गोरखपुर आए नेपाल के पूर्व नरेश:पत्नी संग क्रूज की सैर की, बोले- मैं पहली बार भारत आया; जमकर तारीफ की

गोरखपुर आए नेपाल के पूर्व नरेश:पत्नी संग क्रूज की सैर की, बोले- मैं पहली बार भारत आया; जमकर तारीफ की

गोरखपुर के रामगढ़ताल झील में चल रहे लेक क्विन क्रूज का जलवा अब विदेशों में भी दिख रहा है। पहली बार नेपाल से भारत दौरे पर आए नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह ने शनिवार की शाम अपनी धर्मपत्नी कोमल राजलक्ष्मी शाह के साथ क्रूज की सैर की। क्रूज पर पहुंचते ही नेपाल के पूर्व नरेश और उनकी पत्नी का क्रूज संचालक राजकुमार राय और उनकी टीम ने भव्य स्वागत किया। इसके बाद ज्ञानेंद्र वीर शाह ने अपनी पत्नी संग रामगढ़ताल झील में क्रूज की सैर की। उनके साथ उनकी पत्नी, परिवार के सदस्यों के अलावा लगभग 64 लोग और आए थे। उन्होंने क्रूज संचालक और उनकी टीम से क्रूज के बारे में विस्तार से जानकारी ली और इसके संचालन के तरीकों को बारीकी से समझा। इस दौरान उन्होंने क्रूज की जमकर तारीफ की और कहा कि इस तरह की पहल सिर्फ गोरखपुर को एक नई पहचान ही नहीं दिलाती है बल्कि इससे पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलता है। नेपाल में सुनी थी क्रूज की तारीफ ज्ञानेंद्र वीर शाह ने कहा कि गोरखपुर के इस क्रूज की चर्चा मैंने नेपाल में सुनी थी। जिसने भी देखा था, वह इसकी खूब तारीफ कर रहा था। ऐसे में मैंने भी सोचा कि अगर पहली बार भारत जाऊंगा तो सबसे पहले क्रूज देखूंगा और इसकी सवारी करूंगा। सच में इस क्रूज के बारे में मैंने जितना सुना था, यह उससे कहीं अधिक शानदार है। इसके लिए उन्होंने क्रूज संचालक को बधाई भी दी। गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन कर चढ़ाई खिचड़ी इससे पहले शुक्रवार की शाम ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह अपनी धर्मपत्नी कोमल राजलक्ष्मी शाह के साथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन-पूजन किया और नेपाल से लाई गई खिचड़ी भी चढ़ाई। उनके साथ आए विपिन मलिक ने बताया कि गोरखाली राजा पृथ्वी नारायण शाह ने गुरु गोरखनाथ से आशीर्वाद लेकर नेपाल राष्ट्र का एकीकरण किया था। उसी तरह महाराजा ज्ञानेंद्र शाह भी गुरु गोरखनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। वह नेपाल राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए उनका आशीर्वाद लिए। गोरखपुर के रामगढ़ताल झील में चल रहे लेक क्विन क्रूज का जलवा अब विदेशों में भी दिख रहा है। पहली बार नेपाल से भारत दौरे पर आए नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह ने शनिवार की शाम अपनी धर्मपत्नी कोमल राजलक्ष्मी शाह के साथ क्रूज की सैर की। क्रूज पर पहुंचते ही नेपाल के पूर्व नरेश और उनकी पत्नी का क्रूज संचालक राजकुमार राय और उनकी टीम ने भव्य स्वागत किया। इसके बाद ज्ञानेंद्र वीर शाह ने अपनी पत्नी संग रामगढ़ताल झील में क्रूज की सैर की। उनके साथ उनकी पत्नी, परिवार के सदस्यों के अलावा लगभग 64 लोग और आए थे। उन्होंने क्रूज संचालक और उनकी टीम से क्रूज के बारे में विस्तार से जानकारी ली और इसके संचालन के तरीकों को बारीकी से समझा। इस दौरान उन्होंने क्रूज की जमकर तारीफ की और कहा कि इस तरह की पहल सिर्फ गोरखपुर को एक नई पहचान ही नहीं दिलाती है बल्कि इससे पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलता है। नेपाल में सुनी थी क्रूज की तारीफ ज्ञानेंद्र वीर शाह ने कहा कि गोरखपुर के इस क्रूज की चर्चा मैंने नेपाल में सुनी थी। जिसने भी देखा था, वह इसकी खूब तारीफ कर रहा था। ऐसे में मैंने भी सोचा कि अगर पहली बार भारत जाऊंगा तो सबसे पहले क्रूज देखूंगा और इसकी सवारी करूंगा। सच में इस क्रूज के बारे में मैंने जितना सुना था, यह उससे कहीं अधिक शानदार है। इसके लिए उन्होंने क्रूज संचालक को बधाई भी दी। गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन कर चढ़ाई खिचड़ी इससे पहले शुक्रवार की शाम ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह अपनी धर्मपत्नी कोमल राजलक्ष्मी शाह के साथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन-पूजन किया और नेपाल से लाई गई खिचड़ी भी चढ़ाई। उनके साथ आए विपिन मलिक ने बताया कि गोरखाली राजा पृथ्वी नारायण शाह ने गुरु गोरखनाथ से आशीर्वाद लेकर नेपाल राष्ट्र का एकीकरण किया था। उसी तरह महाराजा ज्ञानेंद्र शाह भी गुरु गोरखनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। वह नेपाल राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए उनका आशीर्वाद लिए।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर