भास्कर न्यूज | जालंधर आगामी एक फरवरी को केंद्र सरकार अपना बजट पेश करेगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का ये पहला आम बजट है। पूरे देश के लोगों के साथ ही जालंधर के व्यापारियों को भी इस बजट से उम्मीदें हैं कि सरकार इस बार उनके लिए कई योजनाएं शुरू कर सकती है। साथ ही उनकी समस्याएं भी दूर होंगी। जालंधर के इंडस्ट्री संचालकों ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को लघु व छोटे इंडस्ट्री संचालकों की दिक्कतें दूर करने के लिए पत्र लिखा है। शहर की इंजीनियरिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन की वीरवार को बैठक की। एसोसिएशन ने सरकार से स्कैफ फोल्डिंग को विशेष तवज्जो वाले सेक्टर में शामिल करने की मांग की। जानकारों के अनुसार, ऐसा होने पर केंद्र सरकार से मिलने वाली आर्थिक राशि बढ़ेगी तो इंडस्ट्री को फायेदा होगा। साथ ही सरकार का नई योजनाओं में विशेष तवज्जो वाले सेक्टर में शामिल करने से रिसर्च एंड डेवेलपमेंट पर भी फोकस होगा। दूसरी तरफ सरकार से फोकल पॉइंटों के विकास में प्राइवेट-पब्लिक-पार् टनरशिप मोड पर योजनाएं लाने की मांग की गई है। भास्कर न्यूज | जालंधर आगामी एक फरवरी को केंद्र सरकार अपना बजट पेश करेगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का ये पहला आम बजट है। पूरे देश के लोगों के साथ ही जालंधर के व्यापारियों को भी इस बजट से उम्मीदें हैं कि सरकार इस बार उनके लिए कई योजनाएं शुरू कर सकती है। साथ ही उनकी समस्याएं भी दूर होंगी। जालंधर के इंडस्ट्री संचालकों ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को लघु व छोटे इंडस्ट्री संचालकों की दिक्कतें दूर करने के लिए पत्र लिखा है। शहर की इंजीनियरिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन की वीरवार को बैठक की। एसोसिएशन ने सरकार से स्कैफ फोल्डिंग को विशेष तवज्जो वाले सेक्टर में शामिल करने की मांग की। जानकारों के अनुसार, ऐसा होने पर केंद्र सरकार से मिलने वाली आर्थिक राशि बढ़ेगी तो इंडस्ट्री को फायेदा होगा। साथ ही सरकार का नई योजनाओं में विशेष तवज्जो वाले सेक्टर में शामिल करने से रिसर्च एंड डेवेलपमेंट पर भी फोकस होगा। दूसरी तरफ सरकार से फोकल पॉइंटों के विकास में प्राइवेट-पब्लिक-पार् टनरशिप मोड पर योजनाएं लाने की मांग की गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में युवक की हत्या:गले पर मिले धारदार हथियार के निशान, सड़क पर पड़ा मिला शव, नहीं हो सकी पहचान लुधियाना में आज (गुरुवार को) दोपहर थाना साहनेवाल के अधीन आने वाले गांव पम्मे में एक युवक का शव संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क पर पड़ा मिला। शव मिलने के कारण इलाके में सनसनी का माहौल बना है। शव किसका है इस बारे अभी पता नहीं चल सका है। किन हालातों में युवक की हत्या की गई है इस बारे पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर 72 घंटे के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। थाना साहनेवाल से जांच अधिकारी कर्म ने कहा कि उन्हें आज गांव पम्मे से एक ढाबा चलाने वाले व्यक्ति ने फोन कर युवक का शव सड़क पर पड़ा होने की सूचना दी। मौके पर पहुंचे तो मृतक युवक के गले पर किसी वस्तु से हमला किए जाने के निशान थे। इलाके में काफी पूछताछ की लेकिन अभी कुछ पता नहीं चला। फिलहाल अभी मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। इलाके में लगे सीसीटीवी आदि कैमरों से भी पुलिस जांच कर रही है। मृतक के परिजनों का पता चलते ही शव उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा। पुलिस टीम इस केस को जल्द हल कर लेगी। इसी तरह थाना साहनेवाल के इलाके में एक तालाब से व्यक्ति का शव मिला है। हेड कॉन्स्टेबल चरणजीत सिंह मुताबिक गांव में तालाब में एक व्यक्ति का शव मिला है। देखने में लग रहा है कि शव काफी पुराना है। फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पहचान के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। 72 घंटे बाद शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया जाएगा। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

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पटियाला में मालिक और उसके बेटे को बेहोश किया:नौकरानी ने लूटपाट के लिए की वारदात, रिश्तेदारों के आने पर भागी, मामला दर्ज एसएसटी नगर इलाके में रहने वाले एक कारोबारी व उसके बेटे को बेहोश कर लूटने की साजिश रचने वाली नौकरानी का प्लान उस समय फेल हो गया जब तबीयत बिगड़ते ही रिश्तेदार को बुला लिया। रिश्तेदार के पहुंचते ही नौकरानी अपना बैग लेकर साथियों के साथ फरार हो गई। इस नौकरानी का आईडी प्रूफ परिवार के पास था, जिसके आधार पर लाहौरी गेट पुलिस ने एफआईआर रजिस्टर कर ली है। 15 जुलाई की रात को खाना खाने के बाद बेहोश हुए पिता पुत्र को 16 जुलाई बाद दोपहर को होश आया। होश में आते ही भूपिंदर सिंह के बेटे शुभकरण सिंह ने अपनी स्टेटमेंट दर्ज करवा दी, जिसके बाद नौकरानी अरपिता गांव रोल्पा नेपाल व एक अनजान साथी के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली है। सीसीटीवी कैमरे में सामने आई सच्चाई एफआईआर के अनुसार भूपिंदर सिंह ने अपने किसी दोस्त के जरिए आरोपी लड़की को घर पर नौकरानी रखा था। तीन हफ्ते पहले ही काम पर लगी इस नौकरानी ने 15 जुलाई की रात को खाने में बेहोशी की दवा मिला दी थी। घटना के समय भूपिंदर सिंह की पत्नी व बड़ी बेटी किसी काम से शहर से बाहर गई हुई थी, इस दौरान घर पर पिता व पुत्र अकेले थे। खाने खाते ही शुभकरन को चक्कर आए तो उसने घर के पास रहने वाले चाचा के बेटे को बुला लिया। चचेरा भाई घर पहुंचा तो उसने दोनों को अस्पताल में दाखिल करवाया। इसके बाद सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो देखा कि रसोई में नौकरानी सब्जी में कुछ मिला रही थी। इसके बाद पिता पुत्र के बेहोश होने से पहले रिश्तेदार के आते ही नौकरानी घर से अपना सामान लेकर साथियों के साथ फरार हो गई। आरोपी युवती की तलाश जारी है- एसएचओ थाना लाहौरी गेट के एसएचओ गगनदीप सिंह ने कहा कि आरोपी युवती 25 साल की थी, जो अंबाला में किसी रिश्तेदार के जरिए लगी थी। पूरे मामले की वेरीफिकेशन की जा रही है और लड़की की तलाश जारी है।

लुधियाना के शिअद प्रधान भिंदा ने दिया इस्तीफा:लिखा- सुखबीर बादल ने पार्टी की प्रधानगी छोड़ी, नैतिक फर्ज समझ लिया फैसला
लुधियाना के शिअद प्रधान भिंदा ने दिया इस्तीफा:लिखा- सुखबीर बादल ने पार्टी की प्रधानगी छोड़ी, नैतिक फर्ज समझ लिया फैसला लुधियाना के जिला शिरोमणि अकाली दल के प्रधान भूपिंदर सिंह भिंदा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद भिंदा ने ये फैसला लिया है। उनके इस फैसले लेने के बाद कही न कही पार्टी वर्करों मे भी निराशा है। जानकारी के मुताबिक, भूपिंदर सिंह भिंदा ने शिअद कार्यकारी प्रधान के नाम से पत्र लिखा है। पत्र में भिंदा ने लिखा कि सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली की प्रधानगी से इस्तीफा दिया है। उन्होंने ही मुझे शिरोमणि अकाली दल लुधियाना शहरी प्रधान की ज़िम्मेदारी सौंपी थी और मैंने उनकी प्रधानगी में अपनी पूरी समर्थता के साथ पार्टी हित में काम किए। भिंदा ने लिखा- नैतिक फर्ज समझ दिया इस्तीफा सुखबीर बादल द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद अपना नैतिक फर्ज समझ कर मैं अपने लुधियाना शहरी की प्रधानगी के पद से इस्तीफा दे रहा हूं, ताकि पार्टी का जो भी नया प्रधान बने वह अपनी मर्जी से किसी को भी प्रधान नियुक्त कर सकता है। मैं अकाली दल के सीनियर नेताओं और जिला लुधियाना के नेता और वर्करों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मेरा हमेशा साथ दिया। 3 महीने पहले सुखबीर बादल को तनखैया करार दिया था आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब से 3 महीने पहले सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। तनखैया घोषित होने से पहले पहले बनाया था कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट के माफीनामा के बाद उठा था विवाद अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। जिसके बाद ही सारा विवाद शुरू हो गया। चार गलतियां 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”