हरियाणा के सोनीपत में जिला परिषद सदस्य संजय बड़वासनी ने जिला परिषद के अधिकारों और सुविधाओं में बढ़ोतरी की मांग को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। वे जिला परिषद कार्यालय के सामने अर्धनग्न होकर और लोहे की बेड़ियों में बंधे होकर धरना देंगे। पार्षद संजय बड़वासनी जिला परिषद की विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से धरना दे रहे हैं। क्या हैं मांग संजय कहते हैं कि पंचायती राज को मजबूत करने और जिला परिषद सदस्यों को सशक्त बनाने के लिए ये मांगें जरूरी हैं। उन्होंने कहा, “आज जिला परिषद सदस्य अपने स्तर पर एक ईंट भी नहीं रख सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका विरोध जारी रहेगा। सोनीपत जिले में 24 जिला परिषद सदस्य हैं। हर ब्लॉक में तीन पार्षद हैं। हरियाणा के सोनीपत में जिला परिषद सदस्य संजय बड़वासनी ने जिला परिषद के अधिकारों और सुविधाओं में बढ़ोतरी की मांग को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। वे जिला परिषद कार्यालय के सामने अर्धनग्न होकर और लोहे की बेड़ियों में बंधे होकर धरना देंगे। पार्षद संजय बड़वासनी जिला परिषद की विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से धरना दे रहे हैं। क्या हैं मांग संजय कहते हैं कि पंचायती राज को मजबूत करने और जिला परिषद सदस्यों को सशक्त बनाने के लिए ये मांगें जरूरी हैं। उन्होंने कहा, “आज जिला परिषद सदस्य अपने स्तर पर एक ईंट भी नहीं रख सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका विरोध जारी रहेगा। सोनीपत जिले में 24 जिला परिषद सदस्य हैं। हर ब्लॉक में तीन पार्षद हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 10 करोड़ का घोटाला करने वाले गिरफ्तार:XEN-JE और ठेकेदार समेत 7 पकड़े; सफाई के लिए आई ग्रांट हड़पी, फर्जी बिल बनाए
हरियाणा में 10 करोड़ का घोटाला करने वाले गिरफ्तार:XEN-JE और ठेकेदार समेत 7 पकड़े; सफाई के लिए आई ग्रांट हड़पी, फर्जी बिल बनाए हरियाणा के कैथल में करीब 10 करोड़ रुपए के सफाई घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को कार्रवाई की। घोटाले में शामिल पंचायती राज विभाग के एक्सईएन, जेई, अकाउंटेंट और ठेकेदारों समेत 7 को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों को हिरासत में लेने के लिए ACB की करीब 15 टीमें फील्ड में उतरी हैं। ACB की कार्रवाई के बाद कैथल में मामले से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार 2021 में ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर जिला परिषद में 16 करोड़ 64 लाख रुपए की ग्रांट आई थी। इसमें से करीब 10 करोड़ की राशि गांवों में स्वच्छता अभियान पर खर्च होनी थी। यह पैसे कागजों में तो खर्च हुए दिखाए गए, लेकिन गांव में सफाई नहीं हुई। यही नहीं फर्जी बिल तैयार कर 8 फर्मों को पैसे जारी कर दिए। भाजपा विधायक ने दी थी शिकायत
भाजपा के विधायक लीला राम की ओर से सरकार को इसको लेकर शिकायत दी गई थी। इसके बाद ACB को इस मामले की जांच सौंपी गई। ACB ने जांच के बाद अब कैथल में एसडीओ रहे रोहतक के पंचायती राज के एक्सईएन नवीन, कैथल में पंचायती राज के जेई रहे पिहोवा के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलंवत, पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरीदाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू, पूंडरी निवासी अनिल और राजेश को गिरफ्तार किया है। अधिकारी नवीन ने सबसे ज्यादा 78 लाख रुपए हड़पे थे। कैथल ACB के इंचार्ज महेंद्र ने बताया कि पूरे मामले के 15 आरोपी हैं। इसमें से 7 को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब गिरफ्तार आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पूर्व जिला पार्षद ने दिया था धरना
करीब 10 करोड़ रुपए के गोलमाल को लेकर वार्ड नंबर 7 से पूर्व जिला पार्षद बबली चंदाना ने अपने पति बिल्लू चंदाना के साथ सांकेतिक धरना देकर मामले को उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि गांव में सफाई के नाम पर बड़ा गोलमाल किया गया है। सफाई तो हुई नहीं, लेकिन फर्जी बिल तैयार कर फर्मों के खाता में राशि डाली दी गई। इसके बाद कैथल के मौजूदा विधायक लीला राम व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने भी यह मुद्दा उठाया। आरोप लगाया था कि वैसे तो विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन अभी तक जांच कहां तक पहुंची इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। अब मामले में 7 की गिरफ्तारी हुई है।
हिसार सीट के नतीजों पर इनेलो-जजपा खामोश:जयप्रकाश और रणजीत बता रहे अपनी-अपनी जीत, कड़े मुकाबले से दोनों की उड़ी नींद
