यह बात खरी है… इसमें आप देखेंगे यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों में अंदरखाने चल क्या रहा है? ऊपर VIDEO पर क्लिक करें… यह बात खरी है… इसमें आप देखेंगे यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों में अंदरखाने चल क्या रहा है? ऊपर VIDEO पर क्लिक करें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लोहारू में रातों रात उखाड़ दी सड़कें:अगस्त में मास्टिक लेयर से हुई थी तैयार; पब्लिक हेल्थ की कार्रवाई से लोगों में रोष
लोहारू में रातों रात उखाड़ दी सड़कें:अगस्त में मास्टिक लेयर से हुई थी तैयार; पब्लिक हेल्थ की कार्रवाई से लोगों में रोष हरियाणा के भिवानी के लोहारू में अगस्त माह में तत्कालीन मंत्री जेपी दलाल के प्रयासों से कस्बे में सवा करोड़ की लागत से विशेष तकलीक से मास्टिक लेयर चढ़ाकर सड़कों का सौन्दर्य करण करवाया गया था। उस समय उनकी तरफ से स्पष्ट निर्देश थे कि किसी भी विभाग को पाइपलाइन बिछाने को काम करना हो तो अभी कर ले। बाद में सड़कों को नहीं उखाड़ा जाएगा। लेकिन दो महीने बाद ही पाइपलाइन दबाने के लिए सड़क को उखाड़ा जा रहा है। लोगों में इससे रोष है। लोहारू में चार प्रमुख रोड देवीलाल चौक से रामलीला ग्राउंड तक, रामलील ग्राउंड से शहीद भगत सिंह चौक, शहीद भगत सिंह चौक से मंडी गेट व मंडी गेट से शास्त्री पार्क तक डामर से बने हुए थे। ये काफी समय से खस्ताहाल थे। सड़क पर पड़े गड्ढों से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी। आए दिन लोगों को समस्याओं से दो चार होना पड़ता था। बरसात के मौसम में तो हालात बद बदतर हो जाते थे। अगस्त महीने में शहर की इस समस्या के समुचित समाधान के लिए प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जेपी दलाल ने संज्ञान लेते हुए इन मार्गों को नई तकनीक मास्टिक लेयर से बनाने के निर्देश दिए थे और युद्ध स्तर पर कार्य को पूरा किया गया। परंतु केवल दो माह बीत जाने के बाद जनस्वास्थय विभाग द्वारा रातों रात सड़क का उखाड़ दिया गया है। इस पर प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। जनस्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई को लेकर शहर के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर प्रशासन इस प्रकार की लापरवाही कर लोगों को परेशानी में डालने का काम कैसे कर सकता है?
बाढ़ पानी में डूबकर 6 माह के बच्चे की मौत:सोते समय चौकी से गिर गया बच्चा,परिजनों को नहीं हो सकी जानकारी
बाढ़ पानी में डूबकर 6 माह के बच्चे की मौत:सोते समय चौकी से गिर गया बच्चा,परिजनों को नहीं हो सकी जानकारी अयोध्या में बाढ़ प्रभावित कैथी माझा गांव में बीती रात अपनी मां के साथ तख्त पर सो रहा 6 माह बच्चा चौकी से गिर कर बाढ़ के पानी डूब गया।इसकी जानकारी परिजनों को सुबह 4 बजे हुई।तलाश करने पर बच्चे का शव बाढ़ के जल से बरामद हुआ।बाढ़ के कारण पीड़ित के घर के चारो ओर पानी भरा हुआ था। हालांकि घटना के बाद जल स्तर घटने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं।शनिवार को सरयू खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थीं। घटना की सूचना पर चौकी प्रभारी शुजागंज ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। कोतवाली रुदौली का कहना है कि कैथी माझा गांव बाढ़ प्रभावित है।शनिवार की रात कैथी माझा गांव के अमर सिंह का 6 माह का पुत्र अजीत अपनी मां के साथ तख्त पर सो रहा था।परिजनों के मुताबिक तख्त के नीचे बाढ़ का पानी था। सोते समय बाढ़ के पानी बच्चे के गिर जाने की जानकारी परिजनों को नही हो सकी। मृतक बालक तीन बच्चों में सबसे छोटा था सुबह बच्चा नही मिलने पर घर में कोहराम मच गया। बच्चे को तलाशने पर बच्चा तख्त के नीचे पानी में मिला। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। मां का बुरा हाल है। पीड़ित पिता अमर सिंह ने बताया कि मृतक बालक तीन बच्चों में सबसे छोटा था सबसे बड़ी एक लड़की व एक लड़का है। बाढ़ का पानी अधिक होने से कही सुरक्षित स्थान नहीं जा सके। पीड़ित परिवार नहीं पूरे इलाके का दर्द बनकर सामने आई घटना उन्होंने बताया कि यहां रहना हम सब की मजूबरी है।ऐसा इसलिए कि हम सब के पास बाढ़ में रहने के लिए भी और कोई ठिकाना है ही नहीं।कुल मिलाकर बाढ़ की विभीषिका,खुद की बेबसी और आंगन में मातम का दर्द पूरे पीड़ित परिवार नहीं पूरे इलाके का दर्द बनकर सामने आया है। बाढ़ पीड़ित 100 परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर मकान की सुविधा के लिए प्रयास कोतवाल संजय मौर्य ने बताया शव का पंचनामा किया गया है।घटना की जानकारी पर विधायक रामचंद्र यादव ने नाव द्वारा पीड़ित परिवार के घर पहुँचकर ढाढ़स बंधाया तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित 100 परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर मकान की सुविधा के लिए प्रयास किया जा रहा है।
बैंक में काम करते-करते मैनेजर की मौत:महोबा में लैपटॉप पर काम कर रहे थे, कुर्सी पर बैठे-बैठे बेहोश हुए…फिर उठे नहीं
बैंक में काम करते-करते मैनेजर की मौत:महोबा में लैपटॉप पर काम कर रहे थे, कुर्सी पर बैठे-बैठे बेहोश हुए…फिर उठे नहीं महोबा में बैंक मैनेजर की काम करते हुए मौत हो गई। वह कुर्सी पर बैठे-बैठे अचानक बेहोश हो गए। दो मिनट के अंदर हुई यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। साथी कर्मचारी उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मामला महोबा के कबरई कस्बे स्थित HDFC बैंक की मेन ब्रांच का है। यहां राजेश कुमार शिंदे (38) रीजनल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। लैपटॉप पर काम करते-करते वह बेहोश हो गए। कुर्सी पर ही लुढ़क गए। बगल में बैठे कर्मचारी ने जैसे देखा, तुरंत बाकी लोगों को आवाज लगाकर बुलाया। घटना 19 जून की है। इसका वीडियो 26 जून को सामने आया। पहले तीन तस्वीरें देखिए अचानक मौत से सदमे में साथी कर्मचारी
साथी कर्मचारी राजेश को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से बाकी बैंक कर्मी सदमे में हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि जो शख्स चंद मिनट पहले बातचीत कर रहा था, वो अचानक इस तरह से मर सकता है। राजेश कुमार शिंदे हमीरपुर के बिवार थाना क्षेत्र के कबीरनगर के रहने वाले थे। कुर्सी पर बैठे-बैठे तोड़ दिया दम
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे कुर्सी पर बैठे-बैठे 38 वर्षीय राजेश शिंदे की हालत बिगड़ने लगती है। फिर वो बेहोश हो जाते हैं। उनकी गर्दन पीछे की तरफ लटक जाती है। साथ में बैठे अन्य कर्मचारी राजेश की बिगड़ती हालत देख दौड़ कर उनके पास आते हैं। एक कर्मचारी सीपीआर देने का प्रयास करता है। साथी कर्मचारियों ने दिया सीपीआर
बैंक कर्मचारी राजेश को कुर्सी से उठाकर बैंक की गैलरी में लिटा देते हैं और लगातार उन्हें सीपीआर देते हैं। राजेश का शरीर धीरे-धीरे शांत होने लगता है, जिसके बाद कर्मचारी उन्हें उठाकर बाहर खड़ी कार में लिटाकर कबरई के अस्पताल ले जाते हैं। चेकअप के बाद डॉक्टर राजेश को मृत घोषित कर देते हैं। डॉक्टर योगेन्द्र राजावत ने बताया कि राजेश कुमार नामक बैंक कर्मी को कबरई स्वास्थ्य केन्द्र से रेफर कर महोबा जिला अस्पताल लाया गया। जांच करने पर उसे मृत पाया गया। मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह हार्ट अटैक आई है। इस खबर को भी पढ़ें… यूपी में अचानक हुई मौतों पर सबसे बड़ी पड़ताल:मरने वालों में 96% पुरुष; किसी को नहीं हुआ था कोरोना, लेकिन सभी ने लगवाई थी वैक्सीन यूपी में साइलेंट डेथ के ये चंद मामले हैं..। कोविड महामारी के बाद से 2 साल में ऐसी डेथ के मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ सामने आए तो कुछ गुमनाम रह गए। साइलेंट डेथ का सच जानने के लिए दैनिक भास्कर ने अब तक की सबसे बड़ी पड़ताल की। टीम उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के ऐसे 25 परिवारों के पास पहुंची, जिनके परिवार में किसी न किसी की अचानक मौत हुई। पढ़ें पूरी खबर…