फरीदाबाद में तहसीलदार नेहा सरन जमीन बिक्री के मामले में फंस गई हैं। मामला फरीदाबाद NIT स्थित एक औद्योगिक प्लाट की नीलामी से जुड़ा है। करोड़ों रुपए का यह प्लाट किसी दूसरी कंपनी का था लेकिन उसे किसी और कंपनी का बताकर नीलामी करा दी गई। इस बारे में तहसीलदार को बताया भी गया लेकिन उन्होंने प्लॉट के असल मालिक की बात भी नहीं सुनी। यही नहीं, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और डिप्टी कमिश्नर ने इस कार्रवाई को रोकने के लिए कहा था लेकिन तहसीलदार ने वह बात भी नहीं मानी। मामला पुलिस तक पहुंचा, जिसके बाद बड़खल तहसीलदार नेहा सरन के खिलाफ जालसाजी की FIR दर्ज हो गई। तहसीलदार के साथ इस मामले में नव भारत पेंट्स के मालिक दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान को भी IPC की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत दर्ज FIR में नामजद किया गया है। तहसीलदार पर FIR से जुड़ा पूरा मामला… फरीदाबाद में प्लाट का विवाद, हाईकोर्ट ने वसूली कार्रवाई पर रोक लगाई
फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के निदेशक अमरजीत सिंह चावला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एनआईटी फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट नंबर 38-ए है। जिसका स्वामित्व मेसर्स यूनीक स्प्रिंग (इंडिया) के पास था। उनकी कंपनी ने इसे मासिक किराए पर लिया था। हालांकि बाद में इसे छोड़ दिया। जिसके बाद यूनिक स्प्रिंग ने यह प्लॉट मेसर्स मेहर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को किराए पर दे दिया। उनकी कंपनी फ्रेंड्स ऑटो इंडिया का मेसर्स नव भारत पेंट्स के साथ कुछ लेन-देन था। जिसको लेकर नव भारत पेंट्स और फ्रेंड्स ऑटो के बीच मुकदमे शुरू हो चुके थे।। जिसमें मेसर्स फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू की गई। यह कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर को भेज दी गई। इसी बीच फ्रेंड्स कंपनी ने चंडीगढ़ में पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वसूली की कार्रवाई पर रोक लगवा दी। हाईकोर्ट ने उनको अपनी शिकायत के लिए सक्षम कोर्ट जाने की छूट दी। तहसीलदार ने पटवारी से नीलामी नोटिस जारी करा दिया
आपत्तियां लंबित होने के बावजूद तहसीलदार बड़खल नेहा सरन ने नवभारत पेंट्स के दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के साथ मिलीभगत की। जिसके बाद पटवारी अजरौंदा फरीदाबाद से प्लॉट नंबर 38-ए, औद्योगिक क्षेत्र, एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी के लिए नोटिस जारी करा दिया। इसमें खास बात यह थी कि नोटिस टाइप किया हुआ था लेकिन तारीख हाथ से लिखी गई थी। चावला ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर तुरंत तत्कालीन तहसीलदार बड़खल और जिला कलेक्टर फरीदाबाद के कार्यालय से संपर्क किया। तहसीलदार को विधिवत सूचित किया गया कि आपत्तियां पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं और मामला आगे बढ़ने की संभावना है। 29 जुलाई 2024 को तहसीलदार बड़खल को पत्र प्राप्त भी हो चुका था। जिसे डीसी फरीदाबाद कार्यालय ने 30 जुलाई 2024 को जारी किया था। डीसी ने तहसीलदार बड़खल को आदेश दिए थे कि पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट चंडीगढ़ के 21 मई के आदेश के हिसाब से कार्रवाई की जाए। तहसीलदार बड़खल पर आरोप है कि इन सबके बावजूद उन्होंने आरोपियों के साथ मिलीभगत करके प्लॉट नंबर 38-ए, औद्योगिक क्षेत्र, एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में 2 अगस्त 2024 को फिर से नीलामी तय कर दी। मालिक की बात ठुकराई, कोर्ट में भी झूठ बोला इस दौरान मेसर्स यूनीक स्प्रिंग (इंडिया) के मालिक ने तहसीलदार बड़खल फरीदाबाद को एक पत्र भी दिया था कि वह संपत्ति का मालिक है और इस संपत्ति को नीलाम नहीं किया जा सकता है। उनकी बात नहीं मानी गई तो कंपनी ने तहसीलदार बड़खल और अन्य आरोपियों के खिलाफ सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस दौरान खुलासा हुआ कि इस मामले में प्लॉट नंबर 38 की नीलामी होनी थी न कि प्लॉट नंबर 38-ए की। इसके बावजूद नीलामी के नोटिस 38ए के निकाल दिए गए। इसके बाद तहसीलदार बड़खल और अन्य अधिकारी प्लॉट नंबर 38-ए में आए और उसकी नीलामी करा दी। मगर, कोर्ट को बताया गया कि प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी की गई है। रिकॉर्ड पर यह स्पष्ट है कि तहसीलदार बड़खल ने आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके उन्हें कुछ विशेष लाभ देने के इरादे से नोटिस बदल दिया। फर्जी नीलामी रिकॉर्ड बनाए, बोली राशि तक तय नहीं
आरोप हैं कि प्लॉट नंबर 38, औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के फर्जी नीलामी रिकॉर्ड तैयार किए हैं। तहसीलदार बड़खल ने जानकारी होने और डीसी फरीदाबाद के आदेशों के बावजूद सबसे पहले तो प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में नीलामी की कार्रवाई नहीं रोकी। जब उन्हें पता चला कि उन्होंने गलत नीलामी नोटिस जारी किए हैं, तो प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी कार्रवाई के फर्जी दस्तावेज तैयार किए। यही नहीं, इस नीलामी को लेकर न तो कोई बोली राशि तय की गई थी, न ही नीलामी का प्रकाशन किया गया था। इस प्लॉट में कथित खरीदार राकेश दीवान से 2 अगस्त 2024 से पहले कोई राशि प्राप्त नहीं हुई थी। मुजेसर थाना में दर्ज हुआ केस, छानबीन शुरू
थाना मुजेसर के ASI ईश्वर सिंह ने तहसीलदार पर केस दर्ज होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अमरजीत चावला नाम के व्यक्ति की शिकायत पर बड़खल तहसीलदार नेहा सरन, दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की पुलिस के स्तर पर आगे जांच की जा रही है। फरीदाबाद में तहसीलदार नेहा सरन जमीन बिक्री के मामले में फंस गई हैं। मामला फरीदाबाद NIT स्थित एक औद्योगिक प्लाट की नीलामी से जुड़ा है। करोड़ों रुपए का यह प्लाट किसी दूसरी कंपनी का था लेकिन उसे किसी और कंपनी का बताकर नीलामी करा दी गई। इस बारे में तहसीलदार को बताया भी गया लेकिन उन्होंने प्लॉट के असल मालिक की बात भी नहीं सुनी। यही नहीं, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और डिप्टी कमिश्नर ने इस कार्रवाई को रोकने के लिए कहा था लेकिन तहसीलदार ने वह बात भी नहीं मानी। मामला पुलिस तक पहुंचा, जिसके बाद बड़खल तहसीलदार नेहा सरन के खिलाफ जालसाजी की FIR दर्ज हो गई। तहसीलदार के साथ इस मामले में नव भारत पेंट्स के मालिक दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान को भी IPC की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत दर्ज FIR में नामजद किया गया है। तहसीलदार पर FIR से जुड़ा पूरा मामला… फरीदाबाद में प्लाट का विवाद, हाईकोर्ट ने वसूली कार्रवाई पर रोक लगाई
फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के निदेशक अमरजीत सिंह चावला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एनआईटी फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट नंबर 38-ए है। जिसका स्वामित्व मेसर्स यूनीक स्प्रिंग (इंडिया) के पास था। उनकी कंपनी ने इसे मासिक किराए पर लिया था। हालांकि बाद में इसे छोड़ दिया। जिसके बाद यूनिक स्प्रिंग ने यह प्लॉट मेसर्स मेहर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को किराए पर दे दिया। उनकी कंपनी फ्रेंड्स ऑटो इंडिया का मेसर्स नव भारत पेंट्स के साथ कुछ लेन-देन था। जिसको लेकर नव भारत पेंट्स और फ्रेंड्स ऑटो के बीच मुकदमे शुरू हो चुके थे।। जिसमें मेसर्स फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू की गई। यह कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर को भेज दी गई। इसी बीच फ्रेंड्स कंपनी ने चंडीगढ़ में पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वसूली की कार्रवाई पर रोक लगवा दी। हाईकोर्ट ने उनको अपनी शिकायत के लिए सक्षम कोर्ट जाने की छूट दी। तहसीलदार ने पटवारी से नीलामी नोटिस जारी करा दिया
आपत्तियां लंबित होने के बावजूद तहसीलदार बड़खल नेहा सरन ने नवभारत पेंट्स के दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के साथ मिलीभगत की। जिसके बाद पटवारी अजरौंदा फरीदाबाद से प्लॉट नंबर 38-ए, औद्योगिक क्षेत्र, एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी के लिए नोटिस जारी करा दिया। इसमें खास बात यह थी कि नोटिस टाइप किया हुआ था लेकिन तारीख हाथ से लिखी गई थी। चावला ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर तुरंत तत्कालीन तहसीलदार बड़खल और जिला कलेक्टर फरीदाबाद के कार्यालय से संपर्क किया। तहसीलदार को विधिवत सूचित किया गया कि आपत्तियां पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं और मामला आगे बढ़ने की संभावना है। 29 जुलाई 2024 को तहसीलदार बड़खल को पत्र प्राप्त भी हो चुका था। जिसे डीसी फरीदाबाद कार्यालय ने 30 जुलाई 2024 को जारी किया था। डीसी ने तहसीलदार बड़खल को आदेश दिए थे कि पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट चंडीगढ़ के 21 मई के आदेश के हिसाब से कार्रवाई की जाए। तहसीलदार बड़खल पर आरोप है कि इन सबके बावजूद उन्होंने आरोपियों के साथ मिलीभगत करके प्लॉट नंबर 38-ए, औद्योगिक क्षेत्र, एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में 2 अगस्त 2024 को फिर से नीलामी तय कर दी। मालिक की बात ठुकराई, कोर्ट में भी झूठ बोला इस दौरान मेसर्स यूनीक स्प्रिंग (इंडिया) के मालिक ने तहसीलदार बड़खल फरीदाबाद को एक पत्र भी दिया था कि वह संपत्ति का मालिक है और इस संपत्ति को नीलाम नहीं किया जा सकता है। उनकी बात नहीं मानी गई तो कंपनी ने तहसीलदार बड़खल और अन्य आरोपियों के खिलाफ सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस दौरान खुलासा हुआ कि इस मामले में प्लॉट नंबर 38 की नीलामी होनी थी न कि प्लॉट नंबर 38-ए की। इसके बावजूद नीलामी के नोटिस 38ए के निकाल दिए गए। इसके बाद तहसीलदार बड़खल और अन्य अधिकारी प्लॉट नंबर 38-ए में आए और उसकी नीलामी करा दी। मगर, कोर्ट को बताया गया कि प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी की गई है। रिकॉर्ड पर यह स्पष्ट है कि तहसीलदार बड़खल ने आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके उन्हें कुछ विशेष लाभ देने के इरादे से नोटिस बदल दिया। फर्जी नीलामी रिकॉर्ड बनाए, बोली राशि तक तय नहीं
आरोप हैं कि प्लॉट नंबर 38, औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के फर्जी नीलामी रिकॉर्ड तैयार किए हैं। तहसीलदार बड़खल ने जानकारी होने और डीसी फरीदाबाद के आदेशों के बावजूद सबसे पहले तो प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में नीलामी की कार्रवाई नहीं रोकी। जब उन्हें पता चला कि उन्होंने गलत नीलामी नोटिस जारी किए हैं, तो प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी कार्रवाई के फर्जी दस्तावेज तैयार किए। यही नहीं, इस नीलामी को लेकर न तो कोई बोली राशि तय की गई थी, न ही नीलामी का प्रकाशन किया गया था। इस प्लॉट में कथित खरीदार राकेश दीवान से 2 अगस्त 2024 से पहले कोई राशि प्राप्त नहीं हुई थी। मुजेसर थाना में दर्ज हुआ केस, छानबीन शुरू
थाना मुजेसर के ASI ईश्वर सिंह ने तहसीलदार पर केस दर्ज होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अमरजीत चावला नाम के व्यक्ति की शिकायत पर बड़खल तहसीलदार नेहा सरन, दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की पुलिस के स्तर पर आगे जांच की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर