सोनीपत में बेनतीजा रही प्रशासन-किसानों की मीटिंग:IOCL तेल पाइप लाइन का विरोध जारी, SDM बोले- डिमांड उनकी क्षमता से बाहर

सोनीपत में बेनतीजा रही प्रशासन-किसानों की मीटिंग:IOCL तेल पाइप लाइन का विरोध जारी, SDM बोले- डिमांड उनकी क्षमता से बाहर

हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. की पाइप लाइन बिछाने के मामले में आज किसानों व प्रशासन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। एसडीएम के साथ मीटिंग में 11 सदस्यीय कमेटी शामिल हुई और किसानों की मांग उनके सामने रखी। गोहाना प्रशासन इन मांगों पर कोई हल नहीं निकाल सका है। वहीं, किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजे की राशि पानीपत की तर्ज पर नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक के बाद किसान नेता अक्षय नरवाल ने बताया कि करीबन 1 घंटे तक एसडीएम के साथ बातचीत हुई है। किसान तेल की पाइपलाइन बिछाने में प्रति एकड़ 80 लाख मुआवजे की डिमांड कर रहे हैं। नरवाल ने यह भी बताया कि एसडीएम द्वारा कहा गया है कि किसानों की मांग उनकी क्षमता से बाहर है। बैठक में जोगिंदर मलिक, राजेंद्र कोहला, जगबीर गंगाणा,अनिल नूरन खेड़ा, कुलदीप बुटाना, वीरेंद्र जागसी, सोनू कोहला, सोमबीर भी शामिल रहे। फरवरी में होगी बड़ी महापंचायत किसान नेता अक्षय नरवाल का कहना है कि किसानों की मुआवजे मांगों को लेकर जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की सहमति नहीं दे रहा है। सरकार, प्रशासन कोई भी किसानों से बातचीत करना चाहता है तो किसानों के दरवाजे खुले हैं। अक्षय नरवाल ने यह भी कहा कि किसान किसी भी सूरत में झुकने वाले नहीं है। जब तक सरकार किसानों के मुआवजे की मांग को स्वीकार नहीं करती ,तब तक लगातार आंदोलन जारी रहेगा। अक्षय का यह भी कहना है कि फरवरी में गांव कोहला में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन होगा। जिसमें प्रदेश के उन सभी किसानों को बुलाया जाएगा,जो तेल कंपनी की मनमानी से पीड़ित हैं और जिन किसानों के खेतों से पाइप लाइन गुजारी जा रही है। कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा। किसानों की मांग है कि मुआवजे की राशि 80 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दी जाए। कल किसानों ने रुकवाया था काम बता दें कि, जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने सोमवार को तेल पाइप लाइन बिछाने के कार्य को रुकवा दिया था। इस दौरान पुलिस और किसान भी आमने-सामने आ गए। पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच काफी तनाव देखने को मिला था। वहीं गर्मी निकालने की भी बातें प्रशासन द्वारा कही गई तो किसान आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने सीधे तौर पर चेतावनी दी थी कि कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को नहीं चलने दिया जाएगा। बाद में किसानों के सामने पुलिस प्रशासन को झुकना पड़ा और पुलिस ने काम को रुकवा दिया। किसान नेता अक्षय नरवाल बोले अक्षय नरवाल ने प्रशासन और सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है और कहा कि पानीपत के किसानों को 80 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया है, जबकि सोनीपत के किसानों को केवल 26 लाख रुपए देने की बात हो रही है। आज क़े लिए किसानों को बातचीत करने के लिए समय दिया गया था । बातचीत का कोई हल नहीं निकला है। किसान एक बार फिर अपनी रणनीति बनाते हुए आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। किसान नेता अक्षय नरवाल ने कहा, “जमीन की कीमत में 19-20 का अंतर हो सकता है, लेकिन जमीन और आसमान का अंतर नहीं हो सकता। यह प्रशासन की साजिश है, जो कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को उनके हक से वंचित कर रही है। किसान मांग पर अड़े
