हरियाणा के नूंह जिले के गांधी ग्राम घसेड़ा में सोमवार को नशा मुक्ति सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें मुख्यातिथि के रूप में एसपी विजय प्रताप ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि नशा तस्कर या तो मेवात छोड़ दें या घर बैठ जाएं। वहीं इस दौरान गांव में रात 9 बजे के बाद दुकानें बंद रखने का फैसला लिया गया है। एसपी की नशा तस्करों को चेतावनी एसपी विजय प्रताप ने कहा कि ग्रामीणों की यह पहल सराहनीय है। नशे को खत्म करने का ग्रामीणों ने जो बीड़ा उठाया है,उसमें पुलिस का भी पूरा सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ जो शुरुआत गांव घासेड़ा से हुई है, वह केवल मेवात को ही नहीं बल्कि पुरे प्रदेश को प्रभावित करेगी। एसपी ने नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वह नशा छोड़ कर घर बैठ जाएं या मेवात छोड़ दें। पुलिस ऐसे लोगों से निपटना अच्छी तरह से जानती है। नूंह में तेजी से फैल रहा नशा हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह में पिछले कुछ वर्षों में नशा तेजी से बढ़ा है। इस नशे के दलदल में युवा पीढ़ी तेजी से धंसती चली जा रही है। युवा कई प्रकार के नशे में सम्मिलित होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। नशे की वजह से घरों का ताना-बाना भी खराब हो रहा है और रिश्तों में भी दरार देखने को मिल रही है। जिसको लेकर गांधी ग्राम घासेड़ा के जिम्मेदार लोगों ने नशे का नाश करने के लिए बीड़ा उठाया है। 9 बजे के बाद गांव की दुकानें होंगी बंद नशा मुक्ति सम्मेलन मे ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि गांव की सभी दुकानें रात 9 बजे के बाद बंद की जाएगी। इसमें कहीं हद तक नशा पर रोक लग सकती है। अगर 9 बजे के बाद दुकानें बंद होंगी तो नशे में संलिप्त लोगों को कहीं उठने-बैठने का स्थान नहीं मिलेगा, चूंकि नशा करने वाले लोग अक्सर रात के समय दुकानों पर ही डेरा जमा कर बैठे रहते है। हरियाणा के नूंह जिले के गांधी ग्राम घसेड़ा में सोमवार को नशा मुक्ति सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें मुख्यातिथि के रूप में एसपी विजय प्रताप ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि नशा तस्कर या तो मेवात छोड़ दें या घर बैठ जाएं। वहीं इस दौरान गांव में रात 9 बजे के बाद दुकानें बंद रखने का फैसला लिया गया है। एसपी की नशा तस्करों को चेतावनी एसपी विजय प्रताप ने कहा कि ग्रामीणों की यह पहल सराहनीय है। नशे को खत्म करने का ग्रामीणों ने जो बीड़ा उठाया है,उसमें पुलिस का भी पूरा सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ जो शुरुआत गांव घासेड़ा से हुई है, वह केवल मेवात को ही नहीं बल्कि पुरे प्रदेश को प्रभावित करेगी। एसपी ने नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वह नशा छोड़ कर घर बैठ जाएं या मेवात छोड़ दें। पुलिस ऐसे लोगों से निपटना अच्छी तरह से जानती है। नूंह में तेजी से फैल रहा नशा हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह में पिछले कुछ वर्षों में नशा तेजी से बढ़ा है। इस नशे के दलदल में युवा पीढ़ी तेजी से धंसती चली जा रही है। युवा कई प्रकार के नशे में सम्मिलित होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। नशे की वजह से घरों का ताना-बाना भी खराब हो रहा है और रिश्तों में भी दरार देखने को मिल रही है। जिसको लेकर गांधी ग्राम घासेड़ा के जिम्मेदार लोगों ने नशे का नाश करने के लिए बीड़ा उठाया है। 9 बजे के बाद गांव की दुकानें होंगी बंद नशा मुक्ति सम्मेलन मे ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि गांव की सभी दुकानें रात 9 बजे के बाद बंद की जाएगी। इसमें कहीं हद तक नशा पर रोक लग सकती है। अगर 9 बजे के बाद दुकानें बंद होंगी तो नशे में संलिप्त लोगों को कहीं उठने-बैठने का स्थान नहीं मिलेगा, चूंकि नशा करने वाले लोग अक्सर रात के समय दुकानों पर ही डेरा जमा कर बैठे रहते है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने OBC कार्ड खेला:हुड्डा बोले- सरकार बनी तो जातिगत जनगणना कराएंगे; भाजपा CM बना क्रीमीलेयर सीमा बढ़ा चुकी
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने OBC कार्ड खेला:हुड्डा बोले- सरकार बनी तो जातिगत जनगणना कराएंगे; भाजपा CM बना क्रीमीलेयर सीमा बढ़ा चुकी हरियाणा में 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले OBC वोटर्स को रिझाने के लिए कांग्रेस ने जातीय जनगणना का दांव खेल दिया है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा- ”हमारी सरकार अगर प्रदेश में आई तो हम जातिगत जनगणना कराएंगे। हमने पहले भी 15% आरक्षण बढ़ाया था और उसी अनुसार आगे भी संवैधानिक आधार पर OBC समाज के लिए बढ़ाने का काम करेंगे।” हालांकि BJP केंद्रीय स्तर पर भी इसके पक्ष में नहीं है। ऐसे में जातीय जनगणना के दांव से जहां कांग्रेस OBC और SC वोट बैंक को साधने की कोशिश में है। वहीं भाजपा के लिए यह चुनावी मुसीबत बन सकता है। हालांकि OBC वर्ग से नायब सैनी को मुख्यमंत्री बना भाजपा जरूर कांग्रेस के दांव को फेल करने की कोशिश कर रही है। जातीय जनगणना में हर जाति की आबादी की गिनती की जाएगी। उसके हिसाब से आरक्षण की स्थिति तय की जा सकती है। सबसे पहले 5 पॉइंट में जातीय जनगणना और आरक्षण के बारे में जानिए .. 1. जातीय जनगणना का इतिहास क्या है?
देश में 1881 में पहली बार जातीय जनगणना हुई। तब देश की आबादी करीब 23.58 करोड़ थी। इसके बाद 1931 तक जातीय जनगणना होती रही। हालांकि इसके आंकड़े 1941 में भी जुटाए गए लेकिन इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया। देश के आजाद होने के बाद 1951 में भी जातीय जनगणना हुई लेकिन उस वक्त सिर्फ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की ही गणना हुई। 2. जातीय जनगणना बड़ा मुद्दा क्यों है?
जानकारों की मानें तो आरक्षण की सीमा निर्धारित होने की वजह से यह बड़ा मुद्दा है। चूंकि 1951 से सिर्फ SC और ST का ही आंकड़ा जारी होता है। ऐसे में OBC का अनुमान लगाना आसान नहीं है। 1990 में जब देश में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की गई तो उन्होंने OBC की आबादी 52% होने का अनुमान लगाया। हालांकि OBC वर्ग को जो 27% आरक्षण दिया गया, वह 1931 की जनगणना के आधार पर ही दिया गया था। जानकार कहते हैं कि SC/ST को तो आबादी के आधार पर आरक्षण मिलता है लेकिन OBC के आरक्षण का यह आधार नहीं है। 3. देश में जातिगत आरक्षण की व्यवस्था क्या है?
शुरुआत में आरक्षण सिर्फ 10 साल के लिए था लेकिन अब इसे हर 10 साल बाद आगे बढ़ा दिया जाता है। 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी नौकरियों समेत अन्य जगहों पर आरक्षण की मियाद 50% से ज्यादा नहीं हो सकती। जिसके बाद SC, ST और OBC को इसी सीमा के भीतर आरक्षण मिलता है। देश में अभी जातिगत आरक्षण 49.5% है। जिसमें OBC को 27%, SC को 15% और ST को 7.5% आरक्षण मिलता है। इसके अलावा सवर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े (EWS) कैटेगरी में 10% आरक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद आरक्षण 50% पार जरूर हुआ लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने माना कि EWS को आरक्षण का फैसला सही है। 4. जातिगत जनगणना बड़ा मुद्दा कैसे बनी?
इसकी शुरुआत राहुल गांधी ने की। उन्होंने कहा कि UPA सरकार ने 2011 में जातिगत जनगणना कराई थी, केंद्र सरकार उसके आंकड़े सार्वजनिक करे। हालांकि 2016 में मोदी सरकार ने जातिगत छोड़ इसके बाकी आंकड़े जारी कर दिए। राहुल गांधी की मांग पर NDA सरकार का कहना है कि उस जातिगत जनगणना में खामियां हैं, इसलिए उसे सार्वजनिक नहीं कर सकते। 5. जातिगत जनगणना हुई तो आरक्षण पर क्या असर पड़ेगा
जानकार बताते हैं कि अभी OBC को अनुमान के आधार पर आरक्षण है। अगर जातिगत जनगणना में उनकी आबादी ज्यादा निकली तो आरक्षण बढ़ाना पड़ सकता है। वहीं SC वर्ग को अभी 15% आरक्षण मिलता है। अगर उनकी आबादी ज्यादा निकली तो फिर वह आरक्षण बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के तय किए 50% के आरक्षण के फैसले से आंकड़ा बढ़ सकता है। जातिगत जनगणना का हरियाणा की राजनीति में क्या असर… 1. राज्य में OBC वर्ग की कितनी आबादी?
हरियाणा में OBC वर्ग की करीब 40% आबादी है। इसमें 78 जातियां आती हैं। जातिगत वोट बैंक के लिहाज से देखें तो करीब 21% वोटर्स OBC वर्ग से हैं। जातिगत जनगणना हुई तो सबसे बड़ा फायदा OBC वर्ग का ही माना जा रहा है। जिन्हें अभी आबादी के लिहाज से आरक्षण में हिस्सेदारी नहीं मिलती। 2. कांग्रेस इसमें क्या फायदा देख रही?
कांग्रेस इसी OBC वोट बैंक को रिझाने की कोशिश में है। जातिगत जनगणना होने से OBC वर्ग को ज्यादा आरक्षण मिल सकता है, ऐसे में यह वोटर्स कांग्रेस की तरफ आ सकते हैं। वहीं आबादी ज्यादा होने पर SC वर्ग को भी आरक्षण की लिमिट बढ़ने की उम्मीद होगी। ऐसे में कांग्रेस को इसका भी फायदा हो सकता है। इसके अलावा हरियाणा में भाजपा की नॉन जाट पॉलिटिक्स और किसान आंदोलन की वजह से सबसे ज्यादा 22.2% जाट वोटर BJP से नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में SC वोटर भी भाजपा से छिटक गए। ऐसे में जाट, SC के बाद OBC ने भी कांग्रेस को वोट दिया तो फिर विधानसभा चुनाव में फायदा हो सकता है। 3. BJP ने इसका क्या तोड़ निकाला?
साढ़े 9 साल सरकार चलाने के बाद BJP ने अचानक पंजाबी समुदाय से आते मनोहर लाल खट्टर को सीएम कुर्सी से हटा दिया। उनकी जगह नायब सैनी को CM बना दिया। सैनी OBC वर्ग से आते हैं। इसके अलावा OBC वर्ग के लिए आरक्षण की क्रीमीलेयर की सीमा की सालाना इनकम 6 लाख से बढ़ा 8 लाख कर दी। महेंद्रगढ़ में हुए पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह भी घोषणा की कि OBC-B बी वर्ग के लिए 5% आरक्षण, OBC-A वर्ग के लिए पहले से लागू 8% कोटे के अतिरिक्त होगा।
पानीपत नगर निगम के डिफाल्टरों की सूची जारी:कमिश्नर बोले- तीन बार दे चुके नोटिस; बकायदारों की इंडस्ट्री करेंगे सील, बिजली-पानी कनेक्शन काटेंगे
पानीपत नगर निगम के डिफाल्टरों की सूची जारी:कमिश्नर बोले- तीन बार दे चुके नोटिस; बकायदारों की इंडस्ट्री करेंगे सील, बिजली-पानी कनेक्शन काटेंगे हरियाणा के पानीपत नगर निगम ने अब डिफाल्टरों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। नगर निगम ने अपने डिफाल्टरों की सूची और उन पर बकाया राशि जारी की है। निगम कमिश्नर डॉ. पंकज ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स, फायर टैक्स देय राशि अदा न करने वालों को नोटिस भेजने के बाद उनकी बिजली-पानी कनेक्शन काटे जाएंगे। साथ ही प्रॉपर्टी को सील किया जाएगा। प्रशासन इसकी तैयारी में जुटा है। अगर जल्द से जल्द देय राशि को नहीं चुकाया गया तो इसके लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए। निगम आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि देय राशि में हरियाणा स्टेट फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर मिल लिमिटेड की कुल देय राशि 4,76,07,732.58 है, शुगर मिल की देय राशि 4,72,45,536.78, हरियाणा स्टेट ऑफ कोऑपरेटिव शुगर मिल लिमिटेड की कुल देय राशि 4,71,87,614.57, उत्तरी हरियाणा विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जीओएच की कुल देय राशि 4,13,74,730.11, संतोष बांगा, अजय बांगा, बचन बांगा, तरूण बांगा की कुल देय राशि 2,46,65,337.86, जतिन गुप्ता की कुल देय राशि 1,74,48,383.63 है। इन इंडस्ट्रियों पर होगी कार्रवाई तपन कुमार गुप्ता की कुल देय राशि 1,74,45,703.09, दिल्ली गुजरात फ्लीट करियर प्राईवेट लिमिटेड की कुल देय राशि 1,54,79,000.11, धर्मवीर गुलाटी की कुल देय राशि 1,35,91,521.8, क्षत्रीय पंजाब खादी मदन लाल की कुल देय राशि 77,08,246.81, अनु कालरा की कुल देय राशि 74,86,719.49, चंचल जुनेजा की कुल देय राशि 72,02,022.9, अविनाश चंद्र की कुल देय राशि 69,63,913.29, महेन्द्र कुमार सैनी की कुल देय राशि 69,25,763.39 है। दिनेश जैन की कुल देय राशि 63,73,990.29, जोगिन्द्र की कुल देय राशि 62,52,187.48, भारत मेहता, दिव्या मेहता, नेहा की कुल देय राशि 54,55,310.88, गुंजन आहुजा की कुल देय राशि 45,39,748.67, अक्षय जैन की कुल देय राशि 44,89,160.09, रीना श्रीवास्तव की कुल देय राशि 44,71,537.95, दीपक सिंगला, सुरेंद्र सिंगला की कुल देय राशि 42,08,045.71, निर्मला रानी, ललिता रानी की कुल देय राशि 40,17,600, सुभाष की कुल देय राशि 40,00,860, शिव ट्रेंडिंग की कुल देय राशि 34,89,072.68 है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पर भी बकाया
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण जीओएच की कुल देय राशि 33,11,136.81, अविनाश चंद्र की कुल देय राशि 32,67,718.43, राधे श्याम की कुल देय राशि 29,82,248.65, विकास गर्ग, अजय गर्ग, रोहित गर्ग, संचित गर्ग की कुल देय राशि 29,31,207.35, आशा रानी की कुल देय राशि 28,72,279.61, अशोक गोयल की कुल देय राशि 27,81,757.93, संदीप गर्ग की कुल देय राशि 25,43,481.9, सुरेश कुमार की कुल देय राशि 23,93,255.35,ज्योति कॉटसायरन प्राईवेट लिमिटेड की कुल देय राशि 23,62,469.1, संजय गोयल की कुल देय राशि 23,42,996.81 है। यूनिवर्सल टैक्सटाइल पीसीआईएस लिमिटेड की कुल देय राशि 22,94,921.6, दीपक वडेरा की कुल देय राशि 22,36,078.78, सुधीर कुमार जिंदल की कुल देय राशि 21,53,691.6, कौशल्या देवी, कुलदीप सिंह, रानी सिंगला,रूप चंद की कुल देय राशि 21,20,958, सरोज गोयल की कुल देय राशि 21,19,249.53, नवीन, राजीव, संजीव की कुल देय राशि 20,86,641, रीना गर्ग की कुल देय राशि 20,65,050.11, रिवरा होम फाइनेंसिंग की कुल देय राशि 20,40,000, अरूण कुमार सिंह की कुल देय राशि 19,82,322.38, बलवान की कुल देय राशि 19,78,177.77, परमिला, शीला देवी की कुल देय राशि 19,69,288.13 है। वक्फ बोर्ड पर भी बकाया मनीष जिंदल की कुल देय राशि 19,36,151.66, रीना गर्ग की कुल देय राशि 19,01,165.48, अत्तर सिनप लिमिटेड की कुल देय राशि 18,97,169.68, वीरेंद्र कुमार की कुल देय राशि 1,88,052.2, प्यारे लाल पायल की कुल देय राशि 18,80,089.87, एम /एस अभी -टैक्स इंटरनेशनल – की कुल देय राशि 18,73,373.8, सतींद्र लेखा की कुल देय राशि 18,27,208.81, केशव मदान, सत्यम मदान, शिवम मदान, माधव मदान की कुल देय राशि 17,05,136.23, अंकुर सिंगला, मीरा रानी की कुल देय राशि 16,93,334.7, वक्फ बोर्ड की कुल देय राशि 16,30,329.97 है।
नारनौल कोर्ट परिसर में युवाओं के दो गुटों में मारपीट:जज के रूम के बाहर चले लात-घुंसे; CCTV में झुंड में लड़ते दिखे युवक
नारनौल कोर्ट परिसर में युवाओं के दो गुटों में मारपीट:जज के रूम के बाहर चले लात-घुंसे; CCTV में झुंड में लड़ते दिखे युवक हरियाणा के नारनौल में कोर्ट में शुक्रवार को तारीख पर आए युवाओं के दो गुटों में जजों के रूम के बाहर झड़प हो गई। गैलरी से गुजरते हुए एक युवक ने पास से गुजरते हुए दूसरे गुट के युवक को कंधा मारा। इसके बाद दोनों तरफ के युवाओं में घमासान हो गया। दोनों तरफ से एक दूसरे पर ज0मकर लात घुंसे बरसाए गए। पुलिस कर्मी की मौजूदगी में मारपीट चलती रही। बाद में वकीलों ने बीच बचाव कर युवकों को अलग-थलग किया। मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है। नारनौल के लघु सचिवालय में जजों के रूम के बाहर गैलरी में शुक्रवार को दो गुटों के युवाओं में लड़ाई झगड़ा हो गया। लड़ाई झगड़े में दोनों पक्ष के युवाओं में लात घुंसे चले। बताया जा रहा है कि गांव सेका व मांदी के युवाओं के साथ दोनों गुटों के अन्य युवा भी थे। यह दोनों आज कोर्ट में किसी तारीख पर आए थे। वहीं यह पूरी घटना कोर्ट परिसर में लगे सीसीटीवी में भी कैद हो गई। देखें कोर्ट में हुई मारपीट के कुछ PHOTOS… सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दे रहा है कि एक गुट के युवा जज के रूम के बाहर खड़े हुए हैं। इसी दौरान दूसरे गुट के 5 से 6 युवा आते हैं। उनमें से एक युवा ने दूसरे गुट के युवा के कंधे से टक्कर मारी। इसके बाद वह वहीं पर रहकर बातचीत करने लगे। इसी दौरान किसी बात को लेकर दोनों युवाओं में जमकर लड़ाई हुई। लड़ाई होते ही कोर्ट परिसर में मौजूद एक पुलिसकर्मी उनको छुड़वाने के लिए भी आया, लेकिन उन्होंने लड़ाई झगड़ा बंद नहीं किया। इसके बाद वहां मौजूद वकीलों ने दोनों गुटों को छुड़ाया। इस बारे में महावीर चौक पुलिस चौकी बराबरी जोरा सिंह ने बताया कि उनके पास इस मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।