खो-खो विश्व कप 2025 में भारत को चैंपियन बनाने वाली टीम आज शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेगी। टीम में हरियाणा के हिसार जिले के बिठमड़ा गांव की बेटी मीनू धत्तरवाल भी शामिल हैं, जो राज्य की एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस चैंपियन टीम में जगह बनाई। टीम में मुलाकात को लेकर भारी उत्साह टीम की कोच मुन्नी जून ने बताया कि विश्व कप जीतने के बाद से पूरी टीम दिल्ली में है। आज शाम राष्ट्रपति भवन में खिलाड़ी, कोच और मैनेजमेंट के अधिकारी राष्ट्रपति का आशीर्वाद लेंगे। टीम में मुलाकात को लेकर भारी उत्साह है।मीनू धत्तरवाल ने ऐतिहासिक जीत को अपने जीवन का सबसे बड़ा क्षण बताया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय कोच एमएस त्यागी, इंडिया कोच मुन्नी जून, जिला सचिव मोनू दलाल, संजय डीसीएम और अपने परिवार को दिया। गांव में स्वागत की तैयारियां जोरो पर बिठमड़ा गांव में मीनू के स्वागत की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। गांव के सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप धत्तरवाल के अनुसार मीनू ने ना सिर्फ गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र और देश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मीनू के गांव लौटने पर भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल होंगे। क्षेत्र में खेलों को मिलेगा बढ़ावा ग्रामीणों का कहना है कि मीनू की यह उपलब्धि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी और इससे क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा मिलेगा। पूरा गांव इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए बेसब्री से मीनू के आगमन का इंतजार कर रहा है। खो-खो विश्व कप 2025 में भारत को चैंपियन बनाने वाली टीम आज शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेगी। टीम में हरियाणा के हिसार जिले के बिठमड़ा गांव की बेटी मीनू धत्तरवाल भी शामिल हैं, जो राज्य की एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस चैंपियन टीम में जगह बनाई। टीम में मुलाकात को लेकर भारी उत्साह टीम की कोच मुन्नी जून ने बताया कि विश्व कप जीतने के बाद से पूरी टीम दिल्ली में है। आज शाम राष्ट्रपति भवन में खिलाड़ी, कोच और मैनेजमेंट के अधिकारी राष्ट्रपति का आशीर्वाद लेंगे। टीम में मुलाकात को लेकर भारी उत्साह है।मीनू धत्तरवाल ने ऐतिहासिक जीत को अपने जीवन का सबसे बड़ा क्षण बताया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय कोच एमएस त्यागी, इंडिया कोच मुन्नी जून, जिला सचिव मोनू दलाल, संजय डीसीएम और अपने परिवार को दिया। गांव में स्वागत की तैयारियां जोरो पर बिठमड़ा गांव में मीनू के स्वागत की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। गांव के सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप धत्तरवाल के अनुसार मीनू ने ना सिर्फ गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र और देश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मीनू के गांव लौटने पर भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल होंगे। क्षेत्र में खेलों को मिलेगा बढ़ावा ग्रामीणों का कहना है कि मीनू की यह उपलब्धि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी और इससे क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा मिलेगा। पूरा गांव इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए बेसब्री से मीनू के आगमन का इंतजार कर रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हांसी में मां-बेटे की मौत, घर में मिले शव:फंदे पर लटकी मिली महिला, चेहरे पर चोट के निशान; 9वीं कक्षा में था बेटा हरियाणा के हिसार जिले के हांसी क्षेत्र के गांव महजत में बीती रात मां-बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। दोनों के शव घर में ही मिले हैं। महिला के चेहरे व सिर पर चोट के निशान हैं। सूचना मिलते ही हांसी पुलिस डीएसपी रविंद्र सांगवान मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। मामले को हत्या और आत्महत्या दोनों से जोड़कर देखा जा रहा था। फिलहाल दोनों के शवों का आज हांसी के नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। जानकारी के अनुसार महजत निवासी करीब 38 वर्षीय माया देवी व उसके बेटे करीब 14 वर्षीय केशव का शव उनके घर में मिला। हांसी सदर थाना पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही कि दोनों की मौत कैसे हुई हुई है। महिला का शव कमरे में चुन्नी पर लटका हुआ मिला। अगर यह आत्महत्या है, तो उसके सिर पर चोट कैसे लगी, पुलिस इसकी जांच कर रही है। वहीं किशोर बेटे केशव का शव कमरे के फर्श पर पड़ा हुआ मिला है। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से जरूरी साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया है जिनका आज दिन में पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। रविवार देर रात लोगों को इस घटना का पता चला तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही डीएसपी रविंद्र सांगवान सहित हांसी सदर थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घटनास्थल का गहराई से निरीक्षण किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि महिला के दो बेटे हैं। केशव नौवीं क्लास में पढ़ता था। उसका शव मिला है। दूसरा बेटा करीब 12 साल का है। वह सातवीं क्लास में पढ़ता है। महिला माया देवी का पति रामदिया खेती करता है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मां-बेटे की मौत का असल कारण सामने आएगा।
हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग
हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग भाजपा ने मोदी 3.0 सरकार में हरियाणा के 5 लोकसभा सांसदों में से 3 को मंत्री बनाकर सबको चौंका दिया। लोकसभा चुनाव में BJP राज्य की 10 में से 5 सीटें हार गई और 5 ही जीत पाई। इसके बावजूद केंद्रीय कैबिनेट में करनाल के सांसद मनोहर लाल खट्टर, गुरुग्राम के राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर को जगह दी गई। ऐसे में सब जानना चाहते हैं कि आखिर BJP और नरेंद्र मोदी की क्या राजनीति है, जो हरियाणा में पार्टी की सीटें घटने के बावजूद पिछली टर्म के मुकाबले मंत्रियों की संख्या 2 से बढ़ाकर 3 कर दी गई। इसकी सबसे बड़ी वजह 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। 3 सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर भाजपा ने हरियाणा के पंजाबी, अहीर व गुर्जर समुदाय के साथ-साथ जीटी रोड और अहीरवाल बेल्ट को साधते हुए 90 सीटों वाली विधानसभा में 46 के बहुमत वाले आंकड़े के जुगाड़ की कोशिश की है। पहले जानिए, हरियाणा से 3 मंत्री क्यों बनाए? 1. विधानसभा चुनाव की मजबूरी
भाजपा लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में से 5 सीटें ही जीत पाई। 2019 में पार्टी ने क्लीन स्वीप किया था। अब 5 महीने बाद, राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों को विधानसभा चुनाव से पहले का ट्रेलर माना जा रहा है और इससे भाजपा डरी हुई है। लोकसभा चुनाव नतीजों का अगर विधानसभा सीटवाइज एनालिसिस करें तो राज्य की 90 सीटों में से 46 पर कांग्रेस और 44 पर BJP आगे रही। ऐसे में भाजपा नेतृत्व विधानसभा चुनाव को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। 2. क्षेत्रीय संतुलन साधा, नॉन जाट राजनीति बरकरार
मोदी 3.0 में BJP ने हरियाणा को लेकर क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की है। खट्टर के जरिए जीटी रोड बेल्ट और राव इंद्रजीत के जरिए दक्षिण हरियाणा को साधने का प्रयास किया गया है। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इन्हीं दोनों बेल्ट से राज्य में सबसे ज्यादा सीटें मिली। इसके साथ ही BJP ने एक तरह से ये भी क्लियर कर दिया कि वह हरियाणा में अपनी नॉन-जाट की राजनीति के सहारे ही आगे बढ़ेगी। जाट बिरादरी से आने वाले BJP सांसद चौधरी धर्मबीर भी इस बार मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन लगातार तीसरी बार जीतने के बावजूद उन्हें मिनिस्टर नहीं बनाया गया। हरियाणा में गैरजाट की राजनीति की शुरुआत भाजपा ने 2014 में ही पंजाबी समुदाय के मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाकर कर दी थी। 2019 में भी खट्टर ही सीएम बने। 3. ओवर कॉन्फिडेंस से तौबा हरियाणा में BJP साढ़े 9 साल से सत्ता में है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ओवर-कॉन्फिडेंस का शिकार थी और सभी 10 लोकसभा सीटें जीत लेने का दम भर रही थी। मगर, चुनाव नतीजे आए तो रोहतक और सिरसा सीट बड़े अंतर से हार गई। गुरुग्राम में राव इंद्रजीत और कुरुक्षेत्र में नवीन जिंदल आखिर तक करीबी मुकाबले में फंसे नजर आए। पांच सीटें पार्टी के हाथ से निकल गईं। जब रिजल्ट की समीक्षा की गई तो पता चला कि पार्टी ने अपने गढ़ रहे जीटी रोड बेल्ट और अहीरवाल जैसे इलाकों को कुछ समय में तरजीह देना बंद कर दिया था। यही कारण है कि भाजपा अब राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अपने गढ़ को सुरक्षित कर लेने की कोशिश करती दिख रही है। 4. मोदी मैजिक दिखाने की तैयारी
लोकसभा चुनाव में भाजपा इस बार अपने बूते बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटें नहीं जीत पाई और 240 पर सिमट गई। ऐसे में न केवल केंद्र में JDU और TDP से गठबंधन मजबूरी बन गया बल्कि नरेंद्र मोदी की साख भी दांव पर लग गई। मोदी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अपने नाम पर वोट मांगे थे। अगर भाजपा 5 महीने बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत जाती है तो फिर से माहौल बन सकेगा कि भले ही भाजपा को लोकसभा में बहुमत नहीं मिला लेकिन हिंदी बेल्ट में मोदी मैजिक बरकरार है। इससे गठबंधन में मोदी और पार्टी की पोजिशन मजबूत होगी। NDA में शामिल बाकी दलों के बीच यह संदेश पहुंच जाएगा कि अगर BJP का साथ छोड़ा तो आगे की राह मुश्किल हो सकती है। जानिए, कैसे 3 मंत्री बनाकर BJP हरियाणा विधानसभा में बहुमत का जुगाड़ करने की कोशिश करती नजर आई… 1. मनोहर लाल खट्टर के जरिये जीटी रोड बेल्ट की 30 सीटों पर आंख मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय से आते हैं। उनकी करनाल लोकसभा सीट हरियाणा की जीटी रोड बेल्ट में आती है। इस बेल्ट में अंबाला, करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और कैथल जिलों की तकरीबन 30 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पंजाबी वोटरों के अलावा जनरल कैटेगरी का वोट-बैंक है जो अमूमन BJP के साथ रहता है। खट्टर को केंद्रीय मंत्री बनाने की यही बड़ी वजह है। अगर यह दांव कामयाब रहा तो पार्टी जीटी रोड बेल्ट में बढ़त मिलने की उम्मीद लगा सकती है। इसके अलावा रोहतक, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम के पंजाबी वोटरों में भी अच्छा संदेश जा सकता है। 2. राव इंद्रजीत से अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता हैं। दक्षिण हरियाणा के अंदर आने वाली अहीरवाल बेल्ट में 14 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 3 मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले की सीटें हैं, जहां कांग्रेस का दबदबा है। इन्हें छोड़ भी दें तो 2014 में भाजपा ने अहीरवाल बेल्ट की बची हुई सभी 11 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। 2019 में भाजपा को अहीरवाल बेल्ट की 11 में से 8 सीटें मिली और तब 40 विधायक होने के कारण जजपा के 10 विधायकों की मदद से सरकार बनानी पड़ी। इस लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस की ओर से पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राजबब्बर को उतारने के बाद यहां राव इंद्रजीत को जीतने में पसीने छूट गए। ऐसे में भाजपा ने लगातार दूसरी बार राव इंद्रजीत को मंत्री बनाकर अहीरवाल बेल्ट को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश की है। 3. कृष्णपाल गुर्जर के जरिए हरियाणा के अलावा यूपी-राजस्थान पर भी फोकस
फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर की गिनती अपने समुदाय के बड़े नेताओं में होती है। फरीदाबाद जिले की 4 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां गुर्जर समुदाय का वोट डिसाइडिंग फैक्टर है। इसके अलावा सोहना, रेवाड़ी, नांगल चौधरी और गुरुग्राम विधानसभा सीट पर भी गुर्जर वोटबैंक का अच्छा-खासा असर है। यही नहीं, फरीदाबाद से सटे वेस्ट यूपी के गाजियाबाद व नोएडा और राजस्थान से सटे इलाके भी गुर्जर बाहुल्य हैं। ऐसे में BJP ने कृष्णपाल गुर्जर को ड्रॉप करने का रिस्क न लेते हुए लगातार तीसरी बार उन्हें मंत्री बनाया है। अंत में.. 2019 के मुकाबले इस बार क्या अंतर
2019 की मोदी सरकार में BJP ने हरियाणा से 2 मंत्री बनाए थे। इनमें गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर शामिल थे। इस बार इन दोनों के अलावा पहली बार सांसद बने मनोहर लाल खट्टर को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। खास बात यह है कि BJP ने 2019 में हरियाणा की सभी 10 सीटें और 2014 में 10 में से 7 लोकसभा सीटें जीती थीं। इस बार सीटें घटने के बावजूद मंत्रियों की संख्या बढ़ गई है। मनोहर लाल खट्टर को PM नरेंद्र मोदी से करीबी का फायदा भी मिला। ये खबरें भी पढ़ें… शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिसार में ट्रेन से कटा 3 बच्चों का पिता, मौत:परिजन बोले- रात में बाइक लेकर निकला, सुबह लाश पहुंची घर
हिसार में ट्रेन से कटा 3 बच्चों का पिता, मौत:परिजन बोले- रात में बाइक लेकर निकला, सुबह लाश पहुंची घर हिसार में ट्रेन से कटकर किसान की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह मानसिक रूप से परेशान था और रात में वह बाइक लेकर कहीं चला गया था। मृतक के 3 बच्चे हैं। जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है। घटना पीरावली गांव की है। मृतक की पहचान प्रहलाद (54) के नाम से हुई है। सूचना मिलने पर जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे मे लेकर नागरिक अस्पताल भेज दिया है। रात 9 बजे घर से निकला था प्रहलाद मृतक के परिजनों ने बताया कि प्रहलाद खेती बाड़ी का काम करता था। उसके दो बेटी और एक बेटा है। रविवार रात करीब 9 बजे बाइक लेकर घर से निकला था। लेकिन वापस घर नहीं पहुंचा। इसके बाद परिजनों ने उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला। सुबह पता चला कि पिरावाली गांव में रेलवे फाटक के पास ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। गांव बस स्टैंड पर मिली बाइक परिजनों ने कहा कि प्रहलाद की बाइक गांव बस स्टैंड के पास मिली है। वह पैदल ही रेलवे लाइन के पास पहुंचा और ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौके पर मौत हो गई। पुलिस मृतक के परिजनों के बयान के आधार पर आगामी कार्रवाई करेगी।