हिसार सीट के नतीजों पर इनेलो-जजपा खामोश:जयप्रकाश और रणजीत बता रहे अपनी-अपनी जीत, कड़े मुकाबले से दोनों की उड़ी नींद हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट पर BJP, कांग्रेस, INLD और JJP के मुकाबला है। 25 मई को मतदान के बाद जहां भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही लगा रही हैं वहीं दूसरी ओर जजपा और इनेलो ने चुप्पी साधी हुई है। दोनों पार्टियों को किसी चमत्कार की उम्मीद है। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी जहां चुनाव के बाद भी हिसार में कार्यकर्ताओं से मिलते नजर आए वहीं जजपा और इनेलो खेमे में पूरी तरह से सन्नाटा पसारा है।
4 जून को मतगणना वाले दिन ही पता चलेगा कि हिसार का सिरमौर कौन बनेगा। मगर हिसार में टफ फाइट के बीच रणजीत और जयप्रकाश दोनों की नींद उड़ी हुई है। कांग्रेस और भाजपा की ओर 70-70 हजार मतों से जीत के दावे किए जा रहे हैं। हिसार और बवानीखेड़ा विधानसभा को छोड़कर कांग्रेस सभी विधानसभा में अपनी जीत बता रही है तो भाजपा को उम्मीद है कि वह सभी विधानसभा से जीत के साथ आगे निकलेगी हालांकि उचाना और नारनौंद में पार्टी कांग्रेस के साथ टफ फाइट मान रही है। जीत के बाद ही हिसार में खरीदेंगे घर
आपको बता दें कि हिसार लोकसभा सीट पर इस बार सभी राजनीतिक पार्टियों ने आउटसाइडर उम्मीदवार उतारे हैं। हिसार सीट पर ऐसा पहली बार हुआ है जब चुनावी मैदान में एक भी लोकल कैंडिडेट नहीं है। BJP के साथ-साथ जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने मूलत: सिरसा जिले से ताल्लुक रखने वाले चौटाला परिवार के सदस्यों को टिकट दिए हैं। इनमें रणजीत चौटाला, नैना चौटाला और सुनैना चौटाला शामिल है। चौटाला परिवार मूल रूप से सिरसा जिले में चौटाला गांव का रहने वाला है जो हिसार से लगभग 150 किलोमीटर है। इसी तरह कांग्रेस का टिकट पाने वाले जयप्रकाश उर्फ जेपी मूल रूप से कैथल जिले में कलायत के रहने वाले हैं। हिसार और कलायत की दूरी 90 किलोमीटर है। ऐसे में नतीजों से हिसार में घर खरीदने का जोखिम कोई नहीं उठा रहा। खुद भाजपा प्रत्याशी भी चुनाव नतीजों के बाद ही अपना घर हिसार में तलाश करेंगे। भाजपा को आस बीरेंद्र सिंह की नाराजगी भारी पड़ेगी
वहीं भाजपा को आस है कि उचाना और नारनौंद में चौधरी बीरेंद्र सिंह की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ेगी। कांग्रेस दोनों जगह से बड़े मार्जिन से जीत का दावा कर रही थी। मगर बीरेंद्र सिंह ने जयप्रकाश के लिए प्रचार न करके समर्थकों को एक मैसेज देने का काम किया। कांग्रेस इन दोनों हलको से 50 हजार से ऊपर की लीड बनाने का दावा कर रही है मगर भाजपा का कहना है कि यहां भी वह मुकाबले में है और कांग्रेस को पूरी टक्कर देगी। आपको बता दें कि बीरेंद्र सिंह उचाना और नारनौंद दोनों हलको से विधायक रह चुके हैं। बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने भाजपा की टिकट पर हिसार से बड़े मार्जिन से जीत हासिल की थी। हिसार में कांग्रेस जीती तो 20 साल का सूखा खत्म
हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट पर कांग्रेस 20 साल से कोई चुनाव नहीं जीत पाई है। 2004 में कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी ने हिसार में अंतिम बार चुनाव जीता था। मगर उसके बाद से अब तक कांग्रेस के पाले में सूखा है। अब फिर से कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को मैदान में उतारा हैं। अब न तो जिंदल परिवार कांग्रेस के साथ है और न ही भजनलाल परिवार। दोनों परिवार अब भाजपा के साथ हैं। ऐसे में कांग्रेस को जीत के लिए जयप्रकाश के चेहरे, इनेलो में फूट और भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी से आस है। जाट वोट बैंक बंटा तो भाजपा को फायदा
हिसार सीट पर सबसे ज्यादा जाट वोटर हैं। यह कुल आबादी का करीब 32 प्रतिशत हैं। जाट मतदाता करीब 5 लाख 75 हजार हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति के वोट करीब 23 प्रतिशत हैं। ब्राह्मण मतदाता 1 लाख 20 हजार, पंजाबी 96 हजार, कुम्हार 84 हजार, वैश्य समाज मतदाता 62 हजार, सैनी 58 हजार, बिश्नोई 51 हजार, जांगड़ा 52 हजार, ओड़ समाज 35 हजार, अहीर 32 हजार, सैन समाज 28 हजार, गुर्जर 21 हजार, नायक 17 हजार, लोहार 17 हजार, सुनार 14 हजार और सिंधी करीब साढ़े 10 हजार हैं। ऐसे में भाजपा को आस है कि इनेलो और जजपा में जाट वोट बैंक बटेगा जिससे उसकी बड़ी जीत होगी। वहीं कांग्रेस का दावा है कि जाट वोट बैंक नहीं बटेगा और कांग्रेस को फायदा होगा। अब तक 18 सांसद में कांग्रेस के 7 चुने गए
हिसार लोकसभा में अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। यहां 7 बार ही कांग्रेस जीत पाई है। वहीं इनेलो 3 बार और भजनलाल परिवार की हजकां 2 बार चुनाव जीती है। इसके अलावा अलग-अलग दल चुनाव जीते हैं। भाजपा ने 2019 में पहली बार कमल खिलाया था। वहीं चौटाला परिवार में 2014 में इस सीट पर दुष्यंत चौटाला जीते थे।
