उत्तर प्रदेश की झांकी ने इस गणतंत्र दिवस पर एक और गौरवशाली उपलब्धि हासिल की है। इस बार की झांकी ने पीपुल्स चॉइस कैटेगरी और जजेज कैटेगरी दोनों में प्रथम पुरस्कार जीतकर एक ऐतिहासिक सफलता दर्ज की। झांकी की थीम दिव्य और भव्य महाकुंभ पर आधारित थी। जो शब्द, शिल्प, संगीत और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है। कवि वीरेन्द्र वत्स द्वारा लिखा गया गीत झांकी का मुख्य आकर्षण रहा। इस गीत को आधा हिंदी और आधा संस्कृत में लिखा गया, जिसका संगीत राजेश सोनी ने तैयार किया और स्वर मनीष शर्मा ने दिया। गीत के बोल महाकुंभ की पवित्रता और भव्यता को उभारने में सफल रहे: स्वर्गलोक की आभा उतरी तीर्थराज के आँगन में, झूम रहे हैं साधु-संत जन, पुलक भरा है तन-मन में। भव्योदिव्यो महाकुम्भ: सर्वसिद्धिप्रदायक:। प्रयागराजस्तीर्थानां प्रमुखो लोकविश्रुत:।। विविड इंडिया द्वारा निर्मित इस झांकी की प्रमुख सवीना ने इसे बनाने में अपना विशेष योगदान दिया। सवीना पिछले छह वर्षों से उत्तर प्रदेश की झांकियों का निर्माण कर रही हैं। उत्तर प्रदेश का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इस शानदार प्रदर्शन के लिए विशेष बधाई का पात्र है। यह तीसरी बार है जब उत्तर प्रदेश की झांकी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान मिला है। कवि वीरेन्द्र वत्स की काव्य प्रतिभा और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण ने झांकी को विशेष पहचान दिलाई है। उत्तर प्रदेश की झांकी ने इस गणतंत्र दिवस पर एक और गौरवशाली उपलब्धि हासिल की है। इस बार की झांकी ने पीपुल्स चॉइस कैटेगरी और जजेज कैटेगरी दोनों में प्रथम पुरस्कार जीतकर एक ऐतिहासिक सफलता दर्ज की। झांकी की थीम दिव्य और भव्य महाकुंभ पर आधारित थी। जो शब्द, शिल्प, संगीत और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है। कवि वीरेन्द्र वत्स द्वारा लिखा गया गीत झांकी का मुख्य आकर्षण रहा। इस गीत को आधा हिंदी और आधा संस्कृत में लिखा गया, जिसका संगीत राजेश सोनी ने तैयार किया और स्वर मनीष शर्मा ने दिया। गीत के बोल महाकुंभ की पवित्रता और भव्यता को उभारने में सफल रहे: स्वर्गलोक की आभा उतरी तीर्थराज के आँगन में, झूम रहे हैं साधु-संत जन, पुलक भरा है तन-मन में। भव्योदिव्यो महाकुम्भ: सर्वसिद्धिप्रदायक:। प्रयागराजस्तीर्थानां प्रमुखो लोकविश्रुत:।। विविड इंडिया द्वारा निर्मित इस झांकी की प्रमुख सवीना ने इसे बनाने में अपना विशेष योगदान दिया। सवीना पिछले छह वर्षों से उत्तर प्रदेश की झांकियों का निर्माण कर रही हैं। उत्तर प्रदेश का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इस शानदार प्रदर्शन के लिए विशेष बधाई का पात्र है। यह तीसरी बार है जब उत्तर प्रदेश की झांकी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान मिला है। कवि वीरेन्द्र वत्स की काव्य प्रतिभा और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण ने झांकी को विशेष पहचान दिलाई है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Rajasthan Election Result: BAP की लोकप्रियता का तेजी से बढ़ा ग्राफ, गठन के 8 महीने में ही मिले 3 MLA और एक सांसद
Rajasthan Election Result: BAP की लोकप्रियता का तेजी से बढ़ा ग्राफ, गठन के 8 महीने में ही मिले 3 MLA और एक सांसद <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Lok Sabha Election Result 2024:</strong> लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद अगले पांच साल तक सभी जगह से केंद्र में प्रतिनिधित्व की स्थिति साफ हो चुकी है. इस बार राजस्थान के टीएसपी क्षेत्र यानी मेवाड़ और वागड़ में सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. मेवाड़ वागड़ में 8 महीने पहले भारत आदिवासी (BAP) नाम की पार्टी की उदय हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान में 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी के 3 विधायकों ने जीत कर जयपुर पहुंचे. अब बांसवाड़ा लोकसभा के 72 साल के इतिहास में इस पार्टी से दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर सांसद बना है. भारत आदिवासी पार्टी की स्थापना के बाद इसका लगातार तेजी से लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ा है. आइये जानते हैं पार्टी का वोट बैंक कितना बढ़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधानसभा चुनाव में BAP के प्रत्याशियों ने चौंकाया </strong><br />भारतीय ट्राइबल पार्टी छोड़ बांसवाड़ा से जीत दर्ज करने वाले राजकुमार रोत ने नई पार्टी बनाई जिसका नाम रखा भारत आदिवासी पार्टी. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के ठीक 2 माह पहले इस पार्टी की स्थापना हुई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद विधानसभा चुनाव में राजकुमार सहित तीन विधायकों जीत का परचम लहराया. चौरासी विधानसभा से राजकुमार रोत को पहली बार में ही 1.11 लाख वोट मिले. इसके अलावा डूंगरपुर जिले के आसपुर विधानसभा से उमेश मीणा को 93 हजार 742 वोट मिले. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले की करीब 5 विधासभा में भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे. एक अन्य प्रत्याशी ने प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से थावरचंद ने जीत दर्ज की और विधायक बने. उन्होंने कुल 83 हजार 655 वोट हासिल किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रोत ने हासिल की दूसरी बड़ी जीत</strong><br />विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी भारत आदिवासी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे. इसके तहत मेवाड़ वागड़ की तीन लोकसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे. इसमें राजकुमार खुद बांसवाड़ा से मैदान में उतरे. राजकुमार को पहली बार में ही 8 लाख 20 हजार 831 वोट मिले. </p>
<p style=”text-align: justify;”>72 साल के चुनावी इतिहास में बांसवाड़ा लोकसभा सीट से दूसरी बार किसी प्रत्याशी 2.47 लाख वोट के अंतर से बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. उदयपुर लोकसभा से प्रकाश चन्द्र को 2 लाख 17 हजार 138 वोट मिले. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BAP का तेजी से बढ़ रहा लोकप्रियता ग्राफ</strong><br />चित्तौड़गढ़ लोकसभा से मांगीलाल ननामा को 42 हजार 811 वोट मिले जबकि यह आरक्षित सीट नहीं है और आदिवासी वोट ज्यादा नहीं हैं. ऐसे में अंतर साफ देखा जा सकता है कि पहली बार विधानसभा और <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में भाग लेने वाली इस पार्टी का क्रेज तेजी से बढ़ा है. इस दौरान इनके वोट शेयरिंग में अच्छा काशा इजाफा हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”26 साल की कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव ने कैसे सीएम भजनलाल के गढ़ में लहराया जीत का परचम, ये रहीं वजह” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bharatpur-lok-sabha-election-2024-result-congress-candidate-sanjana-jatav-won-cm-bhajan-lal-sharma-ann-2708437″ target=”_blank” rel=”noopener”>26 साल की कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव ने कैसे सीएम भजनलाल के गढ़ में लहराया जीत का परचम, ये रहीं वजह</a></strong></p>
आरा में सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक महाजाम, लोगों के लिए सिर दर्द बनी लचर ट्रैफिक व्यवस्था
आरा में सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक महाजाम, लोगों के लिए सिर दर्द बनी लचर ट्रैफिक व्यवस्था <p style=”text-align: justify;”><strong> Road Jam In Arrah:</strong> बिहार के आरा में लचर ट्रैफिक व्यवस्था आए दिन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है. सोमवार को एक बार फिर शहर पूरी तरह जाम के गिरफ्त में रहा. जाम की समस्या से परेशान आरा वासियों को सड़क छोड़कर गलियों का सहारा लेना पड़ा, जिससे सड़क पर लगने वाला जाम गलियों तक पहुंच गया. हालात ये थे कि ऑटो और अन्य वाहनों पर सवार लोग बीच रास्ते में ही ऊतर कर पैदल जाने लगे, ताकि अपने काम जल्दी कर सकें, लेकिन इस महाजाम में पैदल चलने की जगह भी नहीं थी. इस दौरान आम जनों को कई घंटों तक ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुबह 9 नौ बजे से दोपहर 2 बजे तक लगा रहा जाम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल सोमवार को सुबह 9 नौ बजे से ही जाम शुरू हो गया और कई घंटे जाम की समस्या बनी रही. इस दौरान प्राइवेट वाहन और एम्बुलेंस भी जाम में फंसी रही. जरूरी काम से जा रहे लोगों को खासी परेशानी हुई. ट्रैफिक कंट्रोल में लगे जवानों को जाम से छुटकारा दिलाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. इस जाम के आगे ट्रैफिक पुलिस की संख्या बहुत ही कम दिखाई दी. दिन के दो बजे के बाद शहर की सड़कों पर जाम का असर कुछ कम हुआ. जाम का ये बदहाल दृश्य आरा शहर के पकड़ी चौक, जेल रोड, गोपाली चौक, शिवगंज मोड़, महादेवा, धर्मन चौक पर देखने को मिला, जहां वाहनों के लंबी करातें घंटों लगी रहीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>तमाम प्रयास के बावजूद दिन के दो बजे तक पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक नहीं कर सकी. बाद में जब पुलिस सख्ती पर उतारू हुई, तब जाकर वाहनों का पहिया सरकने लगा. इसके बाद धीरे-धीरे शहर की स्थिति सामान्य हुई. वहीं इस जाम का मुख्य कारण शहर में बड़े बड़े पार्किंग की कमी और सड़क पर खड़े वाहनों को बताया गया, जिसकी वजह से टमटम पड़ाव से लेकर गोपाली चौक और शिवगंज तक महजाम लगा रहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बाइक सवार एक शख्स असीम सिंह ने कहा कि कोईलवर जाने के लिए निकले थे. शिनगंज में घंटों से जाम में फंसे है. अब तक कोईलवर पहुंच गए होते. आज तक ऐसा जाम नहीं देखा था. ट्रैफिक पुलिस भी काफी देर में पहुंची. कोई व्यवस्था नहीं है. लोग जहां चाहते हैं बेतरीका वाहन घुसा देते हैं जिससे जाम लग जाता है. ट्रैफिक पुलिस की भी कमी है. एक युवक ने कहा कि अक्सर ऐसा ही होता है, ये जाम की समस्या रोज की है. ऐसे ही चलता है. जरूरी काम से जा रहे थे, लेकिन घंटो से बाइक लिए खड़े हैं. इस बीच कई लोग प्रशासन को कोसते हुए नजर आए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीसरी आंख से नजर रखी जाएगी लोगों पर नजर- एसपी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि इस समस्या से निजात दिलाने के लिए शहर में दस मुख्य चौराहों पर एएनपीआर कैमरा लगाने को लेकर जगह चिह्नित कर ली गई है. अब भोजपुर में ट्रैफिक नियमों को ताक पर रख कर वाहन चलाने वालों की आने वाले दिनों में खैर नहीं रहेगी. खासकर आरा शहर की सड़कों पर दोपहिया समेत चारपहिया वाहन चलाने वालों पर तीसरी आंख से नजर रखी जाएगी. एसपी राज ने बताया कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने और विधि व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ये कैमरे लगाए जाएंगे. इसके लिए शहर में दस जगहों का चयन किया गया, जहां कैमरे लगाए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैमरा लगने से वाहनों के नंबर प्लेट की तस्वीर कैमरे में साफ तौर पर खिंची जा सकेगी. इससे ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले खासकर बिना हेलमेट के दोपहिया चलाने वाले और दोपहिया पर ट्रिपल लोड चलने वालों पर ऑटोमेटिक जुर्माना की कार्रवाई होगी. वाहन चलाने के दौरान ट्रैफिक तोड़ने वाले वाहनों पर भी ऑनलाइन माध्यम से जुर्माना की कार्रवाई की जा सकेगी. वहीं शहर में विधि व्यवस्था पर भी कैमरे से नजर रखी जा सकेगी. खासकर पर्व-त्योहारों के मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने और किसी तरह की घटना को अंजाम देकर भागने वालों पर भी कैमरे की नजर से देखा जा सकेगा और उन पर पुलिस की ओर से तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके लिए पुलिस कार्यालय में अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा. यहां से हर गतिविधि पर ट्रैफिक पुलिस टीम नजर रखेगी. अब भोजपुर एसपी की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद राज्य सरकार की मंजूरी मिलने का इंतजार है. आरा शहर से सटे जीरोमाइल मोड़ व धोबीघाट मोड़ समेत धरहरा में भी कैमरे लगेंगे. वहीं शहर के चंदवा मोड़, कतिरा मोड़, जज कोठी मोड़, सपना सिनेमा मोड़, मठिया मोड़ और सिंडिकेट मोड़ के पास कैमरा लगाने के लिए जगह चिह्नित किये गये हैं. ऑटोमेटिक सिग्नल लगने से जाम से मिलेगी राहत शहर की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों को तोड़कर लोग वाहन चलाते हैं, खासकर नो एंट्री वाले एरिया में भी बिना किसी डर के चारपहिया वाहन चलाए जाते हैं. इससे अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है और ट्रैफिक नियम तोड़ने से सड़क हादसे भी होते रहते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस कैमरे के साथ चौक-चौराहों पर ऑटोमेटिक सिग्नल होने से लोगों को जुर्माना के डर से ट्रैफिक नियमों का पालन करना मजबूरी होगी. ऐसे में जाम से राहत मिलेगी और सड़क हादसों में कमी आएगी. फिलहाल ये कैमरे और ऑटोमेटिक सिग्नल बिहार के पटना व सासाराम समेत कई बड़े शहरों में लग गए हैं. कुछ जगहों पर यह सिस्टम काम करने लगा है तो कई जगह अभी काम नहीं कर रहा है. भोजपुर में भी मार्च से अप्रैल महीने तक यह सिस्टम लगने की संभावना है. बता दें कि पटना यातायात पुलिस मुख्यालय से बिहार के 26 जिलों का चयन किया गया है, जहां यह सिस्टम लगाया जाना है. इनमें भोजपुर का मुख्यालय आरा शहर भी शामिल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैसे काम करता है एएनपीआर कैमरा? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) स्वचालित नंबर प्लेट पहचानने की तकनीक में इस्तेमाल होने वाला कैमरा होता है. यह कैमरा वाहनों का नंबर प्लेट पढ़ने और पहचानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. एएनपीआर कैमरे का इस्तेमाल कई तरह के काम में किया जाता है. एएनपीआर कैमरा वाहनों के नंबर प्लेट की तस्वीर लेता है. तस्वीर को प्रोसेस कर प्लेट नंबर निकाला जाता है. इसके लिए ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) का इस्तेमाल किया जाता है. यह दिखने वाले डाटा को डिजिटल टेक्स्ट में बदल देता है. इस कैमरे का इस्तेमाल पुलिस की ओर से आपराधिक गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए, वाहन ट्रैकिंग के लिए, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिए और स्मार्ट पार्किंग के लिए किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/former-union-minister-ashwini-kumar-choubey-statement-on-delhi-assembly-elections-targeted-aap-and-congress-ann-2866854″>’आपदा और आतंकवाद फैलाने वाले…’, दिल्ली चुनाव को लेकर अश्विनी चौबे का बड़ा बयान, पूर्वोत्तर भारत का लिया नाम</a></strong></p>