भास्कर न्यूज | जालंधर नेशनल हार्टिकल्चर मिशन के तहत 6 चेंबर वाला कोल्ड स्टोरेज बनाने पर 30 फीसदी क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी की सुविधा मिलेगी। पंजाब के बागवानी विभाग ने बुधवार को इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। इसका मकसद नई तकनीक को विस्तार देना है। इससे जालंधर के आलू व्यापारियों को लाभ िमलेगा। जालंधर पूरे दोआबा क्षेत्र में आलू उत्पादन के साथ साथ बीज सप्लाई का बड़ा केंद्र है। यहां के स्टोरेज में तमाम किसान व व्यापारी अपनी आलू की फसल को स्टोरेज करते हैं ताकि वक्त पर बिक्री कर सकें। अब बागवानी विभाग की डायरेक्टर शेलिंदर कौर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है िक आर्थिक मदद का लाभ लेने के लिए दस फरवरी तक आवेदन किया जा सकता है। जिला बागवानी व ब्लॉक के बागवानी अफसरों से इस संबंध में जानकारी ली जा सकती है। जो लोग कम्यूनिटी वाटर टैंक स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें भी अंदाजन 20 लाख लागत वाले टैंक पर आर्थिक सब्सिडी मिलेगी। आर्थिक मदद के लिए जालंधर कैंट स्थित बागवानी दफ्तर में संपर्क कर सकते हैं। भास्कर न्यूज | जालंधर नेशनल हार्टिकल्चर मिशन के तहत 6 चेंबर वाला कोल्ड स्टोरेज बनाने पर 30 फीसदी क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी की सुविधा मिलेगी। पंजाब के बागवानी विभाग ने बुधवार को इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। इसका मकसद नई तकनीक को विस्तार देना है। इससे जालंधर के आलू व्यापारियों को लाभ िमलेगा। जालंधर पूरे दोआबा क्षेत्र में आलू उत्पादन के साथ साथ बीज सप्लाई का बड़ा केंद्र है। यहां के स्टोरेज में तमाम किसान व व्यापारी अपनी आलू की फसल को स्टोरेज करते हैं ताकि वक्त पर बिक्री कर सकें। अब बागवानी विभाग की डायरेक्टर शेलिंदर कौर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है िक आर्थिक मदद का लाभ लेने के लिए दस फरवरी तक आवेदन किया जा सकता है। जिला बागवानी व ब्लॉक के बागवानी अफसरों से इस संबंध में जानकारी ली जा सकती है। जो लोग कम्यूनिटी वाटर टैंक स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें भी अंदाजन 20 लाख लागत वाले टैंक पर आर्थिक सब्सिडी मिलेगी। आर्थिक मदद के लिए जालंधर कैंट स्थित बागवानी दफ्तर में संपर्क कर सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट जालंधर वेस्ट सीट पर हुए विधानसभा उप-चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने सीएम भगवंत मान की सपोर्ट से 55246 वोट हासिल किए और तकरीबन 37325 वोट से जीत हासिल की। जालंधर वेस्ट में ये अभी तक की सबसे बढ़ी जीत मानी जा रही है, जबकि पूर्व विधायक व भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल 17921 वोट और कांग्रेस की सुरिंदर कौर 16757 वोटों के साथ कैडर वोट भी नहीं जुटा पाए। विधानसभा 2022 के चुनावों में 39213 वोट AAP ने हासिल किए थे। जबकि कांग्रेस को 34960 और भाजपा को 33486 वोट मिले थे। लेकिन इस बार आंकड़ों में भारी बदलाव हुआ। भास्कर एक्सप्लेनर में जानें AAP की जीत का रहस्य- 6 फैक्टर्स, जिसने AAP को दिलाई जीत- 1. सीएम मान का विश्वास व एक्शन लोकसभा चुनावों में AAP की हार के बाद सीएम भगवंत मान के लिए ये उप-चुनाव एक कड़ी चुनौती बना, जिसे उन्होंने फ्रंट पर रहते हुए जीता है। चुनावों की घोषणा व मोहिंदर भगत का नाम घोषित होने के बाद सीएम का खुद जालंधर में घर लेना और सप्ताह में दो दिन यहां रुकने की घोषणा ने वोटरों को एक बार फिर AAP पर विश्वास करने के लिए मजबूर किया। 2. खुद प्रचार के लिए उतरे CM
मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम AAP प्रचार लिस्ट में चाहे नीचे था, लेकिन पूरे प्रचार की कमान उन्होंने ही संभाल ली थी। अंतिम दिनों में सीएम मान ने खुद मीटिंगें करनी शुरू की। एक दिन में सीएम मान ने 4 से 5 मीटिंग्स का लक्ष्य रखा था। भीड़ के बीच आम नागरिक की तरह सीएम मान को घूमते देख वोटरों का विश्वास बढ़ा और AAP को उसका फायदा हुआ। 3. मिस CM मान ने संभाली कमान CM मान खुद फ्रंट फुट पर खेल रहे थे, लेकिन उन्हें मिस CM व अपनी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर का साथ भी इन चुनावों में मिला। चुनाव घोषणा के बाद सीएम मान के साथ डॉ. गुरप्रीत कौर भी जालंधर में शिफ्ट हो गईं। हाथ में कुछ महीनों की बेटी को पकड़ जालंधर में खरीदे घर में प्रवेश ने लोगों के दिलों में छाप छोड़ी। इसके बाद सीएम मान की गैर हाजिरी में उन्होंने कैंप ऑफिस में लोगों की मुश्किलों को सुना भी और तत्काल उनकी समस्याओं को हल भी करवाया। इतना ही नहीं, डॉ. गुरप्रीत कौर खुद नुक्कड़ मीटिंगों में पहुंची और फीमेल वोटरों का विश्वास जीता। 4. जालंधर वेस्ट में 50% से अधिक SC वोटर जालंधर लोकसभा चुनावों में सांसद बने कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी की जीत का सबसे बढ़ा कारण SC व रविदासिया समुदाय का समर्थन मिलना था। जालंधर वेस्ट की बात करें ताे यहां 50% से अधिक वोटर SC, रविदासिया व भगत समुदाय का है। चुनावों की घोषणा के बाद से ही मोहिंदर पाल भगत को भगत समुदाय ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद रविदासिया समुदाय भी खुलकर उनके साथ चला। पूर्ण रूप से SC वोटर का साथ मिलने के बाद मोहिंदर पाल भगत की जीत लगभग तय हो चुकी थी। 5. AAP सरकार की स्कीमों का लाभ जालंधर वेस्ट में अधिकतर आबादी बस्तियों में बस्ती है, जो बिलो पावर्टी लाइन (BPL) कैटेगरी में आते हैं। जल्लवाल आबादी, भारगो कैंप, बस्ती दानिश मनदा, बस्ती गुजां, बबरीक चौक और बस्ती नौ ऐसे इलाके हैं, जहां अधिकतर वोटर हैं। AAP को इन इलाकों से काफी अधिक फायदा हुआ। 600 यूनिट के बाद भी इन्हें बिजली मुफ्त है और आटा दाल स्कीम से यहां कई घरों के चूल्हे चलते हैं। 6. साफ छवि व चुन्नी लाल भगत के परिवार की छाप रही भारी मोहिंदर पाल भगत पूर्व भाजपा विधायक व पंजाब सरकार में मंत्री रहे चुनी लाल भगत के बेटे हैं। चुनी लाल भगत की तरह आज तक मोहिंदर पाल भगत की छवि पर कोई उंगली नहीं उठा सका। AAP व CM मान ने उनकी छवि को आगे रखकर ही प्रचार शुरू किया। जबकि कांग्रेस पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर के एक भी काम को प्रमुख रखकर वोट नहीं मांग सकी। वहीं, भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल को वोटरों ने दल बदल का टैग लगाते हुए निकारा। जाने क्यों जरूरी थी AAP के लिए ये जीत AAP को लोकसभा 2024 के चुनावों में पंजाब में सरकार होने के बावजूद करारी हार का सामना करना पड़ा था। AAP कम होती पॉपुलैरिटी को दोबारा खड़ा करने के लिए ये जीत काफी मायने रखती है। पंजाब में पंचायती चुनाव, नगर निगम चुनाव, दोनों पैंडिंग हैं। वहीं, आने वाले 6 महीनों में 4 और सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव आने वाले हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अगर इस विधानसभा उप-चुनाव में भी हार मिलती तो AAP के वर्कर नैतिक रूप से कमजोर जो जाती। कांग्रेस बेहतर प्लानिंग की तरफ बढ़ेगी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 7 सीटें जीतने और राज्य में 26.30% वोट हासिल करने के बाद सबसे बढ़ी पार्टी बन चुकी है। लोकसभा चुनाव जालंधर में जीतने के बाद भी उप-चुनाव में हार के लिए कांग्रेस को अब मंथन की आवश्यकता है। 2022 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद से कई सीनियर लीडर चुप्पी साध चुके हैं और PPCC से उलट चल रहे हैं। कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती उन्हें इकट्ठे करके आने वाले समय में 4 लोकसभा सीटों, डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला पर होने वाले उप-चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना है। कांग्रेस के लिए ये चार सीटों में से तीन पर जीत हासिल करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि 2022 में इनमें से तीन सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल पर कांग्रेस का कब्जा था। भाजपा खुद को मजबूत करने में जुटी भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जिसके पास पंजाब से एक भी लोकसभा सीट नहीं है, लेकिन राज्य की वे तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा विस्तार की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में उसका लक्ष्य अपने कैडर वोटर को बढ़ाना है। दल बदलू का टैग पाकर शीतल अंगुराल उप-चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके और दूसरे स्थान पर रहे हैं। सिर्फ उनके ही नहीं, सुशील कुमार रिंकू के लिए भी भाजपा में अपना स्थान बनाए रखना एक चुनौती है। अकाली दल ने BSP का सपोर्ट कर पल्ला झाड़ा 2017 व उसके बाद हुए सभी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में अकाली दल लगातार नीचे गिरता जा रहा है। अब जब अकाली दल में अंतर-कलह ही बहुत अधिक बढ़ चुकी है तो सीनियर लीडरशिप ने बहुजन समाज पार्टी का साथ देने की घोषणा करते हुए इन चुनावों से ही दूर कर लिया। हालात ऐसे बने की अध्यक्ष सुखबीर बादल और चंदूमाजरा समर्थक बागी गुट के बीच खुद को फंसता देख अकाली दल उम्मीदवार सुरजीत कौर ने ही दल बदल AAP जाइन कर ली। चूंकि, सुरजीत कौर नामांकन वापस ना ले सकी, AAP में जाने के बाद भी वे अकाली दल की उम्मीदवार रहीं। इन परिणामों अकाली दल व BSP के परिणाम ने सभी को हैरान कर दिया। अकाली दल का समर्थन पा कर भी BSP पांचवें नंबर और अकाली दल उससे अधिक वोटें हासिल कर सकी। 4 उप-चुनावों में भी CM मान को दिखानी होगी ताकत जालंधर वेस्ट चुनाव के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती चार सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला के उप-चुनाव होंगे। AAP के लिए अपनी गिरी पॉपुलैरिटी को उठाने का यहां सबसे अच्छा मौका होगा। सीएम मान के बाद पंजाब में अभी तक कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं है और ये पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान भी है। ऐसे में जालंधर उप-चुनाव की तरह ही इन विधानसभा हलकों की कमान सीएम मान को खुद संभालनी होगी। बरनाला तो AAP का गढ़ है। CM मान इसे अपने हाथ से नहीं जाने देंगे। वहीं, चब्बेवाल के पूर्व विधायक डॉ. राज कुमार के दल-बदल कर सांसद बन जाने के बाद यहां भी AAP स्ट्रॉन्ग हुई है। डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा दो कांग्रेस की सीटें हैं, जिनकी सेंधमारी के लिए CM मान को कड़ी मेहनत करनी होगी।

लुधियाना में फायरिंग केस में गैंगस्टर रिषभ का खुलासा:बोला- लाइव होकर मां की गाली देता था प्रिंकल, नहीं लिया किसी से कोई पैसा
लुधियाना में फायरिंग केस में गैंगस्टर रिषभ का खुलासा:बोला- लाइव होकर मां की गाली देता था प्रिंकल, नहीं लिया किसी से कोई पैसा लुधियाना में 8 नवंबर को CMC चौक पर बूट कारोबारी गुरविंदर प्रिंकल पर बाइक और स्कूटी सवार युवकों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी। गोलियां चलाने वाले A कैटेगरी के गैंगस्टर रिषभ बेनिपाल उर्फ नाणू से जुडे़ हैं। पुलिस ने इस केस में गैंगस्टर नाणू और उसके साथियों को दबोच लिया। फायरिंग में गैंगस्टर रिषभ और उसके एक साथी के भी गोलियां लगी। रिषभ को मंगलवार जेल भेज दिया गया है। इस दौरान सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने आए गैंगस्टर रिषभ बेनीपाल ने दैनिक भास्कर के साथ विशेष बातचीत की। गैंगस्टर नाणू ने खुलासा किया कि ऐसे क्या कारण बने कि उसने प्रिंकल पर फायरिंग की। प्रिंकल की महिला मित्र नवजीत कौर उर्फ नवू को गोलियां किन हालातों में लगी। गैंगस्टर रिषभ बेनीपाल ने दैनिक भास्कर की बातचीत सवाल- ऐसा क्या कारण बन गया था कि गुरविंदर प्रिंकल पर गोलियां चलानी पड़ी?
जवाब- मां के बारे बुरा भला बोलता था। सोशल मीडिया पर पत्रकारों ने उसकी गालियां देते हुए की वीडियो भी सुनी हुई है। सभी पत्रकारों को भी पता है कि प्रिंकल ने सिर्फ मुझे ही गालियां नहीं दी, बल्कि वह सभी को गालियां देता है। सवाल- फायरिंग केस में आपको कितनी गोली लगी थी ?
जवाब- फायरिंग होने पर अपना बचाव जब मैं कर रहा था तो मुझे भी 3 गोलियां लगी। सवाल- आपकी बाजू पर गोली लगने से बाजू पूरी तरह से खत्म हो गई ?
जवाब- मैं अब पूरी तरह से फिट हूं, मेरी बाजू भी पहले से बहुत सही है। सवाल- खुद को आप समाज सेवक कहते हो, रक्तदान के कैंप लगाते हो, लेकिन हाथों में हथियार पकड़ कर लोगों का खून क्यों बहा रहे हो ? जवाब- डेढ़ साल मुझे हो गए है जेल से बाहर आए को। किसी एक व्यक्ति के मैंने चपेड़ तक नहीं मारी। जब कोई मेरी मां के लिए कुछ गलत बोलेगा तो मैं क्या करुंगा। भारत माता को किसी ने नहीं देखा, फिर भी फौजी भाई बार्डर पर उसकी रक्षा करते है। मेरी मां ने मुझे जन्म दिया है। उसे यदि कोई गाली देगा तो मैं कैसे चुप रह सकता हूं। सवाल- प्रिंकल की दुकान पर बैठी महिला नवजीत पर क्यों गोलियां चलाई गई, उसका तो कोई कसूर नहीं था ?
जवाब- उस लड़की को हमने बचाने की कोशिश की थी। जो गोलियां उस लड़की के लगी है वह चेक करवा सकते हैं, वह गोलियां प्रिंकल की पिस्टल से उसे लगी है। सवाल- प्रिंकल के साथ कितने समय से रंजिश चल रही थी ?
जवाब- प्रिंकल के साथ मेरी किसी तरह की कोई रंजिश नहीं थी। उसके साथ मेरा किसी तरह का कोई लेन-देन नहीं था। पहले उसने मुझे फोन करके गालियां दी। वह इसी लड़ाई झगड़े के चक्कर में सिक्योरिटी लेना चाहता था। मेरी तरफ से उसे कोई गाली नहीं कभी निकाली गई। इस केस में हनी सेठी या अन्य किसी का कोई लेन देन नहीं है। सवाल- यह भी कहा जा रहा है कि नाणू गैंगस्टर है तो उसने पैसे लेकर इस वारदात को अंजाम दिया है ?
जवाब- चाहे प्रिंकल हो या कोई भी हो, वह इस बात को साबित कर दे कि मैंने पैसे लेकर गोलियां चलाई है। अगर साबित हो जाए तो जहां कहेंगे वहीं बैठ जाउंगा। सवाल- प्रिंकल पर फायरिंग करने के बाद किसी तरह का पछतावा है क्या ?
जवाब- वह ब्लैकमेलर है। इसलिए उस पर फायरिंग करने के बाद भी कोई पछतावा नहीं है। सवाल- क्या ये लड़ाई अब यहीं खत्म हो जाएगी ?
जवाब- यदि प्रिंकल अब किसी की मां-बहन के बारे में फिर से गलत बोलेगा तो आगे का भगवान को पता है, क्या होना। अब पढ़े, क्या है पूरा मामला
लुधियाना में 8 नवंबर को सीएमसी चौक खुड्डा मोहल्ला में जूता कारोबारी गुरविंदर सिंह प्रिंकल की दुकान पर बाइक सवार 4-5 युवकों ने धावा बोल दिया था। इस हमले की लाइव वीडियो भी सामने आ चुकी है। प्रिंकल पर किस तरह गोलियां ताबड़तोड़ बरसाई गई यह सब वीडियो में कैद हो गया था। दुकान में मौजूद ग्राहकों में अफरा-तफरी मच गई थी। वीडियो में साफ दिखा कि काउंटर पर बैठे प्रिंकल पर बिना कुछ बातचीत किए युवकों ने गोलियां चला दी। प्रिंकल ने भी क्रॉस फायरिंग की। क्रॉस फायरिंग में गैंगस्टर रिषभ बेनिपाल उर्फ नाणू और सुशील के भी गोलियां लगी थी। प्रिंकल और उसकी महिला मित्र नवजीत भी घायल होकर जमीन पर गिर गई थी। पुलिस ने दुर्गा माता मंदिर नजदीक से रिषभ और सुशील को पकड़ा था। वहीं आकाश नाम के युवक को राजपुरा से दबोचा था। साहिल सपरा को भी पुलिस ने दबोच लिया था। बदमाशों से एक झपटमारी की हुई स्कूटी भी पुलिस को बरामद हुई है। अभी तक इस केस में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ बदमाशों का पकड़ा जाना बाकी है। टोपी ने बचाई प्रिंकल की जान बता दें बदमाशों ने जैसे ही दुकान के अंदर घुस कर प्रिंकल पर फायरिंग की। ग़नीमत रही कि एक गोली उसके सिर पर पहनी टोपी के किनारे पर गोली लगी। टोपी तो बुरी तरह नष्ट हो गई। लेकिन प्रिंकल के माथे से आर-पार होने वाली गोली से उसका बचाव हो गया। प्रिंकल पहले ही इस मामले में पुरानी रंजिश का जिक्र कर चुका है। प्रिंकल का उसकी पत्नी के साथ विवाद चल रहा है। उसकी पत्नी के साथ लव मैरिज हुई थी, लेकिन अब पिछले कुछ महीनों से उसकी पत्नी भी उससे अलग रह रही है। पुलिस को मौके से एक पिस्टल भी मिला था। प्रिंकल की दुकान के बाहर बड़ी संख्या में गोलियों के खोल पुलिस को मिले थे। हमले से पहले दुकान के बाहर हुई रेकी
वारदात को अंजाम देने से पहले दो युवकों ने दुकान की रेकी की, जिसके बाद उन्होंने प्रिंकल का दुकान में बैठे होने का मैसेज बाकी के साथियों को दिया। उस दौरान शाम 5:57 बजे वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर को कब्जे में लेकर वारदात वाले दिन दुकान में आने जाने वाले सभी लोगों का रिकॉर्ड जुटाना शुरू कर दिया था। गैंगस्टर नाणू पर है 26 FIR दर्ज
सूत्रों के मुताबिक, हमलावर घटना को अंजाम देने से 2 दिन पहले ही ब्राउन रोड पर एक होटल में आकर ठहरे थे। जिन्होंने वारदात को अंजाम देने से करीब आधा घंटा पहले ही कमरा खाली कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने वारदात को अंजाम देकर वहां से स्कूटी पर सवार होकर छिपते रहे। बदमाशों ने वारदात वाली जगह से कमरा इसलिए नजदीक लिया, ताकि प्रिंकल की हर हरकत पर वह लोग नजर रख सके। पुलिस की अभी भी प्रिंकल और रिषभ बेनीपाल दोनों के इंटरनेट सोशल मीडिया पर नजर है। क्योंकि प्रिंकल और नाणू दोनो में लंबे समय से एक दूसरे को सोशल मीडिया पर धमका रहे थे और गाली गलौज कर रहे थे। पुलिस रिकार्ड मुताबिक नाणू पर अलग-अलग थानों में 26 FIR दर्ज है। जबकि कुछ एक मामलों का निपटारा भी हो गया है।

केंद्र व पंजाब सरकार आज देगी जवाब:अमृतपाल सिंह के साथी दलजीत सिंह पर दोबारा NSA लगाने का मामला, डिब्रूगढ़ जेल में है बंद
केंद्र व पंजाब सरकार आज देगी जवाब:अमृतपाल सिंह के साथी दलजीत सिंह पर दोबारा NSA लगाने का मामला, डिब्रूगढ़ जेल में है बंद खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के सहयोगी व अभिनेता सरबजीत सिंह उर्फ दलजीत कलसी ने उन पर दोबारा लगाए गए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आज (मंगलवार) को इस मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान केंद्र सरकार, डिब्रूगढ़ जेल व पंजाब सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा। गत सुनवाई पर तीनों को नोटिस जारी हुआ था। डिब्रूगढ़ जेल में बंद कलसी ने अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर करते हुए कहा है कि उन पर एक्ट लगाना ही गलत है। अजनाला मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि सरकारी वकील ने कई दलीले सुनवाई के दौरान रखी थी। सरकार ने इन दलीलों को सहारे लगाया NSA
वकील ने बताया कि दलजीत सिंह कलसी पर NSA लगाते समय सरकार की तरफ से दलील दी गई है कि यह पंजाब की पीस व हार्मेनी के लिए खतरा है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। वकीलों ने कहा कि NSA की अवधि को 3-3 महीने बढ़ाया जाना चाहिए। जबकि, सरकार ने सीधे एक साल के लिए बढ़ाया दिया है। यह पूरी तरह से गलत है। इसके साथ ही सरकार ने NSA लगाते हुए तर्क यह भी दिया है कि सोशल मीडिया पर इसके बारे में कई पोस्ट हैं। कई लोगों के नाम बताए गए जो इनके साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि माहौल खराब होगा। कलसी के वकीलों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कलसी जेल के अंदर है। इसके साथ ही उन्होंने इस संबंधी उचित दस्तावेज पेश किए। अदालत में सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए 5 हफ्ते का समय मांगा। जबकि, कलसी के वकीलों ने इसका भी विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि कलसी डेढ़ साल से जेल में है। ऐसे में यह अवधि कम की जानी चाहिए। इसके बाद अदालत ने केंद्र व पंजाब सरकार को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। कलसी भी चुनाव लड़ने के इच्छुक खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथ करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय में डिब्रूगढ़ जेल में बंद दलजीत सिंह कलसी भी चुनाव लड़ने का इच्छुक है। कुछ समय पहले इसे लेकर भी चर्चा हुई थी। कलसी ने सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट डेरा बाबा नानक से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जबकि, कुलवंत सिंह राउके पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर के सांसद बनने के बाद खाली हुई बरनाला सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। जल्दी ही इन सीटों पर विधानसभा के उप चुनाव तय हैं। कलसी पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा है।