बता दें कि, पानीपत से गुजरात तक जाने वाली तेल कंपनी की पाइप लाइन सोनीपत, रोहतक और भिवानी से होकर गुजरेगी। इसको लेकर अगस्त से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई मंत्रियों से उन्हें आश्वासन मिला है। लेकिन किसी ने कोई हल नहीं निकाला है। किसानों की खुली चेतावनी किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर प्रशासन बल प्रयोग करेगा, तो हम अपनी छाती और लाठी लेकर खड़े हैं। जब तक हमें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक पाइपलाइन बिछाने का काम नहीं होने देंगे।” आज हुई बैठक क़े बाद जब हल नहीं निकला तो किसान पंचायत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो आंदोलन और उग्र होगा। हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. की पाइप लाइन बिछाने के मामले में आज किसानों व प्रशासन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। एसडीएम के साथ मीटिंग में 11 सदस्यीय कमेटी शामिल हुई और किसानों की मांग उनके सामने रखी। गोहाना प्रशासन इन मांगों पर कोई हल नहीं निकाल सका है। वहीं, किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजे की राशि पानीपत की तर्ज पर नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक के बाद किसान नेता अक्षय नरवाल ने बताया कि करीबन 1 घंटे तक एसडीएम के साथ बातचीत हुई है। किसान तेल की पाइपलाइन बिछाने में प्रति एकड़ 80 लाख मुआवजे की डिमांड कर रहे हैं। नरवाल ने यह भी बताया कि एसडीएम द्वारा कहा गया है कि किसानों की मांग उनकी क्षमता से बाहर है। बैठक में जोगिंदर मलिक, राजेंद्र कोहला, जगबीर गंगाणा,अनिल नूरन खेड़ा, कुलदीप बुटाना, वीरेंद्र जागसी, सोनू कोहला, सोमबीर भी शामिल रहे। फरवरी में होगी बड़ी महापंचायत किसान नेता अक्षय नरवाल का कहना है कि किसानों की मुआवजे मांगों को लेकर जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की सहमति नहीं दे रहा है। सरकार, प्रशासन कोई भी किसानों से बातचीत करना चाहता है तो किसानों के दरवाजे खुले हैं। अक्षय नरवाल ने यह भी कहा कि किसान किसी भी सूरत में झुकने वाले नहीं है। जब तक सरकार किसानों के मुआवजे की मांग को स्वीकार नहीं करती ,तब तक लगातार आंदोलन जारी रहेगा। अक्षय का यह भी कहना है कि फरवरी में गांव कोहला में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन होगा। जिसमें प्रदेश के उन सभी किसानों को बुलाया जाएगा,जो तेल कंपनी की मनमानी से पीड़ित हैं और जिन किसानों के खेतों से पाइप लाइन गुजारी जा रही है। कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा। किसानों की मांग है कि मुआवजे की राशि 80 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दी जाए। कल किसानों ने रुकवाया था काम बता दें कि, जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने सोमवार को तेल पाइप लाइन बिछाने के कार्य को रुकवा दिया था। इस दौरान पुलिस और किसान भी आमने-सामने आ गए। पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच काफी तनाव देखने को मिला था। वहीं गर्मी निकालने की भी बातें प्रशासन द्वारा कही गई तो किसान आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने सीधे तौर पर चेतावनी दी थी कि कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को नहीं चलने दिया जाएगा। बाद में किसानों के सामने पुलिस प्रशासन को झुकना पड़ा और पुलिस ने काम को रुकवा दिया। किसान नेता अक्षय नरवाल बोले अक्षय नरवाल ने प्रशासन और सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है और कहा कि पानीपत के किसानों को 80 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया है, जबकि सोनीपत के किसानों को केवल 26 लाख रुपए देने की बात हो रही है। आज क़े लिए किसानों को बातचीत करने के लिए समय दिया गया था । बातचीत का कोई हल नहीं निकला है। किसान एक बार फिर अपनी रणनीति बनाते हुए आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। किसान नेता अक्षय नरवाल ने कहा, “जमीन की कीमत में 19-20 का अंतर हो सकता है, लेकिन जमीन और आसमान का अंतर नहीं हो सकता। यह प्रशासन की साजिश है, जो कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को उनके हक से वंचित कर रही है। किसान मांग पर अड़े
बता दें कि, पानीपत से गुजरात तक जाने वाली तेल कंपनी की पाइप लाइन सोनीपत, रोहतक और भिवानी से होकर गुजरेगी। इसको लेकर अगस्त से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई मंत्रियों से उन्हें आश्वासन मिला है। लेकिन किसी ने कोई हल नहीं निकाला है। किसानों की खुली चेतावनी किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर प्रशासन बल प्रयोग करेगा, तो हम अपनी छाती और लाठी लेकर खड़े हैं। जब तक हमें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक पाइपलाइन बिछाने का काम नहीं होने देंगे।” आज हुई बैठक क़े बाद जब हल नहीं निकला तो किसान पंचायत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो आंदोलन और उग्र होगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर