लॉरेंस केस में बर्खास्त डीएसपी पहुंचा हाईकोर्ट:बर्खास्तगी ऑर्डर को चुनौती, दी दलील- बलि का बकरा बनाया गया, पंजाब सरकार को नोटिस

लॉरेंस केस में बर्खास्त डीएसपी पहुंचा हाईकोर्ट:बर्खास्तगी ऑर्डर को चुनौती, दी दलील- बलि का बकरा बनाया गया, पंजाब सरकार को नोटिस

गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। एक महीने में पंजाब सरकार से इस बारे में जवाब मांगा है। हालांकि अदालत ने बर्खास्तगी पर रोक लगाने से मना कर दिया है। इससे पहले पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे। अदालत ने उनकी तरफ से दी गई यह दलील खरड़ में अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) में हिरासत के दौरान जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से साक्षात्कार कराने के आरोपों के बाद बर्खास्त किए गए गुरशेर सिंह संधू ने दावा किया है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पंजाब सरकार के आदेश में उनकी बर्खास्तगी के कारणों के रूप में घोर कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य में लापरवाही का हवाला दिया गया है। पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत राज्य सरकार के प्रस्ताव से सहमत होने के बाद बर्खास्तगी को अंतिम रूप दिया गया, जो उन मामलों में विभागीय जांच के बिना बर्खास्तगी की अनुमति देता है जहां ऐसी जांच अव्यवहारिक मानी जाती है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। उसमें लॉरेंस ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू था, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने बैरक भी दिखाई लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार, मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। ये पुलिसवाले सस्पेंड हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कोताही व लापरवाही का आरोपी माना था। इसके बाद 25 अक्टूबर 2024 को सभी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था, उनमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), SI जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), SI शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल थे। गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। एक महीने में पंजाब सरकार से इस बारे में जवाब मांगा है। हालांकि अदालत ने बर्खास्तगी पर रोक लगाने से मना कर दिया है। इससे पहले पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे। अदालत ने उनकी तरफ से दी गई यह दलील खरड़ में अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) में हिरासत के दौरान जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से साक्षात्कार कराने के आरोपों के बाद बर्खास्त किए गए गुरशेर सिंह संधू ने दावा किया है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पंजाब सरकार के आदेश में उनकी बर्खास्तगी के कारणों के रूप में घोर कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य में लापरवाही का हवाला दिया गया है। पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत राज्य सरकार के प्रस्ताव से सहमत होने के बाद बर्खास्तगी को अंतिम रूप दिया गया, जो उन मामलों में विभागीय जांच के बिना बर्खास्तगी की अनुमति देता है जहां ऐसी जांच अव्यवहारिक मानी जाती है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। उसमें लॉरेंस ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू था, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने बैरक भी दिखाई लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार, मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। ये पुलिसवाले सस्पेंड हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कोताही व लापरवाही का आरोपी माना था। इसके बाद 25 अक्टूबर 2024 को सभी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था, उनमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), SI जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), SI शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर