<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Politics:</strong> जम्मू-कश्मीर सरकार और बीजेपी के बीच सांठगांठ की अटकलों पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच किसी भी तरह की खींचतान को तारिक हमीद कर्रा ने खारिज कर दिया है. जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक कर्रा ने कहा कि पार्टी अलायंस का हिस्सा है और गठबंधन से बाहर निकलने की उसकी कोई योजना नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तारिक हमीद कर्रा ने शनिवार (18 जनवरी) को जम्मू में ‘संविधान बचाओ, राष्ट्र बचाओ’ देशव्यापी आंदोलन के तहत विरोध मार्च का नेतृत्व करते हुए कहा, ”बीजेपी न केवल संविधान को बल्कि राष्ट्र को भी नुकसान पहुंचा रही है और अगर कोई भी ऐसी बात करता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ऐसी राष्ट्र विरोधी पार्टी के करीब जा रही है, तो इसका जनता पर दूरगामी असर होगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर चीज की एक सीमा होती है- तारिक हमीद कर्रा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कर्रा ने ये भी कहा, “हर चीज की एक सीमा होती है और उन्हें ऐसा करना बंद कर देना चाहिए. हम आधिकारिक जुड़ाव के लिए प्रोटोकॉल की आवश्यकताओं से अवगत हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को अपने भाषणों में पीएम मोदी की प्रशंसा करते समय सीमाएं खींचने की जरूरत है” </p>
<p style=”text-align: justify;”>कर्रा ने हाल ही में सोनमर्ग में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के भाषण का जिक्र करते हुए ये बात कही. जिसमें सीएम ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, विकास परियोजनाओं और राज्य का दर्जा वापस पाने की उम्मीद से लेकर हर चीज के लिए मोदी की तारीफ की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में बढ़ रहा असंतोष!</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के साथ अपने गठबंधन को लेकर आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है, जिसमें कई पार्टी नेता गठबंधन को खत्म करने की वकालत कर रहे हैं. हाल ही में हुई इन-हाउस मीटिंग के दौरान असंतोष प्रमुख रूप से सामने आया, जहां कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने साझेदारी को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विकार रसूल वानी ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मुद्दे ने तब और तूल पकड़ लिया, जब जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व मंत्री विकार रसूल वानी ने सार्वजनिक रूप से पार्टी से एनसी के साथ संबंध तोड़ने का आह्वान किया. वानी ने कहा, ”एनसी नेतृत्व ने ईवीएम पर विवाद और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ अलायंस के भीतर नेतृत्व सहित विभिन्न मोर्चों पर कांग्रेस को बार-बार अपमानित किया है.” एनसी से नाता तोड़ने की बढ़ती मांग कांग्रेस के भीतर व्यापक असंतोष को दर्शाती है. कई पार्टी नेताओं का मानना है कि गठबंधन अब फायदेमंद नहीं है और ये चुनावी नुकसान पहुंचा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या जम्मू-कश्मीर की राजनीति बदल जाएगी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वानी के साहसिक रुख ने इन भावनाओं को और बढ़ा दिया है, जिससे कांग्रेस के आलाकमान पर जम्मू-कश्मीर में अपनी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने का दबाव बढ़ गया है. कांग्रेस गठबंधन के भविष्य को लेकर आंतरिक बहस से जूझ रही है, इसलिए यह प्रकरण क्षेत्र में राजनीतिक गठबंधनों की नाजुक गतिशीलता को रेखांकित करता है. 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद इस सियासी तनाव के नतीजे आने वाले वर्षों में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Farooq Abdullah: ‘यह देश और उसके संविधान की…’, इंडिया गठबंधन पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/farooq-abdullah-big-statement-india-alliance-about-country-and-constitution-safeguard-2865282″ target=”_self”>Farooq Abdullah: ‘यह देश और उसके संविधान की…’, इंडिया गठबंधन पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Politics:</strong> जम्मू-कश्मीर सरकार और बीजेपी के बीच सांठगांठ की अटकलों पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच किसी भी तरह की खींचतान को तारिक हमीद कर्रा ने खारिज कर दिया है. जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक कर्रा ने कहा कि पार्टी अलायंस का हिस्सा है और गठबंधन से बाहर निकलने की उसकी कोई योजना नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तारिक हमीद कर्रा ने शनिवार (18 जनवरी) को जम्मू में ‘संविधान बचाओ, राष्ट्र बचाओ’ देशव्यापी आंदोलन के तहत विरोध मार्च का नेतृत्व करते हुए कहा, ”बीजेपी न केवल संविधान को बल्कि राष्ट्र को भी नुकसान पहुंचा रही है और अगर कोई भी ऐसी बात करता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ऐसी राष्ट्र विरोधी पार्टी के करीब जा रही है, तो इसका जनता पर दूरगामी असर होगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर चीज की एक सीमा होती है- तारिक हमीद कर्रा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कर्रा ने ये भी कहा, “हर चीज की एक सीमा होती है और उन्हें ऐसा करना बंद कर देना चाहिए. हम आधिकारिक जुड़ाव के लिए प्रोटोकॉल की आवश्यकताओं से अवगत हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को अपने भाषणों में पीएम मोदी की प्रशंसा करते समय सीमाएं खींचने की जरूरत है” </p>
<p style=”text-align: justify;”>कर्रा ने हाल ही में सोनमर्ग में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के भाषण का जिक्र करते हुए ये बात कही. जिसमें सीएम ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, विकास परियोजनाओं और राज्य का दर्जा वापस पाने की उम्मीद से लेकर हर चीज के लिए मोदी की तारीफ की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में बढ़ रहा असंतोष!</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के साथ अपने गठबंधन को लेकर आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है, जिसमें कई पार्टी नेता गठबंधन को खत्म करने की वकालत कर रहे हैं. हाल ही में हुई इन-हाउस मीटिंग के दौरान असंतोष प्रमुख रूप से सामने आया, जहां कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने साझेदारी को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विकार रसूल वानी ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मुद्दे ने तब और तूल पकड़ लिया, जब जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व मंत्री विकार रसूल वानी ने सार्वजनिक रूप से पार्टी से एनसी के साथ संबंध तोड़ने का आह्वान किया. वानी ने कहा, ”एनसी नेतृत्व ने ईवीएम पर विवाद और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ अलायंस के भीतर नेतृत्व सहित विभिन्न मोर्चों पर कांग्रेस को बार-बार अपमानित किया है.” एनसी से नाता तोड़ने की बढ़ती मांग कांग्रेस के भीतर व्यापक असंतोष को दर्शाती है. कई पार्टी नेताओं का मानना है कि गठबंधन अब फायदेमंद नहीं है और ये चुनावी नुकसान पहुंचा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या जम्मू-कश्मीर की राजनीति बदल जाएगी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वानी के साहसिक रुख ने इन भावनाओं को और बढ़ा दिया है, जिससे कांग्रेस के आलाकमान पर जम्मू-कश्मीर में अपनी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने का दबाव बढ़ गया है. कांग्रेस गठबंधन के भविष्य को लेकर आंतरिक बहस से जूझ रही है, इसलिए यह प्रकरण क्षेत्र में राजनीतिक गठबंधनों की नाजुक गतिशीलता को रेखांकित करता है. 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद इस सियासी तनाव के नतीजे आने वाले वर्षों में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकते हैं.</p>
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