भास्कर न्यूज | जालंधर नेशनल हार्टिकल्चर मिशन के तहत 6 चेंबर वाला कोल्ड स्टोरेज बनाने पर 30 फीसदी क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी की सुविधा मिलेगी। पंजाब के बागवानी विभाग ने बुधवार को इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। इसका मकसद नई तकनीक को विस्तार देना है। इससे जालंधर के आलू व्यापारियों को लाभ िमलेगा। जालंधर पूरे दोआबा क्षेत्र में आलू उत्पादन के साथ साथ बीज सप्लाई का बड़ा केंद्र है। यहां के स्टोरेज में तमाम किसान व व्यापारी अपनी आलू की फसल को स्टोरेज करते हैं ताकि वक्त पर बिक्री कर सकें। अब बागवानी विभाग की डायरेक्टर शेलिंदर कौर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है िक आर्थिक मदद का लाभ लेने के लिए दस फरवरी तक आवेदन किया जा सकता है। जिला बागवानी व ब्लॉक के बागवानी अफसरों से इस संबंध में जानकारी ली जा सकती है। जो लोग कम्यूनिटी वाटर टैंक स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें भी अंदाजन 20 लाख लागत वाले टैंक पर आर्थिक सब्सिडी मिलेगी। आर्थिक मदद के लिए जालंधर कैंट स्थित बागवानी दफ्तर में संपर्क कर सकते हैं। भास्कर न्यूज | जालंधर नेशनल हार्टिकल्चर मिशन के तहत 6 चेंबर वाला कोल्ड स्टोरेज बनाने पर 30 फीसदी क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी की सुविधा मिलेगी। पंजाब के बागवानी विभाग ने बुधवार को इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। इसका मकसद नई तकनीक को विस्तार देना है। इससे जालंधर के आलू व्यापारियों को लाभ िमलेगा। जालंधर पूरे दोआबा क्षेत्र में आलू उत्पादन के साथ साथ बीज सप्लाई का बड़ा केंद्र है। यहां के स्टोरेज में तमाम किसान व व्यापारी अपनी आलू की फसल को स्टोरेज करते हैं ताकि वक्त पर बिक्री कर सकें। अब बागवानी विभाग की डायरेक्टर शेलिंदर कौर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है िक आर्थिक मदद का लाभ लेने के लिए दस फरवरी तक आवेदन किया जा सकता है। जिला बागवानी व ब्लॉक के बागवानी अफसरों से इस संबंध में जानकारी ली जा सकती है। जो लोग कम्यूनिटी वाटर टैंक स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें भी अंदाजन 20 लाख लागत वाले टैंक पर आर्थिक सब्सिडी मिलेगी। आर्थिक मदद के लिए जालंधर कैंट स्थित बागवानी दफ्तर में संपर्क कर सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में बिजली-पानी न मिलने पर लोगों का फूटा गुस्सा:शहर का सबसे प्रमुख चौक जाम किया, जमकर CM मान के खिलाफ की नारेबाजी
जालंधर में बिजली-पानी न मिलने पर लोगों का फूटा गुस्सा:शहर का सबसे प्रमुख चौक जाम किया, जमकर CM मान के खिलाफ की नारेबाजी पंजाब के जालंधर में भगवान वाल्मीकि चौक (ज्योति चौक) पर देर रात इलाके में लाइट और पानी न आने से परेशान होकर लोगों ने रोड जाम कर दिया। लोगों ने जमकर राज्य के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की। बता दें कि ये धरना चौक के बीचो बीच लगाया गया था, जिसके चलते देर रात को उक्त रोड पर चलने वाले ट्रकों का सारा काम बाधित रहा। लोगों का कहना था कि कई बार मामले की शिकायत भी की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जिसके चलते लोगों ने यह कदम उठाया। हालांकि एक घंटे तक लोगों ने दरियां बिछाकर वहां पर प्रदर्शन किया। जिसके बाद थाना डिवीजन नंबर-4 के एसएचओ हरदेव सिंह मौके पर पहुंचे और किसी तरह धरना खत्म करवाया। लोग बोले- 24 घंटे बिजली नहीं आएगी, तो बिल कहां से आएगा भगवान वाल्मीकि चौक (ज्योति चौक) के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग इस कदर गुस्सा थे कि उन्होंने आप सरकार का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया। लोगों ने कहा- 24-24 घंटे के बिजली के कट हमारे लग रहे हैं। सरकार बिजली फ्री दे रही है। अगर बिजली आएगी ही नहीं तो बिल कहां से आएगा। ऐसे तो बिजली फ्री ही हुई। न समय से बिजली की सुविधा मिली और ना ही पानी की। इस धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्व पार्षद शैरी चड्ढा भी पहुंच गए थे। उन्होंने भी लोगों के साथ धरना स्थल पर बैठकर जमकर नारेबाजी की। लोग बोले- शहर की सारी बिजली सीएम आवास में दे दी जाती है। पूरा शहर इससे परेशान हो रहा है। ऐसे में लोग कहां चले जाएं। रोड जाम होने से यातायात ठप हो गया था। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल हैं। प्रदर्शन करने पहुंचे लोग सड़क पर बैठ गए थे और फिर राज्य सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी भी की गई थी।

