लुधियाना में जगराओं-रायकोट के लोहट बद्दी में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। छोटा हाथी चलाकर मजदूरी करने वाले एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान इकबालजीत सिंह के रूप में हुई है, जो 21 जनवरी से लापता था। मृतक की मां की शिकायत पर हुआ पर्चा मृतक की मां हरमीत कौर की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों-उधम सिंह (निवासी बडूंदी) और कुलविंदर सिंह (निवासी लोहटबद्दी) को गिरफ्तार किया है। कुलविंदर सिंह की मां गुरप्रीत कौर पंचायत सदस्य हैं। लोहटबद्दी पुलिस चौकी के इंचार्ज गुरसेवक सिंह के अनुसार, मृतक की मां ने 22 जनवरी को पुलिस को सूचना दी थी। जांच के दौरान पुलिस को कुलविंदर सिंह के घर से इकबालजीत का शव बरामद हुआ। हरमीत कौर का आरोप है कि उनके बेटे ने दोनों आरोपियों के साथ शराब पी थी, जिसमें जहरीला पदार्थ मिला दिया गया, जिससे उनके बेटे की मौत हो गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की और दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। लुधियाना में जगराओं-रायकोट के लोहट बद्दी में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। छोटा हाथी चलाकर मजदूरी करने वाले एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान इकबालजीत सिंह के रूप में हुई है, जो 21 जनवरी से लापता था। मृतक की मां की शिकायत पर हुआ पर्चा मृतक की मां हरमीत कौर की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों-उधम सिंह (निवासी बडूंदी) और कुलविंदर सिंह (निवासी लोहटबद्दी) को गिरफ्तार किया है। कुलविंदर सिंह की मां गुरप्रीत कौर पंचायत सदस्य हैं। लोहटबद्दी पुलिस चौकी के इंचार्ज गुरसेवक सिंह के अनुसार, मृतक की मां ने 22 जनवरी को पुलिस को सूचना दी थी। जांच के दौरान पुलिस को कुलविंदर सिंह के घर से इकबालजीत का शव बरामद हुआ। हरमीत कौर का आरोप है कि उनके बेटे ने दोनों आरोपियों के साथ शराब पी थी, जिसमें जहरीला पदार्थ मिला दिया गया, जिससे उनके बेटे की मौत हो गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की और दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
शहीदी दिवस को लेकर अकाली दल का आग्रह:पंजाब सरकार-चुनाव आयोग से कहा-15 से 31 दिसंबर तक शहीदी पखवाड़े, इस दौरान निगम चुनाव न हों
शहीदी दिवस को लेकर अकाली दल का आग्रह:पंजाब सरकार-चुनाव आयोग से कहा-15 से 31 दिसंबर तक शहीदी पखवाड़े, इस दौरान निगम चुनाव न हों शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब सरकार और राज्य चुनाव आयोग से अपील की है कि वे चार साहिबजादों और माता गुजर कौर जी के शहीदी पखवाड़े के दौरान स्थानीय सरकार के चुनाव कराने से बचें। यह शहीदी पखवाड़ा 15 से 31 दिसंबर तक मनाया जाता है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा- इस पखवाड़े के दौरान लाखों लोग गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब और संबंधित स्थानों पर मत्था टेकते हैं। इतिहास की इस अविश्वसनीय शहादत पर श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं। इसलिए इस अवधि के दौरान कोई भी चुनाव कराने से शांतिपूर्ण और पवित्र माहौल खराब होगा और लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि चुनाव स्थानीय सरकारी संस्थाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन चुनाव कराते समय ऐतिहासिक महत्व के दिनों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उम्मीद है कि सरकार और राज्य चुनाव आयोग चुनाव की तारीखें तय करते समय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखेंगे।
पंजाब भाजपा ने गर्वनर को लिखा पत्र:निकाय चुनाव निष्पक्ष कराने की मांग; AAP पर आरोप, कहा- सरकारी मशीनरी का हो रहा दुरुपयोग
पंजाब भाजपा ने गर्वनर को लिखा पत्र:निकाय चुनाव निष्पक्ष कराने की मांग; AAP पर आरोप, कहा- सरकारी मशीनरी का हो रहा दुरुपयोग पंजाब में चल रही निकाय चुनाव की प्रक्रिया के बीच पंजाब भाजपा ने गवर्नर को खत लिखकर आम आदमी पार्टी पर संगीन आरोप लगाए हैं। AAP पर आरोप है कि वे राज्य सरकार की मशीनरी का गलत प्रयोग कर रही है। उम्मीदवारों को धमाकया जा रहा है, वहीं पटियाला में एक उम्मीदवार को नाजायज हिरासत में तब लिया गया, जब वह नामांकन भरकर बाहर निकल रहा था। पंजाब के गर्वनर को लिखे पत्र में कहा गया है कि, हम आपका ध्यान पंजाब में आगामी नगर निकाय चुनावों की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजन सुनिश्चित करने की दिशा में खींचना चाहते हैं। यह ज्ञात हुआ है कि पंजाब सरकार, जो राजनीतिक पक्षपात के प्रभाव में काम कर रही है, राज्य मशीनरी का उपयोग राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए कर रही है। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि चुनावों की निष्पक्षता पर जनता का विश्वास भी कम कर रही हैं। भाजपा ने जताई चिंता भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्षी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में फाड़े जा रहे हैं। उम्मीदवारों को रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) के कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका जा रहा है। इसी प्रकार की घटनाएं पंचायत चुनावों के दौरान भी हुई थीं, जिनमें व्यापक हिंसा देखी गई थी। अब यह आशंका बढ़ गई है कि वर्तमान चुनावों में स्थिति और खराब हो सकती है। पत्र में कहा गया है कि, विपक्षी उम्मीदवारों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां दी जा रही हैं। पुलिस अधिकारियों द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार हर हाल में चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। पटियाला में उम्मीदवार अरेस्ट पटियाला में एक उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की कोशिश के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय के बाहर अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। गौतम सूद को घनौर क्षेत्र के थाना प्रभारी (एसएचओ) द्वारा मनमाने और अनुचित तरीके से गिरफ्तार किया गया। इस मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), पटियाला से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस अधिकारी राज्य सरकार के प्रभाव में काम कर रहे हैं। निष्पक्ष चुनाव करवाए जाएं
उपरोक्त चिंताओं को देखते हुए भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से आग्रह किया हैं कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और सख्त कदम उठाने के निर्देश दें। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दें कि नगर निकाय चुनाव पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से कराए जाएं। नामांकन से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करें। सभी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की धमकी या हिंसा रोकी जा सके। नामांकन और चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी सुनिश्चित करें ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। यह सुनिश्चित करें कि नामांकन पत्र अनावश्यक या निरर्थक कारणों से खारिज न किए जाएं। पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भाजपा नेताओं ने कहा कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें जो पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं या कदाचार में शामिल हैं। चुनाव अवधि के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मंगाएं।
श्री अकाल तख्त पहुंचे परमिंदर ढींढसा-बीबी जगीर कौर:स्पष्टीकरण में कहा- मैं 16 दिन की मंत्री थी; बादल परिवार के कारण दबी आवाज
श्री अकाल तख्त पहुंचे परमिंदर ढींढसा-बीबी जगीर कौर:स्पष्टीकरण में कहा- मैं 16 दिन की मंत्री थी; बादल परिवार के कारण दबी आवाज शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बागी गुट के सदस्य बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा और सोहन सिंह आज (सोमवार) श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे।अकाली दल के पूर्व 17 मंत्रियों को जारी आदेशों में बीबी जगीर कौर और परमिंदर ढींढसा का भी नाम हैं। सुखबीर बादल, मनप्रीत बादल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा सहित कई नेता श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच अपना स्पष्टीकरण सौंप चुके हैं। बीबी जगीर कौर ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि वे 14 से 30 मार्च 2012 तक ही मंत्री थी। 16 दिन में चलित केसों से जुड़ा ना कोई फैसला हुआ ना ही कोई कार्रवाई हुई। जिसके चलते मेरी कोई भागीदारी नहीं है। उस दौरान सरकार में विधायक के तौर पर या पार्टी लीडर के तौर पर उनकी ना तो कोई सलाह ली गई और ना ही उनकी कोई योगदान है। बतौर पार्टी की सेवादार के तौर पर वे अपनी आवाज बुलंद करती रही। लेकिन बादल परिवार की पकड़ बहुत मजबूत होने के कारण उनकी कोशिश को पार्टी विरोधी भूमिका के तौर पर दर्ज किया गया। परिणाम स्वरूप उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। पहुंचने से पहले छोड़े सभी पद बीबी जगीर कौर ने आज श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचने से पहले अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। बीबी जगीर कौर की तरफ से जारी खत में उन्होंने लिखा- सभी को पता है कि श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से बतौर कैबिनेट मिनिस्टर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 9 सितंबर को मैं श्री अकाल तख्त साहिब पर स्पष्टीकरण के लिए पेश हो रही हूं। मेरी दिली इच्छा है कि मैं अपनी पार्टी के सभी पदों को छोड़ कर श्री अकाल तख्त साहिब के पास हाजिरी दूं। पार्टी की तरफ से मुझे सलाहकार और एग्जीक्यूटिव सदस्य बनाया गया है। मैं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं, ताकि मैं एक साधारण सिख की तरह पेश होकर अपनी मनोभावनाएं जाहिर कर सकूं। अकाली दल सुधार लहर में रहेंगी एक्टिव अकाली दल से इस्तीफा देने के साथ-साथ बीबी जगीर कौर ने स्पष्ट किया है कि वे अकाली दल लहर के साथ जुड़ी रहेंगी। उन्होंने अपने खत में लिखा- शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर की तरफ से आने वाले समय में जो भी हुक्म होंगे, मैं तनदेही के साथ निभाऊंगी और एक साधारण वर्कर के तौर पर काम करूंगी। पूर्व मंत्री, जिनके खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब ने निकाला फरमान सहित 17 पूर्व मंत्रियों के नाम श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। इस लेटर में सुखबीर बादल, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत बादल, सुच्चा सिंह लंगाह, बिक्रम मजीठिया, डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह का नाम भी शामिल हैं। अदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को माफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”