। वाराणसी में मकर संक्रांति की तैयारी अगस्त महीने से शुरू होती है। जब कारखानों में पतंग बनना शुरू हो जाती हैं। वहीं यहाँ मुरादाबाद की पतंगों को भी पसंद किया जाता है। काशी में कई इलाकों में पतंग बनाई जाती है। और कई इलाकों में पतंग के बाजार हैं। पतंग अभी बन रही है और बाजारों तक जा रही है। वहीं पतंग की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का क्या है खुमार और कैसे बनकर आसमान में उड़ती है पतंग। काशी के पतंग बाजार औरंगाबाद और जहां पतंग बनती है वहां पहुंचकर दुकानदार, कारीगर और युवाओं से बात की, पेश है खास रिपोर्ट…. सबसे पहले काशी में पतंग की खरीदारी और युवाओं की पतंगबाजी… औरंगाबाद में सबसे ज्यादा बिकती हैं पतंगें वाराणसी में कई स्थानों पर पतंग का बाजार सजता है। चौक से दालमंडी में घुसते ही बड़ा पतंग बाजार है। इसके अलावा औरंगाबाद में पतंग खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है। चाइनीज मांझा के खतरनाक रूप को देखने के बाद युवा अब बरेली के मांझे को खरीद रहे हैं। यहां वाराणसी शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों से भी युवा पतंग लेने के लिए आये हुए हैं। मुरादाबाद की स्पेशल पतंग की डिमांड ज्यादा औरंगाबाद के दुकानदार रामशंकर गुप्ता ने बताया – सब कागज की पतंग है। जो बरेली, मुरादाबाद और प्रयागराज से आती है। वाराणसी की पतंग भी डिमांड में है। इस बार युवा चाइनीज मांझा नहीं मांग रहे और हम बेच भी नहीं रहे हैं। 24 साल पुरानी हमारी दुकान है। इस बार एक बार फिर बरेली का मांझा लौट आया है।अचानक से हमें माल मांगना पड़ा। जिससे हमें बरेली का मांझा महंगा मिला है। वहीं उन्होंने बताया मुरादाबाद की स्पेशल पतंगों की डिमांड ज्यादा है। युवाओं में मीडियम पतंग का क्रेज आयुष विश्वकर्मा करौंदी के रहने वाले हैं। उन्होंने औरंगाबाद से 60 पतंग भी खरीदा उन्होंने कहा इस बार पतंग उड़ाने के लिए बरेली का मांझा इस्तेमाल करूंगा। ऐसे ही आयुष की तरह युवा पतंग बाजार में पतंग खरीदते नजर आये। इनमे से ज्यादातर ने पतंग के लिए बरेली मांझे को चुना और चाइनीज मांझे की डिमांड नहीं की। वहीं आज सुबह से ही घरों की छतों पर म्यूजिक सिस्टम लगाकर युवा पतंगबाजी करते दिखाई दिए। युवाओं में इस बार मीडियम साइज पतंग का क्रेज है। शहर में हर इलाके में गूंज रहा है वो काटा… शहर के हर इलाके में आज पतंगबाजी की धूम है। वहीं एक दिन पहले से ही छतों पर म्यूजिक सिस्टम के साथ युवा पतंगबाजी करते नजर आये। पतंग को खींचने की कला देखकर लोग एक दूसरे की पतंगबाजी का अंदाजा लगा रहे थे। पतंग उड़ा रहे गोलू ने बताया। पिछले दस सालों से पतंग उड़ा रहा हूं। बीच में चाइनीज मांझे की तरफ सभी लोग भाग गए थे पर इसबार फिर से हम लोग धागे वाला मांझा लेकर आये हैं। उसी से पतंग उड़ा रहे हैं। अब जानिए कब से काशी में बनना शुरू हो जाती हैं पतंगे और कौन-कौन सी पतंग बनाई जाती है इसपर पतंग के कारोबारियों से बातचीत… वाराणसी के कोतवाली थानाक्षेत्र के अम्बियामंडी इलाके में पतंग बनाने के दर्जन भर से अधिक कारखाने हैं। यहां हर किस्म की बनारसी पतंग बनाई जाती है। जिसे कोलकाता के कारीगर अगस्त से आकर बनाएं शुरू कर देते हैं। यहां हर कारोबारी हर सीजन में 40 से 50 हजार पतंग बेचता है। जिसमें सबसे महंगी पतंग 10 रुपए की होती है। जिसे मर्कटे में 15 से 20 रुपए तक की बेची जाती है। मझोली पतंग की डिमांड सबसे ज्यादा पतंग कारोबारी मोहम्मद अकबर का अम्बियामंडी पुलिस चौकी के पास पतंग का कारखाना है। मोहम्मद अकबर ने बताया सबसे ज्यादा मंझोली पतंग की डिमांड होती है। इसकी एक पीस हमारे यहां 4 रुपए है। जो मार्किट में जाकर 8 रुपए की बिकती है। अकबर ने बताया- हम बनाकर व्यापारियों को सप्लाई करते हैं। व्यापारी चौक और औरंगाबाद ले जाते हैं। जहां से पूरे पूर्वांचल में इसकी सप्लाई की जाती है। अगस्त से शुरू हो जाता है काम एक अन्य कारोबारी मोहम्मद मुस्तफा ने बताया- पतंग का कारोबार इस बार अच्छा नहीं हुआ क्योंकि ठंड और कोहरे की वजह से महिलाओं ने इसका काम करने से मना कर दिया। जिस वजह से प्रोडक्शन में कमी आ गई। मुस्तफा ने बताया- हर साल अगस्त से हम लोग पतंग बनाने का काम शुरू कर देते हैं। एक कारीगर एक दिन में 500 पतंग तैयार कर लेता है अगर वह 12 घंटा काम करे तो। अद्धा की ज्यादा होती है डिमांड मुस्तफा ने बताया कि- मझोली यानी अद्धा की ज्यादा डिमांड होती है। इस डिमांड की वजह से इन्हे ज्यादा बनाया जाता है। जिसे कोलकाता से आए कारीगर बनाते हैं। इसमें बहुत मेहनत लगती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली में गरजे नगीना सांसद, चंद्रशेखर बोले- रिजर्वेशन पर सबसे बडा हमला 10% EWS
आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली में गरजे नगीना सांसद, चंद्रशेखर बोले- रिजर्वेशन पर सबसे बडा हमला 10% EWS <p><strong>Chandrashekhar Azad On Reservation:</strong> आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना सांसद चेंद्रशेखर आजाद ने एक बार फिर से EWS के दस फीसदी आरक्षण पर हमला बोला है. उन्होंने एस जनसभा को संबोधित करते हुए EWS के दस फीसदी आरक्षण को जिक्र किया और बड़ा बयान दे डाला. उन्होंने कहा कि आरक्षण पर सबसे बडा हमला 10% EWS के रूप में हुआ है. </p>
<p>आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना सांसद चेंद्रशेखर आजाद आज एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आरक्षण पर सबसे बड़ा हमला दस फीसदी EWS के रूप में हुआ है. उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब EWS के दस फीसदी आरक्षण लागू किया गया तो हमारे पूर्व के दलों ने उस वक्त इसका साथ दिया.</p>
<p><strong>’आरक्षण पर सबसे बड़ा हमला EWS'<br /></strong>नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा,”आरक्षण को समाप्त करवाने के लिए एंडी चोटी के ज़ोर लगा दिए और इसपर सबसे बड़ा हमला कब हुआ जब दस फीसदी EWS के रूप में लागू हुआ. हमारे पूर्व दलों ने उस वक्त इसका साथ दिया, जबकि वो आरक्षण पर सबसे बड़ा हमला था. अगर उसी दिन हमलोगों ने सड़कों पर निकलकर अपनी आवाज़ को उठाया होता,<span class=”Apple-converted-space”> </span>इसका विरोध किया होता तो किसी की मां ने दूध नहीं पिलाया जो दोबारा आरक्षण पर हमले के बारे में सोच लेता.”</p>
<p><strong> </strong>सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी चंद्रशेखर ने इस संदर्भ में लिखा. उन्होंने कहा कि पूरे देश ने बहुजन समाज की एकता का जो जनसैलाब दिल्ली में देखा उससे एक बार फिर ये साबित हो गया- “हक-अधिकारों की लड़ाई में निमंत्रण नहीं भेजे जाते, जिनका ज़मीर ज़िंदा हो, वे खुद दौड़े चले आते हैं.”</p>
<p>नगीना सांसद ने लिखा कि सरकार की तरफ से दलित समाज की एकता को बांटने का जो प्रयास किया गया है उसके खिलाफ हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिससे की समाज के हर व्यक्ति को सरकार के षड्यंत्र से वाकिफ कराया जा सके.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में 14 दोषी, मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lucknow-illegal-conversion-case-maulana-kalim-siddiqui-and-10-other-sentenced-life-imprisonment-2781313″ target=”_self”>लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में 14 दोषी, मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा</a></strong></p>
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- ‘बांट और काट रहे थे, थप्पड़ जड़ दिया’
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- ‘बांट और काट रहे थे, थप्पड़ जड़ दिया’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Bulldozer Action Case: </strong>सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आरोपियों के घर बुलडोजर से गिराए जाने की घटनाओं पर तीखी टिप्पणी की है. इस पर शिवसेना-यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) की प्रतिक्रिया आई है. प्रियंका ने कहा कि ‘सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान का एक थप्पड़ अपने आज के फैसले से जड़ दिया है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”बांट रहे थे , काट रहे थे, बुलडोज़र चला रहे थे. तभी सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान का एक थप्पड़ अपने आज के वर्डिक्ट से जड़ दिया.” सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के जज ने बुलडोजर एक्शन पर कहा कि सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. घर एक सपना है जो कभी न टूटे. अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं हो सकती. अपराध का आरोप या दोषी होना घर तोड़ने का आधार नहीं हो सकता.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>बाँट रहे थे , काट रहे थे, बुलडोज़र चला रहे थे<br />तभी सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान का एक थप्पड़ अपने आज के वर्डिक्ट से जड़ दिया!</p>
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) <a href=”https://twitter.com/priyankac19/status/1856585727800226025?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 13, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि क्या हमें इस संबंध में गाइडलाइंस जारी करनी चाहिए. बिना केस चलाए किसी का मकान गिराकर सजा नहीं दी जा सकती है. अगर प्रशासन मनमाने तरीके से काम करता है तो अधिकारियों को जवाबदेह बनाने पड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते कुछ समय से यूपी में अलग-अलग अपराधों के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर से कार्रवाई की गई है. इतना ही नहीं मध्य प्रदेश, गुजरात और असम जैसे बीजेपी शासित राज्यों में भी अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसका विपक्षी तीखा विरोध करते आए हैं. वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के बाद विपक्ष एकबार फिर बीजेपी पर हमलावर हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस की ओर से आई यह टिप्पणी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया गया है, ”आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता, प्रशासन जज न बने.’ ये बात सुप्रीम कोर्ट ने कही है. वहीं कोर्ट ने कहा कि किसी आरोपी का घर ग‍िराना पूरे पर‍िवार को सजा देना हुआ, जो ठीक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी BJP सरकार में बुलडोजर के नाम पर नफरत फैलाने वालों पर करारा तमाचा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Maharashtra Election: ‘इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद का अपमान किसी…’, असदुद्दीन ओवैसी ने दी चेतावनी” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/aimim-chief-asaduddin-owaisi-targetted-pm-narendra-modi-maharashtra-assembly-election-2024-ann-2822411″ target=”_self”>Maharashtra Election: ‘इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद का अपमान किसी…’, असदुद्दीन ओवैसी ने दी चेतावनी</a></strong></p>
सोनीपत में युवक की पीट-पीटकर हत्या:शराब ठेके पर खाना देकर लौट रहा था; 12 युवकों ने किया हमला, पिता की हो चुकी मौत
सोनीपत में युवक की पीट-पीटकर हत्या:शराब ठेके पर खाना देकर लौट रहा था; 12 युवकों ने किया हमला, पिता की हो चुकी मौत हरियाणा के सोनीपत में एक युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। युवक के पिता की 10 साल पहले मौत हो गई थी, इसके बाद वह गांव के ही परिवार के पास रह रहा था। शराब के ठेके पर सेल्समेन को खाना देने के बाद घर लौट रहा था तो 10-11 युवकों ने उसे गली में घेर कर तेजधार हथियारों व लाठी डंडो से उसे बुरी तरह पीटा। उसे गंभीर हालत में पीजीआई खानपुर से रोहतक ले जाया गया, जहां डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। पुलिस ने गोहाना सदर थाना में केस दर्ज कर लिया है। रभड़ा गांव की रहने वाली शांति ने पुलिस को बताया कि वह दो बेटों व एक बेटी की मां है। उसके गांव का नसीब (26) करीब 10-12 साल से उसके परिवार के साथ रह रहा था। नसीब के पिता सुरेश की करीब 10 वर्ष पहले मौत हो गई थी। वह खेती बाड़ी का काम करता था। उसने बताया कि 24 अक्टूबर की दोपहर को नसीब शराब ठेका पर सेल्समैन की खाना देने के बाद वापस घर आ रहा था। उस समय वह अपने मकान के सामने सड़क पर खड़ी थी। महिला ने किया छुड़वाने का प्रयास महिला शांति ने बताया कि उसके देखते ही देखते बिजेंद्र के मकान के सामने खड़े सन्नी उर्फ माया, हितेश उर्फ नान्हा, कृष्ण उर्फ केके, साहिल उर्फ बाज निवासी रभड़ा और बिल्लू वाल्मिकी का बेटा निवासी माहरा व अन्य 5-7 युवकों ने मिलकर नसीब को रोक लिया। इसके बाद लाठी-डंडों व लोहे के सरिया से उस पर हमला कर दिया। वह उसे बचाने के लिए दौड़ी और उसने बीच बचाव करने की कोशिश की, परन्तु हमलावरों ने उसकी नहीं मानी और सभी ने नसीब को बुरी तरह से चोटें मारी। मरा समझ कर भागे, नहीं बची जान नसीब लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। वह बेहोश हो गया था। हमलावर उसे मरा हुआ समझकर अपने अपने हथियारों सहित अपने वाहनों में सवार होकर वहां से फरार हो गए। उसने राह चलते वाहन को रुकवाकर नसीब को इलाज के लिए मेडिकल कालेज खानपुर कला पहुंचाया। वहां पर नसीब कि तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। इस बीच उसके गांव के लेाग भी मेडिकल पहुंच गए। सभी नसीब को इलाज के लिए रोहतक ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। कुछ दिन पहले हुई थी कहासुनी महिला ने बताया कि कुछ दिन पहले हितेश उर्फ नान्हा के साथ नसीब की कहासुनी हुई थी। आपस मे बैठकर मनमुटाव दूर हो गया था। परन्तु नान्हा अपने मन मे रंजिश रखे हुए था। इसी रंजिश के कारण नान्हा ने अपने साथियों के साथ मिलकर नसीब को चोटे मारकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। पुलिस ने दर्ज किया केस गोहाना सदर थाना के इंस्पेक्टर महीपाल के अनुसार BPS खानपुर कलां से एक रूक्का प्राप्त हुआ कि नसीब झगड़े में हुई चोटों के कारण दाखिल है। डॉक्टर ने उसके शरीर पर 7 चोटें होने की पुष्टि की। फिर रोहतक के निजी अस्पताल से सूचना मिली कि नसीब की मौत हो चुकी है। पुलिस ने महिला शांति देवी के बयान पर धारा 191(2),190,115(2),126(2)103 BNS के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।