लुधियाना पुलिस ने दो लुटेरे:गिरोह बनाकर राहगीरों से करते थे लूटपाट, 2 नशा तस्कर भी काबू किए
लुधियाना पुलिस ने दो लुटेरे:गिरोह बनाकर राहगीरों से करते थे लूटपाट, 2 नशा तस्कर भी काबू किए लुधियाना पुलिस ने राहगीरों से लूटपाट करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को काबू किया है। वहीं पुलिस ने दो नशा तस्करों को भी काबू कर उनसे 120 ग्राम हेरोइन बरामद की की है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज करके जेल भेज दिया है। जानकारी देते थाना मोती नगर के एसएचओ वरिंदरपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने नाकाबंदी कर मनदीप सिंह तथा ललित निवासी लुधियाना को काबू किया।पूछताछ में उन्होंने शहर में लोगों से लूट की कि वारदातों को अंजाम देने की कई वारदातें स्वीकार की है। एसएचओ ने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों के कब्जे से एक स्कूटी, दो लोहे की दांत बरामद की है। उन्होंने बताया कि आरोपी शहर के विभिन्न एरिया में लोगों को लूटते थे, जिन्हें पुलिस ने जेल भेज दिया है। दो नशा तस्कर भी पकड़े इसके अलावा पुलिस ने दो नशा तस्करों को भी काबू किया है। जिसमें पुलिस ने शहर के शिव चौक से जतिंदर सिंह उर्फ जतिन को काबू कर उससे नशीला पदार्थ बरामद किया, वहीं पुलिस ने दूसरे मामले में ताजपुर रोड से मनजीत उर्फ बोबी निवासी लुधियाना को काबू कर उसके कब्जे से 120 गराम हेरोइन बरामद की। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है।
बच्चे का उम्र मुताबिक बात न करना, सोशली एक्टिव न होना, पंजे के बल चलना जैसे लक्षण ऑटिज्म की निशानी
बच्चे का उम्र मुताबिक बात न करना, सोशली एक्टिव न होना, पंजे के बल चलना जैसे लक्षण ऑटिज्म की निशानी ऑटिज्म एक ऐसा डिसऑर्डर है जो कि लगातार बढ़ रहा है। कोविड के बाद ऑटिज्म के अलावा वर्चुअल ऑटिज्म के मामले भी बढ़े हैं। हालांकि इसे जांच और इलाज की उपलब्धता और जागरुकता का बढ़ना भी माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार ऑटिज्म के मामले 2-8 साल के बच्चों में रिपोर्ट हो रहे हैं। जिसमें 5-6 बच्चे रोजाना कंसलटेशन के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि जितनी जल्दी इलाज और ट्रेनिंग की शुरुआत होगी उतने अवसर बच्चों के ऑटिज्म स्पेक्ट्रम या रेंज से बाहर आने के हो सकते हैं। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अतुल मदान ने बताया कि ऑटिज्म को समय पर पहचानने और बिना देरी किए ट्रेनिंग और इलाज की शुरुआत से काफी हद तक बदलाव संभव है। भास्कर एक्सप्लेनर : 3 साल की उम्र में पता चले तो हल संभव ऑटिज्म को कैसे पहचान सकते हैं? -ये न्यूरोलॉजिकल और डेवल्पमेंट डिसऑर्डर है। इसकी तीन श्रेणियां हैं जिसमें पहली बच्चे का उम्र के मुताबिक बात न करना, दूसरी अपने आप बात न कर पाना, आई कॉन्टेक्ट न बनाना व तीसरी श्रेणी में हाथ को बार-बार हिलाना, पंजे के बल चलना इत्यादि शामिल हैं। अगर बच्चे में ये आदतें हैं तो कंसलटेशन जरूरी है। ये किस उम्र में होता व दवा से इलाज होता है? -आमतौर पर डेढ़ साल की उम्र तक इसके लक्षण नहीं आते। लेकिन डेढ़ साल के बाद कई तरह के लक्षण दिखना शुरू होते हैं। हम अक्सर कहते हैं कि अगर 3 साल से पहले ही पता चल जाए तो इलाज और ट्रेनिंग से काफी हल हो सकता है। इसमें दवाइयां नहीं होती बल्कि ट्रेनिंग जैसे स्पीच, बिहेवियर की ट्रेनिंग होती हैं। इन बच्चों के लिए ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट, स्पीच थैरेपिस्ट, स्पेशल एजुकेटर, बिहेवियर थैरेपिस्ट, पेरेंटल ट्रेनर की जरूरत होती है। समय पर इलाज न हो तो क्या समस्याएं आती हैं? -कई बार पेरेंट्स या घर के बड़े ही बच्चे के बोलने में देरी, लोगों से न मिलने की आदत या आंखें मिला कर बात न कर पाने की बातों को यह कह कर टालते हैं कि सीख जाएगा अभी छोटा है। लेकिन यह देरी बच्चे के लिए परेशानी वाली हो सकती है। इसमें अगर ये बच्चे सामाजिक तौर पर एक्टिव नहीं होंगे तो समाज और पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे। फिर उनके व्यवहार में गुस्सा, चीजें फेंकना, खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाना जैसे व्यवहार में बदल सकता है।