लखनऊ में नगर निगम की कार्यदाई संस्था LSA ( लखनऊ स्वच्छ अभियान) के द्वारा सफाई के काम को टेकओवर किए जाने के बाद लगातार विरोध जारी है। सभी दल के पार्षद और सफाई कर्मचारी इसके विरोध में लाम बंद हो गए। विरोध कर रहे पार्षदों ने कहा कि LSA पहले (राम की ) कंपनी थी, जिसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था। नाम बदल कर ये कम्पनी धोखे में रखकर काम कर रही है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम कर रही कार्यदायी संस्था एलएसए और लॉयन नेचर ग्रीन को 110 वार्डों की साफ सफाई का जिम्मेदारी शनिवार से पूरी तरह से सौंप दिया गया। इसे लेकर सभी दल के पार्षद लंबे वक्त से विरोध जता रहे थे। LSA कार्यदायी संस्था को साफ-सफाई का काम सौंपे जाने पर नाराजगी जताई। पार्षदों ने कहा कि हफ्ते में सिर्फ दो बार सफाई का जिम्मा है। संस्था LSA के पास जोन 1,3, 4,6,7 के 77 वार्डों में साफ-सफाई और कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी है। 34 करोड़ प्रति माह का घोटाला
पार्षद अमित चौधरी ने कहा कि चेन्नई की कंपनी नाम बदलकर LSA कर दिया जो पूरी तरीके से गुमराह कर रही है। हम पार्षद जनता की चुनी हुई तीसरी सरकार हैं । मगर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है सदन में जो निर्णय लिया गया था उसके पालन नहीं हो रहा। 8 जोन में जो 11 करोड़ की सफाई होती थी अब वह बढ़कर 45 करोड़ प्रतिमाह हो गई है। 34 करोड़ प्रतिमाह अनावश्यक खर्च किए जा रहे हैं। ये सीधे तौर पर हर महीने 34 करोड रुपए का घोटाला है। 34 करोड़ कहां जा रहे हैं इसका कोई जवाब नहीं दे रहा है । मुख्य रूप से 650 करोड़ पर प्रति वर्ष का हेयर फेयर होगा। जनता फोन करके गाली दे रही है
सफाई का काम ओवरटेक करते समय नगर निगम का या कार्यदाई संस्था का कोई भी अधिकारी मिलने नहीं आया। मनमाने तरीके से टेकओवर कर लिया। अधिकारियों की नजर में हमारी कोई हैसियत नहीं पार्षदों से ये लोग अभद्रता कर रहे हैं। सफाई न होने के कारण जनता फोन करके गालियां दे रही है। जनता को लगता है कि पार्षद सब कुछ है, अधिकारी कहते हैं कि पार्षद कुछ भी नहीं। पार्षदों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है
पार्षद नागेंद्र चौहान ने कहा कि सदन के अंदर जो बात हुई थी नगर निगम के अधिकारी उसका पालन नहीं कर रहे। विकास निधि बंद करने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है तो पर्षद क्षेत्र में विकास कैसे करेगा। नगर निगम अपनी मनमानी कर रहा है। सड़क खोदना हो या कोई भी काम हो सब कुछ बिना पार्षद के किया जा रहा है। पार्षदों को दबाया जा रहा है। हमें बिल्कुल खत्म कर दिया गया है। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी नियमों के विरुद्ध जाकर हमसे काम करवाने का प्रयास कर रहे हैं। 10 हजार सफाई कर्मी बेरोजगार हो जाएंगे
उत्तर परदेशीय सफाई कर्मचारी संघ भी लगातार LSA का विरोध कर रहा है। राहुल कुमार वाल्मीकि ने कहा कि LSA के कारण 10 हजार से सफाई कर्मचारी बेरोजगार हो जा जाएंगे। इस संस्थान ने लखनऊ के अलावा और जिन जनपदों या प्रदेश में काम किया है सब जगह इस को हटा दिया गया। संस्था को ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही जुर्माना भी लगाया। ये बेहद दुखद है कि ऐसी कंपनी से काम करवाया जा रहा है। हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं। LSA का अगर ठेका निरस्त नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में सफाई कर्मचारी हड़ताल करेंगे। लखनऊ में नगर निगम की