रोहतक के नए बस स्टैंड के पास एक मेडिकल स्टोर पर स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की। जिसके बाद मेडिकल संचालक को बिना डॉक्टर की पर्ची के गर्भपात के लिए एमटीपी किट बेचते हुए पकड़ा गया। उसके पास से कुल 6 एमटीपी किट बरामद की गई। आरोपी बिना डिग्री के डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज कर रहा था। रोहतक के स्वास्थ्य विभाग में पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी ने अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी कर एक आरोपी को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट बेचते हुए पकड़ा। 10 जनवरी को मिली थी सूचना सिविल सर्जन कार्यालय को 10 जनवरी को सूचना मिली थी कि रोहतक में नए बस स्टैंड के पास एक केमिस्ट शॉप पर कुछ दुकानदार डॉक्टर बनकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। वे गर्भवती महिलाओं को गर्भपात के लिए एमटीपी किट भी उपलब्ध करा रहे हैं। सूचना के आधार पर सिविल सर्जन ने पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी, चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल चौधरी, डॉ. मोहित गिल की टीम गठित की। फर्जी ग्राहक बनकर मेडिकल स्टोर पर पहुंची महिला टीम ने 4 महीने की गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर तैयार किया। उसे एमटीपी किट खरीदने के लिए 2500 रुपए दिए गए। जिसके बाद 14 जनवरी की शाम को टीम महिला को लेकर रवाना हो गई। इसके बाद महिला दुकानदार के पास गई और गर्भपात की गोली मांगी। दवा विक्रेता ने डॉक्टर का पर्चा देखे बिना ही एमटीपी किट दे दी और 600 रुपए मांगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पीछा कर रही थी। एमटीपी किट मिलने के बाद फर्जी महिला ने टीम को इशारा कर दिया। छापेमारी के दौरान 5 एमटीपी किट बरामद जिसके बाद टीम ने छापेमारी कर दुकानदार नवीन को पकड़ लिया। दुकान की चेकिंग के दौरान 5 एमटीपी किट भी बरामद की गई। टीम ने जांच में पाया कि आरोपी नवीन के पास फार्मेसी का डिप्लोमा है, वह रजिस्टर्ड डॉक्टर नहीं है। साथ ही वह एमटीपी किट का बिल भी पेश नहीं कर पाया। मेडिकल स्टोर में एक रजिस्टर मिला, जिसमें लैब टेस्ट का रिकॉर्ड था। नवीन मरीजों का इलाज भी करता था। रोहतक के नए बस स्टैंड के पास एक मेडिकल स्टोर पर स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की। जिसके बाद मेडिकल संचालक को बिना डॉक्टर की पर्ची के गर्भपात के लिए एमटीपी किट बेचते हुए पकड़ा गया। उसके पास से कुल 6 एमटीपी किट बरामद की गई। आरोपी बिना डिग्री के डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज कर रहा था। रोहतक के स्वास्थ्य विभाग में पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी ने अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी कर एक आरोपी को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट बेचते हुए पकड़ा। 10 जनवरी को मिली थी सूचना सिविल सर्जन कार्यालय को 10 जनवरी को सूचना मिली थी कि रोहतक में नए बस स्टैंड के पास एक केमिस्ट शॉप पर कुछ दुकानदार डॉक्टर बनकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। वे गर्भवती महिलाओं को गर्भपात के लिए एमटीपी किट भी उपलब्ध करा रहे हैं। सूचना के आधार पर सिविल सर्जन ने पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी, चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल चौधरी, डॉ. मोहित गिल की टीम गठित की। फर्जी ग्राहक बनकर मेडिकल स्टोर पर पहुंची महिला टीम ने 4 महीने की गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर तैयार किया। उसे एमटीपी किट खरीदने के लिए 2500 रुपए दिए गए। जिसके बाद 14 जनवरी की शाम को टीम महिला को लेकर रवाना हो गई। इसके बाद महिला दुकानदार के पास गई और गर्भपात की गोली मांगी। दवा विक्रेता ने डॉक्टर का पर्चा देखे बिना ही एमटीपी किट दे दी और 600 रुपए मांगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पीछा कर रही थी। एमटीपी किट मिलने के बाद फर्जी महिला ने टीम को इशारा कर दिया। छापेमारी के दौरान 5 एमटीपी किट बरामद जिसके बाद टीम ने छापेमारी कर दुकानदार नवीन को पकड़ लिया। दुकान की चेकिंग के दौरान 5 एमटीपी किट भी बरामद की गई। टीम ने जांच में पाया कि आरोपी नवीन के पास फार्मेसी का डिप्लोमा है, वह रजिस्टर्ड डॉक्टर नहीं है। साथ ही वह एमटीपी किट का बिल भी पेश नहीं कर पाया। मेडिकल स्टोर में एक रजिस्टर मिला, जिसमें लैब टेस्ट का रिकॉर्ड था। नवीन मरीजों का इलाज भी करता था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
पानीपत में जानलेवा हमले के तीन दोषियों को कैद:सो रहे युवक से की थी मारपीट-लूटपाट; 5 साल की सजा, 16 माह में आया फैसला
पानीपत में जानलेवा हमले के तीन दोषियों को कैद:सो रहे युवक से की थी मारपीट-लूटपाट; 5 साल की सजा, 16 माह में आया फैसला हरियाणा के पानीपत जिले के बापौली थाना क्षेत्र के गांव खोजकीपुर में खेत के कमरे में सो रहे युवक पर हथियारों से जानलेवा हमला करके घायल करने के चार दोषियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। सेशन जज सुदेश कुमार शर्मा की कोर्ट ने दोषी साहिल, राहुल और अजय तीनों निवासी गांव खोजकीपुर को 5-5 साल की सजा, साढ़े 13 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। 16 माह चली केस की सुनवाई के बाद बुधवार को यह फैसला आया। किसी को बताने पर दी थी जान से मारने की धमकी
7 फरवरी 2023 को बापौली थाना पुलिस को दी शिकायत में नीरज ने बताया था कि वह गांव खोजकीपुर खुर्द का रहने वाला है। 6 फरवरी की रात करीब 9 बजे वह अपने खेतों में पानी चलाने गया था। गेहूं में पानी चलाने के बाद वह खेत में ही बने कमरे में बिछी चारपाई पर सो गया था। रात करीब 12 बजे गांव के रहने वाले अजय, प्रिंस, राहुल, साहिल उसके कमरे में आ घुसे। कमरे में घुसते ही आरोपियों ने कस्सी, रॉड, चाकू, पंच आदि से उस पर सोते हुए पर ही हमला कर दिया। साहिल ने उसकी जेब से 2 हजार रुपए और मोबाइल फोन निकाल लिया। मोबाइल-कैश मिलने के बाद उन्होंने धमकी दी कि अगर वह इस बारे में किसी को बताएगा तो वे उसे जान से मार देंगे।
हरियाणा सरकार को मंत्रिमंडल पर नोटिस:14 मंत्री बनाए जाने पर जवाब मांगा; याचिका में आरोप- तय सीमा से ज्यादा मिनिस्टर
हरियाणा सरकार को मंत्रिमंडल पर नोटिस:14 मंत्री बनाए जाने पर जवाब मांगा; याचिका में आरोप- तय सीमा से ज्यादा मिनिस्टर हरियाणा में 14 मंत्री बनाए जाने के विरोध में दाखिल याचिका पर मंगलवार (5 नवंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने हरियाणा और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 17 अक्टूबर को नायब सैनी के अलावा 13 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इसके बाद 18 अक्टूबर को एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। याचिका में आरोप लगाया गया कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं। संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। मंत्रियों को बनाया गया है प्रतिवादी
याचिका में भट्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार व हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया है। आरोप- विधायकों को खुश करने के लिए बढ़ाई संख्या
याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी गई है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की कमाई से किया जाता है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा कि तय संख्या से अधिक मंत्री होने के चलते अतिरिक्त मंत्रियों को हटाया जाए। याचिका पेंडिंग रहने तक उन्हें मिलने वाले लाभ पर भी रोक लगाई जाए। भट्टी पहले भी लगा चुके याचिका
इससे पहले भी एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने तेरहवीं व चौदहवीं विधानसभा के दौरान 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
करनाल में डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा चोरी:समाज के लोगों ने किया सड़क जाम, सरपंच पर आरोप, 15 लोगों पर FIR
करनाल में डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा चोरी:समाज के लोगों ने किया सड़क जाम, सरपंच पर आरोप, 15 लोगों पर FIR हरियाणा में करनाल के बाल राजपूताना गांव से रात को डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा चोरी हो गई। समाज के लोगों को जब चोरी का पता चला तो उन्होंने सड़क पर जाम लगा दिया। लोगों ने गांव के सरपंच पर ही प्रतिमा चोरी करवाने के आरोप लगाए है। वहीं सूचना मिलते ही असंध DSP सतीश गौतम भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण मानने के लिए तैयार नहीं है। 15 लोगों पर मामला दर्ज DSP सतीश गौतम ने ग्रामीणों के आरोपों के आधार पर गांव के ही 15 लोगों के खिलाफ SC एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। जाम लगाकर धरने पर बैठे समाज के लोगों ने गांव के सरपंच सहित भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए है। जिसके चलते उनकी शिकायतों पर न तो कोई अधिकारी कार्रवाई करता है और न ही पुलिस। पंचायती जमीन पर स्थापित की गई थी प्रतिमा जानकारी अनुसार गांव के अड्डे पर करीब एक एकड़ पंचायती जमीन है। इस जमीन पर ग्राम पंचायत ने पानी की निकासी के लिए तालाब बनाने का निर्णय लिया। इस बारे में जब समाज के लोगों को पता चला तो उन्होंने कहा कि इस जमीन पर समाज के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम से कम्युनिटी सेंटर बनाया जाए। इस बात पर ग्रामीणों और सरपंच के बीच विवाद शुरू हो गया और समाज के लोगों ने उस जमीन पर डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी। मामले में बनाई गई है कमेटी प्रशासन के संज्ञान में जब यह मामला आया तो इस मामले में कमेटी बन गई। इसके बाद समाज के लोगों का कहना है कि शनिवार रात को उनके द्वारा स्थापित की गई डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा चोरी हो गई। इस मूर्ति को चोरी कराने के पीछे सरपंच सहित अन्य लोगों का हाथ है। इस बात को लेकर समाज के लोगों ने जाम लगा दिया। DSP ने मांगा दो दिन का समय सड़क पर जाम खुलाने गए DSP सतीश गौतम ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर 2 दिन का समय मांगा है। वहीं ग्रामीणों को यह भी आश्वासन दिया कि अब हर समय इस जगह पर पुलिस की PCR तैनात रहेगी। आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।