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं हरियाणा में एडमिशन में घोटाले में CBI ने शिकंजा और कस दिया है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा हुआ था। हरियाणा में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया। यह फर्जीवाड़ा साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में शुरू हुआ था जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्ष 2016 तक भाजपा सरकार में जारी रहा। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर CBI जांच शुरू हुई और 3 FIR रजिस्टर्ड की गई थी। अब एक बार फिर CBI ने इस मामले में 4 नई एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने धारा 120-B, 167, 218, 409, 418, 420, 477-A के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, रोहतक से जुड़ा हुआ है। 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी
अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके विरोध में गेस्ट टीचर हाई कोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने 6 जुलाई 2015 को याचिका खारिज कर दी तो सितंबर 2015 में मामला डबल बेंच में पहुंच गया, फिर सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने पाया कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे। जबकि 2015-16 में इनकी संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई। 2018 में दर्ज हुई थी 7 एफआइआर
कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई गई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया। ब्लाक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। गुरुग्राम विजिलेंस के एसपी हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर इस मामले में एक SIT का गठन किया गया। जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR भी दर्ज की गई। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई, फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12 हजार 924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले। करनाल में हुए 50 हजार फर्जी दाखिले
हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिलों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने तीन FIR दर्ज की हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों के स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का गबन किया जा रहा था। ये पूरा खेल “ड्रॉप आउट” या लंबे समय से गैर हाजिर छात्रों के नाम पर चल रहा था। विभिन्न जिलों में लाखों छात्र लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे थे। उनके नाम काट दिए गए और रिकार्ड गायब कर दिया गया। उनके नाम पर सरकारी लाभ लिए जा रहे थे। CBI से पहले हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। अकेले करनाल में ही 50 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन पाए गए थे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में 9500 फर्जी दाखिले
वहीं गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार जैसे जिलों में एक ही सत्र में 9500 के करीब फर्जी दाखिले हुए। जब विभाग के खिलाफ जांच हुई तो अफसरों ने इन छात्रों को ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ चुके छात्र) दिखाने की कोशिश की। इन जिलों में इस तरह मिली गड़बड़ी
गुरुग्राम: SIT ने गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात व नारनौल के सरकारी मिडिल स्कूलों की जांच की। सत्र 2014-15 में 5298 छात्रों ने दाखिला लिया, लेकिन फाइनल परीक्षा देने 4232 ही पहुंचे। यहां 1066 को ड्रॉप आउट दिखाया गया। सत्र 2015-16 में इन्हीं 10 स्कूलों में 4812 छात्रों का दाखिला हुआ, जबकि फाइनल परीक्षा देने 3941 ही पहुंचे। 871 ड्रॉप आउट रहे। फरीदाबाद: 2014-15 में 2777 और 2015-16 में 2063 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए। इनमें से विभाग के पास केवल 701 छात्रों का ही रिकार्ड सही मिला। करनाल: करनाल के साथ-साथ पानीपत और जींद के भी स्कूलों की जांच हुई। यहां वर्ष 2014 से 2016 के बीच 50687 ड्रॉप आउट छात्र पाए गए। अंबाला: यहां 16 स्कूलों की जांच हुई। छह स्कूलों में कोई छात्र ड्रॉप आउट नहीं मिला, लेकिन 10 स्कूलों में 48 छात्रों को ड्रॉप आउट दिखाया गया। मगर इसका रिकार्ड फर्जी पाया गया। कुरूक्षेत्र: यहां 52 स्कूलों की जांच हुई। इनमें 17 स्कूलों में कोई बच्चा ड्रॉप आउट नहीं था। 35 स्कूलों में 302 बच्चे लंबे समय से गैर हाजिर पाए गए। हिसार: हिसार के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के विभिन्न स्कूलों में 5735 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए।