हिमाचल प्रदेश के ऊना में डंपर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। वहीं केबिन में सो रहे ड्राइवर ने कूदकर अपनी जान बचाई। ट्रक खराब होने के कारण ड्राइवर साइड में लगाकर सो गया था। घटना बीती रात हरोली के टाहलीवाल औद्योगिक में क्रेमिका उद्योग के पास हुई है। जब जगजीत सिंह अपने डंपर में बजरी लेकर पंजाब की ओर जा रहे थे। रात करीब 12 बजे टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के पास चढ़ाई पर डंपर खराब हो गया। ड्राइवर ने वहीं टिप्पर रोक दिया और केबिन में सो गया। सुबह लगभग साढ़े 5 बजे डंपर के केबिन में अचानक स्पार्किंग हुई और आग लग गई। ड्राइवर ने तुरंत केबिन से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। वहां से गुजर रहे बाइक सवारों की मदद से फायर स्टेशन टाहलीवाल को सूचना दी गई। अग्निशमन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। दो साल पहले खरीदे गए इस डंपर की कीमत लगभग 35 लाख रुपए है। शॉर्ट सर्किट से लगी इस आग के कारण वाहन का करीब 4 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया। हिमाचल प्रदेश के ऊना में डंपर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। वहीं केबिन में सो रहे ड्राइवर ने कूदकर अपनी जान बचाई। ट्रक खराब होने के कारण ड्राइवर साइड में लगाकर सो गया था। घटना बीती रात हरोली के टाहलीवाल औद्योगिक में क्रेमिका उद्योग के पास हुई है। जब जगजीत सिंह अपने डंपर में बजरी लेकर पंजाब की ओर जा रहे थे। रात करीब 12 बजे टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के पास चढ़ाई पर डंपर खराब हो गया। ड्राइवर ने वहीं टिप्पर रोक दिया और केबिन में सो गया। सुबह लगभग साढ़े 5 बजे डंपर के केबिन में अचानक स्पार्किंग हुई और आग लग गई। ड्राइवर ने तुरंत केबिन से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। वहां से गुजर रहे बाइक सवारों की मदद से फायर स्टेशन टाहलीवाल को सूचना दी गई। अग्निशमन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। दो साल पहले खरीदे गए इस डंपर की कीमत लगभग 35 लाख रुपए है। शॉर्ट सर्किट से लगी इस आग के कारण वाहन का करीब 4 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ
हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ने के चलते हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में मैक्लोडगंज स्थित डल झील सूख चुकी है। कभी शीशे जैसे निर्मल पानी में भरी रहने वाली झील का अस्तित्व आज खतरे में है। हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक मैक्लोडगंज की डल झील अनदेखी के चलते पूरी तरह से सूख गयी है। राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता के चलते झील की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। विभिन्न विभागों द्वारा करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बावजूद भी इसका स्वरूप नहीं बदला गया। डल झील में 2011 से हो रहा रिसावडल झील से लगातार हो रहे पानी के रिसाव से कृत्रिम झील में पानी न के बराबर होने से गाद उभर आई है। पिछले कुछ वर्षों से सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन का मुंह ताक रही डल झील अंतिम सांसे ले रही है। सौंदर्यीकरण को लेकर ग्रामीण विकास विभाग भी विभागीय कार्यप्रणाली को कोस रहा है। मैक्लोडगंज आने वाले पर्यटकों के लिए भी ऐतिहासिक डल झील मात्र सफेद हाथी बनकर रह गई है। 2011 में निकाला गया था गाद
इससे पहले 2013, 2017, 2019, 2020, 2021 और नवंबर 2022 में भी झील में रिसाव हो चुका है। बता दें कि आसपास के पहाड़ों की गाद ने इसकी गहराई कम कर दी थी। झील का लगभग आधा क्षेत्र गाद से भरा हुआ है, जिसे घास के मैदान में बदल दिया गया है। झील से गाद निकालने के लिए 2011 में स्थानीय लोगों की मदद से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया था। गाद का उपयोग मंदिर क्षेत्र के पास पार्किंग बनाने के लिए किया गया था। तब से झील तेजी से सूख रही है। क्लाइमेट चेंज झील के सूखने का मुख्य कारण
क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ता है, जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ती है और झीलों का स्तर कम होता जाता है। ग्लोबल वार्मिंग से बारिश का मौसम छोटा हो गया है। अध्ययन में पाया गया कि क्लाइमेट चेंज झीलों के सूखने का मुख्य कारण है जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता है, वाष्पीकरण दर बढ़ती है, जिससे झीलों का स्तर कम होता जाता है। झीलों के सूखने से जैव विविधता का भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि पौधों और जानवरों की कई प्रजातियां जलीय वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित होती हैं। क्या कहते हैं स्थानीय पर्यावरण प्रेमी…
काल्डेन चोफेल का कहना है कि दुनिया भर में ग्लेशियर, झीलें, नदियां सूख रही हैं और इसके परिणाम अकल्पनीय हैं। बचपन के दिनों से हम झील को उफनते और जीवन से भरपूर देखते थे। यह कल्पना करना दर्दनाक है कि यह पर्यटन स्थल नहीं बल्कि इसके आसपास के सभी वन्य जीवन के लिए है। तेंजिन थिनले का कहना है कि यह डल लेक नहीं अब यह सूखी लेक है। सोनम त्सेरिंग ने कहा कि अधिकारियों की उपस्थिति में शाहपुर के विधायक ने 12 सितंबर को सार्वजनिक रूप से कहा था कि डल महोत्सव के बाद त्वरित जीर्णोद्धार परियोजना शुरू होगी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ और पानी छोड़ने और मछलियों को उसमें स्थानांतरित करने के लिए दो तालाब बनाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। एक तरह से, ऐसा लगता है कि सभी बदकिस्मत मछलियां अपने पिछले जन्म में संचित अपने पाप कर्मों को पूरा करने या दूर करने के लिए इस डल झील में पैदा हुई हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि ऐतिहासिक डल लेक के सौंदर्यीकरण तथा पानी के रिसाव को रोकने के लिए डेढ़ महीने के भीतर डीपीआर तैयार की जाएगी। इस के लिए लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद ने निरीक्षण के दौरान डल लेक के पानी के रिसाव की समस्या गहनता से अध्ययन किया है तथा जिला प्रशासन, वन विभाग, आईपीएच विभाग के अधिकारियों को सुझाव भी दिए हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डल लेक के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं जिसके चलते ही लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद को डल लेक के निरीक्षण के लिए सरकार की ओर से आमंत्रित किया गया है।
हिमाचल में कांग्रेस की हार पर मंथन:आज कांगड़ा-शिमला संसदीय क्षेत्र के नेता गिना रहे हार के कारण, मल्लिकार्जुन खड़गे के रिपोर्ट देंगी फैक्ट-फाइडिंग कमेटी
हिमाचल में कांग्रेस की हार पर मंथन:आज कांगड़ा-शिमला संसदीय क्षेत्र के नेता गिना रहे हार के कारण, मल्लिकार्जुन खड़गे के रिपोर्ट देंगी फैक्ट-फाइडिंग कमेटी कांग्रेस हाईकमान द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हिमाचल में लोकसभा चुनाव में करारी हार पर मंथन कर रही है। आज कांगड़ा और शिमला संसदीय क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी, विधायक, साल 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी, जिला व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष वन टू वन फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य पीएल पुनिया और रजनी पाटिल के समक्ष हार के कारण गिना रहे हैं। पहले हॉफ यानी लंच से पहले कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के नेता और दूसरे हॉफ में शिमला लोकसभा क्षेत्र के लीडर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने अपनी-अपनी बात रखेंगे। पिछले कल हमीरपुर और मंडी संसदीय क्षेत्र के नेता हार की वजह गिना चुके हैं। अगले कल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी वापस दिल्ली लौटने के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगी। मंडी और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के नेताओं ने सरकार व संगठन में समन्वय नहीं होने, टिकट आवंटन में देरी, पार्टी नेताओं की अनदेखी, सरकार में एक गुट विशेष के लोगों की ताजपोशी, बेलगाम अफसरशाही, मोदी फैक्टर और राम मंदिर जैसे मुद्दे को हार की वजह बताया है। हाईकमान ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हाईकमान ने हिमाचल की चारों लोकसभा सीटों पर करारी हार के कारण जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित बनाई है। यह कमेटी दो दिन के हिमाचल दौरे पर है। पीएल पुनिया और रजनी पाटिल हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, कुलदीप सिंह राठौर और रामलाल ठाकुर के साथ वन टू वन बात कर चुकी हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस से थी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद दरअसल, प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस चारों सीटों पर लोकसभा चुनाव हारी है, जबकि कांग्रेस हाईकमान और इंडी गठबंधन को हिमाचल में सत्तारूढ़ कांग्रेस से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। मगर कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। नतीजा यह हुआ की छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मंडी से लोकसभा चुनाव हार गए। शिमला सीट से सीटिंग MLA विनोद सुल्तानपुरी, हमीरपुर से सतपाल रायजादा और कांगड़ा से पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा चुनाव हार गए।
कांगड़ा में नशा तस्कर गिरफ्तार:पुलिस ने बरामद किया हेरोइन, आरोपी ने मोबाइल बेचकर शुरू किया था तस्करी का धंधा
कांगड़ा में नशा तस्कर गिरफ्तार:पुलिस ने बरामद किया हेरोइन, आरोपी ने मोबाइल बेचकर शुरू किया था तस्करी का धंधा हिमाचल के कांगड़ा जिला में पुलिस ने गांव खोली से एक नशा तस्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के घर से हेरोइन भी बरामद किया है। आरोपी गौरव कुमार (27) पुत्र तरसेम कुमार गांव लोअर खोली जिला कांगड़ा ने अपने रिहायशी मकान में हेरोइन व चिट्टा छिपाकर रखा था। पुलिस ने उसके घर से 19.77 ग्राम हेरोइन/चिट्टा बरामद किया है। डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा ने बताया कि काफी समय से सूचना मिल रही थी कि गौरव मादक पदार्थ के कामों में सक्रिय है। जिस पर काफी देर से नजर रखी जा रही थी और एक गुप्त सूचना के आधार पर इससे यह चिट्टा बरामद किया गया। जिस सन्दर्भ में उपरोक्त आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम की धाराएं 21-61-85 के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीएसपी कांगड़ा ने बताया कि इसके लिए थाना प्रभारी कांगड़ा संजीव कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जिसने सफलतापूर्वक आरोपी को मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह पहले मंडी में एक कबाड़ी के पास काम करता था और आजकल बेरोजगार है। उसने बताया कि 25 हजार रुपए में उसने मोबाइल बेचकर प्रतिबंध मादक पदार्थ का काम शुरू कर दिया। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। उन्होंने बताया कि पुलिस अब इस बात की जांच करेगी कि यह मादक पदार्थ कहां से लाता था और कहां-कहां इसके लिंक हैं।