कार्यदाई संस्था LSA ( लखनऊ स्वच्छ अभियान) के द्वारा सफाई के काम को टेकओवर किए जाने के बाद लगातार विरोध जारी है। सभी दल के पार्षद और सफाई कर्मचारी इसके विरोध में लाम बंद हो गए। विरोध कर रहे पार्षदों ने कहा कि LSA पहले (राम की ) कंपनी थी, जिसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था। नाम बदल कर ये कम्पनी धोखे में रखकर काम कर रही है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम कर रही कार्यदायी संस्था एलएसए और लॉयन नेचर ग्रीन को 110 वार्डों की साफ सफाई का जिम्मेदारी शनिवार से पूरी तरह से सौंप दिया गया। इसे लेकर सभी दल के पार्षद लंबे वक्त से विरोध जता रहे थे। LSA कार्यदायी संस्था को साफ-सफाई का काम सौंपे जाने पर नाराजगी जताई। पार्षदों ने कहा कि हफ्ते में सिर्फ दो बार सफाई का जिम्मा है। संस्था LSA के पास जोन 1,3, 4,6,7 के 77 वार्डों में साफ-सफाई और कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी है। 34 करोड़ प्रति माह का घोटाला
पार्षद अमित चौधरी ने कहा कि चेन्नई की कंपनी नाम बदलकर LSA कर दिया जो पूरी तरीके से गुमराह कर रही है। हम पार्षद जनता की चुनी हुई तीसरी सरकार हैं । मगर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है सदन में जो निर्णय लिया गया था उसके पालन नहीं हो रहा। 8 जोन में जो 11 करोड़ की सफाई होती थी अब वह बढ़कर 45 करोड़ प्रतिमाह हो गई है। 34 करोड़ प्रतिमाह अनावश्यक खर्च किए जा रहे हैं। ये सीधे तौर पर हर महीने 34 करोड रुपए का घोटाला है। 34 करोड़ कहां जा रहे हैं इसका कोई जवाब नहीं दे रहा है । मुख्य रूप से 650 करोड़ पर प्रति वर्ष का हेयर फेयर होगा। जनता फोन करके गाली दे रही है
सफाई का काम ओवरटेक करते समय नगर निगम का या कार्यदाई संस्था का कोई भी अधिकारी मिलने नहीं आया। मनमाने तरीके से टेकओवर कर लिया। अधिकारियों की नजर में हमारी कोई हैसियत नहीं पार्षदों से ये लोग अभद्रता कर रहे हैं। सफाई न होने के कारण जनता फोन करके गालियां दे रही है। जनता को लगता है कि पार्षद सब कुछ है, अधिकारी कहते हैं कि पार्षद कुछ भी नहीं। पार्षदों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है
पार्षद नागेंद्र चौहान ने कहा कि सदन के अंदर जो बात हुई थी नगर निगम के अधिकारी उसका पालन नहीं कर रहे। विकास निधि बंद करने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है तो पर्षद क्षेत्र में विकास कैसे करेगा। नगर निगम अपनी मनमानी कर रहा है। सड़क खोदना हो या कोई भी काम हो सब कुछ बिना पार्षद के किया जा रहा है। पार्षदों को दबाया जा रहा है। हमें बिल्कुल खत्म कर दिया गया है। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी नियमों के विरुद्ध जाकर हमसे काम करवाने का प्रयास कर रहे हैं। 10 हजार सफाई कर्मी बेरोजगार हो जाएंगे
उत्तर परदेशीय सफाई कर्मचारी संघ भी लगातार LSA का विरोध कर रहा है। राहुल कुमार वाल्मीकि ने कहा कि LSA के कारण 10 हजार से सफाई कर्मचारी बेरोजगार हो जा जाएंगे। इस संस्थान ने लखनऊ के अलावा और जिन जनपदों या प्रदेश में काम किया है सब जगह इस को हटा दिया गया। संस्था को ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही जुर्माना भी लगाया। ये बेहद दुखद है कि ऐसी कंपनी से काम करवाया जा रहा है। हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं। LSA का अगर ठेका निरस्त नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में सफाई कर्मचारी हड़ताल करेंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर